Budget Session: 31 जनवरी से लेकर 6 अप्रैल तक चलेगा बजट सत्र, 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी वित्तमंत्री
Business Budget Session: 31 जनवरी से लेकर 6 अप्रैल तक चलेगा बजट सत्र, 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी वित्तमंत्री

Budget Session: 31 जनवरी से लेकर 6 अप्रैल तक चलेगा बजट सत्र, 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी वित्तमंत्री संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो रहा है जो कि 6 अप्रैल तक चलेगा। इसको लेकर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जानकारी दी है। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा और सामान्य अवकाश के साथ 66 दिनों में 27 बैठकों के साथ 6 अप्रैल तक चलेगा। उन्होंने कहा कि 14 फरवरी से लेकर 12 मार्च तक अवकाश रहेगा। इसी बजट सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेगी। मोदी सरकार पार्ट दो कि यह आखरी पूर्ण बजट होगी। ऐसे में इस बजट सत्र से आम लोगों को भी कई बड़ी उम्मीदें हैं।  इसे भी पढ़ें: शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अब बीजेपी के खिलाफ सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ी जाएगी

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जी-20 नेताओं ने वित्तीय समावेश, छोटे उद्योगों के लिये वित्त उपलब्धता पर विस्तार से चर्चा की
Business जी-20 नेताओं ने वित्तीय समावेश, छोटे उद्योगों के लिये वित्त उपलब्धता पर विस्तार से चर्चा की

जी-20 नेताओं ने वित्तीय समावेश, छोटे उद्योगों के लिये वित्त उपलब्धता पर विस्तार से चर्चा की जी-20 नेताओं ने डिजिटल वित्तीय समावेश, कामगारों के बाहर से स्वदेश धन भेजने की लागत और लघु एवं मझोले उद्यमों के लिये कोष की उपलब्धता जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। कोलकाता में तीन दिन की बैठक में सदस्य और आमंत्रित देशों के प्रतिनिधियों तथा अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अधिकारियों ने वित्तीय समावेश और उत्पादकता लाभ के लिये डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का लाभ उठाने पर विचार-विमर्श किया। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग में आर्थिक सलाहकार चंचल सरकार ने कहा, ‘‘बाहर से धन भेजने की लागत को कम करने और इसके लिये नवोन्मेषी भुगतान सेवाओं की दिशा में प्रगति पर चर्चा हुई।’’ उन्होंने वित्तीय समावेश के लिये जी-20 की पहली वैश्विक साझेदारी बैठक के अंतिम दिन संवाददाताओं से कहा कि प्रतिनिधियों ने छोटे और मझोले उद्यमों के वित्तपोषण में आम बाधाओं को दूर करने को लेकर बेहतर गतिविधियों और नवोन्मेषीय उपायों पर भी गौर किया। बैठक नौ जनवरी को शुरू हुई थी। अधिकारी ने कहा कि सदस्य और आमंत्रित देशों ने वित्तीय समावेश कार्य योजना (एफआईएपी) 2020 के मामले में हुई प्रगति और इस क्षेत्र में आगे के रास्ते पर जानकारी साझा की। बैठक के पहले दिन उन्होंने कहा था कि जी-20 नेताओं ने बाहर काम कर रहे कामगारों के स्वदेश धन भेजने की लागत को खासा महत्व दिया है और इसे 2027 तक औसतन तीन प्रतिशत पर लाने का प्रयास जारी है। फिलहाल, धन भेजने की लागत प्रत्येक लेन-देन का करीब छह प्रतिशत है।

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एफएआईएफए की वित्त मंत्री से अपील, तंबाकू को किसी भी अन्य कृषि उत्पाद की तरह माना जाए
Business एफएआईएफए की वित्त मंत्री से अपील, तंबाकू को किसी भी अन्य कृषि उत्पाद की तरह माना जाए

एफएआईएफए की वित्त मंत्री से अपील, तंबाकू को किसी भी अन्य कृषि उत्पाद की तरह माना जाए तंबाकू की फसल को किसी भी अन्य कृषि उत्पाद की तरह माना जाना चाहिए और भारत में कानूनी रूप से निर्मित तंबाकू उत्पादों पर कर बोझ इसके उत्पादकों पर बुरा प्रभाव डाल रहा है। अखिल भारतीय किसान संघों के महासंघ (एफएआईएफए) ने बुधवार को यह बात कही। अपनी बजट-पूर्व मांग में एफएआईएफए ने तंबाकू क्षेत्र के लिए निर्यातित उत्पादों पर लगाये गये कर के रिफंड (आरओडीटीईपी) लाभ का विस्तार किये जाने की भी मांग की। यह संगठन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और गुजरात में वाणिज्यिक फसलों के किसानों और कृषि श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है।

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वित्त मंत्रालय ने बैंकों से बीमा पॉलिसियां बेचने के लिए अनैतिक तरीकों से बचने को कहा
Business वित्त मंत्रालय ने बैंकों से बीमा पॉलिसियां बेचने के लिए अनैतिक तरीकों से बचने को कहा

वित्त मंत्रालय ने बैंकों से बीमा पॉलिसियां बेचने के लिए अनैतिक तरीकों से बचने को कहा वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को ग्राहकों को बीमा उत्पादों की बिक्री के लिए ‘अनैतिक व्यवहार’ पर रोक लगाने के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया है। लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं कि ग्राहकों को बीमा उत्पादों की बिक्री के लिए सही जानकारी नहीं दी जाती है। इसके मद्देनजर वित्त मंत्रालय ने यह कदम उठाया है।

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सितंबर तिमाही में सूक्ष्म वित्त कर्ज 11 फीसदी बढ़कर 71,916 करोड़ रुपये रहाः रिपोर्ट
Business सितंबर तिमाही में सूक्ष्म वित्त कर्ज 11 फीसदी बढ़कर 71,916 करोड़ रुपये रहाः रिपोर्ट

सितंबर तिमाही में सूक्ष्म वित्त कर्ज 11 फीसदी बढ़कर 71,916 करोड़ रुपये रहाः रिपोर्ट नयी दिल्ली। देश में सूक्ष्म-वित्त कर्ज चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में करीब 11 फीसदी बढ़कर 71,916 करोड़ रुपये हो गया जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 64,899 करोड़ रुपये था। उद्योग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क (एमएफआईएन) की ‘एमएफआईएन माइक्रोमीटर’ रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में कुल 1.

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वित्त मंत्रालय ने कहा कि सभी मंत्रालय, विभाग 15 साल से पुराने वाहनों को कबाड़ में दें
Business वित्त मंत्रालय ने कहा कि सभी मंत्रालय, विभाग 15 साल से पुराने वाहनों को कबाड़ में दें

वित्त मंत्रालय ने कहा कि सभी मंत्रालय, विभाग 15 साल से पुराने वाहनों को कबाड़ में दें वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों और विभागों को ‘सर्विसिंग’ किये जाने के लायक नहीं रहे 15 साल पुराने सभी वाहनों को कबाड़ में बदलने को कहा है। वित्त मंत्रालय के अतंर्गत आने वाला व्यय विभाग ने कार्यालय ज्ञापन में कहा कि प्रदूषण को कम करने और यात्री सुरक्षा तथा ईंधन दक्षता में सुधार के सरकार के व्यापक उद्देश्यों पर विचार करते हुए नीति आयोग और सड़क परिवहन मंत्रालय के परामर्श से 15 साल पुराने या ‘सर्विसिंग’ के लायक नहीं रहे वाहनों को लेकर मौजूदा प्रावधानों पर पुनर्विचार किया गया है। आधिकारिक ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘इसीलिए यह निर्णय किया गया है कि मंत्रालयों/विभागों के 15 साल पुराने या ‘सर्विसिंग’ के लायक नहीं रहे वाहनों को कबाड़ में ही बदला जाएगा।’’ इसमें कहा गया है कि ऐसे वाहनों को केवल पंजीकृत वाहन कबाड़ केंद्र पर ही निपटान किया जएगा। जो वाहन 15 साल पुराने हो चुके हैं, उनकी नीलामी नहीं की जाएगी। व्यय विभाग ने कहा कि ऐसे वाहनों को कबाड़ में बदलने की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी सड़क परिवहन मंत्रालय अलग से अधिसूचित करेगा।

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Parliament में बोलीं वित्त मंत्री, कुछ लोग देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था से जलते हैं, भारतीय रुपया मजबूत हुआ है
National Parliament में बोलीं वित्त मंत्री, कुछ लोग देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था से जलते हैं, भारतीय रुपया मजबूत हुआ है

Parliament में बोलीं वित्त मंत्री, कुछ लोग देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था से जलते हैं, भारतीय रुपया मजबूत हुआ है महंगाई और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर विपक्ष जबरदस्त तरीके से केंद्र सरकार पर हमलावर है। संसद का शीतकालीन सत्र भी चल रहा है। संसद में भी महंगाई और अर्थव्यवस्था के मुद्दे लगातार उठाई जा रही हैं। इन सब के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आज बड़ी बात कही है। निर्मला सीतारमण ने साफ तौर पर कहा है कि देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था से कुछ लोग जलते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम सब को इस पर गर्व होना चाहिए क्योंकि हमारे देश की अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि संसद में कुछ लोग देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था से जलते हैं। भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है लेकिन विपक्ष को इससे दिक्कत है।  इसे भी पढ़ें: सरकार ने व्यापार निकायों, बैंकों से अधिक देशों के साथ रुपये में व्यापार बढ़ाने को कहा

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Old Pension Scheme: हिमाचल के वित्त को बड़ी मुश्किल में डाल देगी ओल्ड पेंशन स्कीम? वित्त आयोग अध्यक्ष ने कही बड़ी  बात
Business Old Pension Scheme: हिमाचल के वित्त को बड़ी मुश्किल में डाल देगी ओल्ड पेंशन स्कीम? वित्त आयोग अध्यक्ष ने कही बड़ी बात

Old Pension Scheme: हिमाचल के वित्त को बड़ी मुश्किल में डाल देगी ओल्ड पेंशन स्कीम?

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पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा डिजिटल मुद्रा को अभी तय करना है लंबा सफर
Business पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा डिजिटल मुद्रा को अभी तय करना है लंबा सफर

पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा डिजिटल मुद्रा को अभी तय करना है लंबा सफर भारतीय रिजर्व बैंक ने बहुत सीमित उपयोग के लिये प्रायोगिक आधार पर सरल डिजिटल रुपये की शुरुआत की है और सही मायने में बलॉकचेन आधारित डिजिटल मुद्रा के उलट यह पारंपरिक बैंक खाते की ही तरह है, जिसमें लेन-देन को लेकर रुपये के स्थान पर डिजिटल टोकन का उपयोग किया जाएगा। वास्तव में केंद्रीय बैंक को पूर्ण डिजिटल मुद्रा को लेकर अभी लंबा रास्ता तय करना है। आरबीआई के प्रायोगिक तौर पर खुदरा डिजिटल रुपया शुरू किये जाने के साथ पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने यह बात कही है। उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था में मुद्रा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है लेकिन यह विकास का कोई प्राथमिक कारक नहीं है। डिजिटल व्यवस्था में सहज लोगों के लिये यह अच्छा है, लेकिन नकदी पर भरोसा करने वाले आम आदमी के लिये यह बहुत मायने नहीं रखता है। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने एक दिसंबर को पायलट यानी प्रायोगिक आधार पर खुदरा डिजिटल रुपया चार शहरों मुंबई, नयी दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया। ग्राहकों और कारोबारियों के बीच सीमित स्तर पर लेन-देन को लेकर फिलहाल चार बैंकों भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ इसकी शुरुआत की गयी है। इससे पहले, आरबीआई ने थोक आधार पर लेन-देन को लेकर (मुख्य रूप से सरकारी प्रतिभूतियों में लेन-देन के लिये) एक नवंबर को डिजिटल रुपये की शुरुआत की थी। आरबीआई के अनुसार, ग्राहक बैंकों द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाले अपने मोबाइल ऐप में डिजिटल वॉलेट के माध्यम से डिजिटल रुपये के लिए अनुरोध कर सकेंगे और संबंधित राशि उनके डिजिटल रुपया वॉलेट में जमा हो जाएगी। उपयोगकर्ता भाग लेने वाले बैंकों की तरफ से पेश किए गए डिजिटल वॉलेट के जरिये आपस में या खरीदारी के लिये लेन-देन कर सकते हैं। गर्ग ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) के बारे में पीटीआई-से कहा, ‘‘आरबीआई ने पायलट आधार पर बहुत सीमित उद्देश्य के साथ सरल डिजिटल रुपये की शुरुआत की है। ब्लॉकचैन आधारित सीबीडीसी के विपरीत, यह काफी हद तक पारंपरिक बैंक खाते की तरह काम करता है। जिसमें कागजी रुपये के स्थान पर केवल डिजिटल टोकन का उपयोग किया जाता है। पायलट आधार पर शुरू की गयी यह व्यवस्था किसी भी वास्तविक डिजिटल मुद्रा के करीब नहीं हैं।’’ डिजिटल मुद्रा से अर्थव्यवस्था और आम लोगों को होने वाले लाभ के बारे में पूछे जाने पर गर्ग ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था में मुद्रा की महत्वपूर्ण भूमिका है। लेकिन मूल्यवर्धन और वृद्धि के लिये यह कोई प्राथमिक कारक नहीं है। बहुत सारी चीजें हैं, जो वृद्धि को गति देती हैं।’’

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सीतारमण के साथ राज्यों के वित्त मंत्रियों ने किया बजट पर मंथन, कोष बढ़ाने की मांग
Business सीतारमण के साथ राज्यों के वित्त मंत्रियों ने किया बजट पर मंथन, कोष बढ़ाने की मांग

सीतारमण के साथ राज्यों के वित्त मंत्रियों ने किया बजट पर मंथन, कोष बढ़ाने की मांग केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ राज्यों के वित्त मंत्रियों ने शुक्रवार को अगले वित्त वर्ष के बजट पर मंथन किया। बजट पूर्व इस बैठक में राज्य के वित्त मंत्रियों ने और अधिक कोष मांग की है। साथ ही उन्होंने केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) को लागू करने में उनकी भूमिका बढ़ाने और खनिजों पर रॉयल्टी के भुगतान में वृद्धि की भी मांग की। अगले साल एक फरवरी को पेश होने वाले वित्त वर्ष 2023-24 के बजट पर विचार जानने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुलाई गई बैठक में राज्यों ने इन मुद्दों को उठाया। तमिलनाडु के वित्त मंत्री पी थियागा राजन ने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाएं राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता को बाधित कर रही हैं और कुछ योजनाओं में राज्य बड़ी राशि का योगदान करते हैं जो केंद्र के योगदान या हिस्सेदारी से अधिक है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सभी राज्यों ने चाहे वहां सरकार किसी भी दल कीक्यों न हो, इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता केंद्र प्रायोजित योजनाओं से काफी हद तक बाधित है।’’ राज्यों की मांग है कि उन्हें सीएसएस लागू करने में अधिक भूमिका के साथ लचीलापन भी होना चाहिए। बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं को सीमित किया जाना चाहिए। इन योजनाओं से राज्यों पर बोझ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र राज्यों की मदद करना चाहता है तो उसे केवल केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं को लागू करना चाहिए। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि उन्होंने राज्यों को दी जाने वाली पूंजीगत सहायता में वृद्धि की मांग की है। साथ ही एक ऐसी प्रणाली तैयार करने के लिए भी कहा है, जिसे सीधा जनसख्यां के साथ जोड़ा जाए। आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री एम बी राजेंद्रनाथ रेड्डी ने कहा कि उन्होंने पूंजीगत व्यय के लिए विशेष सहायता मांगी है। रेड्डी ने कहा, ‘‘हमने मांग की है कि राज्य के समर्थन वाली नवीकरणीय परियोजनाओं को हरित बॉन्ड वित्तपोषण योजना में शामिल किया जाए।’’ वहीं, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में बेहतर सड़क, रेल, हवाई संपर्क की मांग की है। वित्त मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे ठाकुर ने सेब की पैकेजिंग पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने का भी अनुरोध किया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र से राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए धन जारी करने को कहा है। हरियाणा सरकार की एक विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सरकार से हरियाणा को एक विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांग की। उन्होंने कहा है कि राज्य के 14 जिले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली-एनसीआर) के दायरे में आते हैं और बुनियादी ढांचे के निर्माण और रखरखाव पर बहुत सारे संसाधन खर्च करने पड़ते हैं।

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वित्त मंत्री ने राज्यों के मंत्रियों संग की बजट पूर्व परामर्श बैठक, फडणवीस ने दिया 5,900 करोड़ का प्रस्ताव, जयराम ठाकुर ने रखी ये मांग
Business वित्त मंत्री ने राज्यों के मंत्रियों संग की बजट पूर्व परामर्श बैठक, फडणवीस ने दिया 5,900 करोड़ का प्रस्ताव, जयराम ठाकुर ने रखी ये मांग

वित्त मंत्री ने राज्यों के मंत्रियों संग की बजट पूर्व परामर्श बैठक, फडणवीस ने दिया 5,900 करोड़ का प्रस्ताव, जयराम ठाकुर ने रखी ये मांग केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व परामर्श किया। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इन 5 वर्षों में हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से काफी मदद मिली है। हिमाचल में पर्यटन को बढ़ावा मिले उसके लिए कनेक्टिविटी को लेकर दिक्कत है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा प्रावधान किए जाए, इसके लिए मैंने आग्रह किया है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इसके अलावा हिमाचल की सेब की अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी है। सेब की पैकेजिंग में जीएसटी में जो बढ़ोतरी हुई है उसको कम करने की मैंने बात की है।

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वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘मध्यम-तेज’ गति से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था, घटेगी महंगाई
Business वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘मध्यम-तेज’ गति से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था, घटेगी महंगाई

वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘मध्यम-तेज’ गति से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था, घटेगी महंगाई वैश्विक स्तर पर मौद्रिक नीति में आक्रामक रुख के बावजूद व्यापक आर्थिक स्थिरता के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में ‘मध्यम-तेज’ रफ्तार से बढ़ने के लिए अच्छी स्थिति में है। वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि खरीफ की फसल की आवक के साथ आने वाले महीनों में मुद्रास्फीतिक दबाव कम होगा और साथ ही कारोबार की संभावनाओं में सुधार के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। मंत्रालय की ‘अक्टूबर 2022 के लिए मासिक आर्थिक समीक्षा’ रिपोर्ट में साथ ही आगाह किया गया है कि अमेरिका की सख्त मौद्रिक नीति ‘भविष्य का एक जोखिम’ है।

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वित्त राज्य मंत्री पाशा ने कहा कि पाकिस्तान को अब देनदारियों पर चूक का खतरा नहीं है
Business वित्त राज्य मंत्री पाशा ने कहा कि पाकिस्तान को अब देनदारियों पर चूक का खतरा नहीं है

वित्त राज्य मंत्री पाशा ने कहा कि पाकिस्तान को अब देनदारियों पर चूक का खतरा नहीं है पाकिस्तान की वित्त राज्यमंत्री ने कहा है कि अब देश के सामने देनदारियों में चूक का कोई खतरा नहीं है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया था कि नकदी संकट से जूझ रहे देश के समक्ष चूक का संकट है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ सात अरब डॉलर के कर्ज कार्यक्रम की नौंवी समीक्षा को लेकर औपचारिक वार्ता में विलंब हो रहा है। डॉन अखबार की खबर के मुताबिक वित्त एवं राजस्व राज्यमंत्री आईशा घॉस पाशा ने शुक्रवार को नेशनल एसेंबली में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ऐसी कोई आशंका नहीं है। जब सत्ता हमारे हाथ में आई थी (अप्रैल में) तब हमें चिंता सता रही थी क्योंकि तब आईएमएफ कार्यक्रम निलंबित था और बाहर से वित्त जुटाने के रास्ते बंद थे।’’ पाशा ने दावा किया कि सरकार ने कुछ कठिन फैसले लिए और आईएमएफ कार्यक्रम को पुनर्जीवित किया जिसके बाद हालात बेहतर हुए हैं।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार से बजट पूर्व बैठकें शुरू करेंगी
Business वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार से बजट पूर्व बैठकें शुरू करेंगी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार से बजट पूर्व बैठकें शुरू करेंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार, 21 नवंबर से बजट पूर्व बैठकें शुरू करेंगी। पारंपरिक रूप से वित्त मंत्री बजट से पहले विभिन्न पक्षों के साथ बैठक करते हैं। सीतारमण 21 नवंबर को उद्योग मंडलों, बुनियादी ढांचा क्षेत्र और पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ तीन समूहों में बैठक करेंगी। ये बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित की जाएंगी, जिसमें विभिन्न पक्षों से 2023-24 के आम बजट के लिए सुझाव मांगे जाएंगे। इस दौरान जलवायु परिवर्तन और बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

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तमिलनाडु के वित्त मंत्री ने कहा, जीएसटी व्यवस्था के कामकाज में सुधार की गुंजाइश
Business तमिलनाडु के वित्त मंत्री ने कहा, जीएसटी व्यवस्था के कामकाज में सुधार की गुंजाइश

तमिलनाडु के वित्त मंत्री ने कहा, जीएसटी व्यवस्था के कामकाज में सुधार की गुंजाइश तमिलनाडु के वित्त मंत्री पलानीवेल त्यागराजन ने सोमवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के कामकाज में सुधार की गुंजाइश है। उन्होंने टीआईओएल टैक्स कांग्रेस, 2022 में कहा कि इस बात पर ‘गंभीर चिंता’ है कि क्या जीएसटी.

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आईसीसी की वित्त और व्यावसायिक मामलों की समिति का प्रमुख हो सकता है बीसीसीआई का नामित
Cricket आईसीसी की वित्त और व्यावसायिक मामलों की समिति का प्रमुख हो सकता है बीसीसीआई का नामित

आईसीसी की वित्त और व्यावसायिक मामलों की समिति का प्रमुख हो सकता है बीसीसीआई का नामित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के बोर्ड में शामिल होने वाले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के प्रतिनिधि को वैश्विक क्रिकेट संस्था के वित्त और व्यावसायिक मामलों की समिति का प्रमुख बनाया जा सकता है। बीसीसीआई ने अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। सचिव जय शाह के आईसीसी बोर्ड में भारतीय प्रतिनिधि बनने की संभावना है। शाह हालांकि रोजर बिन्नी को भी बोर्ड में भेज सकते हैं और ऐसी स्थिति में वह मुख्य कार्यकारियों की समिति का हिस्सा बने रहेंगे। वित्त और व्यावसायिक मामलों की समिति आईसीसी की सभी उप समितियों में सबसे महत्वपूर्ण है और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली के इसका हिस्सा बनने से पहले बीसीसीआई का कोई प्रतिनिधि कई वर्षों तक इसका हिस्सा नहीं था। इस मामले की जानकारी रखने वाले आईसीसी के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘अगर जय आईसीसी बोर्ड में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व करते हैं तो वह स्वत: ही वित्त और व्यावसायिक मामलों की समिति का हिस्सा बन जाएंगे। लेकिन भारत लंबे समय से वित्त और व्यावसायिक मामलों की समिति का प्रमुख नहीं बना है और अब समिति का प्रमुख बनने की बीसीसीआई की बारी है।’’ शाह आईसीसी की वार्षिक बोर्ड बैठक के लिए अगले कुछ दिन में मेलबर्न पहुंचेंगे। बीसीसीआई के नव नियुक्त अध्यक्ष रोजर बिन्नी और आईपीएल अध्यक्ष अरूण धूमल के भी टी20 विश्व कप देखने के लिए ऑस्ट्रेलिया पहुंचने की उम्मीद है। यह देखना रोचक होगा कि आईसीसी की मुख्य कार्यकारियों की बैठक में कौन भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। परंपरा यह रही है कि बोर्ड अध्यक्ष आईसीसी बोर्ड का हिस्सा होता है जबकि सचिव मुख्य कार्यकारियों की समिति की बैठक में हिस्सा लेता है। वित्त और व्यावसायिक मामलों की समिति आईसीसी के वार्षिक बजट पर फैसला करती है। यही समिति राजस्व साझा करने के मॉडल, प्रायोजन और निश्चित चक्र में विभिन्न अधिकार करार पर फैसला करती है। जहां तक चेयरमैन पद का सवाल है तो न्यूजीलैंड के निवर्तमान चेयरमैन ग्रेग बारक्ले एक और कार्यकाल के प्रबल दावेदार हैं लेकिन एक और उम्मीदवार ने नामांकन भरा है। सदस्यों ने दूसरे उम्मीदवार को लेकर चुप्पी साध रखी है लेकिन समझा जाता है कि वह जिंबाब्वे क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख तेवेंग्वा मुखुलानी या सिंगापुर के इमरान ख्वाजा हो सकते हैं। गांगुली आईसीसी क्रिकेट समिति में बने रह सकते हैं क्योंकि यह तीन साल का कार्यकाल है।

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