India-Australia Free Trade Agreement | भारत-ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार करार से परिधान निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगा
Business India-Australia Free Trade Agreement | भारत-ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार करार से परिधान निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगा

India-Australia Free Trade Agreement | भारत-ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार करार से परिधान निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगा नयी दिल्ली। भारत-ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत सीमा शुल्क का लाभ मिलने से भारतीय परिधान निर्यातकों को अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में उस देश में अधिक बाजार पहुंच कायम करने में मदद मिलेगी। परिधान निर्यात संवर्द्धन परिषद (एईपीसी) ने मंगलवार को यह बात कही। यह समझौता 29 दिसंबर से लागू हो रहा है। एईपीसी के उपाध्यक्ष सुधीर सेखरी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया दक्षिणी गोलार्ध में, कपड़ों का सबसे बड़ा आयातक है। इसे भी पढ़ें: बिजली क्षेत्र में कुशल कार्यबल तैयार करने के लिये टाटा पावर डीडीएल ने किया समझौताजहां ऑस्ट्रेलिया में परिधान के आयात में चीन की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत से अधिक की है, वहीं भारत की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत से भी कम है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत-ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए (आर्थिक सहयोग और व्यापार करार) के लागू होने के साथ भारत को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में आयात के लिए वियतनाम और इंडोनेशिया के मुकाबले मामूली शुल्क लाभ होगा।’’

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जी20 में भारत की अध्यक्षता के साथ शुरू होगा साइंस-20
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जी20 में भारत की अध्यक्षता के साथ शुरू होगा साइंस-20 बीस देशों के अंतर-सरकारी और अंतरराष्ट्रीय मंच जी20 में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। औद्योगिक और विकासशील दोनों देशों के इस संघ का मुख्य फोकस वैश्विक अर्थव्यवस्था के गवर्नेंस पर रहा है। हालाँकि, पिछले कई वर्षों से जी20 देशों का समूह जलवायु परिवर्तन के शमन और सतत् विकास जैसी अन्य वैश्विक चुनौतियों के समाधान की दिशा में काम कर रहा है। इस कड़ी में, जी20 के कई कार्यकारी समूहों की स्थापना की गई है, जिनमें साइंस-20 (एस20) शामिल है।   जी20, एस20 और इसके जैसे अन्य कार्यसमूहों की अध्यक्षता वर्ष 2023 में भारत के पास रहेगी। वर्ष 2023 के लिए एस20 का विषय "

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Stock Market Update: सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय सूचकांकों में तेजी के साथ बंद, रुपया हुआ मजबूत
Business Stock Market Update: सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय सूचकांकों में तेजी के साथ बंद, रुपया हुआ मजबूत

Stock Market Update: सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय सूचकांकों में तेजी के साथ बंद, रुपया हुआ मजबूत आज भारतीय बाजार की शुरूआत फ्लैट हुई । चीन द्वारा अपने कोविड प्रतिबंधों को वापस लेने के का सकारात्मक असर घरेलू शेयर बाजार पर दिखाई दिया। सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय सूचकांकों में तेजी जारी रही। फिलहाल सेंसेक्‍स में 361.

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विदेश में रह रहे भारतीय मूल के नागरिक भारत के आर्थिक विकास को गति देने में दे रहे अपना योगदान
Currentaffairs विदेश में रह रहे भारतीय मूल के नागरिक भारत के आर्थिक विकास को गति देने में दे रहे अपना योगदान

विदेश में रह रहे भारतीय मूल के नागरिक भारत के आर्थिक विकास को गति देने में दे रहे अपना योगदान अभी हाल ही में विश्व बैंक ने एक प्रतिवेदन जारी कर बताया है कि विदेशों में रह रहे भारतीयों द्वारा वर्ष 2022 में 10,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि का  विप्रेषण  भारत में किए जाने की सम्भावना है जो पिछले वर्ष 2021 में किए गए 8,940 करोड़ अमेरिकी डॉलर के विप्रेषण की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है। पूरे विश्व में विभिन्न देशों द्वारा विप्रेषण के माध्यम से प्राप्त की जा रही राशि की सूची में भारत का प्रथम स्थान बना हुआ है। इतनी भारी भरकम राशि में अमेरिका, इंग्लैंड एवं सिंगापुर में रह रहे भारतीयों द्वारा किया जाने वाला विप्रेषण भी शामिल है। इन तीनों देशों का योगदान वर्ष 2016 से 2021 के बीच 26 प्रतिशत से बढ़कर 36 प्रतिशत हो गया है। जबकि गल्फ कोआपरेशन काउन्सिल (जीसीसी) देशों का योगदान इस अवधि में 54 प्रतिशत से घटकर 28 प्रतिशत हो गया है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि अब भारतीय मूल के नागरिक अमेरिका, इंग्लैंड एवं सिंगापुर सहित अन्य कई विकसित देशों में डॉक्टर, इंजिनीयर एवं सायंटिस्ट जैसे उच्च शिक्षा प्राप्त एवं उच्च कौशल के  पदों पर कार्य कर रहे हैं, जहां आज भारतीयों को अधिकतम वेतन प्राप्त हो रहा है। जबकि पूर्व में अधिकतम भारतीय गल्फ कोआपरेशन काउन्सिल देशों में ब्लू कॉलर जॉब करते रहे हैं, जहां तुलनात्मक रूप से बहुत कम वेतन प्राप्त होता रहा है। इसी कारण के चलते अब अधिकतर भारतीय गल्फ देशों की तुलना में विकसित देशों की ओर अधिक मात्रा में आकर्षित हो रहे हैं। पहिले जहां भारत में सबसे अधिक विप्रेषित राशि यूनाइटेड अरब अमीरात से प्राप्त होती थी वहीं अब सबसे अधिक विप्रेषित राशि अमेरिका से प्राप्त हो रही है। आज अनिवासी भारतीयों की सूची में सूचना प्रौद्योगिकी जैसे तकनीकी क्षेत्र में कार्य करने वाले भारतीयों की संख्या अमेरिका एवं यूरोप के देशों में तेजी से बढ़ती जा रही है, इस वर्ग को तुलनात्मक रूप से अधिक वेतन की राशि प्राप्त होती है जिसके चलते भारतीयों का यह वर्ग विप्रेषण भी अधिक राशि का करता है।  भारत में विप्रेषित की जाने वाली राशि में अत्यधिक वृद्धि के कारकों में भारतीय रुपए का अमेरिकी डॉलर की तुलना में हो रहा अवमूल्यन भी शामिल है। क्योंकि इससे भारतीय नागरिकों को डॉलर की तुलना में रुपए में अधिक राशि का विप्रेषण होता है। मान लीजिए एक अमेरिकी डॉलर की बाजार में कीमत 75 रुपए है और यदि यह बढ़कर 82 रुपए प्रति अमेरिकी डॉलर हो जाती है और ऐसी स्थिति में अमेरिका में रह रहा भारतीय यदि अपने परिवार को 1000 अमेरिकी डॉलर की राशि का विप्रेषण करता है तो उसके भारतीय परिवार को रुपए 75000 के स्थान पर रुपए 82000 प्राप्त होंगे। इस प्रकार रुपए के अवमूल्यन की स्थिति में भारतीय परिवार को अधिक राशि प्राप्त होती है।  भारत को यदि विदेशों में रह रहे भारतीयों द्वारा विप्रेषण के माध्यम से अधिक राशि भेजी जा रही है तो इससे भारत की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत हो रही है क्योंकि इससे भारत में विदेशी मुद्रा का भंडार लगातार बढ़ रहा है, जो कि भारतीय रुपए को अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता प्रदान करने में मददगार साबित हो रहा है एवं भारत में अर्थव्यवस्था को गति एवं मजबूती प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो रहा है। साथ ही इससे भारत में नया निवेश बढ़ रहा है एवं जिससे यहां रोजगार के नए अवसर निर्मित हो रहे हैं। इस प्रकार भारत से बाहर रह रहे भारतीय मूल के नागरिकों द्वारा भी भारत के आर्थिक विकास में अपना अतुलनीय योगदान दिया जा रहा है।इसे भी पढ़ें: विकास के मोर्चे पर अमेरिका-चीन की नकल नहीं करे भारत, अन्यथा बढ़ेंगी उलझनेंभारत में लगातार तेज गति से हो रहे आर्थिक विकास के चलते भी भारतीयों का अन्य देशों विशेष रूप से विकसित देशों की ओर रुझान, अपने व्यवसाय को विदेशों में विस्तार देने,  उच्च शिक्षा प्राप्त करने, विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में उच्च पदों पर रोजगार प्राप्त करने एवं परिवार सहित विदेशों में घूमने जाने के उद्देश्य से, लगातार बढ़ता जा रहा है। इस संदर्भ में केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी किए गए आंकड़े सचमुच में चौंकाते हैं।  आज लाखों भारतीय विदेशों में उच्च शिक्षा एवं उच्च कौशल युक्त क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त करने एवं अपना व्यवसाय प्रारम्भ करने के उद्देश्य से विकसित देशों की ओर रूख कर रहे हैं क्योंकि इन देशों में इन भारतीयों को तुलनात्मक रूप से बहुत अधिक वेतन प्राप्त हो रहा है। वर्ष 2019 में 25,25,328 भारतीय, वर्ष 2020 में 7,15,733 भारतीय; वर्ष 2021 में 8,33,880 भारतीय; वर्ष 2022 में (31 अक्टोबर तक) 21,43,873 भारतीय रोजगार प्राप्त करने के उद्देश्य से भारत से बाहर अर्थात विदेशों में चले गए हैं। साथ ही, वर्ष 2019 में 14,67,537 भारतीय; वर्ष 2020 में 2,65,433 भारतीय; वर्ष 2021 में 1,26,611  भारतीय एवं वर्ष 2022 में (31 अक्टोबर तक) 4,64,275 भारतीय अपना व्यवसाय प्रारम्भ करने अथवा अपने वर्तमान व्यवसाय को विस्तार देने के उद्देश्य से विकसित देशों में चले गए हैं। जहां पिछले कुछ वर्षों तक अधिकतम भारतीय ब्लू कॉलर रोजगार प्राप्त करने के उद्देश्य से यूनाइटेड अरब अमीरात की ओर जाते थे वहीं अब सबसे अधिक भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा एवं साइंस जैसे उच्च कौशल के क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त करने के उद्देश्य से अमेरिका एवं अन्य विकसित देशों की ओर जा रहे हैं। वर्ष 2020 में ओईसीडी (ऑर्गनायजेशन फोर इकोनोमिक कोआपरेशन एवं डेवलपमेंट) ने एक प्रतिवेदन जारी कर बताया था कि ओईसीडी समूह के सदस्य देशों में उच्च कुशलता प्राप्त भारतीयों की संख्या इन देशों में आज सबसे अधिक है एवं आज इन देशों में 30 लाख से अधिक भारतीय मूल के नागरिक कार्य कर रहे हैं। ओईसीडी समूह में आज अमेरिका, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, कनाडा, फ़्रान्स, जर्मनी, नीदरलैण्ड सहित 38 विकसित देश शामिल हैं।  प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में भारतीय छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से भी विकसित देशों में जा रहे हैं। वर्ष 2019 में 5,86,329 भारतीय छात्र; वर्ष 2020 में 2,59,644 भारतीय छात्र; वर्ष 2021 में 4,44,574 भारतीय छात्र एवं वर्ष 2022 में (31 अक्टूबर तक) 6,48,678 भारतीय छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से विशेष रूप से विकसित देशों में गए हैं।  देश में लगातार तेज गति से हो रहे आर्थिक विकास के चलते कई भारतीयों की आर्थिक स्थिति में इतना अधिक सुधार हुआ है कि वे सपरिवार कई विकसित देशों की पर्यटन की दृष्टि से यात्रा पर जाने लगे हैं। वर्ष 2019 में 252,71,965 भारतीयों ने अन्य देशों की यात्रा की है, कोरोना महामारी के चलते यह संख्या वर्ष 2020 में 66,25,080 एवं वर्ष 2021 में 77,24,864 पर आकर कम हो गई थी परंतु वर्ष 2022 में (31 अक्टोबर तक) पुनः तेजी से बढ़कर 183,12,602 हो गई है। विकसित देशों की यात्रा के दौरान ये भारतीय वहां रह रहे नागरिकों के रहन सहन के स्तर एवं बहुत आसान जीवन शैली से बहुत अधिक प्रभावित होते हैं एवं इन देशों की ओर आकर्षित होते हैं। भारत में आने के बाद ये परिवार लगातार यह प्रयास करना शुरू कर देते हैं कि किस प्रकार इनके बच्चों को इन विकसित देशों में रोजगार प्राप्त हों और मौका मिलते ही अर्थात रोजगार प्राप्त होते ही कई भारतीय इन विकसित देशों में बसने की दृष्टि से चले जाते हैं।  दरअसल वैश्वीकरण के इस युग में पूरा विश्व ही एक गांव के रूप में विकसित हो रहा है। समस्त देश एक तरह से आपस में जुड़ से गए हैं। इन विकसित देशों में रह रहे वहां के मूल नागरिकों का भारतीय मूल के नागरिकों पर विश्वास भी बढ़ता जा रहा है, क्योंकि भारतीय मूल के नागरिकों का चाल चलन, जो भारत की महान सनातन संस्कृति का अनुसरण करता हुआ दिखाई देता है, को देखकर भी इन देशों के मूल नागरिक भारतीय मूल के नागरिकों से बहुत प्रभावित हो रहे हैं एवं आसानी से भारतीय मूल के नागरिकों को इन देशों में उच्च पदों पर आसीन कर रहे हैं। एक तो उच्च शिक्षा प्राप्त, दूसरे उच्च कौशल प्राप्त एवं तीसरे भारतीय सनातन संस्कृति का अनुसरण, इन तीनों विशेषताओं के साथ भारतीय मूल के नागरिक विशेष रूप से विकसित देशों में अपना विशेष स्थान बनाने में लगातार कामयाब हो रहे हैं।    

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Indian-American समुदाय ने मनाया ‘वीर बाल दिवस’
International Indian-American समुदाय ने मनाया ‘वीर बाल दिवस’

Indian-American समुदाय ने मनाया ‘वीर बाल दिवस’ वाशिंगटन। भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने यहां पहला ‘वीर बाल दिवस’ मनाया और 10वें सिख गुरु गोबिंद सिंह के चार साहिबजादों के बलिदानों को याद किया। गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहादत दिवस को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने अपने धर्म की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। इस साल नौ जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।

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अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन 10 जनवरी से जयपुर में
National अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन 10 जनवरी से जयपुर में

अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन 10 जनवरी से जयपुर में लोकसभा और देश की विभिन्‍न राज्‍यों की विधानसभाओं के पीठासीन अधिकारियों व सचिवों का सम्मेलन 10 से 13 जनवरी तक राजस्‍थान विधानसभा में होगा। सोमवार को यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में इस सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा की गई। राजस्‍थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ.

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ठाकुर ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए तैयार होगा
National ठाकुर ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए तैयार होगा

ठाकुर ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए तैयार होगा केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने के लिए तैयार होगा। ओलंपिक खेलों को भारत में आयोजित किये जाने की संभावना के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में ठाकुर ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘भारत में सब कुछ संभव है। और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत किसी भी बड़े आयोजन के लिए तैयार है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘जी-20 की अध्यक्षता ही अपने आप में यह संदेश देती है कि भारत नई ऊंचाइयों पर है। नए भारत के निर्माण में मोदी जी लगे हुए हैं और उसमें खेलों की बड़ी भूमिका है।’’ ठाकुर ने कहा, ‘‘वह दिन दूर नहीं जब भारत ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने के लिए तैयार होगा।’’ उनसे सवाल किया गया था कि देश पहले ही एशियाड और राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी कर चुका है, तो क्या भारत में ओलंपिक के आयोजन की संभावना है और क्या उस स्तर की अधोसंरचना भारत में है कि ओलंपिक खेल का आयोजन हो सके। ठाकुर ने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में उपलब्ध खेल सुविधाओं की प्रशंसा की। वह यहां मध्यप्रदेश शिखर खेल अलंकरण समारोह में भाग लेने आये हुए थे। ठाकुर ने इस अवसर पर 30 जनवरी से 11 फरवरी 2023 तक मध्यप्रदेश में होने वाले पांचवें खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022 का प्रतीक चिह्न का अनावरण किया। इस समारोह में शामिल होने से पहले उन्होंने यहां घुड़सवारी अकादमी, निशानेबाजी अकादमी, जल खेल अकादमी, टीटी नगर स्टेडियम और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) का भी निरीक्षण किया।

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चंद्रशेखरन ने कहा कि भारत बेहतर स्थिति में, सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा
Business चंद्रशेखरन ने कहा कि भारत बेहतर स्थिति में, सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा

चंद्रशेखरन ने कहा कि भारत बेहतर स्थिति में, सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा है कि भारत अगले साल तेजी से आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बने रहने के लिये बेहतर स्थिति में है। दूसरी तरफ वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर महामारी और वैश्विक वित्तीय संकट को छोड़कर इस सदी की शुरूआत से सबसे नीचे रह सकती है। चंद्रशेखरन ने टाटा समूह के करीब 9.

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रिपोर्ट कहती है कि ज्यादातर भारतीय कर्मचारी अपने काम के घंटों में लचीलापन चाहते हैं
Business रिपोर्ट कहती है कि ज्यादातर भारतीय कर्मचारी अपने काम के घंटों में लचीलापन चाहते हैं

रिपोर्ट कहती है कि ज्यादातर भारतीय कर्मचारी अपने काम के घंटों में लचीलापन चाहते हैं कर्मचारियों का एक बड़ा प्रतिशत अपने कामकाजी जीवन में अधिक लचीलापन चाहता है। इसके लिए वह कुछ ‘समझौता’ करने को भी तैयार है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। एडीपी रिसर्च इंस्टिट्यूट के ‘पीपल एट वर्क 2022: ए ग्लोबल वर्कफोर्स व्यू’ के तहत 17 देशों में लगभग 33,000 कर्मचारियों के बीच यह सर्वे किया गया। इसमें 10 में से सात से ज्यादा कर्मचारियों ने अपने कामकाजी घंटों में अधिक लचीलेपन की मांग की। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में, 76.

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वर्ष 2022 में हॉकी: भारतीय महिला टीम ने बिखेरी चमक
Sports वर्ष 2022 में हॉकी: भारतीय महिला टीम ने बिखेरी चमक

वर्ष 2022 में हॉकी: भारतीय महिला टीम ने बिखेरी चमक भारतीय हॉकी के लिए वर्ष 2022 का साल भी अच्छा रहा लेकिन महिला टीम ने राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक के रूप में 16 साल बाद पदक हासिल करके पुरुष टीम की तुलना में थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय पुरुष और महिला टीमों ने पदक हासिल किए। भारतीय पुरुष टीम ने जहां रजत पदक जीता वहीं महिला टीम 16 साल बाद पोडियम पर पहुंचने में सफल रही। भारतीय महिला टीम ने मैनचेस्टर राष्ट्रमंडल खेल 2002 में स्वर्ण पदक और इसके चार साल बाद मेलबर्न में रजत पदक जीता था। भारतीय महिला टीम ने गोल्ड कोस्ट 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन न्यूजीलैंड को पेनल्टी शूटआउट में 2-1 से हराकर पदक हासिल किया। साल के आखिर में महिला टीम ने वैलेंसिया में एफआईएच नेशंस कप जीतकर साबित किया कि राष्ट्रमंडल खेलों का पदक महज संयोग नहीं था। महिला टीम नेशंस कप में अजेय रही तथा खिताब जीतकर उसने प्रो लीग में भी जगह बनाई। महिला टीम 2021-22 के सत्र में प्रो लीग में तीसरे स्थान पर रही थी लेकिन वह 2022-23 के सत्र में इस में जगह नहीं बना पाई थी।

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नजम सेठी ने कहा कि टीम को भारत भेजने का फैसला सरकार के स्तर पर लिया जाएगा
Cricket नजम सेठी ने कहा कि टीम को भारत भेजने का फैसला सरकार के स्तर पर लिया जाएगा

नजम सेठी ने कहा कि टीम को भारत भेजने का फैसला सरकार के स्तर पर लिया जाएगा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के नये अध्यक्ष नजम सेठी ने सोमवार को यहां कहा कि अगले साल भारत में होने वाले एकदिवसीय विश्व कप के लिए पाकिस्तान टीम भेजने का फैसला सरकार के स्तर पर लिया जाएगा। सेठी के पूर्ववर्ती रमीज राजा ने धमकी दी थी कि अगर भारत एशिया कप के लिए पाकिस्तान नहीं आया तो उनका देश विश्व कप से हटने पर विचार करेगा, सेठी से जब इस धमकी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘अगर सरकार कहती है कि भारत मत जाओ तो हम नहीं जायेंगे।’’

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कोलकाता हवाई अड्डे पर एक विदेशी और भारतीय कोविड-19 से संक्रमित पाए गए
National कोलकाता हवाई अड्डे पर एक विदेशी और भारतीय कोविड-19 से संक्रमित पाए गए

कोलकाता हवाई अड्डे पर एक विदेशी और भारतीय कोविड-19 से संक्रमित पाए गए एक ब्रिटिश नागरिक और विदेश से आने वाले एक भारतीय को कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रैपिड एंटीजन जांच के बाद कोविड-19 से संक्रमित होने का संदेह था। पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि करीब 42 साल की ब्रिटिश महिला को यहां के बेलियाघाटा में सरकारी संक्रामक रोग और बेलेघाटा जनरल अस्पताल के एक पृथक-केंद्र सें स्थानांतरित किया गया है। पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के कल्याणी में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स में जीनोम अनुक्रमण के लिए उसका नमूना भेजा गया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह कोरोनो वायरस के उपस्वरूप बीएफ.

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भारत और चीन ने प्रचंड को नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त होने पर बधाई दी
International भारत और चीन ने प्रचंड को नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त होने पर बधाई दी

भारत और चीन ने प्रचंड को नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त होने पर बधाई दी भारत और चीन ने सोमवार को नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड को बधाई दी। प्रचंड (68) ने आश्चर्यजनक रूप से देउबा की पार्टी नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले पांच दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग होकर रविवार को राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित समय सीमा समाप्त होने से पहले सरकार गठन का दावा पेश किया था, जिसके बाद राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया। प्रचंड सोमवार को तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।

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द्विपक्षीय मुद्दे लंबित रहने के बावजूद अगले साल और मजबूत हो सकते हैं बांग्लादेश-भारत संबंध
International द्विपक्षीय मुद्दे लंबित रहने के बावजूद अगले साल और मजबूत हो सकते हैं बांग्लादेश-भारत संबंध

द्विपक्षीय मुद्दे लंबित रहने के बावजूद अगले साल और मजबूत हो सकते हैं बांग्लादेश-भारत संबंध भारत और बांग्लादेश के बीच नदी जल के बंटवारे जैसे कुछ मुद्दे लंबित रहने के बावजूद 2023 में दोनों देशों के संबंध और मजबूत होने की संभावना है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के अनुसार, बातचीत के माध्यम से इसे मुद्दे का भी समाधान निकाला जा सकता है। बांग्लादेश-भारत के संबंध बहुआयामी प्रकृति के हैं और ये साझा इतिहास, भौगोलिक निकटता तथा संस्कृतियों में समानता पर आधारित हैं। वर्ष 1971 में बांग्लादेश की मुक्ति के लिए भारत के योगदान से उत्पन्न भावनात्मक बंधन देश के राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने में एक प्रमुख कारक बना हुआ है। पड़ोसी होने के नाते भारत के साथ बांग्लादेश के संबंध उसकी राजनीतिक तथा आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। दोनों पड़ोसी देश द्विपक्षीय रूप से जुड़े हुए हैं और कुछ पश्चिमी देशों के विपरीत, भारत आमतौर पर सार्वजनिक रूप से बांग्लादेश की घरेलू राजनीति पर टिप्पणी करने से परहेज करता है। पूर्व राजनयिक और वर्तमान में गैर-सरकारी संस्था बांग्लादेश एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के संचालक हुमायूं कबीर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि भौगोलिक वास्तविकता और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को देखते हुए दोनों देशों के हित में उनके संबंध अच्छे रहने की संभावना है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि सीओपी समझौते के बाद भारत को राष्ट्रीय लक्ष्यों को संरेखित करने की जरूरत है
International विशेषज्ञों का कहना है कि सीओपी समझौते के बाद भारत को राष्ट्रीय लक्ष्यों को संरेखित करने की जरूरत है

विशेषज्ञों का कहना है कि सीओपी समझौते के बाद भारत को राष्ट्रीय लक्ष्यों को संरेखित करने की जरूरत है संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन सीओपी15 में प्रकृति की रक्षा के लिए यहां पिछले हफ्ते ऐतिहासिक समझौता होने के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के लिए अब प्रमुख चुनौती वैश्विक जैव विविधता रूपरेखा (जीबीएफ) के साथ राष्ट्रीय लक्ष्यों का तालमेल बिठाना और सभी स्तरों पर क्षमता निर्माण के लिए प्रभावी उपाय करना है। जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन सीओपी15 (15वीं कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़)सफलतापूर्वक संपन्न हो गया जिसमें भारत सहित लगभग 200 देशों ने प्रकृति की सुरक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र के नुकसान की भरपाई के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते की राह आसान नहीं रही क्योंकि इसे चार साल तक चली गहन माथापच्ची के बाद इस सम्मेलन में अंजाम तक पहुंचाया गया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने किया। उनके साथ सरकारी अधिकारियों की एक टीम थी। यादव ने कहा कि भारत ने सीओपी अध्यक्ष और जैविक विविधता संधि सचिवालय के साथ जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखा।उन्होंने कहा, विश्व स्तर पर सभी लक्ष्यों और उद्देश्यों को रखने के भारत के सुझावों को अन्य प्रस्तावों के साथ स्वीकार कर लिया गया। पर्यावरण के लिए जीवन शैली (लाइफ) के वास्ते भारत की वकालत, और सामान्य लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं को जीबीएफ में जगह मिली। पिछले साल ग्लासगो में सीओपी26 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘लाइफ’ पहल की शुरुआत की गई थी। इस पहल में पर्यावरण संरक्षण के लिए संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करने की बात कही गई है। राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) के पूर्व प्रमुख विनोद माथुर ने सहमति जताते हुए कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने विकासशील दक्षिण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर आम सहमति बनाने में खासा योगदान किया। वास्तव में, जैव विविधता के मामले में समृद्ध अधिकतर देश एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच स्थित हैं। चीन की मध्यस्थता वाला समझौता भूमि, महासागरों और प्रजातियों को प्रदूषण, क्षरण एवं जलवायु परिवर्तन से बचाने पर केंद्रित है। जीबीएफ का लक्ष्य 2030 तक 30 प्रतिशत भूमि, अंतर्देशीय जल और महासागरीय पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण करना है। भारत पहले से ही 113 से अधिक देशों के समूह-उच्च महत्वाकांक्षा गठबंधन (एचएसी) का सदस्य है, जिसका उद्देश्य 2030 तक दुनिया के 30 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र को संरक्षण के दायरे में लाना है। विशेषज्ञों का कहना है कि सीओपी15 सम्मेलन में जैव विविधता को बचाने के लिए ऐतिहासिक सौदे के हिस्से के रूप में अपनाए गए ‘डीएसआई’ के जरिए प्रौद्योगिकी कंपनियों जैसे उपयोगकर्ताओं से भारत जैसे देशों के लिए धन का प्रवाह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। एनबीए सचिव जस्टिन मोहन ने कहा, डीएसआई के वास्तविकता बनने के साथ ही, जैव विविधता से समृद्ध विकासशील देशों को अपनी जैव विविधता के संरक्षण के लिए धन मिलने से लाभ होगा। यह उन मूल समुदायों की मदद करेगा जो जैव विविधता का संरक्षण करते हैं और पारंपरिक ज्ञान से जुड़े हैं।” डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के नीति अनुसंधान और विकास प्रमुख गुइडो ब्रोखोवेन ने कहा कि डीएसआई वास्तव में संरक्षण पर अधिक महत्वाकांक्षी प्रयासों को वित्तपोषित कर भारत को लाभान्वित करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि संरक्षण के इन बढ़ते प्रयासों से संबंधित जैव विविधता वित्त में वृद्धि होगी।’’ ब्रोखोवेन ने उल्लेख किया कि जीबीएफ के लक्ष्य और उद्देश्यों की प्रकृति वैश्विक है। उन्होंने कहा, भारत सहित देशों को अब इन्हें अपनी राष्ट्रीय योजनाओं के माध्यम से राष्ट्रीय लक्ष्यों और उद्देश्यों में बदलने की आवश्यकता है।

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नेपाल में नयी सरकार बनने के बाद राजनीतिक विश्लेषकों ने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया
International नेपाल में नयी सरकार बनने के बाद राजनीतिक विश्लेषकों ने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया

नेपाल में नयी सरकार बनने के बाद राजनीतिक विश्लेषकों ने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यहां सत्ता में कोई भी सरकार क्यों न आये, सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक नजदीकी के चलते नेपाल और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाये रखने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने नेपाल के नये प्रधानमंत्री के रूप में सोमवार को शपथ ली। भारत में नेपाल के राजदूत रह चुके नीलांबर आचार्य ने कहा कि नयी सरकार को भारत के साथ सौहार्द्रपूर्ण संबंध बनाये रखने की जरूरत है, हालांकि हर शासन की कार्य शैली में अंतर हो सकते हैं। प्रचंड (68) को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने नेपाल का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। प्रचंड ने निवर्तमान प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की पार्टी नेपाली कांग्रेस नीत पांच दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन को अचानक छोड़ दिया और राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित समय सीमा रविवार को समाप्त होने से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए दावा पेश कर दिया था। प्रचंड ने प्रधानमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ ली है। आचार्य ने कहा, ‘‘बेशक, भारत के साथ हमारी कुछ समस्याएं हैं और इस तरह के मुद्दे से निपटने की मौजूदा सरकार की शैली पूर्ववर्ती सरकार से अलग हो सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सीमा विवाद सहित इन सभी मुद्दों को राजनयिक माध्यमों से हल किये जाने की जरूरत है।’’ पूर्व राजनयिक ने कहा, ‘‘कभी-कभी हमें विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों से निपटने में खुली कूटनीति को आगे बढ़ाने की जरूरत होगी।’’ प्रचंड और सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली शनिवार तक एक दूसरे के कटु आलोचक थे। हालांकि, उन्होंने रविवार को सत्ता-साझेदारी के लिए आपस में हाथ मिला लिया। काठमांडू में अचानक हुए इस राजनीतिक घटनाक्रम का असर भारत-नेपाल संबंध के लिए अच्छा नहीं हो सकता है क्योंकि प्रचंड और उनके मुख्य समर्थक ओली का अतीत में भू-भाग के मुद्दे को लेकर नयी दिल्ली के साथ कुछ गतिरोध रहा है। प्रचंड को व्यापक रूप से चीन समर्थक माना जाता है।

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कोहरे और शीत लहर की चपेट में उत्तर भारत, ट्रेनों की आवाजाही पर पड़ रहा असर
National कोहरे और शीत लहर की चपेट में उत्तर भारत, ट्रेनों की आवाजाही पर पड़ रहा असर

कोहरे और शीत लहर की चपेट में उत्तर भारत, ट्रेनों की आवाजाही पर पड़ रहा असर नयी दिल्ली। देश के उत्तर और उत्तर पश्चिम के कुछ हिस्सों में सोमवार को कहीं घने और कहीं बहुत घने कोहरे की चादर छायी रही तथा दृश्यता घटने के कारण इन क्षेत्रों में ट्रेनों के आवागमन में भी देरी हुई। कई कस्बों और शहरों में तापमान में गिरावट के साथ क्षेत्र में भीषण शीत लहर चली। दिल्ली में घने कोहरे के कारण कुछ इलाकों में दृश्यता घटकर 50 मीटर रह गई, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ। रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि 10 ट्रेन 1.

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अब्दुल बारी सिद्दीकी को नित्यानंद राय का जवाब, कहा- भारत में अन्य जगहों की तुलना में अल्पसंख्यक अधिक सुरक्षित
National अब्दुल बारी सिद्दीकी को नित्यानंद राय का जवाब, कहा- भारत में अन्य जगहों की तुलना में अल्पसंख्यक अधिक सुरक्षित

अब्दुल बारी सिद्दीकी को नित्यानंद राय का जवाब, कहा- भारत में अन्य जगहों की तुलना में अल्पसंख्यक अधिक सुरक्षित पटना। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सोमवार को कहा कि देश में सभी अल्पसंख्यक समूह दुनिया के अन्य जगहों के मुकाबले कहीं ज्यादा सुरक्षित हैं। बिहार में भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान राय ने उक्त बात राजद के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी की एक हालिया टिप्पणी के जवाब में कही, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘देश में माहौल’’ के कारण वह चाहते हैं कि उनके बच्चे विदेश में ही बस जाएं। राय ने कहा कि सभी अल्पसंख्यक समूह जिसमें सिद्दीकी जिस ओर इशारा कर रहे हैं, वे भी शामिल हैं, दुनिया में कहीं और से ज्यादा देश में सुरक्षित हैं।

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India आने से पहले ही Sunny Leone को मिल गई थी जान से मारने की धमकी, सालों बाद अभिनेत्री ने किया खुलासा
Bollywood India आने से पहले ही Sunny Leone को मिल गई थी जान से मारने की धमकी, सालों बाद अभिनेत्री ने किया खुलासा

India आने से पहले ही Sunny Leone को मिल गई थी जान से मारने की धमकी, सालों बाद अभिनेत्री ने किया खुलासा अभिनेत्री सनी लियोनी बॉलीवुड के बाद अब साउथ फिल्म इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाने को तैयार है। अभिनेत्री जल्द ही तमिल फिल्म 'ओह माय घोस्ट' में नजर आने वाली हैं। यह फिल्म 30 दिसंबर को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है, इसलिए सनी इन दिनों इसके प्रचार में व्यस्त है। हाल ही में अभिनेत्री फिल्म के प्रचार करने मीडिया ऑउटलेट गलाटा प्लस के मंच पर पहुंची, जहाँ उन्होंने इंडस्ट्री में आने से पहले और बाद के अपने अनुभव शेयर किए हैं। इसे भी पढ़ें: Celebrities Who Committed Suicide | कोई नहीं सह सका प्यार से जुदा होने का गम, किसी को मिला धोखा.

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‘एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध’ के विरुद्ध मिलकर काम करेंगे भारत-हॉलैंड
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‘एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध’ के विरुद्ध मिलकर काम करेंगे भारत-हॉलैंड भारत और हॉलैंड के बीच द्विपक्षीय साझेदारी के अंतर्गत, भारत सरकार के जैव-प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थित- सेंटर फॉर सेल्युलर ऐंड मॉलेक्यूलर प्लेटफॉर्म्स (C-CAMP) और नीदरलैंड्स के संस्थान एनएडीपी (नीदरलैंड्स एंटीबायोटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म्स) तथा एएमआर ग्लोबल के बीच एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (Antimicrobial Resistance) की चुनौती से निपटने के लिए साझा प्रयास करने पर सहमति बनी है। 

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Stock Market Update: भारतीय बाजार में लौटी रौनक, सेंसेक्‍स, निफ्टी तेजी के साथ बंद
Business Stock Market Update: भारतीय बाजार में लौटी रौनक, सेंसेक्‍स, निफ्टी तेजी के साथ बंद

Stock Market Update: भारतीय बाजार में लौटी रौनक, सेंसेक्‍स, निफ्टी तेजी के साथ बंद बीते सप्ताह बाजार में भारी गिरावट के बाद, घरेलू बाजार में आज तेजी वापस लौटी। घरेलू शेयर बाजार लगातार चौथे सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए। भारतीय शेयर बाजार ने आज फैल्ट शुरूआत किया। भारतीय बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी में जोरदार रिकवरी देखने को मिली। फिलहाल सेंसेक्‍स में 721.

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WeWork India ने बीपीईए क्रेडिट के कोष से जुटाए 550 करोड़ रुपये
Business WeWork India ने बीपीईए क्रेडिट के कोष से जुटाए 550 करोड़ रुपये

WeWork India ने बीपीईए क्रेडिट के कोष से जुटाए 550 करोड़ रुपये नयी दिल्ली। कार्यस्थल संबंधी समाधान देने वाली कंपनी वीवर्क इंडिया ने सोमवार को बताया कि उसने बीपीईए क्रेडिट द्वारा प्रबंधित कोषों से 550 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी इस राशि का उपयोग भावी वृद्धि और संभावित अवसरों का पूरा लाभ उठाने के लिए करेगी। वीवर्क इंडिया के पास बेंगलुरु, मुंबई, गुरुग्राम, नोएडा, हैदराबाद और पुणे के 41 केंद्रों में 60 लाख वर्गफुट से अधिक क्षेत्र में फैली करीब 70,000 डेस्क का पोर्टफोलियो है।

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भारत और चीन ने प्रचंड को नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त होने पर बधाई दी
International भारत और चीन ने प्रचंड को नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त होने पर बधाई दी

भारत और चीन ने प्रचंड को नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त होने पर बधाई दी काठमांडू। भारत और चीन ने सोमवार को नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड को बधाई दी। प्रचंड (68) ने आश्चर्यजनक रूप से देउबा की पार्टी नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले पांच दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग होकर रविवार को राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित समय सीमा समाप्त होने से पहले सरकार गठन का दावा पेश किया था, जिसके बाद राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया। प्रचंड सोमवार को तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। ‘माय रिपब्लिका’ वेबसाइट की खबर के अनुसार माओइस्ट सेंटर के सचिव गणेश शाह ने कहा कि निवर्तमान प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने सोमवार सुबह पार्टी कार्यालय में हुई बैठक के दौरान फोन पर प्रचंड को बधाई दी।

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