राजस्थान में कई गुटों में बंटी कांग्रेस को जोड़ गयी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा
Column राजस्थान में कई गुटों में बंटी कांग्रेस को जोड़ गयी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा

राजस्थान में कई गुटों में बंटी कांग्रेस को जोड़ गयी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो पदयात्रा इन दिनों राजस्थान से गुजर रही है। राहुल गांधी की इस पदयात्रा से राजस्थान में कई गुटों में बंटी कांग्रेस जहां एकजुट हुई है वहीं संगठन की दृष्टि से भी मजबूत हुई है। एक तरह से कहा जाए तो राजस्थान कांग्रेस के लिए यह पदयात्रा संजीवनी साबित हो रही है। राजस्थान विधानसभा के अगले चुनाव में एक वर्ष से भी कम समय रह गया है। प्रदेश में सत्तारुढ़ कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी माहौल बना हुआ था। जिसे राहुल गांधी की पदयात्रा ने काफी हद तक कम करने का काम किया है। अब लगने लगा है कि अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा को चुनावी मुकाबले में कांग्रेस से कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा।

read more
राहुल और बिलावल अपनी अपनी पार्टी के मालिक जरूर हैं, लेकिन सोच संभलकर नहीं बोलते
Column राहुल और बिलावल अपनी अपनी पार्टी के मालिक जरूर हैं, लेकिन सोच संभलकर नहीं बोलते

राहुल और बिलावल अपनी अपनी पार्टी के मालिक जरूर हैं, लेकिन सोच संभलकर नहीं बोलते पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और कांग्रेस के मालिक राहुल गांधी के बयानों पर भारत में तीखी प्रतिक्रियाएं हो रही हैं। पता नहीं, इन दोनों पार्टी-मालिकों के बयानों पर भाजपाइयों को इतने नाराज होने की जरूरत क्या है?

read more
कई देशों में हो रहे विरोध प्रदर्शन दर्शा रहे हैं कि तानाशाही से जनता को दबाया नहीं जा सकता
Column कई देशों में हो रहे विरोध प्रदर्शन दर्शा रहे हैं कि तानाशाही से जनता को दबाया नहीं जा सकता

कई देशों में हो रहे विरोध प्रदर्शन दर्शा रहे हैं कि तानाशाही से जनता को दबाया नहीं जा सकता दार्शनिक और वैज्ञानिक अनुसंधान के प्रवर्तक नोबेल पुरुस्कार विजेता नील्स बोर का कथन के मुताबिक "

read more
गुजरात में आदिवासियों का वोट लेने में कामयाब रही भाजपा को उनका दिल भी जीतना होगा
Column गुजरात में आदिवासियों का वोट लेने में कामयाब रही भाजपा को उनका दिल भी जीतना होगा

गुजरात में आदिवासियों का वोट लेने में कामयाब रही भाजपा को उनका दिल भी जीतना होगा इन दिनों गुजरात में विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत को लेकर चर्चा एवं समीक्षा का बाजार गर्माया हुआ है। इस ऐतिहासिक जीत में आदिवासी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आदिवासी समुदाय को कांग्रेस का मजबूत वोट बैंक माना जाता रहा था, उसमें भाजपा सेंध लगाने में सफल हुई है तो इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आदिवासी क्षेत्रों में हुई चुनावी-सभाएं एवं भाजपा की चुनावी रणनीति कारगर मानी जायेगी। भाजपा ने आदिवासी इलाके की 27 सीटों में से 23 सीटें कर कांग्रेस के इस गढ़ को ध्वस्त कर दिया हैं। जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आदिवासी इलाके की 17 सीटें जीती थीं। इस बार वह उनमें ने 3 ही बरकरार रख पाई। यह आदिवासी समुदाय का भाजपा से जुड़ने का स्पष्ट संकेत भविष्य की राजनीति को नयी दिशा एवं दृष्टि देता रहेगा।

read more
‘मिशन 2024’ में जीत की गारंटी बनेगा ‘समान नागरिक संहिता’ कानून
Column ‘मिशन 2024’ में जीत की गारंटी बनेगा ‘समान नागरिक संहिता’ कानून

‘मिशन 2024’ में जीत की गारंटी बनेगा ‘समान नागरिक संहिता’ कानून सुप्रीम कोर्ट और कई हाईकोर्ट काफी समय से अपने तमाम फैसलों के दौरान केंद्र सरकार से समान नागरिक संहिता लाने के लिए कह रहे थे। यह बात तो सबको पता थी, लेकिन केंद्र सरकार कानून बनाने की राह क्यों नहीं पकड़ रही थी, यह बात कम ही लोगों को समझ में आ रही थी। परंतु राज्यसभा में भाजपा के एक वरिष्ठ सांसद की ओर से निजी स्तर पर समान नागरिक संहिता विधेयक (यूसीसी) प्रस्तुत करके समान नागरिक संहिता पर गरम बहस छेड़ दी गयी है। यूसीसी का राज्यसभा में जैसा विरोध हुआ, उसका औचित्य समझना कठिन है, क्योंकि हमारे संविधान में भी समान नागरिक संहिता को आवश्यक बताया गया था।। इसके बाद भी यूसीसी का विरोध यही बताता है कि विपक्षी दल समान नागरिक संहिता पर बहस करने के लिए भी तैयार नहीं हैं। आखिर जिस समान नागरिक संहिता का उल्लेख संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में है, उस पर संसद में बहस क्यों नहीं हो सकती और वह भी तब, जब निजी विधेयक पेश करने की एक परंपरा है?

read more
पंजाब में हिंसा और आतंक की बढ़ती घटनाओं पर तत्काल ध्यान दे मान सरकार
Column पंजाब में हिंसा और आतंक की बढ़ती घटनाओं पर तत्काल ध्यान दे मान सरकार

पंजाब में हिंसा और आतंक की बढ़ती घटनाओं पर तत्काल ध्यान दे मान सरकार पंजाब में हिंसा, आतंकवाद एवं नशे की बढ़ती घटनाएं चिन्ता का कारण बनती जा रही हैं। जबसे आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, हिंसा, हथियारों एवं नशे की उर्वरा भूमि बनकर पंजाब के जीवन की शांति पर कहर ढहा रही है। आतंकवादी घटनाओं का बढ़ना न केवल पंजाब बल्कि पूरे राष्ट्र के लिये संकट का संकेत हैं। ऐसा ही एक ताजा संकेत तरनतारन के एक थाने में राकेट लांचर से हमला से मिला है, जिसे अतिवादी-आतंकी तत्वों के दुस्साहस का नया प्रमाण कहा जा सकता है। इस हमले ने कुछ माह पहले मोहाली में खुफिया विभाग के मुख्यालय पर हुए राकेट हमले की याद दिला दी। इस हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से यह मानकर की जा रही है कि यह आतंकी हमला है। प्रांत में लगातार सिर उठा रही आतंकवादी घटनाएं, नशे का बढ़ता प्रचलन एवं बन्दूक संस्कृति इस प्रांत के अशांत एवं अस्थिर होने की आधारभूमि कही जा सकती है।

read more
हालिया तीनों जनादेशों ने देश की राजनीति की आगे की दशा-दिशा तय कर दी है
Column हालिया तीनों जनादेशों ने देश की राजनीति की आगे की दशा-दिशा तय कर दी है

हालिया तीनों जनादेशों ने देश की राजनीति की आगे की दशा-दिशा तय कर दी है भारत के दो राज्यों गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश और एक नगर निगम दिल्ली के चुनावों में इन क्षेत्रों के मतदाताओं ने जो जनादेश दिया है उससे एक बार फिर सिद्ध हो गया है कि भारत में लोकतंत्र कायम है और इसकी जीवंतता के लिये मतदाता जागरूक है। मतदाता को ठगना या लुभाना अब नुकसान का सौदा है। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने कीर्तिमान गढ़े, तो हिमाचल में कांग्रेस ने नया जीवन पाया, दिल्ली में आम आदमी पार्टी को खुश होने का मौका मिला। इन चुनावी नतीजों ने जाहिर कर दिया कि आज के मतदाता किसी भी पार्टी के दबाव में नहीं हैं। ये नतीजे जहां लोकतंत्र की सुदृढ़ता को दर्शा रहे हैं, वहीं देश की राजनीति का नई राहों की ओर अग्रसर होने के संकेत दे रहे हैं। इन चुनाव नतीजों से यह तय हो गया कि भारत विविधता में एकता एवं विभिन्न फूलों का एक ‘खूबसूरत गुलदस्ता’ है।

read more
जनता ने तीनों ही पार्टियों को सफलता भी दी है और सबक भी सिखाया है
Column जनता ने तीनों ही पार्टियों को सफलता भी दी है और सबक भी सिखाया है

जनता ने तीनों ही पार्टियों को सफलता भी दी है और सबक भी सिखाया है गुजरात, दिल्ली और हिमाचल के चुनाव परिणामों का सबक क्या है?

read more
संसद सत्र से जनता को हैं बड़ी उम्मीदें, पर सदस्यों का हंगामा कहीं पानी ना फेर दे
Column संसद सत्र से जनता को हैं बड़ी उम्मीदें, पर सदस्यों का हंगामा कहीं पानी ना फेर दे

संसद सत्र से जनता को हैं बड़ी उम्मीदें, पर सदस्यों का हंगामा कहीं पानी ना फेर दे लोकतंत्र में सफलता की कसौटी है- संसद की कार्रवाही का निर्विघ्न संचालित होना। संसद के शीतकालीन सत्र शुरू होने से पूर्व ही हंगामा होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। यह कोई नई-अनोखी बात नहीं है। क्योंकि समूचे विपक्ष ने इस सत्र को हंगामेदार करने की ठान ली है। जहां तक महंगाई, बेरोजगारी, चीन सीमा, सरकारी प्रतिष्ठानों एवं एजेन्सियों के कथित दुरुपयोग, कॉलेजियम जैसे मुद्दों को उठाने एवं इन विषयों पर सरकार से जवाब मांगने का प्रश्न है, यह स्वस्थ एवं जागरूक लोकतंत्र की निशानी है। लेकिन इन्हीं मुद्दों को आधार बनाकर जहां संसद की कार्रवाई को बाधित करने की स्थितियां हैं, यह अलोकतांत्रिक है, अमर्यादित हैं। शीतकालीन सत्र लोकतांत्रिक समझौते के साथ समझ को विकसित करने का उदाहरण बने, यह अपेक्षित है। समझौते में शर्तें व दबाव होते हैं जबकि समझ नैसर्गिक होती है। इन्हीं दो स्थितियों में जीवन का संचालन होता है और इन्हीं से राष्ट्र, समाज और लोकतंत्र का संचालन भी होता है।

read more
Aam Aadmi Party ने इस तरह जीत लिया दिल्ली का किला, क्या BJP के लिए बजी खतरे की घंटी
Column Aam Aadmi Party ने इस तरह जीत लिया दिल्ली का किला, क्या BJP के लिए बजी खतरे की घंटी

Aam Aadmi Party ने इस तरह जीत लिया दिल्ली का किला, क्या BJP के लिए बजी खतरे की घंटी दिल्ली नगर निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी विजेता बनकर उभरी है। इसके साथ ही राजधानी पर आम आदमी पार्टी का पूरी तरह कब्जा भी हो गया है। अब मुख्यमंत्री के अलावा मेयर भी आम आदमी पार्टी का होगा। इसके अलावा दिल्ली के तीनों राज्यसभा सांसद भी आम आदमी पार्टी के हैं। मात्र दस साल पुरानी राजनीतिक पार्टी का इतना बड़ा राजनीतिक वजूद एक बड़ी कामयाबी है। दिल्ली की इस जीत के साथ ही अब आम आदमी पार्टी का प्रभुत्व राष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ना स्वाभाविक है।

read more
सीमा विवाद को राज्यों के भरोसे छोड़ना सही नहीं होगा, केंद्र और कोर्ट को पहल करनी होगी
Column सीमा विवाद को राज्यों के भरोसे छोड़ना सही नहीं होगा, केंद्र और कोर्ट को पहल करनी होगी

सीमा विवाद को राज्यों के भरोसे छोड़ना सही नहीं होगा, केंद्र और कोर्ट को पहल करनी होगी असम-मेघालय सीमा पर बीते दिनों हिंसा भड़कने से कई लोगों की मौत हुई और कई घायल हो गए। घटना में मेघालय के पांच और असम के एक वन रक्षक सहित कुल छह लोगों की मौत हो गई। हालांकि यह हिंसा लकड़ी की तस्करी को लेकर हुई लेकिन इन राज्यों में सीमा विवाद को लेकर भी हिंसा होना आम बात है। पूर्वोत्तर सहित देश के कई राज्यों में सीमा विवाद चल रहा है, किन्तु भौगोलिक सीमा और क्षेत्रों की दावेदारी को लेकर जितना खूनी संघर्ष पूर्वोत्तर के राज्यों में हुआ है, उतना कहीं नहीं हुआ। राज्य विवादित क्षेत्र के निपटारे के लिए कानूनी या लोकतांत्रिक तरीका अपनाने की बजाए दुश्मनों की तरह जंग छेड़े हुए हैं। ऐसी स्थिति में जब देश चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों की चुनौतियों से जूझ रहा है, राज्यों द्वारा राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य की बजाए निहित स्वार्थों के वशीभूत होकर की गई कार्रवाई से एकता और अखंडता को लेकर गलत संदेश जा रहा है। विशेषकर चीन पहले ही अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जता कर विवाद खड़ा कर चुका है।

read more
उत्तर कोरिया को परमाणु महशक्ति बनाने में जुटे किम जोंग उन को हल्के में नहीं लेना चाहिए
Column उत्तर कोरिया को परमाणु महशक्ति बनाने में जुटे किम जोंग उन को हल्के में नहीं लेना चाहिए

उत्तर कोरिया को परमाणु महशक्ति बनाने में जुटे किम जोंग उन को हल्के में नहीं लेना चाहिए उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन ने दावा किया है कि उनका देश विश्व की सबसे शक्तिशाली परमाणु शक्ति बनना चाहता है। उनके इस ऐलान को अधिकतर लोगों ने गीदड़ भभकी के रूप में ही लिया है लेकिन इस सनकी शासक की हरकतों पर नजर डालें तो ऐसा लगता है कि इस ऐलान को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उत्तर कोरिया ने अपना परमाणु कार्यक्रम तीन दशक पहले शुरू किया था। अब एक अनुमान के मुताबिक उसके पास 45 से 55 परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त विखंडनीय सामग्री है। इतनी सामग्री से बनने वाले परमाणु बम की क्षमता लगभग 15 से 20 किलोटन की होगी। यहां आपको हम बताना चाहेंगे कि 1945 में हिरोशिमा को नष्ट करने वाले बम की क्षमता 15 किलोटन की थी। 15 किलोटन के बम से हिरोशिमा को कितना नुकसान पहुँचा था इससे सब वाकिफ हैं इसलिए सोचिये कि 20 किलोटन का बम कितना नुकसान पहुँचा सकता है।

read more
एक समुदाय को धार्मिक कानून से कई ऐसे अधिकार मिले हैं जो मानवता के विपरीत हैं
Column एक समुदाय को धार्मिक कानून से कई ऐसे अधिकार मिले हैं जो मानवता के विपरीत हैं

एक समुदाय को धार्मिक कानून से कई ऐसे अधिकार मिले हैं जो मानवता के विपरीत हैं आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे भारत देश के सभी धर्मों के नागरिकों के लिये एक समान धर्मनिरपेक्ष कानून होना चाहिये। संविधान के संस्थापकों ने राज्य के नीति निदेशक तत्त्व के माध्यम से इसको लागू करने की ज़िम्मेदारी बाद की सरकारों को हस्तांतरित कर दी थी। लेकिन पूर्व की सरकारों ने वोट बैंक के चलते समान नागरिक संहिता को लागू नहीं होने दिया, अब भारतीय जनता पार्टी एवं नरेन्द्र मोदी सरकार इस बड़ी विसंगति को दूर करने के लिये तत्पर हुई है, जिसके लागू होने से देश सशक्त होगा। विडम्बना है कि मुस्लिम समुदाय को उनके शरीयत कानून से अनेक ऐसे अधिकार मिले हुए हैं, जो मानवता के विपरीत हैं और मानव मूल्यों एवं भारत के संविधान का हनन है। यह कानून एक मुस्लिम पुरुष को अपनी मौजूदा पत्नियों की सहमति के बिना चार विवाह करने की अनुमति देता है, वहीं बाल-विवाह एवं यौन शोषण को जायज मानता है। जबकि देश में बाल विवाह कानूनन अपराध है। केरल हाईकोर्ट ने एक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए समान कानून संहिता को लागू किया है।

read more
बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने में विफल साबित हो रहा है सरकारी तंत्र
Column बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने में विफल साबित हो रहा है सरकारी तंत्र

बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने में विफल साबित हो रहा है सरकारी तंत्र व्हाट्सअप, फैसबुक, इंस्टाग्राम हैक होने की घटनाएं दिनोंदिन बढ़ती जा रही है, आम आदमी इन हमलों से भारी नुकसान झेल रहे हैं, लेकिन विडम्बना यह है कि सरकार के पास इसके समाधान का तंत्र कमजोर एवं बेअसर है। इन सोशल मीडिया के हमलों के साथ-साथ साइबर हमलों ने भी खतरों की झड़ी लगा दी है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि सूचना क्रांति ने हमारा जीवन आसान बना दिया है। तकनीक के जरिए प्रत्येक क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान एवं जीवन को आसान बनाने की स्थितियां भी कायम हुई हैं। लेकिन, जिस तरह से साइबर संसार एवं तकनीक का विस्तार हो रहा है, उससे तेज गति से साइबर अपराध बढ़ रहे हैं, उन्हें देखते हुए कई बार तो लगता है कि हम कहीं वैश्विक जंग का नया मैदान तैयार करने एवं आम आदमी से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाओं एवं संसाधनों को खतरे में तो नहीं डाल रहे हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस साइबर संसार के विस्तार के साथ ही राष्ट्रीय एवं व्यक्ति सुरक्षा को नया खतरा पैदा हो गया है, जो किसी युद्ध से भी ज्यादा खतरनाक एवं नुकसानदायी है। ऐसा युद्ध जिसमें न हमलावर का जल्द ही पता लग पाता और न ही हमले से हुए नुकसान का अंदाजा लगाया जा सकता। इन बढ़ते साइबर हमलों पर काबू पाने में सरकार की नाकामी ज्यादा चिन्ताजनक है। आम आदमी से संबंधित व्यक्तिगत डेटा या आंकड़े को चोरी होने से बचाना सरकार की प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए।

read more
राजस्थान में कांग्रेस की कमजोरियों का फायदा नहीं उठा पा रही है भाजपा
Column राजस्थान में कांग्रेस की कमजोरियों का फायदा नहीं उठा पा रही है भाजपा

राजस्थान में कांग्रेस की कमजोरियों का फायदा नहीं उठा पा रही है भाजपा राजस्थान में आगामी पांच दिसंबर को सरदारशहर विधानसभा उपचुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। उपचुनाव जीतने के लिए जहां प्रदेश में सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी के नेता अपनी पूरी ताकत लगाए हुए हैं। वहीं मतदान से पूर्व ही भाजपा नेताओं ने हार मान ली है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने पिछले दिनों बयान दिया था कि उपचुनाव में कांग्रेस जीतती है और मुख्य चुनाव में भाजपा जीतती है। पूनियां का कहने का आशय था कि राजस्थान में विधानसभा के जो उपचुनाव हुए हैं उनमें अधिकांश में कांग्रेस पार्टी जीती है। भाजपा सिर्फ राजसमंद विधानसभा सीट का ही उपचुनाव जीत पाई है।

read more
गैर आरक्षित वर्ग एकजुट नहीं है, इसलिए राजनीतिक दलों को कोई परवाह नहीं है
Column गैर आरक्षित वर्ग एकजुट नहीं है, इसलिए राजनीतिक दलों को कोई परवाह नहीं है

गैर आरक्षित वर्ग एकजुट नहीं है, इसलिए राजनीतिक दलों को कोई परवाह नहीं है आरक्षण बोतल का ऐसा जिन्न है, जिसे सभी राजनीतिक दल निकाल कर अपनी स्वार्थसिद्धी करना चाहते हैं। यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसके नुकसान-फायदे के बारे में कभी विचार नहीं किया जाता। विशेषकर देश और समाज को होने वाले नुकसान की किसी को चिंता नहीं है। आर्थिक आधार पर दिए गए आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने मोहर लगा कर राजनीतिक दलों का रास्ता और आसान कर दिया। सभी राजनीतिक दलों के लिए यह हॉट केक की तरह है। किसी को भी इससे परहेज नहीं है। आरक्षण के विरुद्ध बोलना तो दूर बल्कि आरक्षण के असली हकदारों के हिस्से पर कुंडली मारे बैठे क्रीमी लेयर के खिलाफ भी बोलने का साहस किसी नेता या राजनीतिक दल में नहीं है।

read more
आतंकवाद के प्रति नरम रुख रखने वालों और विकास के विरोधियों से सावधान रहे गुजरात की जनता
Column आतंकवाद के प्रति नरम रुख रखने वालों और विकास के विरोधियों से सावधान रहे गुजरात की जनता

आतंकवाद के प्रति नरम रुख रखने वालों और विकास के विरोधियों से सावधान रहे गुजरात की जनता गुजरात चुनाव में आतंकवाद भी बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। जो लोग कह रहे हैं कि यह राज्य से संबंधित मुद्दा नहीं है उन्हें शायद पता नहीं कि गुजरात ने संप्रग शासनकाल के दौरान कई आतंकवादी हमले झेले हैं। केंद्र सरकार ने जबसे आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है तबसे देश में शांति है और शांति से ही प्रगति आती है। ऐसे में चुनाव प्रचार के दौरान यदि तुष्टिकरण की राजनीति और आतंकवाद के खतरे के प्रति कोई सचेत करे तो इसमें कोई गलत बात नजर नहीं आती।

read more
अपने ईर्द-गिर्द नकारात्मकता की दीवार हमने खुद ही खड़ी कर रखी है
Column अपने ईर्द-गिर्द नकारात्मकता की दीवार हमने खुद ही खड़ी कर रखी है

अपने ईर्द-गिर्द नकारात्मकता की दीवार हमने खुद ही खड़ी कर रखी है आज का इंसान नकारात्मक को ओढ़े नाना प्रकार की समस्याओं से जूझ रहा है, हर इंसान अपनी आदतों को लेकर परेशान है। ऐसा नहीं है कि आज का आदमी समय के साथ चलना न चाहे, बुरे आचरण एवं आदतों को छोड़कर अच्छी जिन्दगी का सपना न देखे, बुराई को बुराई समझने के लिये तैयार न हो। सोचना यह है कि हम गहरे में जमे संस्कारों एवं जड़ हो चुकी आदतों को कैसे दूर करें। जड़ तक कैसे पहुंचें। बिना जड़ के सिर्फ फूल-पत्तों का क्या मूल्य?

read more
भारत के संविधान को ही शक्ति का एकमात्र केंद्र मानता है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
Column भारत के संविधान को ही शक्ति का एकमात्र केंद्र मानता है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

भारत के संविधान को ही शक्ति का एकमात्र केंद्र मानता है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत का प्रभावशाली सांस्कृतिक संगठन है। उसके विचार एवं गतिविधियों से समाज का मानस बनता और बदलता है। इसलिए अकसर विभिन्न विषयों को लेकर चर्चा चलती है कि उन विषयों पर संघ का विचार क्या है?

read more

About Me

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua.

Know More

Social

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero