ट्रंप ने तो घोषणा कर दी, मगर क्या रिपब्लिकन पार्टी उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का खतरा मोल लेगी?
2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में हार के बावजूद बड़ी मुश्किल से व्हाइट हाउस छोड़ने वाले डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल हो गये हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस की दौड़ में तीसरी बार शामिल होने की घोषणा की है। उन्होंने मध्यावधि चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के खराब प्रदर्शन और मार-आ-लागो क्लब सहित अन्य मामलों में अपने खिलाफ जारी कानूनी जांच के बीच यह घोषणा की है। हालांकि, रिपब्लिकन पार्टी 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में हार स्वीकार करने से इंकार करने वाले डोनाल्ड ट्रंप को अपना उम्मीदवार बनाने पर विचार करेगी या नहीं, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। ट्रंप के हार नहीं स्वीकार करने और उनके कथित भड़काऊ भाषणों के बीच उनके समर्थकों ने छह जनवरी को अमेरिकी संसद भवन (कैपिटल हिल) में हिंसा की थी।
पाम बीच स्थित मार-आ-लागो क्लब में अमेरिका के 30 झंडों और ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ नारे वाले बैनर के बीच खड़े 76 वर्षीय डोनाल्ड ट्रंप ने अपने हजारों समर्थकों, क्लब सदस्यों और पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अमेरिका को फिर से महान बनाने के लिए मैं आज अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर रहा हूं।’’ उन्होंने कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन 2024 में फिर से न चुने जाएं। ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं आपकी आवाज हूं।’’ इसके बाद उन्होंने ‘संघीय निर्वाचन आयोग’ में आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी की।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं चुनाव में इसलिए खड़ा हो रहा हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि दुनिया ने अभी तक इस देश की असली महानता नहीं देखी है।'' उन्होंने कहा कि मानो या न मानो, लेकिन हम उस शिखर पर अभी नहीं पहुंचे हैं।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका मुश्किल समय से गुजर रहा है। ट्रंप ने कहा, ‘‘हम कट्टरपंथी डेमोक्रेट्स को हराएंगे, जो हमारे देश को भीतर से नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।’’ हम आपको बता दें कि इससे पहले, बाइडन ने कहा था कि वह फिर से चुनाव में खड़े होना चाहते हैं, लेकिन इस संबंध में अंतिम फैसला क्रिसमस और नववर्ष के अवकाश के दौरान लेंगे।
देखा जाये तो डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राजनीतिक सफर के बेहद नाजुक दौर में एक बार फिर राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने की घोषणा की है। वह मध्यावधि चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की भारी जीत के बीच अपने अभियान की शुरुआत करना चाहते थे, लेकिन ट्रंप समर्थित ज्यादातर उम्मीदवारों की हार के चलते उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका। वैसे रिपब्लिकन पार्टी में ट्रंप का समर्थन लगातार घट रहा है। हाल के महीनों में उन्हें अपने ही कुछ सहयोगियों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है, जिनका कहना है कि रिपब्लिकन पार्टी के लिए अब भविष्य के बारे में सोचने का समय आ गया है। फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसैंटिस पार्टी में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए पहली पसंद बनकर उभर रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि क्या वाकई ट्रंप को रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी मिल पाती है या नहीं। ट्रंप को अभी पहले प्राइमरी और कॉकस चुनाव जीतने होंगे उसके बाद अपनी पार्टी के नेशनल कन्वेंशन में नेताओं का समर्थन हासिल करना होगा।
हाल के मध्यावधि चुनावों में जिस तरह ट्रंप समर्थित उम्मीदवारों की बड़ी संख्या में हार हुई है उसके लिए ट्रंप के अड़ियल रवैये को जिम्मेदार माना गया। साथ ही डेमोक्रेटिक पार्टी ने ट्रंप को लोकतंत्र के लिए खतरे के प्रतीक के रूप में इस तरह स्थापित कर दिया है कि लोग उनसे खार खाने लगे हैं। ऐसे में ट्रंप की पार्टी के लिए उनको उम्मीदवार बनाना बड़ा राजनीतिक खतरा मोल लेने के बराबर होगा।
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