भारतीय टीम के डिफेंडर अमित रोहिदास का मानना है कि तोक्यो ओलंपिक में मिले ऐतिहासिक कांस्य पदक ने भारतीय हॉकी का चेहरा बदलकर युवाओं को इस खेल में उतरने के लिये प्रेरित किया है। रोहिदास ने कहा कि गांव के बच्चों को एफआईएच विश्व कप का बेताबी से इंतजार है जो 13 से 29 जनवरी तक भुवनेश्वर और राउरकेला में खेला जायेगा। रोहिदास ने हॉकी इंडिया के पॉडकास्ट ‘हॉकी ते चर्चा’ में कहा ,‘‘ तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक ने बहुत कुछ बदला।
पहले गांवों में जो युवा हॉकी नहीं खेलते थे, वे भी अब खेलने लगे हैं।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ जब मैं घर जाकर यह देखता हूं तो बहुत अच्छा लगता है। हर स्कूल में हॉकी खेलने वाले युवाओं की संख्या बढती जा रही है।’’ ओडिशा के रहने वाले रोहिदास ने कहा कि घरेलू मैदान पर विश्व कप खेलना किसी भी खिलाड़ी के लिये जज्बाती पल है। उन्होंने कहा ,‘‘ अपने मैदान पर खेलना अलग तरह का अहसास है। दर्शक काफी सहयोग देते हैं और प्रेरित करते हैं। ओडिशा में अलग तरह की ऊर्जा लेकर दर्शक आते हैं जो हमें अतिरिक्त प्रेरणा देती है।
Bronze in tokyo olympics changed the face of indian hockey amit rohidas
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