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आपको लोन देने वाला ऐप असली है या नकली, ऐसे पता लगाइए

आपको लोन देने वाला ऐप असली है या नकली, ऐसे पता लगाइए

आपको लोन देने वाला ऐप असली है या नकली, ऐसे पता लगाइए

बदलते हुए आर्थिक परिदृश्य में अब हर किसी को आये दिन लोन की जरूरत पड़ती रहती है। ऐसे में इसे कब लें, किससे लें और किस तरह के नियम-शर्तों पर लें, सर्वप्रथम यह विचार हर जरूरतमंद व्यक्ति के मन में आता है। इसलिए इस बारे में अच्छी तरह से सोच-विचार अवश्य कर लेना चाहिए। आजकल हर किसी को फटाफट लोन चाहिए। इसी कारण से इंस्टेंट लोन का प्रचलन बढ़ गया है। वाकई इंस्टेंट लोन ऐप के जरिए लोगों को आसानी से कर्ज मिल जाता है, क्योंकि विभिन्न कम्पनियों के लोन ऐप के माध्यम से यह दिया जा रहा है। 

मसलन, आए दिन स्मार्ट फोन यूजर्स को मैसेज और ईमेल के जरिए आसान और सस्ते पर्सनल लोन की जानकारियां भेजी जा रही हैं, जिसमें विभिन्न कंपनियां सस्ते में लोन देने का दावा कर रही हैं। कई बार तो आपके बैंक की तरफ से ही ऐसे ई-मेल या एसएमएस भेजे जाते हैं, जो पर्सनल लोन की भांति आपातकालीन स्थिति में तुरंत अतिरिक्त पैसा जुटाने का एक अच्छा विकल्प है।

आंकड़े बताते हैं कि भले ही इंस्टेंट लोन ऐप के जरिए लोगों को आसानी पूर्वक कर्ज दिया जा रहा है। लेकिन बीते कुछ महीनों में आये दिन लूटने वाली इंस्टेंट लोन ऐप की कई तरह की विचित्र घटनाएं सामने आई हैं। ऐसे में इंस्टेंट लोन ऐप के जरिए होने वाली धोखाधड़ी अब हर किसी को चिंतित करने वाली है।

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# जानिए क्या होता है इंस्टेंट लोन ऐप और क्यों हो रहा है अत्यधिक लोकप्रिय?

इंस्टेंट लोन ऐप एक ऐसा मोबाइल एप्लीकेशन है, जिसके जरिए आप किसी ऐप लोन प्रदाता कम्पनी से तुरंत लोन ले सकते हैं। भारत में अनेक बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां हैं, जो ग्राहकों को इस तरह के इंस्टेंट लोन प्रदान कर रही हैं। इसके तहत, बहुत ही कम समय में ही लोन प्राप्त किया जा सकता हैं। 

बताते चलें कि इंस्टेंट लोन एप के जरिए लोन लेने में ज्यादा कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं पड़ती है और न ही बैंक का चक्कर लगाना पड़ता है। इसलिए यह लोन विधि तेजी से लोकप्रिय होती जा रही है। इसके लिए बस इंस्टेंट लोन ऐप के जरिए पंजीकरण यानी रजिस्ट्रेशन करवाना होता है और मिनटों में पलक झपकते ही पैसा आपके खाते में पहुंच जाता है। हालांकि, इसके कई जोखिम भी हैं, जिससे हर किसी को सावधान रहने की जरूरत है।

# समझिए, क्या है लोन ऐप फ्रॉड और कैसे बचिए इससे?

देखा जाता है कि पिछले कुछ वर्षों में देश में इंस्टेंट लोन देने का वादा करने वाले चीनी ऐप का धंधा बहुत तेजी से फला-फूला है। क्योंकि ऐसे ऐप बिना केवाईसी, बिना डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के ही लोन दे देते हैं। इसी कारण से इन ऐप्स की लोकप्रियता दिन दूना रात चौगुनी बढ़ी है। हालांकि, ऐसे इंस्टेंट लोन ऐप से ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि ये लोन ऐप पहले ग्राहकों को अपने कर्ज मायाजाल फंसाते हैं, फिर उन्हें ब्लैकमेल भी करते हैं। तभी तो देश में पिछले कुछ महीनों में ही इस तरह के अनेक मामले सामने आ चुके हैं।

चूंकि इंस्टेंट लोन ऐप से लोन लेने की प्रक्रिया में यूजर की कांटेक्ट लिस्ट ऐप कंपनी के पास चली जाती है। और फिर जब लोन लेने वाला व्यक्ति यदि समय पर पैसा न चुकाए या पैसा लेकर चंपत हो जाए तो ऐप कंपनी के एजेंट कांटेक्ट लिस्ट वाले लोगों को परेशान करते हैं। यहां तक कि लेनदार से जल्द लोन का पैसा जमा करने के लिए धमकी देते हैं। ऐसे रिकवरी एजेंट से जुड़ी कई वारदात सामने आ चुकी हैं।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट इस बात का खुलासा करती है कि एंड्रायड यूजर के लिए चलने वाले अलग-अलग ऐप स्टोर पर तकरीबन 600 अवैध लोन ऐप चल रहे हैं। इसलिए यूजर जब भी कोई लोन ऐप डाउनलोड करने चलें, तो उसकी रेटिंग और रिव्यू जरूर पढ़ लें। अन्यथा किसी बड़ी धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं।
ऐप स्टोर पर आपको ये सभी जानकारी मिल जाती है जिससे ऐप के बारे में डिटेल में पता चल जाएगा।

बता दें कि आज के समय में इंटरनेट पर बहुत सी ऐसी ऐप है जो सस्ता लोन देने का वादा करती है। बड़ी संख्या में लोग इनसे कर्ज भी लेते है। वहीं, जब इंस्टेंट लोन ऐप के जरिए धोखाधड़ी के मामले सामने आते हैं तो इन ऐप्स को लेकर तरह तरह के सवाल भी उठते हैं। इसलिए आज यहां पर हम आपको बताएंगे कि लोन देने वाली असली ऐप और नकली ऐप में क्या अंतर है और कैसे आप इससे बचे रह सकते हैं-

# पता लगाइए कि कौन से बैंक या फाइनेंशियल कंपनी से जुड़ी है ऐप

सबसे पहले यह ऐप डाउनलोड करने से पहले यह जांच करनी चाहिए कि यह कौन से बैंक से जुड़ी हुई है। इसके साथ नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी कौन सी है। क्योंकि  गूगल पॉलिसी के मुताबिक किसी भी लोन ऐप के साथ अनिवार्य तौर पर कोई न कोई एनबीएफसी जरूर जुड़ा होना चाहिए। यदि ऐप से कोई बैंक नहीं जुड़ा हुआ है तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। एनबीएफसी को भी अपने प्लेटफॉर्म पर बताना होगा कि उसके साथ कौन सा लेंडिंग ऐप चल रहा है। यहां से असलियत का पता लगा सकते हैं। कहने का तातपर्य यह कि लोन ऐप को कौन सी कंपनी चला रही है और उसे किस कंपनी ने डेवलप किया है, इस तरह की जानकारी यदि ठीक-ठीक मिलती है, तभी उस ऐप को डाउनलोड करें। अन्यथा उस ऐप से सावधान रहें। 

# आखिरकार ऐप की कंपनी का क्या है ट्रैक रिकॉर्ड, पहले इसे समझिए, फिर ऐप डाऊनलोड कीजिए

किसी भी लोन ऐप से लोन लेने से पहले यह पता करना चाहिए कि इसको कौन सी कंपनी चला रही है। किस कंपनी ने इसको तैयार किया है। इसके साथ ही कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड भी चेक करना चाहिए। कंपनी की वेबसाइट, कांटेक्ट डिटेल, ऑफिस के पते की जांच करनी चाहिए। इसका ऑफिस भारत में कहां पर है, इसकी जानकारी जुटाएं। क्योंकि नकली या फर्जीवाड़ा करने वाले लोन ऐप इस तरह की जानकारी अकसर छिपा ले जाते हैं।

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# ऐप की रेटिंग और रिव्यू जरूर पढ़ें, तभी किसी निर्णय पर पहुंचें

लोन ऐप डाउनलोड करने से पहले उसकी रेटिंग और रिव्यू को जरूर पढ़ना चाहिए। क्योंकि ऐप स्टोर पर आपको इसके संबंध में सारी डिटेल मिल जाती है। यदि नहीं मिल रही है तो सचेत हो जाइए। मसलन, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने एक रिपोर्ट में भी बताया है कि एंड्रायड यूजर पर चलने वाले अलग-अलग ऐप स्टोर पर करीब 600 अवैध लोन ऐप चल रहे हैं। ऐसे में जब भी कोई लोन ऐप डाउनलोड करें तो उसकी रेटिंग, रिव्यू जरूर पढ़ लें। ऐप स्टोर पर आपको ये सभी जानकारी मिल जाती है जिससे ऐप के बारे में डिटेल में आपको पता चल जाएगा।

# इंस्टेंट लोन ऐप पर पर्सनल डेटा चोरी का बना रहता है खतरा

एक बात हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि फर्जी ऐप यूजर से कई तरह की जानकारी मांगते हैं, जो यूजर के परमिशन के द्वारा ही दी जाती है। इससे पर्सनल डेटा लीक होने का खतरा भी बढ़ जाता है। खासकर कांटेक्ट लिस्ट चोरी का खतरा अधिक होता है जिससे फर्जी ऐप यूजर को परेशान करते हैं। जबकि अच्छा ऐप ज्यादा जानकारी नहीं मांगता है। ऐसा माना जाता है कि अच्छा ऐप वही होता है जो यूजर से कम के कम परमिशन में इस्तेमाल की इजाजत देता है। क्योंकि जो उसको जरूरी जानकारी ही चाहिए, वही लेता है, जैसे मोबाइल, बैंक खाता, जन्मतिथि और नाम आदि। इससे पर्सनल डेटा चोरी होने का खतरा नहीं होता। 

# पारदर्शिता का रखें ख्याल, अन्यथा हो जाएं सावधान

कोई भी असली लोन ऐप होगा तो वह यूजर को लोन देने से पहले अपनी पूरी जानकारी देगा। क्योंकि ये सभी काम पारदर्शिता के साथ किए जाते हैं जिसमें लोन देने वाली कंपनी और यूजर के बीच एक करार होता है। वहीं, लुटेरे या नकली ऐप के साथ यह सुविधा नहीं मिलती। ऐसे ऐप यूजर को पूरी जानकारी नहीं देते और किसी वैध एग्रीमेंट के लिए भी तैयार नहीं होते। ऐसे में ऐप से लोन लेते हैं तो एक बार चेक करें कि ऐप बताए कि लोन देने वाली असली कंपनी कौन सी है, क्योंकि ऐप कभी लोन नहीं देता बल्कि वह माध्यम बनता है। वहीं, प्रोसेसिंग फीस, ब्याद दर, जुर्माना और रीपेमेंट के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लें।

सच कहा जाए तो पिछले कुछ सालों में इंस्टेंट लोन ऐप के जरिए भी बड़ी संख्या में लोग फटाफट ऑनलाइन लोन ले रहे हैं और उसका भुगतान भी ऑनलाइन तरीके से ही करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं, क्योंकि इसकी प्रक्रिया बिल्कुल आसान और किफायती है। इस तरीके को अपनाने से समय और धन दोनों की कुछ बचत हो जाती है। इसलिए इसका प्रचलन बढ़ रहा है। ऐसे में हमें अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत भी आन पड़ी है, ताकि हमलोग किसी धोखाधड़ी का शिकार होने से बचे रहें। 

देखा जाता है कि कभी कभार लोन लेने के चक्कर में आपके घर पर रिकवरी एजेंट धमक आते हैं और लोन से अधिक पैसा वसूलकर ले जाते हैं। इससे बचने का एक ही उपाय है कि लोन ऐप को पहचानें, उसके बारे में जानें। उसकी असलियत जानने के बाद ही लोन के लिए अप्लाई करें, क्योंकि गलत ऐप के चक्कर में आप तो फंसेंगे ही, आपके संगी-साथी भी शिकार हो सकते हैं।इसलिए आप भी कोई ऐप डाउनलोड करते हैं तो एक बार सावधान हो जाएं। लोन ऐप के बारे में पूरी सच्चाई जानने के बाद ही उसे डाउनलोड करें।

- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

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