‘आतंकवादी को पनाह देना आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर’, HM बोले- कुछ ऐसे देश हमारे संकल्प को कमजोर करना चाहते हैं
दिल्ली में 'नो मनी फॉर टेरर' सम्मेलन में गमह मंत्री अमित शाह ने साफ तौर पर कहा कि आतंकवादी हिंसा फैला रहे हैं, युवाओं को कट्टरपंथी बना रहे हैं और वित्तीय स्रोतों के नए रास्ते खोज रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी पहचान छुपाने और कट्टरपंथी सामग्री फैलाने के लिए आतंकवादी डार्क नेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। शाह ने साफ तौर पर कहा कि क्रिप्टोकरेंसी जैसी आभासी संपत्ति का उपयोग भी बढ़ रहा है। गृह मंत्री ने कहा कि हमें डार्क नेट पर होने वाली ऐसी गतिविधियों के पैटर्न का विश्लेषण और समझना होगा और उनका समाधान खोजना होगा। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से, कुछ ऐसे देश हैं जो आतंकवाद से निपटने के हमारे सामूहिक संकल्प को कमजोर या नष्ट करना चाहते हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अक्सर हमने देखा है कि कुछ देश आतंकवादियों को ढाल देते हैं और उन्हें शरण देते हैं। एक आतंकवादी को पनाह देना आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है। ऐसे तत्व और ऐसे देश अपने मंसूबों में कामयाब न हों, यह देखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अगस्त 2021 के बाद, दक्षिण एशियाई क्षेत्र में स्थिति में व्यापक परिवर्तन हुए हैं। उन्होंने बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि सत्ता में बदलाव, और आईएसआईएस और अल कायदा के प्रभाव में वृद्धि क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। नए समीकरणों ने टेरर फंडिंग के मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत ने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया है और वह तब तक चैन से नहीं बैठेगा जब तक इसे जड़ से उखाड़ कर फेंक नहीं दिया जाता। प्रधानमंत्री ने राजधानी स्थित होटल ताज पैलेस में आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर‘आतंक के लिए कोई धन नहीं’ (नो मनी फॉर टेरर) विषय पर आयोजित मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि दशकों से विभिन्न नामों और रूपों में आतंकवाद ने भारत को चोट पहुंचाने की कोशिश की और इस वजह से देश ने हजारों कीमती जीवन खो दिए लेकिन इसके बावजूद देश ने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया है।
Giving shelter to terrorist is equivalent to promoting terrorism says amit shah