मोदी के छोटे सैनिक हार्दिक पटेल को भाजपा ने सौंप दी है बड़ी जिम्मेदारी
27 सालों से गुजरात में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी ने राज्य विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में कई बड़े नाम गायब हैं तो कई ऐसे भी नाम हैं जिन पर पार्टी ने बहुत ज्यादा भरोसा जताया है। ऐसा ही एक नाम है कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का। भाजपा ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन से राजनीतिक क्षितिज पर उभरे नेता हार्दिक पटेल को विरामगाम क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है। खास बात यह है कि विरामगाम से भाजपा पिछले दो विधानसभा चुनाव लगातार हारी है। इसलिए हार्दिक के लिए यह क्षेत्र कड़ी और बड़ी चुनौती है। यदि हार्दिक पटेल विरामगाम सीट को जीतकर भाजपा की झोली में डाल पाये तो यकीनन उनका राजनीतिक कद बढ़ेगा। वैसे हार्दिक पटेल पहले ही तय कर चुके थे कि वह विरामगाम से ही अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ेंगे इसलिए वह काफी समय से इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। हार्दिक पटेल लगातार विरामगाम में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को काफी समय से सुन रहे हैं और उनका समर्थन मांग रहे हैं।
हार्दिक पटेल ने जब भाजपा में एंट्री ली थी तो उन्होंने खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का छोटा सैनिक बताया था इसलिए अब लोगों की नजर इस बात पर है कि मोदी का यह छोटा सैनिक बड़ी जिम्मेदारी निभा पाता है या नहीं। जहां तक विरामगाम क्षेत्र के चुनावी इतिहास की बात है तो आपको बता दें कि पिछले चुनाव में यहां से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर डॉ. तेजश्रीबेन दिलीपकुमार पटेल ने चुनाव लड़ा था लेकिन वह कांग्रेस उम्मीदवार लाखाभाई भीखाभाई से लगभग छह हजार वोटों से हार गयीं थीं। यदि साल 2012 के गुजरात विधानसभा चुनावों की बात करें तो उस समय यहां प्रागजीभाई नारानभाई पटेल भाजपा उम्मीदवार थे लेकिन वह कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. तेजश्रीबेन दिलीपकुमार पटेल से हार गये थे। भाजपा ने यह सीट आखिरी बार साल 2007 के विधानसभा चुनावों में जीती थी। उस समय भाजपा उम्मीदवार कामभाई गागजीभाई राठौड़ ने कांग्रेस उम्मीदवार कोली पटेल जगदीशभाई सोमभाई को हराया था। हम आपको यह भी बता दें कि विरामगाम विधानसभा सीट अहमदाबाद जिले में आती है। यह क्षेत्र पटेलों का गढ़ माना जाता है। साल 2012 से इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है इसलिए भाजपा ने यहां से हार्दिक पटेल को टिकट देकर बड़ा दांव चला है।
जहां तक गुजरात के अन्य भाजपा उम्मीदवारों की सूची की बात है तो आपको बता दें कि पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनावों में जिन 38 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है उनमें मोरबी के विधायक समेत राज्य के पांच मंत्री शामिल हैं। मोरबी के विधायक और श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री बृजेश मेरजा का नाम 160 उम्मीदवारों की सूची में शामिल नहीं है। इसके अलावा कच्छ जिले में 2012 और 2017 में भुज सीट से जीतने वाली गुजरात विधानसभा अध्यक्ष नीमाबेन आचार्य को भी पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दिया है। मौजूदा मंत्रिमंडल से भाजपा ने राज्य के संसदीय एवं विधायी मामलों के मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री प्रदीप परमार, श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री बृजेश मेरजा, परिवहन राज्य मंत्री अरविंद रयानी तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री आरसी मकवाना को भी टिकट नहीं दिया है। वहीं पिछले मंत्रिमंडल के जिन सदस्यों को इस बार उम्मीदवार नहीं बनाया गया है उनमें पूर्व मुख्यमंत्री रुपाणी, पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और पूर्व मंत्री आरएस फालदू, भूपेंद्रसिंह चुडासमा, सौरभ पटेल, कौशिक पटेल, वासन अहिर और धमेंद्र सिंह जडेजा शामिल हैं।
उधर, भाजपा की मुख्य प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी की बात करें तो उसके बारे में यह बताना जरूरी है कि 2017 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 29 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन सभी पर उसके प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गयी थी। आम आदी पार्टी दावा कर रही है कि वह अब गुजरात के लोगों तक पहुंच बनाने में कामयाब हो गयी है। लेकिन उसके दावों का पता 8 दिसंबर को पता चलेगा जब चुनाव परिणाम आयेंगे। वैसे आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल हाल फिलहाल में कई बार राज्य का दौरा कर चुके हैं तथा उन्होंने पार्टी के सत्ता में आने पर कई ‘‘गारंटी’’ देने का वादा किया है। पार्टी ने अगले महीने होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए पूर्व टीवी प्रस्तोता तथा पत्रकार इसुदान गढ़वी को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है। आम आदमी पार्टी ने वादा किया है वह सत्ता में आने पर हर महीने 300 यूनिट निःशुल्क बिजली, सरकारी स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा, बेरोजगार युवाओं को भत्ता, महिलाओं को 1,000 रुपये तथा नए वकीलों को मासिक वेतन देगी। आम आदमी पार्टी के गुजरात के सह-प्रभारी और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा इन दिनों गुजरात की रैलियों में केजरीवाल की गारंटी गिनाने में व्यस्त हैं।
हम आपको यह भी बताना चाहेंगे कि गुजरात के चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी नयी नहीं है। 'आप' ने साल 2014 में गुजरात में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था। इसके बाद से उसने 2017 के विधानसभा चुनाव तथा 2021 के स्थानीय चुनावों समेत विभिन्न चुनाव गुजरात में लड़े हैं। आम आदमी पार्टी ने पिछले साल सूरत नगर निगम चुनाव में 27 सीटें जीती थीं। इस बार के विधानसभा चुनाव की बात करें तो उसके लिए 'आप' ने अभी तक 158 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी के बाकी उम्मीदवारों के बारे में माना जा रहा है कि उनमें अधिकतर वह लोग हो सकते हैं जिन्हें भाजपा या कांग्रेस का टिकट नहीं मिला है। देखना होगा कि क्या दिल्ली और पंजाब की सत्तारुढ़ पार्टी भाजपा के गढ़ में झाड़ू चला पाती है या फिर एक बार मोदी का जादू चलता है और हर जगह कमल ही खिलता है।
- गौतम मोरारका
Bjp has handed over a big responsibility to hardik patel