प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेना है तो जरूर जाएं दादरा और नागर हवेली
महाराष्ट्र और गुजरात के बीच में स्थित केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नागर हवेली को प्रकृति ने काफी खूबसूरती प्रदान की है। इतिहास में उल्लेख मिलता है कि इस प्रदेश पर 1779 तक मराठाओं का और फिर 1954 तक पुर्तगाली साम्राज्य का शासन रहा। दादरा और नागर हवेली का 11 अगस्त 1961 को भारत में विलय किया गया था तबसे हर साल 2 अगस्त को मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है।
मूलतः आदिवासी बहुल इस इलाके का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा वनों से घिरा है। इन वनों में विभिन्न प्रकार की वनस्पति है। इस इलाके की खासियत यह है कि समुद्री तट से निकटता के कारण यहां गर्मियों में तापमान ज्यादा ऊपर नहीं जाता। घने वन तथा अनुकूल जलवायु की वजह से इस इलाके में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए अनेक होटल्स और रिज़ॉर्ट्स हैं। स्थानीय प्रशासन की ओर से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां हर साल तारपा उत्सव, पतंग उत्सव और विश्व पर्यटन दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। दादरा नागर हवेली पर्यटन का केंद्र होने के साथ ही औद्योगिक केंद्र भी है।
दादरा और नागर हवेली उत्तर-पश्चिम और पूर्व में गुजरात के वलसाड जिले से और दक्षिण और दक्षिण-पूर्व में महाराष्ट्र के ठाणे और नाशिक जिले से घिरा हुआ है। दादरा और नागर हवेली के ज्यादातर हिस्से पहाड़ी है। इसके पूर्वी दिशा में सहयाद्री पर्वत श्रृंखला भी है। यहां दमनगंगा नदी पश्चिमी तट से निकल कर, दादरा और नागर हवेली को पार करते हुए दमन में अरब सागर से जा मिलती है। इसकी तीन सहायक नदियां- पीरी, वर्ना और सकर्तोंद भी प्रदेश की मुख्य जल स्रोत हैं। सिलवासा यहां की राजधानी है।
यदि आप भी दादरा और नागर हवेली आना चाहते हैं तो यहां मई से अगस्त के बीच का समय छोड़कर कभी भी आएंगे तो यहां का मौसम अच्छा पाएंगे। बहुत से लोग तो यहां की बारिश का भी मजा लेने आते हैं। दादरा और नागर हवेली हवाई, रेल और सड़क मार्ग से पूरी तरह जुड़ा हुआ है इसलिए आप कहीं से भी यहां आसानी से पहुँच सकते हैं। यदि आप बजट ट्रैवल की सोच रहे हैं तो भी यहां आ सकते हैं क्योंकि यह इलाका कोई खास महंगा नहीं है।
-प्रीटी
You want to enjoy the beauty of nature then definitely go to dadra and nagar haveli