तिब्बत के पठार पर रेडियो टेलीस्कोप का एक बड़ा नेटवर्क, सूर्य से आने वाले रेडियो तरंगों के अध्ययन के लिए चीन तैयार
चीन अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों में बहुत तेजी से निवेश कर रहा है। तेजी से बढ़ते हुए इन अंतरिक्ष कार्यक्रमों में चीन ने एक और अभियान जोड़ लिया है। इसकी दूरबीनों सूर्य के रहस्यों का पता लगाने के लिए तैयार है। चीन ने तिब्बती पठार पर दाओचेंग सोलर रेडियो टेलीस्कोप (डीएसआरटी) का निर्माण पूरा कर लिया है और इस सुविधा का परीक्षण अगले साल जून में शुरू होने की उम्मीद है। 14 मिलियन डॉलर की अनुमानित लागत से निर्मित, वेधशाला का उपयोग सूर्य का अध्ययन करने और अंतरिक्ष और पृथ्वी के पर्यावरण पर इसके प्रभावों का पता लगाने के लिए किया जाएगा।
यह छह मीटर चौड़े 313 छतरियों का एक नेटवर्क है जो सूर्य का विस्तार से अध्ययन करेगा। 3.14 किलोमीटर की परिधि के साथ सूर्य का गहराई से अध्ययन कर सकेगा जिसमें कोरोना द्रव्य उत्क्षेपण का विशेष तौर पर अध्ययन हो सकेगा। टेलीस्कोप को चीनी मेरिडियन प्रोजेक्ट (द्वितीय चरण) नामक ग्राउंड-आधारित अंतरिक्ष पर्यावरण निगरानी नेटवर्क के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है। इस परियोजना में मिंगंटू इंटरप्लेनेटरी स्किंटिलेशन टेलीस्कोप भी शामिल है, जिसका मूल्यांकन इनर मंगोलिया में तीन भुजाओं वाली सर्पिल व्यवस्था में 100 व्यंजनों के साथ किया जा रहा है।
सामान्यतः कोरोना द्रव्य उत्क्षेपण की प्रक्रिया तब होती है जब कोई तारा किसी ज्वाला को फेकता है या फिर तारे से अचानक ही विकिरण का कोई चमकीला प्रस्फोट होता है जो सूदूर अंतरिक्ष में फैल जाता है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक टेलीस्कोप का उपयोग कोरोना द्रव्य उत्क्षेपण के अध्ययन के लिए होगा और साथ ही सूर्य के ऊपरी वायुमंडल से निकलने वाले चुंबकीय प्लाज्मा की परिघटना का भी अध्ययन किया जाएगा।
China ready to study radio waves coming from the sun