उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को देश और प्रदेश के विकास में व्यापारियों तथा उद्यमियों के योगदान की सराहना करते हुए राज्य कर विभाग को स्पष्ट हिदायत दी कि प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी उद्यमी, व्यापारी का उत्पीड़न न हो। योगी ने यह भी कहा कि राजस्व की चोरी राष्ट्रीय क्षति है, छापेमारी की कार्यवाही से पहले पुख्ता जानकारी इकट्ठा करें और पूरी तैयारी करने के बाद ही कार्यवाही की जाए।
उधर, समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय से सोमवार को जारी एक बयान में कहा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार एक ओर तो प्रदेश की तरक्की के लुभावने सपने दिखाती है, वहीं दूसरी ओर देश की अर्थव्यवस्था में मुख्य भागीदारी निभाने वाले व्यापारी वर्ग का उत्पीड़न करने में पीछे नहीं है। यादव ने आरोप लगाया, ‘‘इन दिनों भाजपा सरकार जीएसटी जांच के नाम पर व्यापारियों को परेशान करने में लगी है। व्यापारी विरोध में बाजार बंद कर रहे हैं। जनसामान्य परेशान है। व्यापार ठप है। भाजपा सरकार का व्यापार जगत के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण उत्तर प्रदेश में घटते व्यापार को और ज्यादा घटाएगा।
जीएसटी छापेमारी वसूली और भ्रष्टाचार का एक नया तरीका है। मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा है कि प्रदेश में जीएसटी चोरी और कर अपवंचन के कई मामले हैं और राजस्व क्षति को रोकने के लिए राज्य कर विभाग द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है, जिसके शानदार परिणाम भी मिले हैं। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कर अपवंचन की रोकथाम के लिए लगातार कार्यवाही की जाती रही है और इसी कड़ी में बीते दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डेटा विश्लेषण से प्रदेश में 2558 ऐसे व्यापारी चिन्हित हुए, जिनकी खरीद, बिक्री और नियमानुसार देय कर भुगतान का मिलान नहीं हो पा रहा था।
Yogi said no entrepreneur should be harassed action should be taken
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