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मनोज सिन्हा ने जम्मू कश्मीर के नये भूमि कानूनों का बचाव किया
By DivaNews
21 December 2022
मनोज सिन्हा ने जम्मू कश्मीर के नये भूमि कानूनों का बचाव किया जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को इस केंद्र शासित प्रदेश के नये भूमि कानूनों का बचाव करते हुए कहा कि कुछ लोग बदलावों के संदर्भ में जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। सिन्हा ने कहा कि नये भूमि कानून देश के अन्य हिस्सों में लागू कानूनों की तर्ज पर हैं। उपराज्यपाल ने यहां प्रेस वार्ता में कहा, “देश में कानून का राज है और जम्मू-कश्मीर में भी कानून का शासन सुनिश्चित किया जाएगा।” उन्होंने कहा, “जनता को लाभ पहुंचाने के लिए जम्मू-कश्मीर में भूमि कानूनों में कई बदलाव किये गये, क्योंकि पुराने कानून प्रतिगामी थे।’’ भूमि पट्टाधारकों को संपत्तियों का कब्जा छोड़ने के सरकारी निर्देश पर कश्मीर में नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि नये कानूनों से मुश्किल से 400-500 लोग प्रभावित होंगे। इसका गरीबों, दुकानदारों या परिवारों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, “यह सच है कि पिछले कानूनों के तहत 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति को पांच रुपये में पट्टे पर लिया गया था। (इस संबंध में) उच्चतम न्यायालय का एक फैसला है, जो अब देश का कानून है।” सिन्हा ने पत्रकारों से यह भी कहा, “मैं उच्चतम न्यायालय का सम्मान करूंगा और इसलिए पूरे देश और हर नागरिक को ऐसा ही करना चाहिए। हम उच्चतम न्यायालय के फैसले के आधार पर नये कानून लेकर आये हैं। सिन्हा ने यह भी कहा, कुछ लोग (मुद्दे पर) जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी टिप्पणी लगभग सभी क्षेत्रीय दलों - नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और अपनी पार्टी - के विरोध के संदर्भ में है। इन दलों ने नये कानूनों को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर में बाहरी लोगों को बसाने का प्रयास करार दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान कोविड प्रोटोकॉल सुनिश्चित करने का अनुरोध करने के बाबत पूछे गए सवाल पर सिन्हा ने कहा, हमारा किसी की यात्रा को रोकने का कोई इरादा नहीं है। यात्रा अगले महीने जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करने वाली है। सिन्हा ने कहा, कोविड के दौरान कई चीजें रोक दी गईं थी। अगले महीने स्थिति कैसी है, इसके आधार पर (यात्रा को अनुमति देने या न देने को लेकर) निर्णय लिया जाएगा। उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर में राजनीतिक और लोकतांत्रिक गतिविधियों की पूरी आजादी है, लेकिन राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं।
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