भारत में हुई 5G सर्विस की एंट्री, इन देशों में हो रहा 6जी तकनीक का इस्तेमाल, नार्वे में 7G की इंटरनेट स्पीड
5जी तकनीक हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस का वादा करती है और इसकी मदद से यूजर किसी फिल्म को महज कुछ सेकेंड में डाउनलोड कर सकते हैं। दुनिया के कई हिस्सों में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। त्योहारों से पहले और नवरात्र के विशेष मौके पर देश को नई सौगात मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में 5जी सेवाओं की लॉन्चिंग कर दी है। ये भारत के लिए खास पल है। भारत ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक नए युग में प्रवेश कर लिया है। मोबाइल प्रौद्योगिकी का विकास इस हद तक तेजी से बढ़ रहा है कि हम इंटरनेट की उन पीढ़ियों के बारे में बात करने लग गए हैं जिन्हें 20 साल तक सुलझाया नहीं जा सकेगा। दूसरे शब्दों में, हम अभी भी 5जी परिनियोजित कर रहे हैं और लोग 6जी और 7जी के बारे में सोच रहे हैं, जिसमें 6जी नेटवर्क पर दुनिया भर की कई बड़ी कंपनियां काम कर रही हैं। दावा किया जा रहा है कि 2035 तक 6जी एक वास्तविकता बन जाना चाहिए, जिसका अर्थ है कि लोग इसका उपयोग करना शुरू कर देंगे। चीन में 6G की सफलता के बारे में पहले से ही कुछ खबरें हैं। 5जी, 6जी और 7जी के बीच सेलुलर वायरलेस जेनरेशन (जी) गति, सिस्टम, आवृत्ति और प्रौद्योगिकी परिवर्तनों को संदर्भित करता है। प्रत्येक पीढ़ी में कुछ मानक, क्षमताएं, नई विशेषताएं आदि होती हैं, जो इसे पिछले वाले से अलग करती हैं।
किन देशों में 6जी तकनीक
6जी नेटवर्क में डाटा डाउनलोड की स्पीड 1000 जीबीपीएस तक पहुंच सकती है। 6जी नेटवर्क में आप 6जीबी की मूवी को मात्र 51 सेकेंड में 1000 मेगाबाइट्स प्रति सेकेंड के हिसाब से डाउनलोड कर सकते हैं। दुनिया भर की कई बड़ी कंपनियां 6जी नेटवर्क पर काम कर रही हैं। जैसे कि सैमसंग, एलजी और हुवैई ने 6जी तकनीक पर काम करना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि 6 जी नेटवर्क को 2020-30 तक दुनियाभर में लॉन्च किया जा सकता है। 6G की उच्च आवृत्तियां तेजी से नमूनाकरण दरों को सक्षम करेंगी और पर्याप्त थ्रूपुट और उच्च डेटा दर प्रदान करेंगी। उप-मिमी तरंगों (उदाहरण के लिए, एक मिलीमीटर से छोटी तरंग दैर्ध्य) और सापेक्ष विद्युत चुम्बकीय अवशोषण दर को हल करने के लिए आवृत्ति चयनात्मकता के संयोजन से संभावित रूप से वायरलेस सेंसिंग तकनीक में प्रगति हो सकती है।
7जी क्या है?
दुनिया में एक ऐसा देश भी है जहां इंटरनेट स्पीड 7जी और 8जी की स्पीड पर भी उललब्ध है। अभी तक तो 5जी को सबसे अच्छा नेटवर्क माना जा रहा है। लेकि नार्वे में 7जी की सुविधा भी उपलब्ध है। इसके अलावा कई और देश इसे लागू करने जा रहे हैं। बहुत अधिक बैंडविड्थ, लगभग गैर-मौजूद विलंबता और सार्वभौमिक एकीकरण की आवश्यकता को 7 जी द्वारा पूरा किया जाएगा। 7 जी नेटवर्त की स्पीड 11 गीगाबिट प्रति सेकेंड होगी जो एक औसत यूजर के लिए काफी हाई स्पीड होगी। ये सर्विस 4जी और 5जी के मुकाबले काफी महंगा होगा। जिसके लिए यूजर को काफी रकम चुकानी होगी।
7G का सार्वजनिक सुरक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ेगा
खतरे का पता लगाना
अपराध नियंत्रण
दिमाग पढ़ना
स्वास्थ्य की निगरानी
आपदा तैयारियां
गैस और विषाक्तता संवेदन
IoT डिवाइस प्रबंधन
7जी नेटवर्क मोबाइल फोन
7 से होंगे ये फायदे
इन फायदों को देखते हुए कई देश पहले से 7जी पर रिसर्च कर रहे हैं। आगे चलकर इसी आधार पर मोबाइल फोन भी विकसित होंगे। जिनमें डीप लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जा सकेगा। व्यावहारिक तौर पर देखें तो अभी 7जी या 8जी पर काम शुरू नहीं हुआ है। बस रिसर्च जारी है। नॉर्वे को छोड़कर दुनिया के किसी भी देश में 7G या 8G इंटरनेट स्पीड नहीं है।
7G से ये होंगे बड़े फायदे
इन फायदों को देखते हुए कई देश पहले से 7G पर रिसर्च कर रहे है. आगे चलकर इसी आधार पर मोबाइल फोन भी विकसित होंगे जिनमें डीप लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जा सकेगा। व्यावहारिक तौर पर देखें तो अभी 7G या 8G पर काम शुरू नहीं हुआ है, बस रिसर्च जारी है। यह सेवा हमारे बीच कब तक आएगी, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।- अभिनय आकाश
5g service entry in india 6g technology being used in these countries