अगर बारिश से फसल को नुकसान हुआ है तो केंद्र सरकार करेगी मुआवजा, यहां जानिए पूरी जानकारी
फसलों के लिए बीमारी के अलावा वर्षा भी यह निर्धारित कर सकती है कि बीज से फसल कितनी तेजी से बढ़ेगी, जिसमें यह भी शामिल है कि कटाई के लिए फसल कब तैयार होगी या फिर फसल को कितना नुकसान हो सकता है। बारिश और उचित सिंचाई का एक अच्छा संतुलन तेजी से बढ़ने वाले पौधों को जन्म दे सकता है जो अंकुरण के समय और बोने और कटाई के बीच की लंबाई को कम कर सकता है।
यदि मौसम काफी देर तक गीला रहता है तो गेहूं को पशु चारा के लिए ही बेचना पड़ सकता है, जिससे लाभ कम हो सकता है। कुछ मामलों में बारिश गेहूं की फसल को इतनी आक्रामक तरीके से खराब कर सकती है कि वह इनके वजन को कम करना शुरू कर देती है और वजन ही गुणवत्ता को निर्धारित करता है।
अगर पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश के कारण किसानों की फसल खराब हुई है या बाढ़ के कारण पूरी फसल बर्बाद हो गई है तो आपको बिल्कुल भी चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लांच कर दिया है, जिसके अंतर्गत सरकार इस बर्बाद फसल की पूरी भरपाई करती है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: फसल के नुकसान होने में बारिश की प्रमुख भूमिका रही है। अगर पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश के कारण किसानों की फसल खराब हुई है या बाढ़ के कारण पूरी फसल बर्बाद हो गई है तो आपको अब बिल्कुल भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। यदि आपने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अपना पंजीकरण कराया है तो सरकार आपको नुकसान की भरपाई अवश्य करेगी। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री या पीएम फसल बीमा योजना के तहत फसलों को सूखे, तूफान, बेमौसम बारिश, बाढ़ आदि जैसे कई जोखिमों से सुरक्षा मिलती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों के नुकसान के मामले में सस्ती कीमत पर बीमा कवर प्रदान करना है। अब तक करीब 36 करोड़ किसानों को इस योजना का लाभ मिल चुका है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य
- प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और रोगों के परिणामस्वरूप किसी भी अधिसूचित फसल की विफलता की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- खेती में निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए किसानों की आय को स्थिर करना।
- किसानों को नवीन और आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
- कृषि क्षेत्र को ऋण का प्रवाह सुनिश्चित करना।
किन किसानों को कवर किया जाना है?
मौसम के दौरान अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी किसान, जिनकी फसल में बीमा योग्य रुचि है, पात्र होते हैं।
ऐसे लें फसल बीमा का लाभ
देश के कई राज्यों के किसान पीएम फसल बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए किसानों को एक आवेदन पत्र भरना होगा। यह फॉर्म ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मोड में उपलब्ध होता है। अगर किसान ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो वे पीएम फसल बीमा योजना की वेबसाइट https://pmfby.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। वहीं ऑफलाइन आवेदन के लिए किसान नजदीकी बैंक, सहकारी समिति या सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। किसानों को यहां यह ध्यान रखना होगा कि उन्हें फसल बीमा के लिए बुवाई के 10 दिनों के भीतर आवेदन करना होगा।
फसल खराब होने पर करना होगा ये काम
अगर बारिश या प्राकृतिक आपदा से आपकी फसल को भारी नुकसान हुआ है तो आपके मन में सबसे पहला सवाल यही उठता है कि अब क्या होगा। इन आपदाओं से फसल प्रभावित होते ही 72 घंटे के भीतर इसकी सूचना बीमा कंपनी को देनी होगी। बीमा कंपनी देखेगी कि बारिश ने आपकी फसल को कितना प्रभावित किया है। आकलन करने के बाद आपके दावे पर विचार किया जाएगा और नुकसान की भरपाई की राशि सीधे आपके खाते में भेज दी जाएगी।
- जे. पी. शुक्ला
Crop has been damaged due to rain then the central government will compensate