भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष विशेषज्ञ नासा के नए मुख्य प्रौद्योगिकीविद् नामित वाशिंगटन। एक भारतीय-अमेरिकी एयरोस्पेस उद्योग विशेषज्ञ को यहां अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का नया मुख्य प्रौद्योगिकीविद् नियुक्त किया गया है। ए .
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भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष विशेषज्ञ नासा के नए मुख्य प्रौद्योगिकीविद् नामित वाशिंगटन। एक भारतीय-अमेरिकी एयरोस्पेस उद्योग विशेषज्ञ को यहां अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का नया मुख्य प्रौद्योगिकीविद् नियुक्त किया गया है। ए .
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NASA के Apollo-7 मिशन के अंतरिक्ष यात्री वॉल्टर कनिंघम का निधन वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अपोलो-7 मिशन के अंतरिक्ष यात्री वॉल्टर कनिंघम का निधन हो गया है। वह 90 वर्ष के थे। वॉल्टर कनिंघम नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के अपोलो कार्यक्रम के पहले सफल मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान के चालक दल के अंतिम अंतरिक्ष यात्री थे, जो अभी तक जीवित थे। नासा के प्रवक्ता बॉब जैकब्स ने समाचार एजेंसी द एसोसिएटेड प्रेस के साथ बातचीत में वॉल्टर कनिंघम के निधन की पुष्टि की। लेकिन, उन्होंने इस संबंध में अधिक जानकारी नहीं दी।
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नासा का ओरियन कैप्सून चंद्रमा के चारों ओर विहंगम कक्षा में पहुंचा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का ओरियन कैप्सूल चंद्रमा के चारों ओर हजारों मील की दूरी तक फैली एक विहंगम कक्षा में प्रवेश कर गया है। कैप्सूल और इसमें रखी तीन परीक्षण डमी ने प्रक्षेपण के एक सप्ताह से अधिक समय बाद चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया। यह लगभग एक सप्ताह तक इस व्यापक लेकिन स्थिर कक्षा में रहेगा। यह शुक्रवार तक पृथ्वी से 2,38,000 मील (3,80,000 किलोमीटर) दूर था और इसके आगामी कुछ दिन में करीब 2,70,000 मील (4,32,000 किलोमीटर) की अधिकतम दूरी पर पहुंच जाने की उम्मीद है।
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NASA Artemis Rocket | नासा का मून मिशन लॉन्च, अपोलो परियोजना के 50 साल बाद चंद्र रॉकेट ने उड़ान भरी केप केनावेरल। हाइड्रोजन रिसाव होने के चलते दो बार लॉन्च से चूके अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के आर्टेमिस I को एक बार फिर टेक ऑफ के लिए तैयार कर लिया गया है और लॉन्च कर दिया गया। नासा (NASA) के नये चंद्र रॉकेट (Artemis rocket launch) ने बुधवार तड़के तीन परीक्षण डमी के साथ अपनी पहली उड़ान भरी, जिससे अमेरिका 50 साल पहले अपने अपोलो कार्यक्रम की समाप्ति के बाद पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की सतह पर भेजने की दिशा में आगे बढ़ा है। यदि तीन-सप्ताह की परीक्षण उड़ान सफल हुई तो रॉकेट चालक दल के एक खाली कैप्सूल को चंद्रमा के चारों ओर एक चौड़ी कक्षा में ले जाएगा और फिर कैप्सूल दिसंबर में प्रशांत क्षेत्र में पृथ्वी पर वापस आ जाएगा। और फिर कैप्सूल दिसंबर में प्रशांत क्षेत्र में एक स्पलैशडाउन के साथ पृथ्वी पर वापस आ जाएगा।
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पृथ्वी निरीक्षण उपग्रह अभियान पर मिलकर काम कर रहे हैं इसरो और नासा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा, एक पृथ्वी निरीक्षण उपग्रह अभियान ‘निसार’ (नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रेडार) के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। निसार मिशन जलवायु संकट से निपटने के लिए महत्वपूर्ण डेटा एकत्र करेगा।
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नाक से दिए जाने वाले कोविड-19 टीके के आपात उपयोग को नियामक मंजूरी जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और इसके सार्वजनिक उपक्रम; जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) के समर्थन से भारत बायोटेक द्वारा विकसित नाक से दिये जाने वाले (Intranasal ) कोविड-19 टीके के आपात उपयोग को नियामक मंजूरी मिल गई है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के ताजा वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है।
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