गंभीर ने कहा कि अगर चयनकर्ता कोहली, रोहित और राहुल से आगे देखना चाहते हैं तो ऐसा ही हो भातर की दो बार की विश्व चैंपियन टीम का हिस्सा रहे पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि अगर चयनकर्ता विराट कोहली, रोहित शर्मा और लोकेश राहुल जैसे सीनियर खिलाड़ियों से आगे देखने में विश्वास करते हैं तो ऐसा ही हो। टी20 विश्व कप 2007 और विश्व कप 2011 में भारत की खिताबी जीत में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोरर रहे गंभीर टीम के व्यक्तिगत खिलाड़ियों और टीम में उनकी जगह पर भी अधिक स्पष्टता चाहते हैं। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि तीन जनवरी से श्रीलंका के खिलाफ शुरू हो रही सीमित ओवरों की श्रृंखला के लिए ऋषभ पंत के साथ इन तीनों को आराम दिया गया है या बाहर किया गया है। गंभीर ने गुरुवार को ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से कहा, ‘‘स्पष्टता होनी चाहिए। चयनकर्ताओं और इन खिलाड़ियों के बीच अच्छा संवाद होना चाहिए। अगर चयनकर्ताओं ने इन लोगों से आगे देखने का फैसला किया है तो ठीक है। मुझे लगता है कि बहुत सारे देशों ने ऐसा किया है।’’ गंभीर को सीनियर खिलाड़ियों को बाहर करने को लेकर हंगामा समझ में नहीं आता। उन्होंने कहा, ‘‘जब चयनकर्ता और प्रबंधन कुछ खिलाड़ियों से आगे देखते हैं तो हम बहुत हंगामा करते हैं। आखिरकार यह व्यक्तिगत खिलाड़ियों के बारे में नहीं है लेकिन यह इस बारे में है कि आप अगले (टी20) विश्व कप (2024 में) के लिए अपनी योजनाओं को लेकर कैसे आगे बढ़ना चाहते हैं। आखिर आप वहां जाना चाहते हैं और इसे जीतना चाहते हैं। यदि ये खिलाड़ी इसे हासिल नहीं कर पाए तो क्या पता सूर्यकुमार जैसे खिलाड़ी, युवा पीढ़ी उस सपने को हासिल कर ले।’’ गंभीर का मानना है कि इस तिकड़ी की सबसे छोटे प्रारूप में वापसी फिलहाल मुश्किल नजर आ रही है। गंभीर ने कहा, ‘‘निजी तौर पर अगर आप मुझसे पूछें तो यह मुश्किल लगता है। सूर्यकुमार यादव, इशान किशन जैसे लोगों को टीम में होना चाहिए। हार्दिक पंड्या वहां हैं। मैं पृथ्वी साव, राहुल त्रिपाठी और संजू सैमसन जैसे खिलाड़ियों को टीम में देखना चाहता हूं। वे निडर क्रिकेट खेल सकते हैं।’’ गंभीर ने आक्रामकता का हवाला देने वाले राहुल द्रविड़ की अगुआई वाले मौजूदा टीम प्रबंधन पर भी निशाना साधा।
read moreमहान भारतीय फुटबॉलर बलराम अस्पताल में भर्ती जकार्ता 1962 एशियाई खेलों में भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाने वाले देश के दिग्गज फुटबॉलरों में से एक तुलसीदास बलराम को मूत्र संक्रमण और पेट की समस्या के कारण यहां एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जकार्ता एशियाई खेलों के फाइनल में भारत ने दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराकर दूसरी बार खिताब जीता था और तब से टीम दोबारा इस उपलब्धि को दोहरा नहीं पाई। बलराम 87 वर्ष के हैं और 1950 तथा1960 के दशक में भारतीय फुटबॉल की सुनहरी पीढ़ी से ताल्लुक रखते हैं जहां उन्होंने चुन्नी गोस्वामी और पीके बनर्जी जैसे दिग्गजों के साथ जोड़ी बनाई। अस्पताल द्वारा गुरुवार को जारी एक मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि बलराम को 26 दिसंबर को भूख नहीं लगने, पेट फूलने और मूत्र संक्रमण की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल ने कहा कि भारत के सबसे दिग्गज स्ट्राइकरों में से एक माने जाने वाले बलराम डॉक्टरों की एक टीम की देखरेख में हैं। पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास ने बीमार पूर्व फुटबॉलर से मुलाकात की और हर संभव मदद का वादा किया।
read moreविश्व ब्लिट्ज चैंपियनशिप: भारतीय ग्रैंडमास्टर सधवानी नौवें स्थान पर भारत के किशोर ग्रैंडमास्टर रौनक सधवानी गुरुवार को यहां फिडे विश्व ब्लिट्ज चैंपियनशिप के ओपन वर्ग में 12 दौर के बाद 8.
read moreखूबसूरत खेल के महानायक पेले का निधन उनका हुनर फुटबॉल की किवदंतियों का हिस्सा है और उनके पैरों का जादू जब चलता था तो दुनिया मानों थम जाती थी। कई पीढियों पर अमिट छाप छोड़ने वाले खिलाड़ी बिरले ही होते हैं और फुटबॉल के जादूगर पेले के निधन के साथ मानों एक युग का अंत हो गया। पेले ने बृहस्पतिवार को आखिरी सांस ली। वह पिछले महीने से कई बीमारियों के कारण अस्पताल में भर्ती थे। उनके एजेंट जो फ्रागा ने उनके निधन की पुष्टि की। फुटबॉल के महानतम खिलाड़ियों में शुमार पेले पहले सांतोस क्लब के लिये और फिर ब्राजील की राष्ट्रीय टीम के लिये अपने खेल से विश्व फुटबॉल पर अपनी अमिट छाप छोड़ गए। उनकी कलात्मकता, हुनर और पैरों की जादूगरी के विरोधी भी मुरीद थे। उनके खेल में ब्राजील की सांबा शैली झलकती थी। ब्राजील को फुटबॉल की महाशक्ति बनाने वाले पेले के कैरियर की शुरूआत साओ पाउलो की सड़कों पर हुई जहां वह अखबारों के गट्ठर या रद्दी के ढेर का गोला बनाकर फुटबॉल खेला करते थे।
read moreजब कोलकाता में चला था ‘ब्लैक पर्ल’ पेले का जादू ऋषिकेश मुखर्जी की क्लासिक कॉमेडी ‘गोलमाल’ में उत्पल दत्त इंटरव्यू में अमोल पालेकर से ‘ब्लैक पर्ल’ पेले के बारे में पूछते हैं तो उनका जवाब होता है कि सुना है कलकत्ता (कोलकाता) में करीब 30 .
read moreचीन में कोविड के हालात को लेकर कम जानकारी होने से वैश्विक चिंताएं बढ़ीं अनेक देशों में चीन से आने वाले यात्रियों की कोविड-19 जांच अनिवार्य करने के कदम से यह वैश्विक चिंता साफ नजर आती है कि वायरस के प्रकोप के दौरान इसके नये स्वरूप सामने आ सकते हैं और इसे लेकर जानकारी का अभाव हो सकता है। अभी तक वायरस के किसी नये स्वरूप की कोई जानकारी नहीं है, लेकिन चीन पर 2019 के आखिर में उसके यहां सबसे पहले सामने आये वायरस के बारे में तभी से आगे आकर जानकारी नहीं देने का आरोप है। अब भी इस तरह की आशंका है कि चीन वायरस के ऐसे उभरते स्वरूपों के किसी भी संकेत पर जानकारी साझा नहीं करेगा जिनसे दुनिया में संक्रमण के अत्यधिक मामले आ सकते हैं। अमेरिका, जापान, भारत, दक्षिण कोरिया, ताइवान और इटली ने चीन से आने वाले यात्रियों का कोविड परीक्षण अनिवार्य करने की घोषणा कर दी है। अमेरिका ने संक्रमण के मामले बढ़ने औरवायरस के स्वरूपों के संबंध में जीनोम अनुक्रमण समेत अन्य जानकारी नहीं होने का हवाला दिया है। ताइवान और जापान के अधिकारियों ने भी इसी तरह की चिंता जाहिर की है। ताइवान के महामारी नियंत्रण केंद्र के प्रमुख वांग पी-शेंग ने कहा, ‘‘चीन में इस समय महामारी की स्थिति पारदर्शी नहीं है। हमारे पास बहुत सीमित जानकारी है और वह भी सटीक नहीं है।’’ ताइवान में एक जनवरी से चीन से आने वाले प्रत्येक यात्री की कोविड जांच अनिवार्य होगी। ताइवान में चंद्र नव वर्ष के लिए करीब 30,000 ताइवानी नागरिकों के चीन से लौटने की संभावना है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भी इस सप्ताह की शुरुआत में चीन से आने वाले यात्रियों की कोविड जांच को अनिवार्य करने की घोषणा की थी और इस बारे में अधिक जानकारी नहीं होने पर चिंता जताई थी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बृहस्पतिवार को कहा कि कई देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए अपनी नीति नहीं बदली है। उन्होंने कहा कि किसी भी कदम को उठाते समय सभी देशों के लोगों के साथ समान व्यवहार होना चाहिए। संक्रमण के प्रत्येक मामले में वायरस के उत्परिवर्तन की आशंका होती है और यह चीन में तेजी से पैर पसार रहा है। वैज्ञानिक अभी यह नहीं बता पा रहे कि क्या इसका मतलब दुनिया में वायरस के नये स्वरूप का प्रकोप होना है, लेकिन उन्हें आशंका है कि ऐसा हो सकता है। चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि मौजूदा प्रकोप ओमीक्रोन वायरस के कारण है जिसे अन्य देशों में भी देखा गया है। उसने कहा कि वायरस के नये चिंताजनक स्वरूपों का पता लगाने के लिए एक निगरानी तंत्र स्थापित किया गया है। चीन के रोग नियंत्रण केंद्र के मुख्य महामारी विज्ञानी वू जून्यू ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीन को वायरस के किसी भी स्वरूप का पता चला है तो उसने समय पर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा, ‘‘हम कुछ भी छिपाकर नहीं रखते। सारी जानकारी दुनिया के साथ साझा की जाती है।’’ जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता सेबेस्टियन गुएल्दे ने कहा कि अधिकारियों को इस तरह का कोई संकेत नहीं है कि चीन में इस लहर में वायरस का कोई अधिक खतरनाक स्वरूप विकसित हुआ है, लेकिन वे हालात पर नजर रख रहे हैं। यूरोपीय संघ भी हालात का आकलन कर रहा है और उसने कहा है कि चीन में व्याप्त वायरस का स्वरूप यूरोप में पहले से सक्रिय है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रस अधानम घेब्रेयेसस ने कहा है कि संगठन को चीन में संक्रमण के मामलों की गंभीरता को लेकर और विशेष रूप से वहां अस्पतालों तथा आईसीयू में रोगियों के भर्ती होने के संबंध में और अधिक जानकारी चाहिए होगी ताकि जमीनी स्थिति के समग्र जोखिम का आकलन किया जा सके। वाशिंगटन में हडसन इंस्टीट्यूट नामक संस्थान में चीनी केंद्र के निदेशक माइल्स यू ने कहा कि वैश्विक स्तर पर जो संशय और आक्रोश है, उसका चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सख्त पाबंदियों में अचानक ढील के फैसले से सीधा संबंध है। यू ने एक ईमेल में कहा, ‘‘आप इतने लंबे समय तक शून्य-कोविड लॉकडाउन की बेवकूफी नहीं कर सकते जो विफल साबित हुआ हो.
read moreकोसोवो ने सर्बिया से लगती अपनी सीमा फिर खोली कोसोवो ने सर्बिया जाने की मुख्य सीमा चौकी को बृहस्पतिवार को फिर से खोल दिया। वहीं, सर्बिया के राष्ट्रपति एलेक्सेंदर वुसिक ने कहा कि उत्तरी कोसोवो में प्रवेश करने वाले एक दर्जन से अधिक रास्तों पर लगे अवरोधकों को भी हटाये जाएंगे। एलेक्सेंदर ने कहा कि सर्बियाई लोगों ने बृहस्पतिवार को अवरोधकों को हटाने का कार्य शुरू कर दिया। इससे कोसोवो और सर्बिया के बीच हफ्तों से चल रहे तनाव के कम होने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे बालकन देशों में नए सिरे से संघर्ष का खतरा पैदा हो गया था। कोसोवो ने मांग की थी कि नाटो नीत शांतिरक्षक अवरोधकों को हटाएं या ऐसा नहीं होने पर उसके सैनिक यह काम करेंगे। सर्बिया ने भी कोसोवा की सीमा पर अपने सैनिकों को युद्ध के लिए तैयार अवस्था में तैनात किया था और कोसोवो में रहने वाले सर्बियाई लोगों पर हमले रोकने की मांग की थी। वुसिक ने कहा कि सीमा पर से अवरोधक हटाने का समझौता देर रात दोनों देशों के नेताओं की हुई में बैठक में हुआ। गौरतलब है वर्ष 1998-99 में कोसोवे के अल्बानियाई नीत अलगाववादी विद्रोहियों ने युद्ध छेड़ा था और उस समय सर्बियाई लोगों के खिलाफ नृशंस कार्रवाई थी। उस दौरान सर्बिया उसका एक प्रांत था। वर्ष 1999 में नाटो के हस्तक्षेप से रक्तपात रूका और सर्बिया, कोसोवो से अलग हुआ।
read moreकंबोडिया के होटल में लगी भीषण आग, कम से कम 19 लोगों की मौत कंबोडिया के एक कसीनो होटल में 12 घंटे से अधिक समय से लगी भीषण आग में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गयी है और 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अभी कई पीड़ितों का पता नहीं चल पाया है। पड़ोसी देश थाईलैंड ने सीमावर्ती क्षेत्र में आग बुझाने के लिए कई दमकल वाहनों को भेजा है। बंटये मीनचे प्रांत के सूचना विभाग के प्रमुख सेक सोकहोम ने बताया कि ऐसी आशंका है कि कई लोग मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं या बंद कमरों में फंसे हो सकते हैं जहां तक बचाव दल अभी नहीं पहुंच पाए हैं। इसे देखते हुए मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। उन्होंने बताया कि 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि मृतकों और घायलों में थाईलैंड, चीन, मलेशिया, वियतनाम और कंबोडिया समेत कई देशों के नागरिक शामिल हैं। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में सीमावर्ती शहर पोईपेट के ग्रैंड डायमंड सिटी कसीनो एंड होटल में आग में घिरे लोगों को छतों से कूदते देखा जा सकता है। होटल के अंदर कर्मचारी और ग्राहक दोनों फंसे हुए हैं जिनमें अधिकतर पड़ोसी देश थाईलैंड से हैं। कंबोडिया की दमकल एजेंसी द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में राहगीरों को होटल परिसर की छत पर फंसे लोगों को बचाने की अपील करते देखा जा सकता है। वीडियो में एक व्यक्ति को छत को आग की लपटों से घिरते देख नीचे कूदते देखा जा सकता है। एक राहगीर चिल्लाया, ‘‘ओह, कृपया उसे बचाओ। पानी डालो.
read moreपुतिन ने रूसी नौसेना में शामिल होने वाले युद्धपोतों का निरीक्षण किया रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी नौसना में शामिल किए जा रहे नए युद्ध पोतों का बृहस्पतिवार को निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने देश की नौसेना को और ताकतवर बनाने का संकल्प लिया। पुतिन ने गत 10 महीने से यूक्रेन के खिलाफ जारी सैन्य कार्रवाई का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘हम विभिन्न परियोजनाओं के तहत पोतों के निर्माण की गति और उनकी संख्या को बढ़ाएंगे और उन्हें सबसे अधिक आधुनिक हथियारों से सुसज्जित करेंगे तथा विशेष सैन्य अभियान से मिले अनुभवों के आधार पर परिचालन और युद्ध प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेंगे।’’ उल्लेखनीय है कि नौसेना में शामिल नए पोतों में एक कार्वेट, एक माइनस्वीपर और जनरलिस्सिमस सुवोरोव परमाणु पनडुब्बी शामिल हैं।बुलावा परमाणु मुखास्त्र युक्त अंतर महाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल से लैस यह पनडुब्बी रूसी नैसेना की नयी बोरेई श्रेणी की छठी पनडुब्बी है। पुतिन ने कहा, ‘‘हम आने वाले दशकों तक के लिए रूस की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।’’ इसी तरह की एक और पनडुब्बी एंपरर एलेक्सजेंदर तृतीय को भी बृहस्पतिवार के समारोह में लांच किया गया। नौसेना की योजना परीक्षण के बाद इसे बेड़े में शामिल करने की है।
read moreइमरान खान ने पाकिस्तान में ‘टेक्नोक्रेट’ सरकार के गठन का विरोध किया नकदी संकट झेल रहे पाकिस्तान में ‘टेक्नोक्रेट’ की कार्यवाहक सरकार गठित करने की अफवाहों के बीच पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसपर चिंता जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार ऐसा प्रस्ताव पर विचार कर रही है। टेक्नोक्रेट सरकार से आशय प्राय: ऐसे पेशेवर लोगों की सदस्यता वाली सरकार से रहता है जिन्हें तकनीकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम का अनुभव है। संघीय राजस्व ब्यूरो (एफबीआर) के पूर्व अध्यक्ष शब्बार जैदी ने मंगलवार को एक निजी टीवी समाचार चैनल के साथ एक साक्षात्कार में कहा था कि वर्तमान सरकार को विशेषज्ञों से युक्त एक कार्यवाहक व्यवस्था के साथ बदलने के लिए चर्चा चल रही थी। ऐसा माना जाता है कि ऐसी सरकार लगभग ढाई साल तक शासन करेगी और अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए ऐसे कठोर निर्णय लेगी जिन्हें निर्वाचित सरकार जनता का समर्थन खोने के डर से नहीं ले पा रही है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 70 वर्षीय अध्यक्ष इमरान खान ने बुधवार शाम को वरिष्ठ पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कहा, ‘‘ढाई साल के लिए पाकिस्तान में एक टेक्नोक्रेट सरकार गठित करने के बारे में अफवाह है और यह मुझे ये मानने के लिए मजबूर करता है कि शहबाज शरीफ सरकार जल्द ही आम चुनाव कराने में दिलचस्पी नहीं रखती है।’’ खान ने टेक्नोक्रेट सरकार गठित करने के खिलाफ आगाह करते हुए कहा कि मध्यावधि चुनाव कराने में केवल सैन्य प्रतिष्ठान की भूमिका होती है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिष्ठान का अर्थ है सेना प्रमुख। आर्थिक और आतंकवाद सहित देश की अन्य समस्याओं के समाधान के रूप में शहबाज शरीफ की सरकार की तुलना में प्रतिष्ठान को जल्द चुनाव कराने के लिए राजी करना अधिक महत्वपूर्ण है।
read moreवेटिकन: बेनेडिक्ट 16वें की हालत स्थिर, लेकिन “गंभीर” वेटिकन ने बृहस्पतिवार को कहा कि पोप एमेरिटस बेनेडिक्ट सोलहवें अपने होश-ओ-हवास में हैं, हालांकि उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। एक दिन पहले अधिकारियों ने खुलासा किया था कि 95-वर्षीय पोप का स्वास्थ्य हाल में बिगड़ गया था। वेटिकन के प्रवक्ता माटेओ ब्रूनी के एक बयान में कहा गया है कि पोप फ्रांसिस ने “इस मुश्किल वक्त में उनका (पोप एमेरिटस बेनेडिक्ट सोलहवें का) साथ देने के लिए” निरंतर प्रार्थना करने के लिए कहा है। फ्रांसिस ने बुधवार को खुलासा किया कि बेनेडिक्ट “बहुत बीमार” हैं और वह वेटिकन गार्डन स्थित उनके घर पर उनसे मिलने गए, जहां वह 2013 में सेवामुक्त होने के बाद से रह रहे हैं। वेटिकन ने बाद में कहा कि बेनेडिक्ट का स्वास्थ्य हाल के घंटों में बिगड़ गया था, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है, क्योंकि चिकित्सक लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर रख रहे हैं। बीते 600 वर्षों में बेनेडिक्ट सेवानिवृत्त होने वाले पहले पोप बने। उन्होंने 2013 में अपना पद छोड़ दिया था और वेटिकन गार्डन में एक परिवर्तित मठ में एकांत में अपनी जीवन जीने का विकल्प चुना। कुछ ही लोगों ने उनकी सेवानिवृत्ति की उम्मीद की थी। उन्हें सेवानिवृत्त हुए नौ साल बीत चुके हैं और वह आठ साल तक पोप के पद पर रहे थे।
read moreब्रिटेन की शाही टकसाल ने किंग्स चार्ल्स-तृतीय की तस्वीर वाला सिक्का जारी किया ब्रिटेन की शाही टकसाल ने बृहस्पतिवार को सम्राट किंग्स चार्ल्स तृतीय की आधिकारिक तस्वीर वाला पहला सिक्का जारी किया, जिससे संग्रहकर्ताओं को तीन जनवरी, 2023 से नये राजा की तस्वीर वाले सिक्के हासिल करने का मौका मिलेगा। इस सिक्के की डिजाइन इस साल के प्रारंभ में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की स्मृति वाले सिक्कों की श्रृंखला के तहत जारी की गयी थी। एक जनवरी 2023 से नये सिक्के आने लगेंगे, जिनपर अब 74-साल के सम्राट किंग्स चार्ल्स की तस्वीर होगी। यह ब्रिटेन के सिक्कों में बहुत बड़े बदलाव का संकेत है।
read moreनेतन्याहू ने इजराइल के नए प्रधानमंत्री पद की शपथ ली बेंजामिन नेतन्याहू ने बृहस्पतिवार को इजराइल के नये प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। इजराइल में सबसे अधिक समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले 73 वर्षीय नेतन्याहू ने अपने नेतृत्व वाली छठी सरकार का गठन किया है जिसमेंकई धुर दक्षिणपंथी घटक दल शामिल हैं। नेतन्याहू को इजराइली संसद ‘नेसेट’ के 120 सदस्यों में से 63 का समर्थन प्राप्त है जो सभी दक्षिणपंथी हैं। सदन में नेतन्याहू के खिलाफ 54 सांसदों ने मतदान किया। उनको समर्थन करने वालों में अति कट्टरपंथी शास द्वारा समर्थित उनकी लिकुद पार्टी, यूनाइटेड तोरा जुदैज्म, दक्षिणपंथी ओत्ज्मा येहुदित, रिलिजियस जियोनिस्ट पार्टी और नोआम शामिल हैं। अनेक लोगों ने आशंका जताई है कि नेतन्याहू के नेतृत्व में बने इस समीकरण से देश की आबादी के बड़े हिस्से की सरकार के साथ असहमति हो सकती है। इजराइल की 37वीं सरकार के विश्वासमत प्राप्त करने से महज कुछ समय पहले नेसेट ने लिकुद पार्टी के सांसद अमीर ओहाना को नया अध्यक्ष (स्पीकर) चुना। पिछली सरकारोंमें न्यायमंत्री और जन सुरक्षा मंत्री रह चुके ओहाना नेसेट के पहले घोषित समलैंगिक स्पीकर हैं। नयी सरकार के शपथ-ग्रहण से पहले नेसेट में अपने संबोधन में नेतन्याहू ने कहा कि उनकी सरकार के तीन ‘राष्ट्रीय लक्ष्य’ ईरान को परमाणु आयुधों की ओर बढ़ने से रोकना, पूरे देश में बुलेट ट्रेन चलाना और अब्राहम समझौतों के दायरे में और अधिक अरब देशों को लाना हैं। नेतन्याहू के भाषण के दौरान विपक्षी सदस्य बार-बार टोका-टोकी कर रहे थे और उन्हें ‘कमजोर’ तथा ‘नस्लवादी’ कह रहे थे। हंगामे के बीच नेतन्याहू ने कहा, ‘‘मतदाताओं के जनादेश का सम्मान कीजिए। यह लोकतंत्र का या देश का अंत नहीं है।’’ उन्होंने देश के नागरिकों की निजी सुरक्षा में सुधार करने और जीवनस्तर के बढ़ते खर्च को कम करने का वादा किया। इस दौरान अनेक विपक्षी सांसदों को सदन से निष्कासित कर दिया गया। नेतन्याहू ने 31 मंत्रियों और तीन उप मंत्रियों की नियुक्ति की घोषणा की है। रक्षा, शिक्षा और कल्याण मंत्रालय में दो-दो मंत्री एक साथ काम करेंगे। मंत्रियों के रूप में केवल पांच महिलाए हैं। नेतन्याहू के सरकार बनाने की घोषणा करने के बाद निवर्तमान प्रधानमंत्री येर लापिद ने अपने संबोधन में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती और गठबंधन सहयोगी नाफ्ताली बेनेट की भी उपलब्धियां गिनाईं। लापिद ने कहा, ‘‘हम आपको अच्छी हालत में सरकार सौंप रहे हैं। इसे बर्बाद करने की कोशिश मत कीजिए। हम जल्द ही लौटेंगे।’’ उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में पहले कहा था कि आने वाली सरकार को गिराने के लिए संघर्ष करते रहेंगे और वापसी करेंगे। उन्होंने कहा कि यह अंत नहीं, हमारे प्यारे देश के लिए संघर्ष की शुरुआत है।
read moreजयशंकर निकोसिया पहुंचे, साइप्रस के साथ रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए विदेश मंत्री एस.
read moreजयशंकर ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार साइप्रस मुद्दे के समाधान का समर्थन करता है विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साइप्रस मुद्दे के समाधान के तौर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों पर आधारित द्वि-साम्प्रदायिक, द्वि-क्षेत्रीय संघ की ओर भारत की प्रतिबद्धता बृहस्पतिवार को दोहरायी। जयशंकर 29 से 31 दिसंबर तक साइप्रस की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने साइप्रस के अपने समकक्ष लोआनिस कासोउलिडेस के साथ सार्थक चर्चा करने के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत साइप्रस मुद्दे के समाधान के तौर पर संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों पर आधारित द्वि-साम्प्रदायिक, द्वि-क्षेत्रीय संघ की ओर अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है।’’ वहीं, कासोउलिडेस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानून के संबंध में साइप्रस की एक व्यवहार्य तथा व्यापक समझौते पर पहुंचने का समर्थन करने के लिए भारत का आभार जताया। उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि हमने भारत के मामले में देखा है, देश का विभाजन एक खतरनाक यात्रा की शुरुआत थी और निश्चित तौर पर अंत नहीं था इसलिए साइप्रस तथा उसके लोगों के लिए दो राज्य के समाधान को स्वीकार नहीं किया जा सकता।’’ गौरतलब है कि साइप्रस के विदेश मंत्रालय के अनुसार, तुर्किये ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर समेत अंतरराष्ट्रीय कानून के सभी नियमों का उल्लंघन करते हुए 1974 में साइप्रस पर आक्रमण किया था। उसका दावा है कि आक्रमण के दौरान तुर्किये ने ‘‘फामागुस्ता शहर को अपने कब्जे में ले लिया था तथा तब से साइप्रस गणराज्य के 36 प्रतिशत क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है।’’ पाकिस्तान के करीबी सहयोगी तुर्किये के राष्ट्रपति रज्जब तैय्यब एर्दोआन बार-बार संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्रों में अपने संबोधन में कश्मीर मुद्दे का जिक्र करते है। भारत ने पहले भी उनकी टिप्पणियों को ‘‘पूरी तरह अस्वीकार्य’’ बताते हुए कहा था कि तुर्किये को दूसरे देशों की संप्रभुत्ता का सम्मान करना सीखना चाहिए।
read moreपाकिस्तान विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन भारत को बातचीत के लिए गंभीरता दिखानी चाहिए पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह भारत के साथ अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन नयी दिल्ली को कश्मीर सहित लंबित मुद्दों का संवाद के जरिये समाधान हेतु गंभीरता दिखानी चाहिए। विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुम्ताज जहरा बलोच ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया के सभी देशों के साथ आपसी सम्मान और संप्रभु समानता के आधार पर पड़ोसियों के साथ शांति की नीति को जारी रखेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ पाकिस्तान की रुचि शांति और संवाद में है और यह भारतीय प्राधिकारियों पर है कि वे रिश्ते को सुधारने के लिए जिम्मेदार रुख अपनाएं। बलोच ने कहा, ‘‘पाकिस्तान का मानना है कि द्विपक्षीय संबंध तब तक पूरी तरह सामान्य नहीं हो सकते, जबतक कि लंबित विवादों का समाधान न हो जाए, खासतौर पर जम्मू-कश्मीर का मुख्य मुद्दा।’’ उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद कश्मीर विवाद का संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के तहत समाधान की कोशिश करता रहेगा। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान-भारत रिश्तों में कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण हैं। दोनों देशों के संबंध उस समय अपने निचले स्तर पर आ गए जब भारत ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले भारतीय संविधान के प्रावधान अनुच्छेद-370 को समाप्त कर दिया। भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी और भारतीय राजदूत को वापस भेजने के साथ कूटनीतिक संबंधों को सीमित कर दिया। वर्ष 2019 के बाद से दोनों देशों के व्यापारिक संबंध लगभग ठप है। भारत ने पाकिस्तान से कहा कि पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश देश का अखंड और अविभाज्य हिस्सा था, है और रहेगा। बलोच ने कहा कि पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश सहित अन्य दक्षिण एशियाई देशों से बेहतर संबंध चाहता है।
read moreपूर्व पोप बेनेडिक्ट की जन्मभूमि बवेरिया में उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना को लेकर प्रार्थना पोप बेनेडिक्ट सोलहवें की मातृभूमि बवेरिया में लोगों ने बृहस्पतिवार को सेवानिवृत्त बिशप के लिए प्रार्थना की। वह वेटिकन के लिए जर्मनी छोड़ने के 40 साल बाद और उनके इस्तीफे के लगभग एक दशक बाद भी इस क्षेत्र के लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। जर्मनी के छोटे से शहर मार्कटल ऐम इन के सेंट ओसवाल्ड चर्च में, 95 साल से अधिक समय पहले जोसेफ रैत्जिंगर नाम के एक भविष्य के पोप का बपतिस्मा (ईसाई चर्च का विधिवत सदस्य बनने का संस्कार) हुआ था। यहां स्थानीय चर्च की प्रमुख सैंड्रा मेयर ने बेनेडिक्ट की एक मढ़ी हुई तस्वीर लगाई और उसके सामने लाल मोमबत्ती जलाकर ग्रामवासियों की प्रार्थना सभा का बंदोबस्त किया। मेयर का बपतिस्मा भी इसी गिरजाघर में हुआ था। उन्होंने कहा कि वह बुधवार को बेनेडिक्ट का स्वास्थ्य बिगड़ने की वेटिकन से आई “खबर से हिल गईं”। उन्होंने कहा, “मैं चाहती हूं कि उनके (बेनेडिक्ट सोलहवें के) लिए अब समय आसान हो और उन्हें कष्ट न हो।” मेयर (50) ने व्यक्तिगत रूप से उनसे दो बार मुलाकात को याद करते हुए कहा, “हमें यहां मार्कटल में गर्व है कि हमारे पास एक बवेरियन पोप है।” उन्होंने कहा, “वह एक अच्छे आदमी हैं और अच्छे पोप थे।” वेटिकन ने बृहस्पतिवार को कहा कि पोप एमेरिटस बेनेडिक्ट सोलहवें अपने होश-ओ-हवास में हैं, हालांकि उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। एक दिन पहले अधिकारियों ने खुलासा किया था कि 95-वर्षीय पोप का स्वास्थ्य हाल में बिगड़ गया था। वेटिकन के प्रवक्ता माटेओ ब्रूनी के एक बयान में कहा गया है कि पोप फ्रांसिस ने “इस मुश्किल वक्त में उनका (पोप एमेरिटस बेनेडिक्ट सोलहवें का) साथ देने के लिए” निरंतर प्रार्थना करने के लिए कहा है।
read moreनेतन्याहू की सत्ता में वापसी से भारत-इजराइल रणनीतिक संबंधों में गति आने की उम्मीद संक्षिप्त अंतराल के बाद बेंजामिन नेतन्याहू के दोबारा इजराइल के प्रधानमंत्री बनने पर भारत-इजराइल रणनीतिक संबंधों को और बढ़ावा मिलनेकी संभावना है। नेतान्याहू भारत और इजराइल के बीच मजबूत संबंध के पक्षधर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी मित्र नेतन्याहू ने दक्षिणपंथी सहयोगियों के साथ संसद में आसान बहुमत हासिल करने के बादअपनी छठी सरकार बनाई। इसके साथ ही देश में राजनीतिक अस्थिरता समाप्त हो गयी। लिकुद पार्टी के 73 वर्षीय नेता दूसरे इजराइली प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने जनवरी 2018 में भारत की यात्रा की। मोदी ने भी जुलाई 2017 में इजराइल की ऐतिहासिक यात्रा की थी और वह ऐसा करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे। इस दौरान दोनों नेताओं की ‘आत्मीयता’ चर्चा का विषय था। नेतन्याहू इजराइल के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले नेता हैं। मोदी ने जब इजराइल की यात्रा की तब नेतन्याहू ‘साए’ की तरह उनके साथ रहे। इस तरह का सम्मान इजराइल में आमतौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति और पोप के लिए आरक्षित होता है। दोनों नेताओं की ओलगा बीच पर एक दूसरे के सामने नंगे पांव खड़े होने के दौरान खींची गई तस्वीर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय रही। मोदी की इजराइल यात्रा के दौरान दोनों देशों ने अपने संबंधों का विस्तार करते हुए उसे रणनीतिक साझेदारी में तब्दील किया। तब से दोनों देश अपने संबंधों को ज्ञान आधारित साझेदार पर केंद्रित कर रहे हैं जिनमें नवोन्मेष और अनुसंधान पर चर्चा और ‘मेकिंग इन इंडिया’ पहल को प्रोत्साहन शामिल है। नेतन्याहू ने मोदी सहित विश्व नेताओं के साथ करीबी का इस्तेमाल अपनी थाती के तौर पर चुनाव प्रचार के दौरान किया और प्रदर्शित किया कि उनके अलावा अंतरराष्ट्रीय मंच पर कोई और इजाइल के हितों को सुरक्षित नहीं कर सकता। उनकी लिकुद पार्टी के एक चुनाव प्रचार के दौरान मोदी के साथ उनकी तस्वीर का प्रमुखता से इस्तेमाल किया गया। गौरतलब है कि नेतन्याहू का जन्म 1949 में तेल अवीव में हुआ था और वह उस समय अमेरिका चले गए जब उनके पिता प्रमुख इतिहासकार और यहूदी कार्यकर्ता बेंजियन को अकादमिक पद की पेशकश की गई। वह 18 साल की उम्र में इजराइल लौटे और पांच साल तक एलिट कमांडो यूनिट ‘सायरेट मटकल’के कैप्टन के तौर पर सेना में अपनी सेवांए दी। नेतन्याहू ने वर्ष 1968 में बेरुत हवाई अड्डे पर छापेमारी की कार्रवाई में हिस्सा लिया और वर्ष 1973 में योम किप्पुर युद्ध लड़ा। सैन्य सेवा की अवधि पूरी करने के बाद वह दोबारा अमेरिका वापस लौटे और मैसाच्युसेट्स इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से परास्नातक किया। नेतन्याहू वर्ष 1984 में संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किये गये और वर्ष 1988 में लौटने के बाद संसद के लिए निर्वाचित हुए और उप विदेश मंत्री बनाए गए। वह बाद में लिकुद पार्टी के अध्यक्ष बने और वर्ष 1996 में पहले प्रत्यक्ष निर्वाचित प्रधानमंत्री बने।
read moreअखिलेश ने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर सरकार की मंशा साफ है तो सदन बुलाकर अपना पक्ष रखें उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दलित एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) विरोधी करार देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को नगर निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की। अखिलेश ने कहा कि अगर सरकार की नीयत साफ है तो वह सदन बुलाकर अपना पक्ष रखे। सपा मुख्यालय में बृहस्पतिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अखिलेश ने कहा कि आरक्षण पर सरकार समय-समय पर गुमराह करती रही है और पिछड़ों तथा दलितों को इस कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है कि वे मिलकर आंदोलन करें। उन्होंने कहा, “मैं सरकार से कहूंगा कि सदन की बैठक बुलाकर बहस कराएं और जब उनकी नीयत साफ है तो सत्र बुलाएं और सदन में अपना पूरा पक्ष रखें। पिछले कई वर्षों से देखा गया है कि पिछड़ों और दलितों का हक मारा जा रहा है।” अखिलेश ने आरोप लगाया, “भाजपा का पिछड़ों के प्रति हमेशा सौतेला व्यवहार रहा है और आज हमें जो देखने को मिल रहा है, यह पहली बार नहीं हो रहा है। आज पार्टी ने पिछड़ों का आरक्षण छीना है, कल दलितों की बारी हो सकती है।” उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के पिछड़ा वर्ग संगठन के लोग तैयारी कर रहे हैं कि अगर उच्चतम न्यायालय में लड़ाई लड़नी पड़े तो सपा पिछड़े वर्ग का पूरा सहयोग करेगी। सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार न केवल आरक्षण को लेकर भेदभाव कर रही है, बल्कि चुनाव से भी भागना चाहती है, क्योंकि वह जानती है कि मैदान में जनता के बीच उतरेगी तो जनता उसे बुरी तरह से हरा देगी। उन्होंने दावा किया कि हाल में जो चुनाव हुए हैं उन परिणामों ने बताया है कि पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक सब लोगों ने मिलकर भाजपा की गलत नीतियों के खिलाफ वोट डाला था। हालांकि मैनपुरी, खतौली रामपुर में सरकार की बेईमानी सब जानते हैं। उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बीते दिनों उत्तर प्रदेश सरकार की नगर निकाय चुनाव संबंधी मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए राज्य में बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने का आदेश दिया था। इसके साथ ही पीठ ने योगी सरकार और राज्य चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि पिछड़ा वर्ग की सीटों को सामान्य करते हुए स्थानीय निकाय चुनाव को 31 जनवरी 2023 तक संपन्न करा लिया जाए। अखिलेश ने कहा कि ओबीसी समाज का आरक्षण खत्म करके न केवल उन्हें धोखा दिया जा रहा है, बल्कि बाबा साहेब द्वारा पिछड़े और शोषित समाज को दिए गए अधिकारों को छीनने का षड्यंत्र भी चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, “अगर हम भाजपा के काम करने का तरीका देखें तो पाएंगे कि केवल एक संस्था में नहीं, बल्कि हर संस्था में पार्टी जानबूझकर षड्यंत्र करके पिछड़ों और दलितों को उनका अधिकार नहीं दे रही है। ओबीसी समाज का आरक्षण खत्म करके उसकी आने वाली नस्लों को गुलाम बनाने की साजिश चल रही है।” उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा समय-समय पर पिछड़ों का तो वोट चाहती है लेकिन सत्ता में उन्हें भागीदारी नहीं देना चाहती। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेशऔर दिल्ली की सरकार पिछड़ों के वोट से बनी है लेकिन, दोनों सरकारों में पिछड़ों के लिए कोई जगह नहीं है। लगातार संस्थाओं में साजिश करके समाज को उस कगार पर पहुंचा दिया है कि आरक्षण खत्म हो जाए। यादव ने अपने नेतृत्व की सरकार (2012-2017) के दौरान हुई पुलिस भर्ती की चर्चा के साथ भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे याद है कि जब पिछली बार (2017-2022) इनकी सरकार नई-नई बनी तो उस समय पुलिस भर्ती का रिजल्ट किन्हीं कारणों से घोषित नहीं हो पा रहा था। उन्होंने कहा कि जब अदालत के माध्यम से भाजपा सरकार ने परिणाम घोषित किया तो फिर चार दिन बाद पूरा का पूरा रिजल्ट बदल दिया और कहा कि नई आरक्षण व्यवस्था के तहत नई सूची बनाई जाएगी। सपा प्रमुख ने कहा कि मुझे याद है उस समय 1700 पिछड़े और दलित नौजवानों को नौकरी मिली थी, वह चार दिन खुश रहे, लेकिन चार दिन बाद उनकी खुशी समाप्त हो गयी। उन्हें नौकरी से बाहर जाना पड़ा। उस समय नौकरी से वंचित लोग हर मंत्री के घर गये।
read moreTunisha Sharma death case: अभिनेत्री का आईफोन हुआ अनलॉक, शीजान की मां और बहन के साथ चैट्स मिली तुनिषा शर्मा सुसाइड केस में एक्ट्रेस के आईफोन कोड को एपल के एक टेक्नीशियन ने डिकोड किया है। एपल के टेक्नीशियन को फोन का लॉक खोलने के लिए बुलाया गया था। एप्पल कंपनी के अधिकारी आज वलीव थाने आए और तुनिषा शर्मा का फोन अनलॉक कर मोबाइल वलीव थाने को सौंपा। पुलिस को तुनिषा के मोबाइल से शीज़ान की मां और बहन के साथ चैट और कॉल मिली। फोन से 50 से ज्यादा ऑडियो नोट भी मिले थे। ज्यादातर ऑडियो नोट्स शीजान और तुनिशा के बीच के हैं।
read moreबेलारूस के रक्षा मंत्रालय का बड़ा दावा, यूक्रेन की एस-300 मिसाइल को मार गिराया गया रूस बेलारूस के रास्ते यूक्रेन पर भीषण हमले की तैयारी में है। बेलारूस की फौज ने जंगी तैयारी भी शुरू कर दी है। कहा जा रहा है कि बेलारूस अपनी मिलिट्री की ताकत को परखने में लगा हुआ है। रूस के साथ मिलकर बेलारूस ज्वाइंट फोर्स बना रहा है। इसी के साथ ही बेलारूस की तरफ से एक बड़ा दावा भी किया गया है। बेलारूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसके वायु रक्षा ने गुरुवार को सुबह लगभग 10 बजे (0700 GMT) ब्रेस्ट सीमा क्षेत्र में एक यूक्रेनी S-300 मिसाइल को मार गिराया।
read moreकलरफुल Eyebrows से लेकर Wet मेकअप लुक तक, 2023 में हर जगह नजर आने वाले हैं ये Beauty Trends नया साल बस कुछ दिनों में दस्तक देने वाला है, जिसे लेकर लोग यकीनन काफी उत्साहित होंगे। एक तरफ जहाँ लोग नए साल पर कुछ नया करने की सोच रहे होंगे, वहीं दूसरी तरफ ब्यूटी लवर्स 2023 के लिए नए मेकअप ट्रेंड की तलाश कर रहे होंगे। 2022 में पॉप्सिकल लिप्स, डबल-विंग्ड लाइनर से लेकर पर्पल ब्लश जैसे मेकअप का ट्रेंड था। अब नया साल नए मेकउप ट्रेंड लेकर आ रहा है, जिसके लिए ब्यूटी लवर्स यकीनन काफी उत्साहित हो रहे होंगे। चलिए हम आपको नए साल पर राज करने वाले मेकअप ट्रेंड्स के बारे आपको बताते हैं।
read moreCapricorn Horoscope 2023: मकर राशि वाले जातकों के लिए कैसा रहेगा साल 2023?
read moreAnant Ambani का राधिका मर्चेंट के साथ हुआ रोका, सोशल मीडिया पर फोटोज हुई वायरल देश के दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी के परिवार में इस समय डबल जश्न का माहौल है। हाल ही में उनकी बेटी ईशा अंबानी के बच्चों का घर में स्वागत हुआ है इसके साथ ही अब मुकेश अंबानी के सबसे छोटे बेटे अनंत अंबानी का भी रोका हो गया है। अनंत भी जल्द ही शादी के बंधन में बंधने वाले है। अनंत अंबानी का रोका उद्योगपति वीरेन मर्चेंट की बेटी राधिका मर्चेंट के साथ हुआ है। रोका होने के बाद दोनों की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। हालांकि अब तक ये नहीं पता चला है कि कपल कब तक शादी के बंधन में बंधेगा। बता दें कि अनंत और राधिका दोनों ही एक दूसरे को लंबे समय से जानते हैं। यहां तक कि दोनों के परिवारों के बीच भी काफी घनिष्ठता लंबे समय से रही है। जानकारी के मुताबिक शैला और वीरेन मर्चेंट की बेटी राधिका और अनंत का ‘रोका’ (सगाई) समारोह बृहस्पतिवार को राजस्थान के नाथद्वारा में श्रीनाथजी मंदिर में परिवार के सदस्यों और दोस्तों की मौजूदगी में किया गया। परिवार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सगाई के बाद युवा जोड़े ने अपने आगामी जीवन के लिए भगवान श्रीनाथजी का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर में ही दिन व्यतीत किया। इसमें हालांकि यह नहीं बताया गया कि शादी कब होगी। बता दें कि मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता ने इस साल जून में मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में राधिका के लिए एक भव्य अरंगेत्रम समारोह आयोजित किया था। यह प्रशिक्षित भारतीय शास्त्रीय नृत्य कलाकार राधिका की पहली मंचीय नृत्य प्रस्तुति या अरंगेत्रम थी। वह एनकोर हेल्थकेयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वीरेन मर्चेंट और शैला मर्चेंट की बेटी हैं। परिवार ने की आधिकारिक घोषणाअंबानी परिवार ने अपने सबसे छोटे बेटे अनंत अंबानी के रोके को लेकर आधिकारिक घोषणा की है। बयान में कहा गया कि अनंत और राधिका कुछ सालों से एक-दूसरे को जानते हैं और आज के समारोह से आने वाले महीनों में उनकी शादी की औपचारिक यात्रा शुरू हो रही है। दोनों परिवार राधिका और अनंत के लिए सभी का आशीर्वाद और शुभकामनाएं चाहते हैं क्योंकि वे एक साथ रहने की अपनी यात्रा शुरू कर रहे हैं। बता दें कि अनंत ने जहां अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है, वहीं राधिका न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से स्नातक हैं। बयान में कहा गया है कि अनंत रिलायंस के ऊर्जा कारोबार का नेतृत्व करते हैं और राधिका एनकोर हेल्थकेयर के बोर्ड में निदेशक के रूप में काम करती हैं। अंबानी के तीन बच्चे हैं - जुड़वां आकाश और ईशा और सबसे छोटा बेटा अनंत। उनकी बेटी ईशा ने दिसंबर 2018 में पीरामल समूह के वारिस आनंद पीरामल से शादी की। वे पिछले महीने जुड़वां बच्चों, आदिया और कृष्णा के माता-पिता बने। मुकेश अंबानी के बड़े बेटे आकाश ने मार्च 2019 में हीरा कारोबारी रसेल मेहता की बेटी श्लोका से शादी की थी। उनका दो साल का बेटा पृथ्वी है।
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