
राजनीतिक नींव एवं मील के पत्थर थे शरद यादव नए साल ने अभी अपनी गति पूरी तरह से पकड़ी भी नहीं है, लेकिन हिंदुस्तान की सियासत ने अपना एक धुरंधर, जांबाज, कद्दावर का नेता जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को हमसे छीन लिया। बिहार से लेकर राष्ट्रीय राजनीति में एक संभावनाओं भरा राजनीति सफर ठहर गया, उनका निधन न केवल बिहार के लिये बल्कि भारतीय राजनीति के लिये एक गहरा आघात है, अपूरणीय क्षति है। वे निश्चित ही भारतीय राजनीति के नींव के पत्थर थे, मील के पत्थर थे। समाजवाद की बुलंद आवाज थे, डॉ.
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