Dattatreya Jayanti: विष्णु के छठवें अवतार हैं भगवान दत्तात्रेय, जानें क्या है पूजा विधि और मुहूर्त
भगवान दत्तात्रेय को ब्रह्मा विष्णु और शिवशंकर का अवतार माना जाता है। मार्गशीष की पूणिमा तिथि को भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है। पुराणों के अनुसार मार्गशीष की पूर्णिमा को भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। भगवान दत्तात्रेय आजन्म ब्रह्मचारी रहें थे। इनमें भगवान शिव और नारायण की सभी शक्तियां विराजमान हैं। इनकी आराधना से आपकी सभी मनोकामनाएं शीघ्रता से पूरी होती हैं।
पूजा मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि का आरम्भ - 7 दिसम्बर को सुबह 8:01 मिनट पर होगा
पूर्णिमा तिथि का समापन - 8 दिसम्बर को सुबह 9:37 मिनट पर होगा
इस प्रकार दत्तात्रेय जयंती 7 दिसम्बर को मनाई जाएगी।
सुबह 9:37 मिनट तक अमृत मुहूर्त है इस समय की पूजा आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकती है। इसके बाद का 11 बजे से पूजा का शुभ चौघड़िया मुहूर्त शुरू होगा। 4 बजे से चौघड़िया लाभ मुहूर्त शुरू होगा यह 5 बजकर 24 मिनट तक रहेगा।
कौन हैं भगवान दत्तात्रेय
पौराणिक कथा के अनुसार माता अनुसूया और ऋषि अत्रि की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उनके पुत्र के रूप में जन्म लिया। प्रारम्भ में इनका नाम दत्त रखा गया। ऋषि अत्रि के पुत्र होने कारण इन्हे आत्रेय कहा गया। इनको सभी गुरुओं का गुरु कहा गया। भगवान दत्तात्रेय सभी शास्त्रों के ज्ञाता और तीनो देवों की शक्तियों से पूर्ण हैं। इनकी उपासना से बल और सांसारिक ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। भगवान दत्तात्रेय को भगवान विष्णु का छठवां अवतार माना जाता है। इन्होने 24 गुरुओं से शिक्षा प्राप्त की थी। इन्ही से दत्त समुदाय का आरम्भ हुआ। दक्षिण भारत में भगवान् दत्तात्रेय का बहुत बड़ा मंदिर है।
कैसे करें भगवान दत्तात्रेय की उपासना
पूर्णिमा तिथि को सुबह प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। इसके पश्चात भगवान दत्तात्रेय के चित्र के सामने धूप दीप से पूजन शुरू करें। भगवान दत्तात्रेय को निशिगंधा के पुष्प अर्पित करें। इसके अतिरिक्त चमेली और केवड़ा के पुष्पों को भी पूजन में शामिल कर सकते हैं। पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। पूजा के बाद इन मंत्रो का जाप करें
ॐ दिगंबराय विद्महे योगीश्रारय् धीमही तन्नो दत: प्रचोदयात
ॐ द्रां दत्तात्रेयाय स्वाहा
ॐ द्रां दत्तात्रेयाय नम:
श्री दिगंबरा दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा
इनमें से किसी एक मन्त्र का कम से कम एक माला जाप करें। आप तुलसी की माला या रुद्राक्ष की माला से भी जाप कर सकते है। एक समय फलाहार करें।
Worship lord dattatreya for good health and life