सेमीफाइनल से पहले रिलेक्स नजर आए भारतीय खिलाड़ी, ‘ब्रिटिश राज’ में रात्रि भोज का लुत्फ उठाया
Cricket सेमीफाइनल से पहले रिलेक्स नजर आए भारतीय खिलाड़ी, ‘ब्रिटिश राज’ में रात्रि भोज का लुत्फ उठाया

सेमीफाइनल से पहले रिलेक्स नजर आए भारतीय खिलाड़ी, ‘ब्रिटिश राज’ में रात्रि भोज का लुत्फ उठाया एडीलेड। इंग्लैंड के खिलाफ टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले से पूर्व भारतीय टीम ने यहां ‘ब्रिटिश राज’ रेस्टोरेंट में रात्रि भोज का आनंद लिया। ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद से ही भारतीय टीम को लगातार यात्रा करनी पड़ी है और अब जब टी20 विश्व कप अपने अंतिम चरण में है तब बड़े सेमीफाइनल मुकाबले से पूर्व खिलाड़ियों ने जाने माने भारतीय रेस्टोरेंट में भोजन किया। गुरुवार को रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम मौजूदा टूर्नामेंट में इंग्लैंड का सफर खत्म करने के इरादे से उतरेगी। टोरेन्सविले की हेन्ली बीच रोड पर स्थित यह रेस्टोरेंट अपने चिकन टिक्का, कश्मीरी पुलाव और रोगन जोश के लिए प्रसिद्ध है। टूर्नामेंट की शुरुआत में भारतीय टीम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद द्वारा मुहैया कराए जा रहे भोजन को लेकर समस्या थी क्योंकि यह खिलाड़ियों की पसंद के अनुसार नहीं था। टीम गतिविधियों की जानकारी रखने वाले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘‘टीम और खिलाड़ियों को आराम करने और विश्व कप जैसे कड़े टूर्नामेंट में होने वाले दबाव से ध्यान हटाने का अधिक मौका नहीं मिला है क्योंकि मुकाबलों के बीच बामुश्किल समय मिला है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया के अंदर भी काफी उड़ान लेनी पड़ी इसलिए एडीलेड में तीन दिन सुखद रहे। इसलिए खिलाड़ियों और यहां मौजूद उनकी जोड़ीदारों (पत्नियों और प्रेमिकाओं) ने टीम रात्रि भोज का आनंद लिया। यह टीम को एकजुट करने की व्यवस्था भी है। ’’ भारतीय क्रिकेट टीम व्यावसायिक रूप से सबसे व्यावहारिक टीम है इसलिए उसे ऑस्ट्रेलिया के सभी बड़े शहरों में मुकाबले खेलने के लिए यात्रा करनी पड़ी। टीम मुंबई से पर्थ पहुंची। टीम सात दिन पर्थ में रुकी जहां उसने कड़ी ट्रेनिंग और अभ्यास मैच में हिस्सा लिया। टीम ने इसके बाद आधिकारिक अभ्यास मैच खेले (ब्रिसबेन में एक मैच बारिश की भेंट चढ़ा)। ये दोनों अलग ‘टाइम जोन’ थे जिसके बाद टीम मेलबर्न पहुंची। टीम इसके बाद चार दिन मेलबर्न, फिर चार दिन सिडनी और तीन दिन पर्थ (अलग-अलग टाइम जोन) में रुकी। टीम ने इसके बाद तीन दिन एडीलेड और तीन दिन मेलबर्न में बिताए। मैच खेलने के अगले दिन टीम को सफर करना होता था और फिर एक आराम का दिन और एक वैकल्पिक ट्रेनिंग सत्र का दिन होता था।

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अमेरिका की चुनाव प्रणाली सिर्फ मशीनें नहीं बल्कि वह लोग हैं, जो इसके लिए काम करते हैं
International अमेरिका की चुनाव प्रणाली सिर्फ मशीनें नहीं बल्कि वह लोग हैं, जो इसके लिए काम करते हैं

अमेरिका की चुनाव प्रणाली सिर्फ मशीनें नहीं बल्कि वह लोग हैं, जो इसके लिए काम करते हैं हैम्पशायर। जब लोग चुनाव को सुरक्षित बनाने के बारे में सोचते हैं , वे अक्सर वोटिंग मशीन, साइबर सुरक्षा और यांत्रिक खतरों के बारे में सोचते हैं। वे लोगों के बारे में नहीं सोचते। 2016 के बाद से, जब कंप्यूटर हैकिंग के सबूत थे जिसने चुनाव परिणाम को प्रभावित नहीं किया, संघीय सरकार ने चुनावों को सुरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे कि चुनाव प्रणाली को रक्षा उद्योग, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और राजमार्गों की तरह ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण घोषित करना। इसने राज्य और स्थानीय अधिकारियों को उपकरण खरीदने और चुनावों की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए संघीय वित्त पोषण और तकनीकी सहायता के लिए आवेदन करने का मौका दिया। इन उपायों ने काफी हद तक काम किया है। मतदान प्रणाली के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संघीय, राज्य और स्थानीय चुनाव प्राधिकरणों द्वारा नियमित रूप से परीक्षण किया जाता है। दो दर्जन राज्य एक दशक से अधिक पुरानी वोटिंग मशीनों पर निर्भर हैं, जो आम तौर पर उनका जीवनकाल मानाजाता है। लेकिन 2014 में ऐसे राज्यों की संख्या 43 थी, और पुरानी मशीनों में ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करने के चल रहे प्रयासों का मतलब चुनाव के दिन कम गड़बड़ियां और खराबी है। इसे भी पढ़ें: ऩॉर्थ कोरिया ने रूस को गोला बारूद की आपूर्ति करने के आरोपों को लेकर अमेरिका पर साधा निशानाबेहतर कंप्यूटर सिस्टम ने मतदाता पंजीकरण प्रक्रियाओं की दक्षता को बेहतर बना दिया है, और मतदाता सूची के रखरखाव और अद्यतन के साथ-साथ उन्हें और अधिक सुरक्षित बना दिया है। चुनावों में समस्याओं की संभावना हमेशा बनी रहती है, लेकिन चुनाव के दिन की कठिनाइयाँ पहले की तुलना में बहुत कम होती हैं। ये सभी महत्वपूर्ण कदम हैं। लेकिन मतदान प्रणाली के एक विद्वान के रूप में, मेरा मानना ​​है कि चुनावों की मशीनरी पर ध्यान केंद्रित करने से देश के चुनावों के लिए एक अलग खतरा छिपा हुआ है: स्थानीय चुनाव प्रशासक तेजी से कठिन परिस्थितियों में, घटते संसाधनों और बढ़ती चुनौतियों के साथ काम करते हैं। एक गैर-लाभकारी चुनाव सुधार समूह, सेंटर फॉर टेक एंड सिविक लाइफ द्वारा किए गए स्थानीय चुनाव अधिकारियों के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि उनमें से केवल 2 प्रतिशत का कहना है कि उनके पास वह सब कुछ है जो उनके काम के लिए आवश्यक है। अमेरिकी चुनाव स्थानीय स्तर पर प्रशासित होते हैं - प्रत्येक काउंटी, या यहां तक ​​कि नगर पालिका के अपने नियम होते हैं, और उन्हें निष्पादित करने के लिए अपने स्वयं के अधिकारी होते हैं। काम आकर्षक नहीं है - कुछ सालाना 20,000 अमरीकी डालर जितना कमा पाते हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 50,000 अमरीकी डालर है। चुनाव कार्य से जुड़ने की कुछ खास महिमा नहीं हैं। क्लर्क और रजिस्ट्रार जैसे शीर्षकों के साथ, ये नौकरियां आमतौर पर एक बड़े राजनीतिक करियर की शुरूआत नहीं मानी जातीं। जो लोग इन पदों को लेते हैं वे आम तौर पर सेवा-भाव के साथ ऐसा करते हैं और उनकी भावना अपने समुदाय के लिए कुछ करने की होती है। उनकी राजनीतिक प्राथमिकताएं हो सकती हैं, लेकिन कम से कम हाल के वर्षों तक, वे शायद पूरी चुनावी प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों की पक्षपातपूर्ण राजनीति से सबसे कम प्रेरित हैं। चुनाव अधिकारियों का खुद नियमों पर बहुत कम नियंत्रण होता है। वे कानून निर्माता नहीं होते। उनका काम दो मुख्य लक्ष्यों को संतुलित करते हुए नियमों को यथासंभव कुशलता से लागू करना है: मतदान पहुंच और चुनावी निष्पक्षता। अमेरिकी राजनीति में इन दोनों लक्ष्यों को अक्सर प्रतिद्वंद्वियों के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, लेकिन चुनाव प्रशासक दोनों लक्ष्यों को एक साथ प्राप्त करने की क्षमता देखते हैं और प्रत्येक चुनाव में उन्हें संतुलित करने के लिए काम करते हैं। उनके काम की केंद्रीय चुनौती उनके सामने पेश की गई कई बाधाओं का समाधान खोजना है ताकि न तो पहुंच और न ही निष्पक्षता का त्याग किया जा सके। इसे भी पढ़ें: अमेरिका में मध्यावधि चुनाव, जानिए 2024 के राष्ट्रपति चुनने पर इसका क्या पड़ेगा असरशीघ्र मतदान के लिए मतदान स्थलों को लंबे समय तक खुला रखना होता है; चुनाव के दिन के लिए व्यक्तिगत रूप से मतदान, संभावित भीड़ को संभालने के लिए विभिन्न स्थानों और स्टाफ संख्या की आवश्यकता होती है। मतदाताओं और मतपत्रों को कुशलतापूर्वक और सुरक्षित रूप से आगे बढ़ना होता है, जिसके लिए सभी को व्यवस्थित योजना और रचनात्मक समस्या-समाधान की आवश्यकता होती है। लेकिन ये लोग काफी दबाव में होते हैं। दबाव के क्षेत्र कई चुनाव अधिकारी स्थायी कार्यालय स्थापित करने या पूर्णकालिक कर्मचारियों को नियुक्त करने का जोखिम नहीं उठा सकते। कुछ रिपोर्ट में इंटरनेट एक्सेस और बुनियादी आपूर्ति जैसे प्रिंटर, स्कैनर और यहां तक ​​कि डेस्क की कमी दिखाई गई है। और मशीनों की बात करें तो, कई को उसके लिए भी पर्याप्त पैसा नहीं मिलता है - एक बड़ी प्रतिशत रिपोर्ट एक दशक से अधिक समय में उन्नत तकनीक हासिल करने में सक्षम नहीं है। कई तो यह भी कहते हैं कि नए कानून में आवश्यक परिवर्तनों को लागू करने के लिए धन नहीं है। सबसे छोटे क्षेत्राधिकार सबसे कठिन हैं: 5,000 याउससे कम मतदाताओं वाले आधे से अधिक क्षेत्रों ने चुनाव कार्यालय में पूर्णकालिक कर्मचारी नहीं होने की सूचना दी। बड़े क्षेत्राधिकार में अधिकतम 10 कर्मचारी हो सकते हैं, लेकिन जिम्मेदारियां बहुत अधिक हैं, क्योंकि ये अधिकारी 250,000 से अधिक मतदाताओं के लिए चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार हैं। अखंडता के प्रश्न हाल के वर्षों में, चुनाव अधिकारियों को सार्वजनिक रिकॉर्ड अनुरोधों में वृद्धि और चुनाव परिणामों के लिए अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें पुनर्गणना की मांग भी शामिल है। व्यक्तिगत धमकियां इन लॉजिस्टिक चुनौतियों के अलावा, चुनाव अधिकारियों को भी महत्वपूर्ण व्यक्तिगत हमलों का सामना करना पड़ता है क्योंकि उनकी नौकरी बढ़ती राजनीतिक जांच और कभी-कभी हमले के दायरे में आ जाती है। ब्रेनन सेंटर द्वारा किए गए 2021 के सर्वेक्षण में, 6 स्थानीय चुनाव अधिकारियों में से 1 ने अपनी नौकरी से संबंधित खतरों को झेलने की सूचना दी, इनमें से आधे खतरे ऑनलाइन या फोन के बजाय व्यक्तिगत रूप से आते हैं। चुनाव प्रशासकों को भी राजनीतिक हस्तियों के दबाव का सामना करना पड़ता है: लगभग आधे को डर था कि आगामी चुनाव में उन पर एक विशिष्ट उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव तय करने के लिए दबाव डाला जाएगा। तमाम कारणों से उपजा तनाव एक चरम बिंदु पर पहुंच गया है, देश के स्थानीय चुनाव अधिकारियों में से 5 में से 1 के 2024 से पहले अपनी नौकरी छोड़ने की संभावना है। वे अपने साथ अनुभव का खजाना ले जाएंगे जिसे आसानी से दोबारा हासिल नहीं किया सकेगा।

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जेलेंस्की ने रूस के साथ शांति वार्ता की संभावना के दिए संकेत, कहा-  यूक्रेन की शर्तों पर बातचीत संभव
International जेलेंस्की ने रूस के साथ शांति वार्ता की संभावना के दिए संकेत, कहा- यूक्रेन की शर्तों पर बातचीत संभव

जेलेंस्की ने रूस के साथ शांति वार्ता की संभावना के दिए संकेत, कहा- यूक्रेन की शर्तों पर बातचीत संभव कीव। अमेरिका में अहम चुनावों की पूर्व संख्या पर यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूस के साथ शांति वार्ता की संभावना के संकेत दिए हैं और यह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत से इनकार के उनके पूर्व के रुख से अलग है। वोलोदिमिर जेलेंस्की ने सोमवार देर रात अंतरराष्ट्रीय समुदाय से “रूस को वास्तविक शांति वार्ता के लिए मजबूर करने” का आग्रह किया और बातचीत के लिए अपनी सामान्य शर्तों को सूचीबद्ध किया: यूक्रेन की सभी कब्जे वाली भूमि की वापसी, युद्ध से हुई क्षति के लिए मुआवजा और युद्ध अपराधों का मुकदमा चलाने को कहा। यह कम से कम उस व्यक्ति के बयानों में बदलाव है जिसने सितंबर के अंत में पुतिन के साथ “बातचीत को असंभव” बताते हुए एक शपथपत्र पर हस्ताक्षर किए थे। उनकी शर्तें देखकर लगता नहीं कि मास्को इसके लिये राजी होगा। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि वे बातचीत की दिशा में आगे कैसे बढ़ते हैं। पश्चिमी हथियार और सहायता यूक्रेन की रूस के आक्रमण से लड़ने की क्षमता के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं। शुरू में माना जा रहा था कि यूक्रेन इस युद्ध में लंबे समय तक टिक नहीं पाएगा। इसे भी पढ़ें: यूक्रेन के खेरसॉन में बिजली की आपूर्ति बहाल की गयी : रूसी अधिकारीअमेरिका में मंगलवार को हो रहे मध्यावधि चुनाव हालांकि यूक्रेन के लिए वाशिंगटन के भविष्य के राजनीतिक और वित्तीय समर्थन की राशि और स्वरूप को परिभाषित करेंगे। संसद पर अगर रिपब्लिकन पार्टी का नियंत्रण होता है तो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के लिये यूक्रेन की सहायता के लियेसैन्य और अन्य सहायता के लिए बड़े पैकेजों को आगे बढ़ाना मुश्किल हो सकता है। रूस और यूक्रेन ने युद्ध की शुरुआत में बेलारूस और तुर्किये में कई दौर की बातचीत की थी। युद्ध शुरू हुए अब करीब नौ महीने हो रहे हैं। मार्च में इस्तांबुल में प्रतिनिधिमंडलों की पिछली बैठक में कोई परिणाम नहीं निकलने के बाद वार्ता रुक गई थी। ज़ेलेंस्की ने सोमवार को कहा कि कीव ने “बार-बार (वार्ता) प्रस्ताव दिया है और उसके बदले हमें हमेशा नए आतंकवादी हमलों, गोलाबारी या ब्लैकमेल के रूप में रूसी प्रतिक्रियाएं मिलीं”।

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राम मंदिर निर्माण का काम दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा: योगी आदित्यनाथ
National राम मंदिर निर्माण का काम दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा: योगी आदित्यनाथ

राम मंदिर निर्माण का काम दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा: योगी आदित्यनाथ पालमपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का आधा काम हो चुका है और यह 2023 के अंत तक पूरा हो जाएगा। योगी ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए एक प्रस्ताव सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पालमपुर में पारित किया था। वह हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार त्रिलोक कपूर के लिए प्रचार करने पहुंचे थे। उन्होंने पालमपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, आज मुझे आपको यहां से यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का आधा काम हो चुका है और 2023 के अंत तक 500 से अधिक वर्षों के इंतजार के बाद एक भव्य मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा। इसे भी पढ़ें: मुस्लिम वोट हासिल करने के लिए मायावती ने जो रणनीति बनाई उसका सर्वाधिक नुकसान अखिलेश कोयोगी ने कहा कि मंदिर निर्माण का ऐतिहासिक कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक और मजबूत नेतृत्व की वजह से हुआ है। उन्होंने अन्नी निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार लोकेंद्र कुमार के लिए भी प्रचार किया। अन्नी में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक मंच पर भारत की धाक बढ़ रही है और आज दुनिया की कोई भी समस्या बिना उसकी भागीदारी के हल नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि भारत ग्रेट ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी केवल ‘एक परिवार तक’ सीमित है जबकि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की जनता को अपना परिवार समझते हैं। हिमाचल में भाजपा के सत्ता में वापस आने की जरूरत बताते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की ‘डबल इंजन’ वाली सरकार में राज्य में हर ओर विकास हुआ है।

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‘नए मिस्‍टर 360 डिग्री’, एबी डिविलियर्स ने सूर्य कुमार यादव से तुलना पर दिया ये रिएक्शन
Cricket ‘नए मिस्‍टर 360 डिग्री’, एबी डिविलियर्स ने सूर्य कुमार यादव से तुलना पर दिया ये रिएक्शन

‘नए मिस्‍टर 360 डिग्री’, एबी डिविलियर्स ने सूर्य कुमार यादव से तुलना पर दिया ये रिएक्शन नयी दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया में खेले जा रहे टी20 विश्व कप के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक सूर्यकुमार यादव ने ‘360 डिग्री’  बल्लेबाज के तौर पर एबी डिविलियर्स से अपनी तुलना को अपरिपक्व कहा था लेकिन दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज ने इसे उचित करार दिया।  क्रिकेट में मैदान के हर तरफ शॉट लगाने की काबिलियत के कारण डिविलियर्स को मिस्टर 360 डिग्री के उपनाम से जाना जाता है। सूर्यकुमार ने मौजूदा विश्व कप के पांच मैचों में 225 रन बनाये हैं जिसमें उन्होंने तीन अर्धशतकीय पारियां खेली हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 193.

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नोटबंदी के छह साल पूरे होने पर राहुल गांधी का ‘PayPM’ वाला हमला, कहा- लत GST लागू करके देश की रीढ़ की हड्डी को कर दिया नष्ट
National नोटबंदी के छह साल पूरे होने पर राहुल गांधी का ‘PayPM’ वाला हमला, कहा- लत GST लागू करके देश की रीढ़ की हड्डी को कर दिया नष्ट

नोटबंदी के छह साल पूरे होने पर राहुल गांधी का ‘PayPM’ वाला हमला, कहा- लत GST लागू करके देश की रीढ़ की हड्डी को कर दिया नष्ट नोटबंदी के 6 साल पूरे होने के मौके पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है। कांग्रेस नेता ने मंगलवार को नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह दो-तीन अरबपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है। उन्होंने अपने ट्वीट में पीएम मोदी पर तंज कसते हुए 'पेपीएम' लिखा है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को अर्थव्यवस्था में भ्रष्टाचार और काले धन की समस्या को दूर करने के उद्देश्य से 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया था।इसे भी पढ़ें: कर्नाटक HC से कांग्रेस को मिली राहत, भारत जोड़ो यात्रा के ट्विटर हैंडल ब्लॉक करने के आदेश को किया रद्दनांदेड़ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सच्चाई यह थी कि नोटबंदी काले धन को मिटाने के लिए नहीं थी बल्कि छोटे व्यापारी, किसान पर आक्रमण था। उसका नतीज़ा आज तक देश के हर गरीब को दिख रहा है। नोट बंदी के बाद गलत GST लागू किया जिसके बाद इस देश की रीढ़ की हड्डी को नष्ट, खत्म कर दिया। यह कैसे देश भक्त हैं जो देश में नफरत फैला रहे हैं। एक भाई को दूसरे भाई से लड़ा रहे है, एक भाषा को दूसरी भाषा से लड़ा रहे हैं, एक जाति को दूसरी जाति से लड़ा रहे, एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़ा रहे और फिर कहते हैं कि देश भक्त हैं। कौन से देश के भक्त हैं?

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सुकेश के आरोप पर केजरीवाल का जवाब, मुझे करो गिरफ्तार, मैं न आतंकवादी, न ही हूं भ्रष्ट
National सुकेश के आरोप पर केजरीवाल का जवाब, मुझे करो गिरफ्तार, मैं न आतंकवादी, न ही हूं भ्रष्ट

सुकेश के आरोप पर केजरीवाल का जवाब, मुझे करो गिरफ्तार, मैं न आतंकवादी, न ही हूं भ्रष्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा ने गुजरात में 27 साल शासन किया है और लोगों को अब उनकी आम आदमी पार्टी (आप) को पांच साल का मौका देना चाहिए। चुनावी राज्य के अपने पांच दिवसीय दौरे के आखिरी दिन जूनागढ़ जिले में रोड शो करते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए तो वह अगली बार वोट नहीं मांगेंगे। जब हम गुजरात में सरकार बनाएंगे, तो मैं आपके परिवार की जिम्मेदारी आपके भाई और आपके परिवार के सदस्य के रूप में लूंगा। सबसे पहले जो करने की जरूरत है वह है महंगाई को खत्म करना।

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नीतीश कुमार ने EWS पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, आरक्षण की सीमा को 50% से आगे बढ़ाने की बात कही
National नीतीश कुमार ने EWS पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, आरक्षण की सीमा को 50% से आगे बढ़ाने की बात कही

नीतीश कुमार ने EWS पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, आरक्षण की सीमा को 50% से आगे बढ़ाने की बात कही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से आगे बढ़ाने की बात कही है। उन्होंने ईडब्ल्यूएस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी स्वागत किया है। ईडब्ल्यूएस को 10% का आरक्षण ठीक है। जाति आधारित जनगणना भी अगर एक बार हो जाएगी तो 50% आरक्षण की सीमा को बढ़ाया जा सकेगा। इससे आबादी के आधार पर मदद दी जा सकेगी। हम बिहार में इस चीज को करवा रहे हैं, ये देशभर में होना चाहिए। ताकि 50% की सीमा को बढ़ाया जा सके।

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कर्नाटक HC से कांग्रेस को मिली राहत, भारत जोड़ो यात्रा के ट्विटर हैंडल ब्लॉक करने के आदेश को किया रद्द
National कर्नाटक HC से कांग्रेस को मिली राहत, भारत जोड़ो यात्रा के ट्विटर हैंडल ब्लॉक करने के आदेश को किया रद्द

कर्नाटक HC से कांग्रेस को मिली राहत, भारत जोड़ो यात्रा के ट्विटर हैंडल ब्लॉक करने के आदेश को किया रद्द कर्नाटक उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें ट्विटर को कांग्रेस के अकाउंट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया गया था। एक दिन पहले, बेंगलुरु की एक अदालत ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को कथित रूप से कॉपीराइट मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए कांग्रेस और उसके भारत जोड़ो यात्रा अभियान के हैंडल को अस्थायी रूप से ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। हालांकि, कर्नाटक हाई कोर्ट ने बेंगलुरु कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया। हाई कोर्ट का आदेश कल तक कांग्रेस द्वारा अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम से सभी कॉपीराइट सामग्री को हटाने के अधीन है।इसे भी पढ़ें: हिंदू पर अपने बयान पर अभी भी कायम हैं सतीश जारकीहोली, कहा- अगर मैं गलत साबित हुआ तो इस्तीफा दे दूंगाबेंगलुरु कोर्ट ने कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक क्यों करने का आदेश दिया था?

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Mission Prarambh: स्काईरूट एयरोस्पेस रचेगी इतिहास, श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा निजी स्पेस कंपनी का रॉकेट
National Mission Prarambh: स्काईरूट एयरोस्पेस रचेगी इतिहास, श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा निजी स्पेस कंपनी का रॉकेट

Mission Prarambh: स्काईरूट एयरोस्पेस रचेगी इतिहास, श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा निजी स्पेस कंपनी का रॉकेट हैदराबाद स्थित स्पेस-टेक स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस मौसम की स्थिति के आधार पर 12 से 16 नवंबर के बीच भारत का पहला निजी तौर पर विकसित रॉकेट, विक्रम-एस लॉन्च करने की योजना बना रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने 7 नवंबर को बेंगलुरु में 'प्रंभ' नाम के मिशन का अनावरण किया, जिसका अर्थ है 'शुरुआत'। अधिकारियों द्वारा 12 नवंबर से 16 नवंबर के बीच लॉन्च विंडो को अधिसूचित किया गया है। अंतिम तिथि की पुष्टि बाद में मौसम की स्थिति के आधार पर की जाएगी। अंतरिक्ष नियामक इन-स्पेस से तकनीकी लॉन्च मंजूरी मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया था।इसे भी पढ़ें: हाथों में मशाल, शिवाजी महाराज को नमन, महाराष्ट्र पहुंचे राहुल गांधी ने केंद्र की नीतियों पर साधा निशानास्टार्टअप के सीईओ और सह-संस्थापक पवन कुमार चंदना परम के लिए मिशन निदेशक के रूप में काम करेंगे। इस लॉन्च के लिए स्काईरूट और इसरो के बीच समझौता हुआ है। स्काईरूट के सीओओ और सह-संस्थापक नागा भरत डाका ने बताया कि विक्रम-एस रॉकेट सिंगल स्टेज का सब-ऑर्बिटल लॉन्च व्हीकल है। जो अपने साथ तीन कॉमर्शियल पेलोड्स लेकर जा रहा है। यह एक तरह का परीक्षण है।स्काईरूट के लॉन्च वाहनों को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक और प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ विक्रम साराभाई को श्रद्धांजलि के रूप में 'विक्रम' नाम दिया गया है।इसे भी पढ़ें: अध्ययन कहता है कि महाराष्ट्र 2023 में एयरोसोल प्रदूषण के 'अत्यधिक संवेदनशील' क्षेत्र में जा सकता हैचंदना ने कहा, "

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G20 के लोगो, थीम और वेबसाइट का PM मोदी ने किया अनावरण, कहा- आजादी के अमृतकाल में देश के लिए ये गर्व की बात
National G20 के लोगो, थीम और वेबसाइट का PM मोदी ने किया अनावरण, कहा- आजादी के अमृतकाल में देश के लिए ये गर्व की बात

G20 के लोगो, थीम और वेबसाइट का PM मोदी ने किया अनावरण, कहा- आजादी के अमृतकाल में देश के लिए ये गर्व की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 समूह की भारत की अध्यक्षता के शुभंकर और वेबसाइट का अनावरण किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में ये देश के लिए गर्व की बात है। लोगो के निर्माण में देशवासियों से सुझाव मांगे थेष वसुधैव कुटुबंकम की भावना लोगो में समाहित है। कुछ दिनों बाद 1 दिसंबर से भारत जी20 की अध्यक्षता करेगा। भारत के लिए ये ऐतिहासिक अवसर है। आज इसी संदर्भ में इस समिट की लोगो, थीम और वेबसाइट का अनावरण किया गया है। जी20 ऐसे देशों का समूह है जिनका आर्थिक सामर्थ्य विश्व की 75% जीडीपी का प्रतिनिधित्व करता है।भारत अब इस G20 समूह का नेतृत्व करने जा रहा है, इसकी अध्यक्षता करने जा रहा है।

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जंग के माहौल में रूसी विदेश मंत्री लावरोव से मिले जयशंकर, कहा- हम यूक्रेन संघर्ष का परिणाम देख रहे हैं
National जंग के माहौल में रूसी विदेश मंत्री लावरोव से मिले जयशंकर, कहा- हम यूक्रेन संघर्ष का परिणाम देख रहे हैं

जंग के माहौल में रूसी विदेश मंत्री लावरोव से मिले जयशंकर, कहा- हम यूक्रेन संघर्ष का परिणाम देख रहे हैं विदेश मंत्री डॉ.

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ऩॉर्थ कोरिया ने रूस को गोला बारूद की आपूर्ति करने के आरोपों को लेकर अमेरिका पर साधा निशाना
International ऩॉर्थ कोरिया ने रूस को गोला बारूद की आपूर्ति करने के आरोपों को लेकर अमेरिका पर साधा निशाना

ऩॉर्थ कोरिया ने रूस को गोला बारूद की आपूर्ति करने के आरोपों को लेकर अमेरिका पर साधा निशाना सियोल। उत्तर कोरिया ने अमेरिका पर रूस को हथियार पहुंचाने की ‘‘मनगढ़ंत कहानी’’ बनाने का मंगलवार को आरोप लगाते हुए कहा कि उसने रूस को कभी भी गोला बारूद नहीं दिए। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने उत्तर कोरिया पर गुप्त रूप से रूस को गोला-बारूद की आपूर्ति करने का पिछले सप्ताह आरोप लगाया था। किर्बी ने कहा था कि अमेरिका का मानना है कि उत्तर कोरिया ‘‘यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि उन्हें पश्चिम एशिया या उत्तरी अफ्रीका के देशों में भेजा जा रहा है।’’ किर्बी ने कहा था कि उत्तर कोरिया रूस को “गुप्त रूप से” गोला-बारूद की आपूर्ति कर रहा है, लेकिन “हम अभी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि शिपमेंट (खेप) वास्तव में प्राप्त हुई है या नहीं।” इसे भी पढ़ें: उत्तर कोरिया ने कहा, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के साथ युद्ध का अभ्यास करने के लिए मिसाइल लॉन्चसरकारी मीडिया ने मंत्रालय के सैन्य संबंधी विदेश मामलों के कार्यालय के एक उप निदेशक के हवाले से कहा, ‘‘ हम अमेरिका के इस तरह के कदमों को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र पर (उत्तर कोरिया) की छवि खराब करने के उसके शत्रुतापूर्ण प्रयास के हिस्से के रूप में देखते हैं।’’ उप निदेशक ने कहा, ‘‘ हम एक बार फिर स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमने रूस को कोई गोला बारूद नहीं भेजे और भविष्य में भी ऐसा करने की कोई योजना नहीं है।’’ अमेरिकी अधिकारियों ने सितंबर में एक अमेरिकी खुफिया जानकारी के आधार पर पुष्टि की थी कि रूस, उत्तर कोरिया से लाखों रॉकेट और गोला बारूद खरीदने की तैयारी कर रहा है। हालांकि उत्तर कोरिया ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा था कि अमेरिका को ऐसे ‘‘ लापरवाही भरे बयान’’ देने से बचना चाहिए और ‘‘अपना मुंह बंद रखना चाहिए।

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निर्देशक को मिली सुरक्षा, दर्ज हुई FIR, रोकी गई स्क्रीनिंग, मराठी फिल्म ‘हर हर महादेव’ को लेकर क्या है पूरा विवाद
Bollywood निर्देशक को मिली सुरक्षा, दर्ज हुई FIR, रोकी गई स्क्रीनिंग, मराठी फिल्म ‘हर हर महादेव’ को लेकर क्या है पूरा विवाद

निर्देशक को मिली सुरक्षा, दर्ज हुई FIR, रोकी गई स्क्रीनिंग, मराठी फिल्म ‘हर हर महादेव’ को लेकर क्या है पूरा विवाद महाराष्ट्र के पुणे से लेकर ठाणे तक मराठी फिल्म 'हर हर महादेव' के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पुणे शहर में मराठा संगठन के सदस्यों ने फिल्म के शो में व्यवधान पैदा किया है। वहीं ठाणे में भी एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने फिल्म की स्क्रिनिंग रोक दी। पूरे मामले पर फिल्म के निर्देशक अभिजीत देशपांडे का कहना है कि 'हर हर महादेव' की स्क्रीनिंग के दौरान महाराष्ट्र के ठाणे के एक थिएटर में जो हंगामा हुआ, वह एक राजनीतिक घटना थी। देशपांडे ने कहा कि फिल्म में जो दिखाया गया है, उसमें तथ्यात्मक रूप से कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वह छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशजों को फिल्म देखने का निमंत्रण देना चाहेंगे।

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हिंदू पर अपने बयान पर अभी भी कायम हैं सतीश जारकीहोली, कहा- अगर मैं गलत साबित हुआ तो इस्तीफा दे दूंगा
National हिंदू पर अपने बयान पर अभी भी कायम हैं सतीश जारकीहोली, कहा- अगर मैं गलत साबित हुआ तो इस्तीफा दे दूंगा

हिंदू पर अपने बयान पर अभी भी कायम हैं सतीश जारकीहोली, कहा- अगर मैं गलत साबित हुआ तो इस्तीफा दे दूंगा कर्नाटक कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश जारकीहोली के बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच सतीश जारकीहोली अपने बयान पर अभी भी कायम हैं। उन्होंने कहा कि सभी को साबित करने दें कि मैं गलत हूं। अगर मैं गलत हूं तो मैं अपने बयान के लिए माफी मांगूंगा साथ ही विधायक पद से इस्तीफा भी दूंगा। वहीं कांग्रेस पार्टी उनके बयान से पल्ला झाड़ती नजर आ रही है। कर्नाटक के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सतीश जारकीहोली के बयान को उनकी निजी राय बताकर पल्ला झाड़ लिया है।इसे भी पढ़ें: अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस चुनावी वादों के नाम पर मतदाताओं में भ्रम फैलाना बंद करेकर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी राज्य अध्यक्ष सतीश जरकीहोली ने कहा था कि हिंदू शब्द कहां से आया?

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वंदे भारत ट्रेन पर नहीं हुआ पथराव, गुजरात रेलवे PRO ने AIMIM के दावे को किया खारिज
National वंदे भारत ट्रेन पर नहीं हुआ पथराव, गुजरात रेलवे PRO ने AIMIM के दावे को किया खारिज

वंदे भारत ट्रेन पर नहीं हुआ पथराव, गुजरात रेलवे PRO ने AIMIM के दावे को किया खारिज ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के एक प्रवक्ता ने आरोप लगाया है कि वंदे भारत ट्रेन पर पथराव किया गया था, जिसमें पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी चुनावी गुजरात में यात्रा कर रहे थे। पुलिस ने हालांकि इस दावे का खंडन किया और कहा कि घटना की जांच की जा रही है। एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि घटना सोमवार शाम को ट्रेन के सूरत पहुंचने से पहले हुई, जहां हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी राज्य में अपने चुनाव प्रचार के तहत एक सार्वजनिक रैली में शामिल होने वाले थे, जहां विधानसभा चुनाव हैं। 1 और 5 दिसंबर को निर्धारित हैं।इसे भी पढ़ें: जदयू के साथ बीटीपी का चुनाव पूर्व गठबंधन, नीतीश कुमार करेंगे गुजरात चुनाव के लिए प्रचारपार्टी की तरफ से कहा गया कि असदुद्दीन ओवैसी, साबिर काबलीवाला और एआईएमआईएम की टीम वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में अहमदाबाद से सूरत जा रहे थे, तभी कुछ अज्ञात लोगों ने ट्रेन पर पथराव किया और उसका शीशा तोड़ दिया। हालांकि, पश्चिम रेलवे के पुलिस अधीक्षक राजेश परमार ने मंगलवार को कहा कि भरूच जिले के अंकलेश्वर के पास ट्रैक पर इंजीनियरिंग का काम चल रहा था, जहां कथित घटना हुई थी, ट्रेन की कांच की खिड़की से कुछ "

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आज दुनिया फिर भारत की बढ़ती ताकत का करेगी अहसास, PM मोदी G20 प्रेसीडेंसी के लोगो, थीम, वेबसाइट का करेंगे अनावरण
National आज दुनिया फिर भारत की बढ़ती ताकत का करेगी अहसास, PM मोदी G20 प्रेसीडेंसी के लोगो, थीम, वेबसाइट का करेंगे अनावरण

आज दुनिया फिर भारत की बढ़ती ताकत का करेगी अहसास, PM मोदी G20 प्रेसीडेंसी के लोगो, थीम, वेबसाइट का करेंगे अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत के जी20 प्रेसीडेंसी के लोगो, थीम और वेबसाइट का अनावरण करेंगे। जी20, या ग्रुप ऑफ ट्वेंटी, दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है - जिसकी अध्यक्षता भारत 1 दिसंबर से एक वर्ष के लिए करेगा। जी20 प्रेसीडेंसी भारत को वैश्विक महत्व के महत्वपूर्ण मुद्दों पर वैश्विक एजेंडा में योगदान करने का अवसर प्रदान करती है। अपनी अध्यक्षता के दौरान, भारत भारत में कई स्थानों पर 32 विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 200 बैठकें करेगा।इसे भी पढ़ें: 'विभाजन के शिकार हिन्दू-सिख को हमने CAA लाकर नागरिकता देने का किया प्रयास', PM मोदी का बयानजी20 प्रेसीडेंसी के लोगो, थीम और वेबसाइट से दुनिया के लिए भारत की प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित करने की उम्मीद है। फोरम वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85%, वैश्विक व्यापार का 75% से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। जी20 शिखर सम्मेलन अगले साल आयोजित होने वाला है, जिसमें भारत एक मेजबान के रूप में होगा।इसे भी पढ़ें: राहुल गांधी बोले- तेलंगाना में कांग्रेस सत्ता में आयी तो किसानों का ऋण माफ होगाविदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से निर्देशित भारत की विदेशी नीति वैश्विक मंच पर नेतृत्व की भूमिका निभाने की दृष्टि से उभर रही है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में भारत एक दिसंबर से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। जी 20 की अध्यक्षता भारत को अंतरराष्ट्रीय महत्व के महत्वपूर्ण मुद्दों पर वैश्विक एजेंडे में योगदान करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगी।  

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ज्ञानवापी मस्जिद केस में नहीं आया फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला, 14 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
National ज्ञानवापी मस्जिद केस में नहीं आया फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला, 14 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

ज्ञानवापी मस्जिद केस में नहीं आया फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला, 14 नवंबर को होगी अगली सुनवाई ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में संभावित फैसला फिलहाल के लिए टल गया है। वाराणसी की एक फास्ट-ट्रैक अदालत ने मंगलवार को उस 'शिवलिंग' की पूजा की मांग वाली याचिका पर मामले को 14 नवंबर के लिए स्थगित कर दिया, जिसके बारे में हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में होने का दावा किया था। मामले को 14 नवंबर के लिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि संबंधित न्यायाधीश आज फास्ट ट्रैक कोर्ट में नहीं बैठेंगे।इसे भी पढ़ें: Exclusive: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले से सनातनियों में जागी चेतना, जल्द होगी भोले बाबा की पूजा- विष्णु शंकर जैनन्यायालय को वादी द्वारा तीन मुख्य मांगों पर अपना फैसला सुनाना था, जिसमें स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की पूजा की अनुमति मांगी गई है। संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपना और मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना शामिल है। ज्ञानवापी परिसर के परिसर के अंदर। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि मुस्लिम पक्ष को वर्तमान में नमाज़ अदा करने की अनुमति है।इसे भी पढ़ें: 2 अंडरग्राउंड तहखानों का सर्वे किए जाने की मांग, ज्ञानवापी- शृंगार गौरी मामले में अब 11 नवंबर को होगी अगली सुनवाईअक्टूबर में हुई पिछली सुनवाई के दौरान, वाराणसी की अदालत ने कथित 'शिवलिंग' की 'वैज्ञानिक जांच' की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। हिंदू पक्ष ने उस संरचना की कार्बन डेटिंग की मांग की थी, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया था कि वह ज्ञानवापी मस्जिद के वज़ुखाना के अंदर पाया गया एक शिवलिंग है। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने कहा कि जो ढांचा मिला वह एक 'फव्वारा' था। हिंदू पक्ष ने तब 22 सितंबर को वाराणसी जिला न्यायालय में एक आवेदन प्रस्तुत किया था जिसमें उन्होंने शिवलिंग होने का दावा करने वाली वस्तु की कार्बन डेटिंग की मांग की थी

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95 साल के हुए लालकृष्ण आडवाणी, गुलदस्ता लेकर बधाई देने पहुंचे पीएम मोदी
National 95 साल के हुए लालकृष्ण आडवाणी, गुलदस्ता लेकर बधाई देने पहुंचे पीएम मोदी

95 साल के हुए लालकृष्ण आडवाणी, गुलदस्ता लेकर बधाई देने पहुंचे पीएम मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के 95वें जन्मदिन पर उन्हें बधाई देने उनके आवास पहुंचे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी आडवाणी को जन्मदिन की बधाई देने के लिए उनसे मिलने गए। सिंह ने एक ट्वीट में कहा, "

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हिमाचल में ठीक चुनाव से पहले नेताओं की ‘कांग्रेस छोड़ो यात्रा’, 26 ने हाथ छोड़ थामा कमल
National हिमाचल में ठीक चुनाव से पहले नेताओं की ‘कांग्रेस छोड़ो यात्रा’, 26 ने हाथ छोड़ थामा कमल

हिमाचल में ठीक चुनाव से पहले नेताओं की ‘कांग्रेस छोड़ो यात्रा’, 26 ने हाथ छोड़ थामा कमल हिमाचल प्रदेश के चुनाव में अब गिनती के दिन शेष रह गए हैं, लेकिन ठीक चुनाव से पहले राज्य की प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को करारा झटका लगा है। कांग्रेस को उस समय तगड़ा झटका लगा जब उसके 26 नेताओं ने विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ दी। दल बदलने वाले नेताओं में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव धर्मपाल ठाकुर खंड भी शामिल हैं। पाला बदलने वाले ज्यादातर नेता शिमला निर्वाचन क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं, जहां से पार्टी ने संजय सूद को मैदान में उतारा है।इसे भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर इस बार कैसा है चुनावी मौसम?

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हाथों में मशाल, शिवाजी महाराज को नमन, महाराष्ट्र पहुंचे राहुल गांधी ने केंद्र की नीतियों पर साधा निशाना
National हाथों में मशाल, शिवाजी महाराज को नमन, महाराष्ट्र पहुंचे राहुल गांधी ने केंद्र की नीतियों पर साधा निशाना

हाथों में मशाल, शिवाजी महाराज को नमन, महाराष्ट्र पहुंचे राहुल गांधी ने केंद्र की नीतियों पर साधा निशाना कन्याकुमारी से शुरू हुई कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो' पदयात्रा तेलंगाना के रास्ते लगातार दो महीने की यात्रा के बाद 7 नवंबर की रात नांदेड़ यानी महाराष्ट्र के देगलूर पहुंची। राहुल को हाथ उठाकर जवाब देते हुए हजारों नागरिकों ने यात्रा का अभूतपूर्व स्वागत किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सांसद राहुल गांधी ने 7 सितंबर से 'भारत जोड़ो' यात्रा की शुरुआत की थी। यह यात्रा तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित मेनूर से रात करीब साढ़े नौ बजे देगलुर शहर में दाखिल हुई। शहर में प्रवेश करते ही सैकड़ों वाहनों के काफिले ने पैदल कार्यकर्ताओं के साथ जुलूस का स्वागत किया। नगर परिषद के पास छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को सलामी देकर राहुल गांधी ने मुख्य मंच में प्रवेश किया। राहुल ने दर्शकों का मार्गदर्शन किया।इसे भी पढ़ें: अब्दुल सत्तार के सुप्रिया सुले पर दिए बयान ने लाया महाराष्ट्र की राजनीति में नया तूफान, NCP ने दर्ज कराई शिकायत, मंत्री के घर पर हुई तोड़फोड़कार्यकर्ताओं का उत्साहस्वागत के लिए राज्य भर से कार्यकर्ता देगलूर शहर पहुंचे हैं। कोई चार पहिया और कोई दोपहिया वाहन से देगलूर पहुंच रहा था। दिन भर विभिन्न रूटों पर रैलियां निकाली गईं। हाथ में तिरंगा झंडा व कार्यकर्ताओं ने तरह-तरह के नारे लगाए। राहुल गांधी को देखने की उत्सुकता नागरिकों के चेहरों पर साफ झलक रही थी। दोपहर से हजारों कार्यकर्ता मार्च मार्ग पर इंतजार कर रहे थे। शहर में दो किलोमीटर की दूरी तक सड़क के दोनों ओर नागरिकों की भारी भीड़ रही.

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अमेरिका में मध्यावधि चुनाव, जानिए 2024 के राष्ट्रपति चुनने पर इसका क्या पड़ेगा असर
International अमेरिका में मध्यावधि चुनाव, जानिए 2024 के राष्ट्रपति चुनने पर इसका क्या पड़ेगा असर

अमेरिका में मध्यावधि चुनाव, जानिए 2024 के राष्ट्रपति चुनने पर इसका क्या पड़ेगा असर अमेरिका में आज मध्यावधि चुनाव होने जा रहा है। इसके लिए लाखों अमेरिकी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस चुनाव पर न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया की भी निगाहें टिकी है। मिड टर्म इलेक्शन सत्ता पर काबिज जो बाइडेन के साथ ही पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक अग्निपरीक्षा सरीखा है। कहा जाता है कि इस चुनाव के नतीजों से ही 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी तय होगी। ऐसे में आपको बताते हैं कि क्या है अमेरिका में हो रहा मध्यावधि चुनाव और इसका 2024 के राष्ट्रपति चुनने पर क्या असर पड़ेगा।

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दारू, गांजा, कोरेक्स पियो चाहे थिनर सूंघे, लेकिन जल की कीमत समझें, पानी बचाने पर बीजेपी सांसद जनार्दन मिश्रा का अजीबोगरीब बयान
National दारू, गांजा, कोरेक्स पियो चाहे थिनर सूंघे, लेकिन जल की कीमत समझें, पानी बचाने पर बीजेपी सांसद जनार्दन मिश्रा का अजीबोगरीब बयान

दारू, गांजा, कोरेक्स पियो चाहे थिनर सूंघे, लेकिन जल की कीमत समझें, पानी बचाने पर बीजेपी सांसद जनार्दन मिश्रा का अजीबोगरीब बयान मध्य प्रदेश के रीवा से सांसद जनार्दन मिश्रा का अजीबोगरीब बयान सामने आया है। मध्य प्रदेश के रीवा में हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा सांसद जनार्दन मिश्रा ने लोगों को पानी के महत्व से अवगत कराने के लिए उनकी अंतरात्मा को कुरेदने का प्रयास किया। राजनेता ने लोगों से कहा कि वे शराब पी सकते हैं, तंबाकू चबा सकते हैं, धूम्रपान कर सकते हैं, कोरेक्य या थिनर सल्यूशन सूंघ सकते हैं लेकिन कुछ भी करके जल के महत्व को समझें। भूजल को फिर से भरने और जल संरक्षण में निवेश करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसे भी पढ़ें: रोज़गार को लेकर शिवराज सिंह चौहान का बड़ा ऐलान, 'एक ज़िला, एक उत्पाद' पर भी जोरमध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर रीवा के कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम में जल संरक्षण और संवर्धन पर कार्यशाला के दौरान रीवा सांसद ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि यदि आप अधिक पानी का उपयोग करते हैं और पानी को भूजल में रिसने नहीं देते हैं, तो आने वाली पीढ़ी के पास पानी नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण समय की मांग है और लोगों को इसमें निवेश करना चाहिए। उन्होंने कहा, "

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