History of exit polls: दिल्ली में झाड़ूू के बाद अब गुजरात और हिमाचल का कैसा रहेगा परिणाम, जानें कब-कब Exact साबित हुए एग्जिट पोल
हिमाचल प्रदेश, गुजरात के साथ ही दिल्ली के नगर निगम चुनाव की समाप्ति के बाद से ही एग्जिट पोल आने शुरू हो गए। सीटों की संख्या को लेकर सभी के अपने अपने दावें भी रहे। इस दावों और आंकड़ों के खेल की शुरुआत 5 दिसंबर की शाम से शुरू हो गई और 8 दिसंबर को दोनों राज्यों के नतीजे आने तक ये मान्य रहेंगे। उसके बाद यह एक्सपायर हो जाएंगे। वैसे दिल्ली के एमसीडी चुनाव के नतीजे मोटा-माटी आ गए हैं। आंकड़ों पर फौरी तौर पर नजर डालें तो एग्जिट पोल्स के अनुमान कुछ हद तक सही साबित होते नजर आएं। तमाम एग्जिट पोल ने दिल्ली एमसीडी में आप की जीत के दावे किए थे। वास्तविकता में भी ऐसा ही होता नजर आ रहा है। बीजेपी भले ही अपना मेयर बनाने का दावा करती नजर आ रही थी, लेकिन तमाम एग्जिट पोल एक ही सुर में मानो 'अच्छे होंगे 5 साल, एमसीडी में भी केजरीवाल' कहते नजर आ रहे थे। अब ऐसे में कल हिमाचल प्रदेश और गुजरात में आने वाले चुनावी नतीजों को लेकर भी एग्जिट पोल के दावों के आधार पर तौल कर देखा जाने लगा है। ऐसे में आइए जानते हैं कि एग्जिट पोल के अनुमान कितनी दफा सटीक और कितनी बार हवा हवाई साबित हुए हैं।
दिल्ली एमसीडी चुनाव
दिल्ली एमसीडी चुनाव की तस्वीर साफ हो चुकी है। आप पूर्ण बहुमत के साथ अपना मेयर बनाने की दिशा में काफी आगे निकल गई है। वहीं बीजेपी के एमसीडी में 15 साल के राज का अंत भी होता नजर आ रहा है। बात अगर एग्जिट पोल की करें तो आज तक एक्सिस माय इंडिया ने एमसीडी चुनाव में 250 सीटों में आप को 149-171 सीटें दी थी, वहीं बीजेपी को 69-91 और कांग्रेस को 3-7 सीट, अन्य को 5-9 सीटें मिलने का अनुमान जताया था। जन की बात के पोल में आप को 159-175 और बीजेपी को 70-92 व कांग्रेस को 4-7 सीटें दी गई थीं।
गुजरात में बीजेपी फिर बनाएगी रिकॉर्ड?
27 साल से गुजरात की सत्ता पर काबिज बीजेपी को अलग-अलग एग्जिट पोल में 128 से 151 तक सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। वहीं, आम आदमी पार्टी यहा खाता खोलती दिख रही है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में वोट के बटवारे का साफ लाभ बीजेपी को होता दिख रहा है। टाइम्स नाउ के सर्वे में बीजेपी को 139, कांग्रेस को 30, आप को 11 सीटें दी गई हैं। इंडिया टुडे के सर्वे में बीजेपी को 129 से 151, कांग्रेस को 16-30 और आम आदमी पार्टी को 2 से 10 सीटें दी गई हैं। 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 99 सीटें जीती थीं, कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थीं, निर्दलीय और छोटे दलों ने छह सीटों पर जीत हासिल की थी। 2017 के नतीजों की तुलना में बीजेपी को 21 सीटों का फायदा हो सकता है, कांग्रेस को 30 सीटों का नुकसान हो सकता है, आप को सात सीटों का फायदा हो सकता है और 'अन्य' को दो सीटों का फायदा हो सकता है। जबकि एग्जिट पोल में भाजपा 112-121 सीट, मुख्य विपक्षी कांग्रेस 51-61 सीट और आम आदमी पार्टी 1-7 सीटें मिलने का अनुमान जताया था।
हिमाचल में राज बदलेगा या रिवाज?
हिमाचल में साल में सत्ता बदलने का रिवाज रहा है। इस बार लगभग सभी एग्जिट पोल में अनुमान है कि बीजेपी ही दोबारा सत्ता हासिल करेगी। इंडिया टुडे के सर्वे में ही यह अनुमान लगाया गया है कि रिवाज के मुताबिक, यहा सत्ता बदल सकती है। टाइम्स नाउ ने बीजेपी को 34 से 42 सीटें दी हैं, वहीं कांग्रेस के 24 से 32 सीटें जीतने का अनुमान लगाया है। आप को शून्य सीटें मिलने की संभावना जताई है। इंडिया टुडे ने बीजेपी को 24 से 34 सीटें दी हैं। कांग्रेस को 30-40 और आप को शून्य पर रखा है। जन की बात में बीजेपी को 32 से 40 सीटें दी गई हैं, कांग्रेस के 27 से 34 सीटें लाने का अनुमान है। 2017 में हिमाचल प्रदेश को लेकर तमाम एजेंसियों ने दावा किया था कि भाजपा की सरकार बनेगी। हालांकि, सीटों को लेकर सबका अनुमान अलग-अलग था। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में बीजेपी की जीत की भविष्यवाणी की गई थी। पोल के अनुसार बीजेपी को 47-55, कांग्रेस को 13-20 और अन्य को 0-2 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था।
भारत में एग्जिट पोल का इतिहास
संजय कुमार ने लिखा है कि 1957 में दूसरे लोकसभा चुनाव के दौरान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन ने इस तरह का सर्वे कराया था।
भारत में एग्जिट पोल को नियंत्रित करने वाले नियम
एग्जिट पोल को प्रकाशित करने की अनुमति कब दी जानी चाहिए, इसका मुद्दा विभिन्न रूपों में तीन बार सुप्रीम कोर्ट में जा चुका है। उस पर हमारे विस्तृत व्याख्याकार को यहाँ पढ़ें। फिलहाल एग्जिट पोल वोटिंग शुरू होने से पहले आखिरी चरण के खत्म होने तक नहीं दिखाए जा सकते।
एग्जिट पोल किसे कहते हैं?
एग्जिट पोल हमेशा वोटिंग के दिन होता है। एग्जिट पोल में मतदान देने के तुरंत बाद जब वोटर पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो उससे कुछ सवाल करके उसका मन टटोला जाता है। फिर उसका विश्लेषण किया जाता है। इसे एग्जिट पोल कहते हैं। इसका डाटा वोटिंग वाले दिन जमा किया जाता है फिर आखिरी वोटिंग के दिन शाम को एग्जिट पोल दिखाया जाता है।
क्या होता है ओपिनियन पोल?
ओपिनियन पोल सीधे वोटर से जुड़ा होता है। इसमें जनता की राय को समझने के लिए अलग-अलग तरीके से आंकड़े जमा किए जाते हैं। यानी लोगों से बात करने, उनकी राय जानने के तरीके अलग-अलग अपनाएं जाते हैं। प्री पोल, एग्जिट पोल और पोस्ट पोल ओपिनियन पोल की 3 शाखाएं हैं। पर ज्यादातर लोग एग्जिट पोल और पोस्ट पोल को एक ही समझ लेते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। ये दोनों एक-दूसरे बिल्कुल अलग होते हैं।
प्री पोल क्या होता है?
किसी भी चुनाव की घोषणा और वोटिंग से पहले जो सर्वे आप टीवी में देखते हैं या अखबारों में पढ़ते हैं कि अगर आज चुनाव हुए तो किस पार्टी की सरकार बनेगी, यह प्री पोल होता है। जैसे मान लीजिए कि लोकसभा चुनाव 2019, 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में होंगे। चुनाव की घोषणा 11 मार्च को हुई थी। जिसके बाद टीवी चैनल या अखबारों ने बताया कि आज चुनाव हुए तो किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी। यह प्री पोल से ही तय होता है।
पोस्ट पोल में क्या तय होता है?
पोस्ट पोल के परिणाम ज्यादा सटीक होते हैं। एग्जिट पोल में सर्वे एजेंसी मतदान के तुरंत बाद मतदाता से राय जानकर मोटा-मोटा हिसाब लगा लेती हैं। जबकि पोस्ट पोल हमेशा मतदान के अगले दिन या फिर एक-दो दिन बाद होते हैं। जैसे मान लीजिए छठे चरण की वोटिंग 12 मई को हुई थी। तो सर्वे करने वाली एजेंसी मतदाताओं से 13, 14, या 15 मई तक उनकी राय जान ली होगी, इसे पोस्ट पोल कहा जाता है।
History of exit polls how many times exit polls went horribly wrong