हमलावरों ने काबुल स्थित होटल को निशाना बनाया : तालिबान अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सोमवार को एक होटल पर हमला किया गया और इस दौरान तीन हमलावर मारे गए। इस होटल में विदेशी पर्यटक भी ठहरते हैं। तालिबान के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। काबुल में आपातकालीन अस्पताल ने ट्वीट कर कहा कि होटल के पास एक विस्फोट और गोलीबारी हुई और ‘‘अब तक, 21 हताहत हमारे पास पहुंचे हैं, जिनमें से तीन लोगों की पहले ही मौत हो चुकी थी।’’ तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि हमले के दौरान बचने के लिए दो विदेशी नागरिक खिड़की से कूदने के चलते घायल हो गए।
read more‘गोल्डन ग्लोब्स’ ने पुरस्कारों के लिए नामांकन पाने वाली फिल्मों व कलाकारों के नामों का ऐलान किया ‘हॉलीवुड फोरेन प्रेस एसोसिएशन’ ने अपने वार्षिक ‘गोल्डन ग्लोब्स’ पुरस्कारों के लिए नामाकंन पाने वाली फिल्मों व कालाकारों के नामों का ऐलान कर दिया है। घोटाले और बहिष्कार की वजह से ‘हॉलीवुड फोरेन प्रेस एसोसिएशन’ (एचएफपीए) की ओर से आयोजित किए जाने वाले ‘गोल्डन ग्लोब्स’ पुरस्कारों का पिछले साल प्रसारण नहीं हो सका था। पिता-पुत्री जॉर्ज और मायन लोपेज़ ने एनबीसी के ‘टूडे’ कार्यक्रम मेंनामांकन हासिल करने वाली फिल्मों के बारे में जानकारी दी। सर्वश्रेष्ठ फिल्म, ड्रामा श्रेणी में “द फैबेलमैन्स’, ‘टॉप गन: मेवरिक’, “एलविस”, “ टार” और ‘अवतार: द वे ऑफ वॉटर’ हैं। सर्वश्रेष्ठ फिल्म, कॉमेडी या संगीत के नामांकन हैं:‘द बंशीज ऑफ इनिशरिन’, “ ग्लैस ओनियन: ए नाइफ्स आउट मिस्ट्री, “बेबीलोन” और “ ट्रैंगल ऑफ सैडनेस” शामिल हैं। ड्रामा में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए नामांकन पाने वालों में ब्रेंडन फ्रेजर हैं। फ्रेजर ने पहले दावा किया था कि 2003 में एचएफपीए के सदस्य और इसके पूर्व प्रमुख ने फिलिप बेरक ने उन्हें गलत तरीके से छुआ था जिस वजह से वह ‘ग्लोब्स’ के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। पुरस्कार वितरण समारोह 10 जनवरी को प्रसारित किया जाएगा। स्टैंड-अप कॉमेडियन जेरोड कारमाइकल इसकी मेज़बानी करेंगे। ‘गोल्डन ग्लोबस’ इस साल टीवी पर वापसी कर रहा है।
read moreBharat Jodo Yatra: नारी शक्ति को समर्पित यात्रा का 96वां दिन, बड़ी संख्या में महिलाएं यात्रियों का अभिवादन कर मार्च का हिस्सा बनी कोटा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में बूंदी जिल से पार्टी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सोमवार को एक बार फिर शुरू हुई। गांधी के साथ पदयात्रा में उनकी बहन एवं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, उनके पति रॉबर्ट वाद्रा और सैकड़ों महिलाओं ने शिरकत की। पार्टी कार्यकर्ताओं और आसपास के क्षेत्रों की महिलाओं सहित बड़ी संख्या में महिलाएं राहुल और प्रियंका गांधी व अन्य यात्रियों के साथ कोटा-लालसोट मेगा राजमार्ग पर पहुंचीं। वे बाबाई से सवाई माधोपुर जिले के पीपलवाड़ा तक मार्च करेंगे और फिर वहां विश्राम के लिए रुकेंगे। यात्रा तमिलनाडु के कन्याकुमारी से सात सितंबर को शुरू हुई थी। तभी से पदयात्रा कर रहे राहुल राव ने कहा, ‘‘ आज 96वें दिन की ‘भारत जोड़ा यात्रा’ नारी शक्ति के साथ सुबह करीब छह बजे बाबाई गांव में तेजाजी महाराज मंदिर में पूजा-अर्चना करने, राष्ट्रगान गाने और राष्ट्र ध्वज फहराने के बाद शुरू हुई। ’’ उन्होंने बताया कि इस दौरान सड़कों पर बड़ी संख्या में महिलाएं यात्रियों का अभिवादन करने के लिए एकत्रित हुईं और मार्च का हिस्सा भी बनी। राजस्थान में आज यानी सोमवार को यात्रा का सातवां दिन है। बूंदी जिले में इसका आखिरी दिन है। तेजाजी मंदिर से करीब छह किलोमीटर का सफर तय करने के बाद यात्रा सुबह करीब सवा सात बजे टोंक जिले में प्रवेश करेगी। इसके बाद पीपलवाड़ा से होकर सवाई माधोपुर में प्रवेश करने से पहले टोंक में करीब पांच किलोमीटर का सफर तय करेगी। कांग्रेस के इंदरगढ़ (बूंदी) ब्लॉक अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा कि आज सुबह जब यात्रा फिर से शुरू हुई तो पांच हजार से अधिक महिलाओं ने राहुल और प्रियंका गांधी के साथ यात्रा में शिरकत की और यात्रा के आगे बढ़ने के साथ भी बड़ी संख्या में कई महिलाएं इसमें शामिल हुईं। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने पदयात्रियों के साथ बातचीत की। राज्य में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के सह-समन्वयक कपिल यादव ने बताया कि 96वें दिन की यात्रा महिला सशक्तिकरण को समर्पित है और इसीलिए इसे सोमवार को ‘नारी शक्ति पद यात्रा’ कहा जा रहा है। राजस्थान एकमात्र कांग्रेस शासित राज्य है जहां अभी तक यात्रा पहुंची है।
read moreईरान ने एक और प्रदर्शनकारी को दी फांसी ईरान ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान कथित अपराधों के लिए हिरासत में लिए गए एक और कैदी को सोमवार को फांसी दे दी। ईरान की समाचार एजेंसी ने यह जानकारी दी। सरकारी टेलीविजन पर एक वीडियो जारी कर दावा किया गया कि वह एक व्यक्ति की चाकू मारकर हत्या करने के बाद भाग गया था। ईरान सरकार द्वारा देश में व्यापक स्तर पर जारी प्रदर्शनों के बीच हिरासत में लिए गए किसी कैदी को फांसी दिए जाने का यह दूसरा मामला है। ईरान की समाचार एजेंसी ‘मिज़ान’ के अनुसार, मजीद रज़ा रहनवार्द को फांसी दी गई। उसे मशहद (शिया शहर) में 17 नवंबर को सुरक्षा बल के दो सदस्यों की चाकू मारकर हत्या करने और चार अन्य को घायल करने का दोषी ठहराया गया था। कार्यकर्ताओं ने आगाह किया कि प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए अब तक करीब 12 लोगों को बंद कमरे की सुनवाई में मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। प्रदर्शनों पर नजर रख रहे ईरान के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार, सितंबर के मध्य में प्रदर्शनों के शुरू होने के बाद से अभी तक कम से कम 488 लोग मारे गए हैं। वहीं अन्य 18,200 लोगों को अधिकारियों ने हिरासत में लिया है। सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित वीडियो में एक व्यक्ति, एक अन्य व्यक्ति का पीछा करता, फिर उसके नीचे गिर जाने पर उसे चाकू मारता दिख रहा है। इसके बाद हमलावर मौके से भागता भी नजर आया। ‘मिज़ान’ की खबर में मृतक की पहचान ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के एक अर्धसैनिक स्वयंसेवक तथा ‘‘छात्र’’ बासीज़ के तौर पर की है। बासीज़ को प्रमुख शहरों में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के लिए तैनात किया गया था। मजीद रज़ा रहनवार्द ने हमले करने के लिए कोई मकसद नहीं बताया। खबर में दावा किया गया कि रहनवार्द को जब गिरफ्तार किया गया, तब वह विदेश भागने की तैयारी में था। ‘मिज़ान’ के अनुसार, रहनवार्द को मशहद के ‘रिवोल्यूशनरी कोर्ट’ ने दोषी ठहराया था। इस फैसले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना की गई है क्योंकि वहां जिन लोगों पर मुकदमे चलाए जा रहे हैं उन्हें अपने लिए वकील चुनने नहीं दिया जा रहा। यहां तक कि उन्हें उनके खिलाफ मौजूद सबूत देखने की अनुमति भी नहीं है। ईरान ने इससे पहले गत बृहस्पतिवार को देशव्यापी विरोध-प्रदर्शनों के दौरान कथित रूप से किए गए अपराध को लेकर एक कैदी को फांसी दी थी। ईरान द्वारा दिए गए इस तरह के मृत्युदंड का यह पहला मामला थ। ईरान की नैतिकता के आधार पर कार्रवाई करने वाली पुलिस के खिलाफ एक आक्रोश के रूप में शुरू हुआ यह प्रदर्शन 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से देश के ‘‘धर्मतंत्र’’ के लिए सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक बन गया है।
read moreऑनलाइन फर्जी समीक्षाओं पर रोक के लिए बीआईएस लाया नया मानक भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने ऑनलाइन मंचों पर आने वाली फर्जी समीक्षाओं पर रोक लगाने के मकसद से उपभोक्ताओं की समीक्षाएं पोस्ट करने वाले संगठनों के लिए एक नया मानक जारी किया है। नया मानक ई-कॉमर्स कंपनियों, यात्रा पोर्टल और खाद्य उत्पादों की आपूर्ति करने वाले मंचों समेत उन सभी संगठनों पर लागू होंगे जो उपभोक्ताओं की ऑनलाइन समीक्षाएं प्रकाशित करते हैं। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, देश में उत्पादों का मानक तय करने वाले निकाय बीआईएस ने भारतीय मानक (आईएस)- 19000:2022 प्रकाशित किया है जो ‘ऑनलाइन उपभोक्ता समीक्षाएं- उनके संकलन, संयमन एवं प्रकाशन के सिद्धांत एवं शर्तों से संबंधित है। बयान के मुताबिक, ‘‘यह मानक ऑनलाइन उपभोक्ता समीक्षाओं के संकलन, संयमन एवं प्रकाशन के दौरान समीक्षा प्रशासकों पर लागू होने वाले सिद्धांतों एवं पद्धतियों से जुड़ी अनुशंसाएं करता है। यह मानक समीक्षा लिखने वाले व्यक्ति और उस समीक्षा का प्रशासन करने वाले के लिए विशेष दायित्वों को निर्धारित करता है।’’ बीआईएस ने इस मानक के जरिये उपभोक्ता समीक्षाएं प्रकाशित करने वालीं वेबसाइट के लिए कुछ प्रक्रियाएं निर्धारित की हैं ताकि इन मंचों पर उपभोक्ताओं की विश्वसनीय समीक्षाएं प्रकाशित की जा सकें। पिछले कुछ वर्षों में ई-कॉमर्स मंचों के जरिये खरीदारी बढ़ने से कई उत्पादों को लेकर फर्जी समीक्षाएं पोस्ट करने का चलन भी तेजी से बढ़ा है। इन फर्जी समीक्षाओें के जरिये उपभोक्ताओं को उत्पाद के बारे में गलत तरीके से प्रभावित करने की कोशिश की जाती है। सरकार ने उपभोक्ताओं की ऑनलाइन खरीदारी पर इन समीक्षाओं के बढ़ते असर को कम करने के लिए उत्पादों की ऑनलाइन समीक्षाओं को अधिक वस्तुनिष्ठ एवं पारदर्शी बनाने की कोशिश की है। इस मानक को संबंधित पक्षों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद तैयार किया गया है। बयान के मुताबिक, नया मानक आने से उपभोक्ताओं के बीच किसी उत्पाद के बारे में ऑनलाइन समीक्षा को देखकर भरोसा जगेगा और वे खरीदारी के बारे में बेहतर फैसले ले पाएंगे। इस मानक से ई-कॉमर्स पारिस्थितिकी से जुड़े सभी पक्षों को लाभ होने की संभावना है। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने गत दिनों कहा था कि नया मानक स्वैच्छिक ढंग से ही लागू होगा लेकिन सरकार फर्जी समीक्षाओं पर लगाम न लग पाने की स्थिति में इसे अनिवार्य करने के बारे में भी सोच सकती है।
read moreडेलॉयट के सीईओ पुनीत रंजन भारत, जलवायु संकट के प्रकृति आधारित समाधान पर काम करेंगे शीर्ष भारतीय-अमेरिकी कारोबारी एवं डेलॉयट ग्लोबल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पद से हाल में सेवानिवृत्त हुए पुनीत रंजन ने कहा कि भविष्य के उनके प्रयासों में खासतौर से भारत में जलवायु संकट के प्रकृति आधारित समाधान खोजना शामिल होगा। रंजन ने हाल में एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मेरे भविष्य के प्रयासों में भारत शामिल होने जा रहा है। मैं भारत और जिस यात्रा पर वह है, उसे लेकर बहुत उत्साही हूं। मेरा दृढ़ता से मानना है कि यह भारत की सदी है।’’ रंजन (61) ने पिछले महीने डेलॉयट से अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि भारत ने जी-20 की अध्यक्षता संभाली है और अब बाकी दुनिया का नेतृत्व करने के लिए भारत के पास यह एक बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में मेरा ध्यान जलवायु, खासतौर से जलवायु संकट के प्रकृति आधारित समाधान पर केंद्रित होगा।’’ रंजन ने कहा कि वह भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के दौरान डिजिटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर स्वास्थ्य देखाभाल के संबंध में किए गए डेलॉयट के काम के आधार पर भारत पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। इसे भारत की सदी बताते हुए रंजन ने कहा कि इस साल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना और जर्मनी एवं जापान से आगे निकलते हुए वह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आर्थिक तथा राजनीतिक दृष्टिकोण से अगले 25 साल में भारत दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनेगा, लेकिन मुझे लगता है कि भारत को जलवायु, समावेशी वृद्धि और वंचितों को गरीबी से बाहर निकालने जैसे अन्य मुद्दों पर नेतृत्व करना चाहिए। भारत अनूठे भारतीय तरीके से यह कर सकता है। मुझे अपनी अगली पारी में इस पर भी ध्यान लगाना होगा।
read moreतवांग सेक्टर में एलएसी पर भारत, चीन के सैनिकों में झड़प;दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिसमें ‘‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए।’’ भारतीय सेना ने सोमवार को यह जानकारी दी। पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच पिछले शुक्रवार को संवेदनशील क्षेत्र में एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई। भारतीय थलसेना ने एक बयान में कहा, ‘‘पीएलए के सैनिकों के साथ तवांग सेक्टर में एलएसी पर नौ दिसंबर को झड़प हुई। हमारे सैनिकों ने चीनी सैनिकों का दृढ़ता के साथ सामना किया। इस झड़प में दोनों पक्षों के कुछ जवानों को मामूली चोटें आईं।’’ इसने कहा, ‘‘दोनों पक्ष तत्काल क्षेत्र से पीछे हट गए। इसके बाद हमारे कमांडर ने स्थापित तंत्रों के अनुरूप शांति बहाल करने के लिए चीनी समकक्ष के साथ ‘फ्लैग बैठक’ की।’’ सेना के बयान में झड़प में शामिल सैनिकों और घटना में घायल हुए सैनिकों की संख्या का उल्लेख नहीं किया गया। इसने कहा कि तवांग सेक्टर में एलएसी पर क्षेत्रों को लेकर दोनों पक्षों की अलग-अलग धारणा है। सेना ने कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर में एलएसी से सटे अपने दावे वाले कुछ क्षेत्रों में दोनों पक्ष गश्त करते हैं। यह सिलसिला 2006 से जारी है।’’ माना जाता है कि झड़प में घायल हुए चीनी सैनिकों की संख्या काफी अधिक हो सकती है। पूर्वी लद्दाख में रिनचेन ला के पास अगस्त 2020 के बाद से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच यह पहली बड़ी झड़प है। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पिछले साल अक्टूबर में भी यांग्त्से के पास एक संक्षिप्त टकराव हुआ था और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद इसे सुलझा लिया गया था। जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी तल्खी आ गई थी। दोनों पक्षों ने एलएसी पर धीरे-धीरे हजारों सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती कर दी। पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद, भारतीय सेना ने पूर्वी थिएटर में एलएसी पर अपनी अभियानगत क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है। पूर्वी थिएटर में बड़े पैमाने पर सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी से लगते सीमावर्ती क्षेत्र शामिल हैं तथा सीमांत क्षेत्रों में तवांग और उत्तरी सिक्किम क्षेत्र सहित कई संवेदनशील अग्रिम स्थान हैं। सैन्य अधिकारियों ने कहा कि सेना ने एक प्रभावी निगरानी तंत्र स्थापित किया है और पिछले दो वर्षों में क्षेत्रों की समग्र निगरानी में काफी सुधार हुआ है। सितंबर में, सेना की पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता ने कहा था कि भारतीय सेना एलएसी पर पीएलए की गतिविधियों की लगातार निगरानी कर रही है और किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। गौरतलब है कि पांच मई, 2020 को शुरू हुए पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद भारत लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी के निकट बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी ला रहा है।
read moreपाकिस्तानी पुलिस ने अहमदी समुदाय के इबादत स्थल की मीनारें गिराईं पाकिस्तान पुलिस ने कथित तौर पर कुछ मौलवियों के इशारे पर पंजाब प्रांत में अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय के इबादत स्थल की दो मीनारें गिरा दी हैं। अहमदी समुदाय के प्रतिनिधियों के अनुसार, पुलिस की एक टुकड़ी ने आठ दिसंबर को लाहौर से लगभग 80 किलोमीटर दूर गुजरांवाला के बागबानपुरा इलाके को घेर लिया और अहमदी इबादत स्थल की मीनारों को ध्वस्त कर दिया। ‘जमात अहमदिया पंजाब’ के पदाधिकारी आमिर महमूद ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “पुलिस ने स्थानीय मौलवियों के इशारे पर काम किया, जिन्होंने मीनारों को नहीं गिराए जाने पर अहमदी उपासना स्थल पर हमला करने की धमकी दी थी।” पाकिस्तान में कानून के तहत, अहमदी समुदाय मीनारों का निर्माण नहीं कर सकता है और न ही अपने इबादत स्थल को मस्जिद कह सकता है। इससे पहले, अहमदियों ने धार्मिक चरमपंथियों के प्रकोप से बचने के लिए मीनारों को आम लोगों की नजरों से छिपाने के लिए चारों ओर इस्पात की चादरें लगा दी थीं। हालांकि, कुछ स्थानीय मौलवियों, विशेष रूप से तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) से संबंधित लोगों द्वारा मीनारों को हटाने की मांग के बाद प्रशासन हरकत में आया। महमूद ने कहा, “अहमदी समुदाय पुलिस की न्यायेतर कार्रवाई की निंदा करता है। अहमदिया इबादत स्थल को अपवित्र करने वाले पुलिस अधिकारियों की ऐसी बर्बर कार्रवाई स्वीकार्य नहीं है।
read moreStock Market Updates: आज के Top 5 Shares जिन पर होगी निवेशकों की नजर आईटी, फाइनेंशियल सेक्टर के शेयरों में बिकवाली की वजह से घरेलू शेयर बाजार आज गिरावट के साथ शुरू हुअ.
read moreईरान ने एक और प्रदर्शनकारी को फांसी दी, सरेआम क्रेन से लटकाया ईरान ने विरोध-प्रदर्शनों के दौरान कथित अपराधों के लिए हिरासत में लिए गए एक और कैदी को सोमवार को फांसी दे दी। अन्य लोगों को कड़ी चेतावनी देते हुए कैदी को सरेआम क्रेन से लटका दिया गया। ईरान सरकार द्वारा देश में व्यापक स्तर पर जारी प्रदर्शनों के बीच हिरासत में लिए गए किसी कैदी को फांसी दिए जाने का यह दूसरा मामला है। ईरान की समाचार एजेंसी ‘मिज़ान’ के अनुसार, मजीद रज़ा रहनवार्द को फांसी दी गई। उसे मशहद (शिया शहर) में 17 नवंबर को सुरक्षा बल के दो जवानों की चाकू मारकर हत्या करने का दोषी ठहराया गया था।
read moreक्या भौतिकविदों ने लैब में ‘वर्महोल’ बनाया, बिलकुल नहीं वैज्ञानिकों ने पिछले हफ्ते कथित तौर पर ‘वर्महोल’ पैदा करने को लेकर सुर्खियां बटोरीं। ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट में भौतिकी के सरलीकृत मॉडल में वर्महोल अनुरूपता के लिए क्वांटम कंप्यूटर के उपयोग की बात कही गई है। खबर के तुरंत बाद, भौतिकविदों और क्वांटम कंप्यूटिंग के विशेषज्ञों ने संदेह व्यक्त किया कि वास्तव में वर्महोल उत्पन्न किया गया है। मीडिया में यह खबर छा गई। मीडिया प्रतिष्ठानों ने बताया कि भौतिकविदों ने एक सैद्धांतिक वर्महोल, एक होलोग्राफिक वर्महोल या शायद एक छोटा, क्रमी वर्महोल बनाया है, और गूगल के क्वांटम कंप्यूटर का मानना है कि वर्महोल वास्तविक हैं। अन्य प्रतिष्ठानों ने सामान्य तरीके से यह खबर दी कि नहीं, भौतिकविदों ने वर्महोल बिलकुल नहीं बनाया। यदि आप इसे लेकर भ्रमित हैं, तो आप अकेले नहीं हैं!
read moreजयशंकर ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार देश दुनिया को तेजी से बदल रहे हैं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार देशों को शीघ्र कदम उठाने और वैश्विक तापपान को बढ़ने से रोकने की दिशा में काम करने की जरूरत है। अबू धाबी में जलवायु, वित्त और प्रौद्योगिकी विषय पर ‘इंडिया ग्लोबल फोरम यूएई समिट’ को संबोधित करते हुए जयशंकर ने जलवायु को लेकर बहस के दो हिस्सों के बीच फर्क का जिक्र किया। इसके तहत उन्होंने जलवायु कार्रवाई और हरित विकास के लिए क्षमता और दूसरा ‘‘कठिन’’ हिस्सा जलवायु न्याय को रेखांकित किया, जिसके लिए विकासशील दुनिया से किए गए वादों को पूरा करने की आवश्यकता है। जयशंकर ने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण है कि जो कार्बन स्पेस पर कब्जा कर रहे हैं, वे वादा करते रहे हैं कि वे दूसरों की मदद करेंगे और स्पष्ट रूप से उन्होंने दुनिया को तेजी से बदला है।’’ विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘वे हर सीओपी (कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज) में कुछ नए तर्क, कुछ बहानेबाजी, कुछ ऐसी चीजें प्रस्तुत करते हैं जो मार्ग को बाधित करती रहती हैं। इसलिए, आज आप जिस वास्तविक समस्या का सामना कर रहे हैं, वह कई सीओपी में आ चुका है। विकसित देश अभी भी अपने वादों को निभाने के बारे में गंभीर नहीं हैं। निराशा बढ़ रही है क्योंकि दुनिया की स्थिति स्पष्ट रूप से बदतर होती जा रही है।’’ मंत्री ने ‘‘बड़े उत्सर्जक’’ जैसी पहचान के साथ देशों को लक्षित करने और भ्रमित करने के लिए कुछ जलवायु विमर्श की भी निंदा की। उन्होंने कहा, ‘‘उस देश में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन हो सकता है जो बाकी दुनिया का दसवां हिस्सा है। हालांकि, यह वह देश नहीं है जिसने कार्बन स्पेस पर कब्जा कर लिया। इसलिए कहीं न कहीं लोगों को इसके बारे में हकीकत जानने की जरूरत है और कहना चाहिए कि जलवायु परिवर्तन के लिए वास्तव में कौन जिम्मेदार हैं और क्या कदम उठाने चाहिए।’’ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार डॉ अनवर मोहम्मद गर्गश के साथ बातचीत में जयशंकर ने दुनिया में दो बड़े विभाजनों पर भी प्रकाश डाला-एक यूक्रेन के आसपास केंद्रित पूर्व-पश्चिम विभाजन और दूसरा विकास के आसपास केंद्रित उत्तर-दक्षिण विभाजन। मंच को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘यूक्रेन का भी विकास पर प्रभाव पड़ रहा है। मेरा मानना है कि भारत अकेले नहीं बल्कि यूएई जैसे देशों के साथ इस अंतर को पाटने में भूमिका निभा सकता है। आज अंतर को पाटने की जरूरत है।
read moreजयशंकर ने कहा कि यूक्रेन जैसे संघर्षों से विभाजित दुनिया में भारत एक सेतु की भूमिका निभा सकता है विदेश मंत्री एस.
read moreभाजपा सांसद ने मंदिरों में भजन-कीर्तन और वाद्य यंत्रों की व्यवस्था करने का निर्देश दिया भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने मंदिरों में भजन-कीर्तन कराने तथा वाद्य यंत्रों की व्यवस्था करने का अधिकारियों को निर्देश दिया है। जिला सूचना विभाग ने बताया कि बलिया से सांसद मस्त ने निर्देश दिया है कि बलिया नगरपालिका परिषद क्षेत्र के सभी छोटे व बड़े मंदिरों का सर्वेक्षण कराया जाए और वहां पर भजन-कीर्तन कराने एवं वाद्य यंत्रों की व्यवस्था कराई जाए। उन्होंने कहा कि भजन-कीर्तन और वाद्य यंत्रों की व्यवस्था करने में यदि किसी प्रकार की कठिनाई आती है तो सांसद विकास निधि से धन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
read moreकर्नाटक में पांच साल की बच्ची जिका वायरस की पहली मरीज बनी कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने सोमवार को कहा कि रायचूर जिले की पांच साल की एक बच्ची में जिका वायरस के पहले मामले की पुष्टि हुई है। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सरकार सभी आवश्यक उपाय कर रही है, और इस संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी करेगी। के सुधाकर ने रायचूर में जिका वायरस मामले पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ हमें जिका वायरस के पुष्ट मामले के बारे में पुणे की प्रयोगशाला से एक रिपोर्ट मिली है। पांच दिसंबर को उस पर कार्रवाई कर आठ दिसंबर को रिपोर्ट दी गई। जांच के लिए तीन नमूने भेजे गए थे, जिनमें से दो निगेटिव और एक पॉजिटिव था। हम पूरी सतर्कता बरत रहे हैं। ’’ उन्होंने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि कुछ महीने पहले जिका वायरस के मामले केरल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में पाए गए थे। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘ कर्नाटक में यह पहला पुष्ट मामला है। यह तब सामने आया है, जब सीरम का डेंगू और चिकनगुनिया परीक्षण किया गया। आमतौर पर ऐसे 10 प्रतिशत नमूने परीक्षण के लिए पुणे भेजे जाते हैं, जिनमें से यह पॉजिटिव निकला है।’’ जिका वायरस रोग एक संक्रमित एडीस मच्छर के काटने से फैलता है, जिसे डेंगू और चिकनगुनिया जैसे संक्रमण फैलाने के लिए भी जाना जाता है। इस वायरस की पहचान सबसे पहले 1947 में युगांडा में हुई थी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में अब तक जिका वायरस का कोई नया मामला सामने नहीं आया है और चिंता की कोई जरूरत नहीं है, सरकार सावधानी के साथ स्थिति की निगरानी कर रही है।
read moreगहलोत सरकार की प्रमुख योजनाओं की सराहना की राहुल गांधी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजस्थान में कांग्रेस सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की सराहना की लेकिन साथ ही उम्मीद जताई कि राज्य सरकार अब जो जनता कह रही है उस पर कार्रवाई करेगी। राहुल ने कहा, वे पार्टी को संदेश देना चाहते हैं कि जो किया वो इतना जरूरी नहीं है .
read moreजयराम रमेश ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक अभी भी प्रासंगिक है क्योंकि इसे राज्यसभा ने पारित कर दिया है कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को कहा कि पार्टी लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट सुनिश्चित करने के वास्ते महिला आरक्षण विधेयक के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यहां पार्टी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से इतर मीडिया से कहा कि लगभग 11 साल पहले मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान राज्यसभा में पारित किया गया विधेयक अभी भी प्रासंगिक है, क्योंकि राज्यसभा भंग नहीं होती। उन्होंने कहा, ‘‘विधेयक अभी भी प्रासंगिक है, क्योंकि यह राज्यसभा द्वारा पारित किया गया है और एक बार लोकसभा में पारित हो जाने के बाद यह एक कानून बन जाएगा।’’
read moreभूपेंद्र पटेल दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने, 16 मंत्रियों ने भी ली शपथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में सोमवार को एक भव्य समारोह मेंगुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पटेल का यह लगातार दूसरा कार्यकाल है। साथ ही 16 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली जिनमें से आठ कैबिनेट स्तर के हैं। नए मंत्रियों में 11 पूर्व मंत्री भी शामिल हैं। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने नए सचिवालय के पास हेलीपैड ग्राउंड में आयोजित एक समारोह में पटेल को राज्य के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलायी। कैबिनेट मंत्रियों में कनूदेसाई, ऋषिकेश पटेल, राघवजी पटेल, बलवंत सिंह राजपूत, कुंवरजी बावलिया, मुलुभाई बेरा, कुबेर डिंडोर और भानुबेन बावरिया शामिल हैं। हर्ष सांघवी और जगदीश विश्वकर्मा ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ ली राज्य के छह अन्य मंत्रियों में पुरुषोत्तम सोलंकी, बच्चूभाई खाबाद, मुकेश पटेल, प्रफुल्ल पंशेरिया, भीखूसिंह परमार और कुवरजी हलपति शामिल हैं। इन 16 मंत्रियों में से चार (बावलिया, खाबाद, सोलंकी और मुकेश पटेल) कोली समुदाय से, तीन (राजघवजी, ऋषिकेश और प्रफुल्ल) पाटीदार, तीन (विश्वकर्मा, परमार और बेरा) ओबीसी तथा दो (हलपति और डिंडोर) आदिवासी समुदाय से हैं। बावरिया अनुसूचित जाति समुदाय से, सांघवी जैन, देसाई ब्राह्मण और राजपूत क्षत्रिय हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री पटेल और उनकी नयी टीम को ट्वीट कर बधाई दी। उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह के बाद ट्वीट किया, ‘‘श्री भूपेंद्रभाई पटेल को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर बधाई। मैं उन सभी लोगों को भी बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने मंत्री के रूप में शपथ ली। यह एक ऊर्जावान टीम है जो गुजरात को प्रगति की और नयी ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी।’’ भूपेंद्र पटेल की दूसरी सरकार में शामिल 11 पूर्व मंत्रियों में से सात मंत्री सितंबर 2021 से दिसंबर 2022 तक उनकी अगुवाई वाली सरकार का हिस्सा रहे थे। इनमें हर्ष सांघवी, जगदीश विश्वकर्मा, कनूभाई देसाई, ऋषिकेश पटेल, राघवजी पटेल, कुबेर डिंडोर और मुकेश पटेल शामिल हैं।
read moreउपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर अपने स्वर्ण युग की ओर बढ़ रहा है उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को डोगरा सेना के जनरल जोरावर सिंह को उनके शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर बुनियादी मूल्यों व पूर्वजों के विचारों और आदर्शों के साथ अपने “स्वर्ण युग” की ओर अग्रसर है। सिन्हा ने भारत के इतिहास में जनरल जोरावर सिंह के योगदान और महत्ता को पूरा सम्मान दिए जाने की मांग करते हुएकहा कि नई पीढ़ी को लद्दाख, बाल्टिस्तान और तिब्बत में उनके सैन्य अभियानों और महाराजा गुलाब सिंह के तहत डोगरा साम्राज्य के विस्तार में उनके अपार योगदान को बताया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लद्दाख में अपने सफल अभियानों के बाद, जनरल जोरावर सिंह ने साहसपूर्वक पश्चिमी तिब्बत (नगरी खोरसुम) पर विजय प्राप्त करने का प्रयास किया, लेकिन डोगरा-तिब्बती युद्ध के दौरान ‘टो-यो’ की लड़ाई में शहीद हो गए। उपराज्यपाल जनरल जोरावर सिंह मेमोरियल एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा जनरल के शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। सिन्हा ने कहा, “जनरल जोरावर सिंह ने एक मजबूत और समृद्ध जम्मू-कश्मीर की कल्पना की थी, जिसमें हर नागरिक सम्मान और स्वाभिमान का जीवन जी सके। हम एक समृद्ध और समावेशी समाज बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
read moreममता बनर्जी मेघालय पहुंचीं, टीएमसी के सम्मेलन को संबोधित करेंगी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मेघालय के तीन दिवसीय दौरे पर सोमवार को यहां पहुंची। वह यहां अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी पदाधिकारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करेंगी। टीएमसी की मेघालय इकाई के प्रभारी मानस रंजन भूनिया, प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चार्लीज पिनग्रोप और विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकुल संगमा ने ममता बनर्जी का स्वागत किया। बनर्जी के साथ टीएमसी के महासचिव और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी भी थे। टीएमसी के शीर्ष पदाधिकारियों से मिलने के लिए यहां उमरोई हवाई अड्डे के बाहर सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता एकत्रित हो गए और उन्हें पार्टी के झंडे लहराते हुए देखा गया। टीएमसी ने ट्वीट किया, ‘‘मेघालय में सैकड़ों लोगों ने माननीय अध्यक्ष ममता बनर्जी और राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी का उमरोई हवाई अड्डे पर भव्य स्वागत किया।’’ पार्टी के एक नेता ने बताया कि तीन दिवसीय दौरे पर ममता बनर्जी मंगलवार को शिलॉन्ग में स्टेट सेंट्रल लाइब्रेरी में टीएमसी कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को संबोधित करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘ममता बनर्जी का दौरा 2023 के चुनावों की दिशा तय करने वाला है और उनसे पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने तथा विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति तैयार करने की उम्मीद है।’’
read moreअसम में 1,179 ब्रू उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया, 350 आग्नेयास्त्र सौंपे असम के हैलाकांडी जिले में दो संगठनों के 1,179 ब्रू उग्रवादियों ने सोमवार को आत्मसमर्पण कर दिया और 350 आग्नेयास्त्र भी अधिकारियों को सौंप दिए। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (विशेष शाखा) हिरेन चंद्र नाथ ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक लिबरेशन फ्रंट ऑफ़ बराक वैली (यूडीएलएफ-बीवी) और ब्रू रिवॉल्यूशनरी आर्मी ऑफ़ यूनियन (बीआरएयू) से जुड़े थे। उन्होंने कहा कि दोनों संगठन ज्यादातर असम-मिजोरम सीमा से सटे इलाकों में सक्रिय रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि इन उग्रवादियों ने 18 एके राइफल,एम16 राइफल सहित 350 आग्नेयास्त्र और 400 से अधिक कारतूस भी सौंपे। नाथ ने बताया कि राजेश चरकी के नेतृत्व में बीआरएयू के कुल 634 सदस्यों और धन्याराम रियांग के नेतृत्व में यूडीएलएफ-बीवी के 545 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया। अधिकारी ने कहा, इन दोनों समूहों के साथ 2017 से शांति प्रक्रिया चल रही थी। कुछ मतभेद थे, लेकिन मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के मार्गदर्शन में हम उन्हें बातचीत की मेज पर आने के लिए मना सके। उन्होंने कहा, अन्य औपचारिकताएं और पुनर्वास प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। हम इस प्रक्रिया को इस तरह आगे बढ़ाएंगे कि भविष्य में क्षेत्र में कोई नया उग्रवादी समूह न बने। अधिकारियों ने कहा कि इन उग्रवादियों ने सुरक्षाबलों के साथ पहले से ही संघर्षविराम कर रखा था और आज अंतत: उन्होंने औपचारिक रूप से असम विधानसभा के अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी तथा राज्य के जल संसाधन मंत्री पीजूष हजारिका के समक्ष अपने हथियार डाल दिए। दैमारी ने उग्रवादियों के आत्मसमर्पण के बाद पत्रकारों से कहा, सरकार पर्याप्त रूप से उनकी चिंताओं को दूर करेगी और उन्हें विकास के लिए धन मुहैया कराएगी।
read moreतमिलनाडु के कई इलाकों में बारिश, प्रभावित जगहों पर स्कूल बंद तमिलनाडु में चेन्नई समेत कुछ अन्य हिस्सों में सोमवार को बारिश हुई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 13 दिसंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती तूफान और कम दबाव के क्षेत्र के बनने की संभावना के कारण 15 दिसंबर तक और बारिश का अनुमान जताया है। कांचीपुरम जिले के अलावा तिरुवल्लुर और उथुकोट्टई तालुक सहित कुछ क्षेत्रों के स्कूलों ने पूर्वानुमान के आधार पर सोमवार को अवकाश घोषित किया। तिरुवल्लुर के जिलाधिकारी अल्बी जॉन ने कहा, ‘‘दिन में बारिश में वृद्धि और लगातार बारिश के पूर्वानुमान के कारण जिले के सभी स्कूलों को सोमवार दोपहर तीन बजे तक बंद करने का निर्देश दिया गया। साथ ही जिले के सभी स्कूलों के लिए कल छुट्टी घोषित कर दी गई है।’’ लगातार बारिश होते रहने से जन-जीवन प्रभावित हुआ है। मामल्लपुरम में चक्रवात ‘मैंडूस’ के असर से गिरे पेड़ों को नगर निकाय कर्मियों द्वारा हटाया जा रहा है।
read moreधनखड़ ने राज्यसभा सदस्यों को ‘निराधार’ टिप्पणी करने से किया आगाह राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को उच्च सदन के सदस्यों को निराधार टिप्पणी करने को लेकर आगाह किया और कहा कि ऐसा करना सदन के विशेषाधिकार के हनन के समान हो सकता है। दरअसल, शून्यकाल के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार पिछले आठ सालों से अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने दावा कि प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले आठ सालों में विपक्षी नेताओं के खिलाफ 3,000 छापे डाले हैं किंतु सिर्फ 23 ही लोगों को दोषी पाया गया है।
read moreबिहार: कांग्रेस की राज्यव्यापी यात्रा में खरगे, राहुल गांधी की मौजूदगी दिखेगी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी इस महीने के अंत में शुरू होने वाली 1,000 किमी की राज्यव्यापी यात्रा के तहत बिहार का दौरा करेंगे। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। बिहार यात्रा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तर्ज पर की जाएगी, जो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में जारी है। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी (बीपीसीसी) प्रमुख नियुक्त किये जाने के बाद राज्यसभा सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह ने अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि खरगे ने बांका में रैली को संबोधित करने का न्योता स्वीकार कर लिया है, जहां से 28 दिसंबर को राज्यव्यापी यात्रा की शुरूआत होगी। सिंह ने कहा, ‘‘यात्रा के पटना पहुंचने पर एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी, जिसे सोनिया गांधी या प्रियंका गांधी वाद्रा संबोधित करेंगी। हालांकि, यह उनके उपलब्ध रहने पर निर्भर करेगा।’’ उन्होंने कहा कि राहुल गांधी निश्चित रूप से गया की जनसभा में मौजूद रहेंगे, जहां यात्रा के संपन्न होने का कार्यक्रम है। उल्लेखनीय है कि उस वक्त भी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भारत जोड़ो यात्रा पर होंगे। हालांकि, भारत जोड़ो यात्रा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 3,500 किमी लंबी पदयात्रा 21 जनवरी को पठानकोट (जम्मू कश्मीर) में संपन्न होगी। वहीं, मीडिया के एक वर्ग की खबरों अनुसार यह गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में संपन्न होगी। बिहार में यात्रा 1,000 किमी से अधिक दूरी तय करेगी और यह राज्य के सभी 38 जिलों से होकर गुजरेगी। कांग्रेस की बिहार इकाई के नये प्रमुख ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी नीतीश कुमार नीत सरकार के मंत्रिमंडल में सिर्फ एक पद मिलने से संतुष्ट नहीं है तथा वह और भी मंत्री पद के लिए शीघ्र ही दबाव बनाएंगे। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ महागठबंधन में एक ‘‘समन्वय समिति’’ बनाने की भी जरूरत है और दावा किया कि ‘‘यदि हम कुढ़नी विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं हारते तो सहयोगी दलों के बीच बेहतर समन्वय रहता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब हम समन्वय समिति की मांग करते हैं तो हम बिहार में महागठबंधन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री (नीतीश) के विवेक को चुनौती नहीं दे रहे होते हैं। हम सिर्फ उनकी उस पहल की ओर इशारा कर रहे हैं, जो उन्होंने 2015 में महागठबंधन बनने के बाद की थी और वह राजद तथा कांग्रेस के जिला स्तरीय पदाधिकारियों तक से मिला करते थे।’’ अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को शिकस्त मिलने की स्थिति में जनता दल(यूनाइटेड) के द्वारा नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने के लिए बार-बार दबाव बनाये जाने के बारे में पूछे गये एक प्रश्न का सिंह ने जवाब नहीं दिया। उन्होंने इस विवाद से दूरी बना ली कि कांग्रेस इस शीर्ष पद के लिए राहुल के अलावा किसी अन्य को स्वीकार करेगी, या नहीं। सिंह ने कहा, ‘‘हम जद(यू) के नेता के बारे में उसकी भावनाओं का सम्मान करते हैं। हम इस बात से भी असहमत नहीं हैं कि एक बिहारी प्रधानमंत्री बने। यह राज्य के सभी लोगों के लिए गर्व की बात होगी। इसके लिए समान विचारधारा वाले दलों के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में, मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि यदि महागठबंधन एकजुटता के साथ मुकाबला करता है तो भाजपा के लिए कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।’’ उन्होंने मीडिया के एक वर्ग द्वारा लगाये जा रहे इन अटकलों को भी खारिज कर दिया कि बिहार में कांग्रेस लोकसभा की 40 सीट में से 13 सीट के लिए दबाव डालेगी। उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ पार्टी आलाकमान ही इन विषयों पर फैसला ले सकता है। राहुल गांधी हमारे सर्वमान्य नेता हैं, वह इसतरह के फैसले लेने में शामिल रहेंगे।’’ बीपीसीसी प्रमुख ने 2010 में राष्ट्रीय जनता दल(राजद) छोड़ दिया था और कांग्रेस में शामिल हो गये थे। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि प्रखंड (ब्लॉक) स्तर तक पर संगठन में आमूल-चूल बदलाव किया जाएगा और राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते खबरों में उसे उसका वाजिब स्थान देने का मीडिया से अनुरोध किया।
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