संभाजी महाराज ‘धर्मवीर’ नहीं, हिन्दू विरोधी नहीं था औरंगजेब, महाराष्ट्र में पवार- आव्हाड के बयान पर मचा बवाल
संभाजी महाराज और मुगल शासक औरंगजेब जैसी ऐतिहासिक शख्सियतों पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजीत पवार और जितेंद्र आव्हाड जैसे विपक्षी नेताओं की हालिया टिप्पणियों ने महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना के खिलाफ पलटवार करने का एक बहुत ही सरल अवसर दे दिया है। एमवीए द्वारा "राज्य के नायकों" के खिलाफ "अपमानजनक बयान" का आरोप लगाते हुए भाजपा पर तीखा हमला करने के बाद आया है।
एनसीपी नेता और विधान सभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार द्वारा शीतकालीन सत्र के दौरान छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में दिए गए एक बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। छत्रपति संभाजी महाराज को धर्मवीर नहीं कहा जा सकता। अजीत पवार ने कहा कि वह स्वराज रक्षक थे। उनके इस बयान से बीजेपी और शिवसेना का शिंदे गुट काफी आक्रामक हो गया है। अजित पवार के इस बयान का बीजेपी राज्य भर में जगह-जगह जोरदार विरोध कर रही है।
भाजपा ही नहीं, देश को अपना, इतिहास को अपना मानने वाले तमाम राष्ट्रीय संगठनों, सांसद संभाजी राजे छत्रपति समेत तमाम राष्ट्रीय संगठनों ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है। छत्रपति संभाजी राजे धार्मिक नायक नहीं थे, अजित पवार ऐसा बयान कैसे दे सकते हैं? क्या ये कहना चाहते हैं कि जो इतिहास लिखा गया है वह गलत है? मैं भी हैरान हूं कि यह बयान अजीत पवार ने कैसे दिया जिन्होंने अपनी राय मजबूती से रखी। चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जब तक अजित पवार माफी नहीं मांगते यह आंदोलन जारी रहेगा।
कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया कि मुगल बादशाह औरंगजेब हिंदू विरोधी नहीं था। मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कि औरंगज़ेब एक क्रूर शासक था, जिसने सिंहासन पाने के लिए अपने भाई और पिता की हत्या कर दी थी। आव्हाड ने कहा, “वह (छत्रपति संभाजी) सरदेसाई वाडा, संगमेश्वर में थे। आव्हाड पिछले शुक्रवार को राज्य विधानसभा में छत्रपति संभाजी महाराज पर दिए गए अजित पवार की टिप्पणी का बचाव कर रहे थे।
Aurangzeb was not anti hindu sambhaji maharaj was not dharmaveer