आंध्र प्रदेश में तेदेपा के कार्यक्रम में फिर से भगदड़, तीन लोगों की मौत, मुआवजे की घोषणा
National आंध्र प्रदेश में तेदेपा के कार्यक्रम में फिर से भगदड़, तीन लोगों की मौत, मुआवजे की घोषणा

आंध्र प्रदेश में तेदेपा के कार्यक्रम में फिर से भगदड़, तीन लोगों की मौत, मुआवजे की घोषणा आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती के पास एक जनसभा के बाद तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के एक कार्यक्रम में उपहार लेने के लिए लोगों में लगी होड़ के दौरान मची भगदड़ में रविवार को तीन महिलाओं की मौत हो गई तथा कई घायल हो गए। राज्य सरकार ने यह जानकारी दी। गौरतलब है कि महज तीन दिन पहले दक्षिणी आंध्र प्रदेश स्थित नेल्लोर में इसी तरह के एक कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में आठ लोगों की मौत हो गई थी। स्वास्थ्य मंत्री वी रजनी ने बताया कि एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायलों ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया।

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आंध्र प्रदेश में तेदेपा के कार्यक्रम में मची भगदड़, तीन लोगों की मौत
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आंध्र प्रदेश में तेदेपा के कार्यक्रम में मची भगदड़, तीन लोगों की मौत आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती के पास एक जनसभा के बाद तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के एक कार्यक्रम में लोगों के उपहार लेने के लिए उमड़ने के चलते मची भगदड़ में रविवार को तीन महिलाओं की मौत हो गई तथा कई अन्य घायल हो गए। राज्य सरकार ने यह जानकारी दी। दक्षिणी आंध्र प्रदेश स्थित नेल्लोर में इसी तरह के एक कार्यक्रम के दौरान आठ लोगों की मौत होने के महज तीन दिन बाद यह घटना हुई है। स्वास्थ्य मंत्री वी रजनी ने बताया कि एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायलों ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जैसे ही आयोजकों ने उपहार बांटने शुरू किये, भीड़ उमड़ पड़ी और उन्होंने अवरोधकों को गिरा दिया, जिसके चलते भगदड़ मच गई। उन्होंने बताया कि यहां से करीब 33 किमी दूर गुंटूर में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के आयोजन स्थल से रवाना हो जाने पर उपहार वितरण शुरू किया गया था। इस घटना पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि सरकार मृतकों के परिवारों के साथ खड़ी है। एक बयान में, उन्होंने घायलों का शीघ्रता से उपचार करने के आदेश दिये।

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Andhra Pradesh के राज्यपाल, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी की मां हीराबेन के निधन पर शोक जताया
National Andhra Pradesh के राज्यपाल, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी की मां हीराबेन के निधन पर शोक जताया

Andhra Pradesh के राज्यपाल, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी की मां हीराबेन के निधन पर शोक जताया अमरावती। आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी के निधन पर शुक्रवार को दुख जताया। हीराबेन का शुक्रवार को अहमदाबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 99 वर्ष की थीं। हरिचंदन ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं और भगवान जगन्नाथ और भगवान वेंकटेश्वर से उनकी दिवंगत मां की आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।’’ इसे भी पढ़ें: Uttar Pradesh: प्रधानमंत्री मोदी की मां के निधन पर सत्ता पक्ष, विपक्ष के नेताओं ने जताया शोकमुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के इस व्यक्तिगत दुख में उनके साथ हैं और शोक के इस क्षण में उनके तथा परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं। जगन मोहन रेड्डी ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके तथा परिवार के साथ हैं।

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Mallikarjuna:  ऐसा ज्योतिर्लिंग जहां संयुक्तरूप में विराजमान हैं शिव-पार्वती
Religion Mallikarjuna: ऐसा ज्योतिर्लिंग जहां संयुक्तरूप में विराजमान हैं शिव-पार्वती

Mallikarjuna: ऐसा ज्योतिर्लिंग जहां संयुक्तरूप में विराजमान हैं शिव-पार्वती 12 ज्योतिर्लिंग देश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित है, इनमें मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है जिससे शिवभक्तों की आस्था जुड़ी हुई है, मल्लिका अर्थात माँ पार्वती और अर्जुन यानि भगवान शिव दोनों के संयुक्त रूप को मल्लिकार्जुन कहा गया। मल्लिकार्जुन से जुड़ी पौराणिक कथा

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आंध्र प्रदेश में मंदिर की यात्रा के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शीतकालीन प्रवास शुरू
National आंध्र प्रदेश में मंदिर की यात्रा के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शीतकालीन प्रवास शुरू

आंध्र प्रदेश में मंदिर की यात्रा के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शीतकालीन प्रवास शुरू राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आंध्र प्रदेश में एक मंदिर की यात्रा के साथ सोमवार को यहां ‘राष्ट्रपति निलयम’ में अपने पांच दिवसीय शीतकालीन प्रवास की शुरुआत की। मंदिर में उन्होंने केंद्र की ‘प्रसाद’ योजना के तहत परियोजना का उद्घाटन किया। मुर्मू सोमवार सुबह हैदराबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरीं और आंध्र प्रदेश में श्रीशैलम गईं जहां उन्होंने भगवान मल्लिकार्जुन स्वामी और देवी भ्रामराम्बिका मंदिर में पूजा की। राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कहा गया, ‘‘तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति निलयम में शीतकालीन प्रवास के लिए सिकंदराबाद पहुंचने पर उनकी अगवानी की। तेलंगाना की पहली यात्रा पर आईं राष्ट्रपति को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।’’ राष्ट्रपति भवन के एक ट्वीट में कहा गया, ‘‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने ‘तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान (प्रसाद) योजना के तहत श्रीशैलम मंदिर के विकास की परियोजना और एक पर्यटन सुविधा केंद्र का उद्घाटन किया।’’ प्रसाद योजना धार्मिक पर्यटन अनुभव को समृद्ध करने के लिए देश भर में तीर्थ स्थलों के विकास और पहचान पर केंद्रित है। बाद में शाम को, मुर्मू ने तेलंगाना की राज्यपाल द्वारा हैदराबाद में राजभवन में आयोजित एक स्वागत समारोह में भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नहीं पहुंचे। दिल्ली में जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राष्ट्रपति निलयम में राष्ट्रपति का शीतकालीन प्रवास 26 से 30 दिसंबर तक है। राष्ट्रपति 27 दिसंबर को हैदराबाद में ‘केशव मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी’ के छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित करेंगी। बयान में कहा गया है कि उसी दिन वह सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी का दौरा करेंगी और वहां भारतीय पुलिस सेवा (74वें आरआर बैच) के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करेंगी। राष्ट्रपति 28 दिसंबर को श्री सीताराम चंद्र स्वामीवरी देवस्थानम, भद्राचलम का दौरा करेंगी और ‘प्रसाद’ योजना के तहत भद्राचलम मंदिर में पर्यटन के विकास के लिए बुनियादी ढांचे की आधारशिला रखेंगी। बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति 29 दिसंबर को हैदराबाद में ‘जी नारायणम्मा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस’, बीएम मलानी नर्सिंग कॉलेज और महिला दक्षता समिति के सुमन जूनियर कॉलेज के छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ बातचीत करेंगी। इसी दिन वह शमशाबाद के श्रीरामनगरम में स्थित ‘‘स्टेच्यू ऑफ़ इक्वैलिटी’’ भी जाएंगी।

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Cyclone Mandous | तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी के तटीय इलाकों में जारी हाई अलर्ट, तेज बारिश के साथ आ सकता है चक्रवात
National Cyclone Mandous | तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी के तटीय इलाकों में जारी हाई अलर्ट, तेज बारिश के साथ आ सकता है चक्रवात

Cyclone Mandous | तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी के तटीय इलाकों में जारी हाई अलर्ट, तेज बारिश के साथ आ सकता है चक्रवात लगातार हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण पिछले काफी समय से भारत के आस-पास के समुद्रों में दाब की बढ़ रहा है जिसके कारण कई बार भारतीय राज्यों के तटों से चक्रवात टकरा रहा हैं। हालांकि इनसे ज्यादा प्रभाव तो नहीं हुआ लेकिन लोगों काफी ज्यादा प्रभावित हुए। अब एक बार फिर से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी (केंद्र शासित प्रदेश) राज्यों को अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवात बन रहा है जो जल्द ही इन राज्यो ंके तटों से टकरा सकता हैं।  भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, अवसाद चेन्नई से लगभग 900 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व पर केंद्रित है। एनडीआरएफ की टीमों, सेना, नौसेना को भी चक्रवात के रूप में स्टैंडबाय पर रखा गया है। इसे भी पढ़ें: भारत ने संभाली जी-20 की अध्यक्षता, PM मोदी ने बताया एजेंडा, विदेश मंत्री जयशंकर ने भी दिया यह संदेश

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आंध्र प्रदेश: ढाई लाख करोड़ रुपये से अधिक है तिरुपति मंदिर की संपत्ति
National आंध्र प्रदेश: ढाई लाख करोड़ रुपये से अधिक है तिरुपति मंदिर की संपत्ति

आंध्र प्रदेश: ढाई लाख करोड़ रुपये से अधिक है तिरुपति मंदिर की संपत्ति तिरुमला स्थित भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर की संचालन इकाई तिरुमला तिरूपति देवस्थानम (टीटीडी) के स्वामित्व में 2.

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आंध्र प्रदेश सरकार ने वाईएसआर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया
National आंध्र प्रदेश सरकार ने वाईएसआर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया

आंध्र प्रदेश सरकार ने वाईएसआर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को व्यक्तियों और विभिन्न संगठनों को उनके संबंधित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए वाईएसआर लाइफटाइम अचीवमेंट और वाईएसआर अचीवमेंट अवार्ड-2022 प्रदान किए। हरिचंदन ने पुरस्कार प्राप्त करने वालों को बधाई देते हुए कहा कि दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी की स्मृति में शुरू किये गए पुरस्कार लोगों को समाज की सेवा करने के लिए प्रेरित करेंगे।

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पहले छह महीनों में राज्य में मोटरसाइकिलों की बिक्री में गिरावट से उलझन में आंध्र प्रदेश सरकार
Business पहले छह महीनों में राज्य में मोटरसाइकिलों की बिक्री में गिरावट से उलझन में आंध्र प्रदेश सरकार

पहले छह महीनों में राज्य में मोटरसाइकिलों की बिक्री में गिरावट से उलझन में आंध्र प्रदेश सरकार आंध्र प्रदेश सरकार चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में राज्य में मोटरसाइकिलों की बिक्री में 6.

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आंध्र प्रदेश के इस मंदिर में है माँ दुर्गा की स्वयंभू प्रतिमा, जानें इसके पीछे जुड़ी पौराणिक कथा
Tourism आंध्र प्रदेश के इस मंदिर में है माँ दुर्गा की स्वयंभू प्रतिमा, जानें इसके पीछे जुड़ी पौराणिक कथा

आंध्र प्रदेश के इस मंदिर में है माँ दुर्गा की स्वयंभू प्रतिमा, जानें इसके पीछे जुड़ी पौराणिक कथा आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के इंद्रकीलाद्री पर्वत पर माता दुर्गा का एक प्राचीन मंदिर स्थित है। यह मंदिर माता कनक दुर्गा को समर्पित है। मान्यताओं के अनुसार कनक दुर्गा मंदिर में माता की प्रतिमा स्वयंभू है। इस मंदिर का सात शिवलीला और शक्ति महिमाओं में विशेष स्थान है। नवरात्रि में यहां पर मौजूद कनक दुर्गा को बालत्रिपुरा सुंदरी, गायत्री, अन्नपूर्णा, महालक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा देवी, महिसासुरमर्दिनी और राजराजेश्वरी देवी के रूप में सजाया जाता है। विजयदशमी के दिन देवियों को हंस के आकार की नावों पर स्थापित करके कृष्णा नदी का भ्रमण करवाया जाता है। यह प्रथा ‘थेप्पोत्सवम’ के नाम से प्रचलित है। यह त्यौहार नौ दिन तक चलता है। दशहरा के अवसर पर यहाँ आयुध पूजा का आयोजन किया जाता है। इस मंदिर के पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, एक बार राक्षसों ने पृथ्वी पर हाहाकार मचा दिया था। इन राक्षसों का वध करने के लिए माता पार्वती ने अलग-अलग रूप धारण किए। माता ने कौशिक अवतार में शुंभ-निशुंभ राक्षस, महिसासुरमर्दिनी अवतार में महिषासुर और दुर्गा के अवतार में दुर्गमसुर का वध किया था। कनक दुर्गा ने अपने एक श्रद्धालु कीलाणु को पर्वत बनने का आदेश दिया। माता ने कीलाणु से कहा कि वे इस पर्वत पर निवास करेंगी। इसके बाद  महिसासुर का वध करते हुए इंद्रकीलाद्री पर्वत पर माँ आठ हाथों में अस्त्र थामे और शेर पर सवार हुए स्थापित हुईं। इस स्थान के पास की ही एक चट्टान पर ज्योतिर्लिंग के रूप में शिव भी स्थापित हुए। ऐसा माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने यहाँ शिवजी की मलेलु (बेला) के फूलों से उपासना की थी। यही कारण है कि यहाँ पर स्थापित शिव का एक नाम मल्लेश्वर स्वामी पड़ गया।इसे भी पढ़ें: भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी अध्यात्म और शांति की चाह के लिए आते हैं ऋषिकेशएक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, इस स्थान पर अर्जुन ने भगवान शिव ने कठोर तपस्या की थी जिसके बाद उन्हें पाशुपथ अस्त्र की प्राप्ति हुई थी। यहां पर अर्जुन ने दुर्गा मां का मंदिर बनवाया था। मान्यता के अनुसार आदिदेव शंकराचार्य ने भी यहां भ्रमण किया था। यहां पर उन्होंने अपना श्रीचक्र स्थापित किया था और माता की वैदिक पद्धति से पूजा-अर्चना की थी। एक अन्य मान्यता के अनुसार इस पर्वत पर इंद्र देव भी भ्रमण करने आते थे इसलिए इस पर्वत का नाम इंद्रकीलाद्री पड़ गया। इस मंदिर में भक्तों का तांता लगता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां और सड़कें हैं। हालांकि, ज्यादातर श्रद्धालु मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल करते हैं। कुछ श्रद्धालु हल्दी से सीढि़यों को सजाते हुए चढ़ते हैं, जिसे 'मेतला पूजा' कहते हैं। नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। - प्रिया मिश्रा 

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