Prabhasakshi Exclusive: नेपाल में चीन का बढ़ता दखल भारत के लिए कितनी गहरी चिंता का विषय है? बता रहे हैं ब्रिगेडियर (रि.) डीएस त्रिपाठी
नेपाल में बड़ा राजनीतिक बदलाव हुआ है और चीन समर्थक केपी शर्मा ओली के समर्थन से प्रचंड वहां के प्रधानमंत्री बन गये हैं। पुष्प कमल दहल प्रचंड ने प्रधानमंत्री बनते ही चीन की सहायता से बने पश्चिमी नेपाल के पर्यटन केंद्र पोखरा में तीसरे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया और चीनी सरकार से रेलवे सेवाओं और अन्य परियोजनाओं के निर्माण में सहायता करने का भी अनुरोध किया। नेपाल के इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जब प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डीएस त्रिपाठी की प्रतिक्रिया जानी गयी तो उन्होंने कहा कि भारत को बहुत ध्यान रखने की जरूरत है क्योंकि चीन हमें चारों ओर से घेरने का प्रयास कर रहा है और भारत के सभी पड़ोसी देशों के बीच अपनी जोरदार पैठ बना चुका है।
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डीएस त्रिपाठी ने कहा कि नेपाल में चीन समर्थक सरकार बनना दर्शाता है कि नेपाली कांग्रेस की सरकार बनवाने के लिए शायद हमने प्रयास ही नहीं किये। उन्होंने कहा कि नेपाल की सरकार चीन के समर्थन में जो काम कर रही है उससे नेपाल की जनता में भी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि भारत का नेपाल के साथ रोटी-बेटी का रिश्ता है इसलिए भारत को जनता के स्तर पर वहां संवाद बढ़ाना होगा। लोकतंत्र में कोई भी सरकार जनता की भावना की अनदेखी नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि हम नेपाली जनता का दिल जीत कर वहां चीन की साजिशों को विफल कर सकते हैं।
Growing interference of china in nepal a matter of concern for india