India In Hockey: World Cup में सिर्फ एक बार ही चैंपियन बनी है टीम इंडिया, 1975 में Pak को हराया था
भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है। भारत में हॉकी का इतिहास काफी स्वर्णिम रहा है। चाहे ओलंपिक हो या फिर विश्व कप, भारतीय हॉकी टीम ने हर जगह शानदार प्रदर्शन किया है। भारत अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ का हिस्सा बनने वाली पहली गैर यूरोपीय टीम थी। 1928 के बाद भारतीय हॉकी का स्वर्णिम युग शुरू हुआ जो कि 1960 तक रहा। ओलंपिक में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया। इसके अलावा हॉकी विश्व कप में भारत का प्रदर्शन शानदार रहा है। हॉकी विश्व कप में भारत का प्रदर्शन कैसा रहा है, यह हम आपको बताने जा रहे हैं।
पहली बार हॉकी विश्वकप का आयोजन बार्सिलोना, स्पेन में 1971 में हुआ। इसमें भारतीय टीम तीसरे नंबर पर रही और सेमीफाइनल तक पहुंची थी। भारत को इस विश्वकप में ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में भारत ने केन्या पर जीत हासिल की थी।
दूसरे विश्वकप की बात करें तो इसका आयोजन 1973 में नीदरलैंड में हुआ था। इस विश्व कप में भारत दूसरे नंबर पर रही थी और फाइनल मुकाबला खेला था। 1973 के विश्व कप में भारत ने पाकिस्तान को सेमीफाइनल में हराया था। हालांकि, फाइनल में टीम इंडिया को नीदरलैंड के हाथों पेनल्टी शूटआउट में हार का सामना करना पड़ा था।
1975 का विश्व कप भारत के लिए शानदार है। भारत इस विश्व कप में विजेता बनी थी। 1975 का विश्व कप मलेशिया में खेला गया था। 1975 के विश्व कप में भारत ने सेमीफाइनल में मलेशिया को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। फाइनल में भारत ने अपने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता था। उस वक्त भारतीय टीम के कप्तान अजीत पाल सिंह थे।
हालांकि 1975 के बाद कहीं ना कहीं भारतीय हॉकी टीम में गिरावट दर्ज की गई।
1978 विश्व कप का आयोजन अर्जेंटीना में हुआ था। भारतीय टीम ग्रुप स्टेज तक ही पहुंच पाई और छठे पायदान पर अपना अभियान खत्म किया।
1982 का विश्व कप भारत के मुंबई में खेला गया था। घरेलू मैदान पर टीम इंडिया से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी। लेकिन इस बार भी भारतीय टीम ग्रुप स्टेज तक ही पहुंच सकी और पांचवें नंबर पर रहकर अपना अभियान खत्म किया।
1986 के विश्व कप में भारत ग्रुप स्टेज तक ही रहा और सबसे खराब प्रदर्शन करते हुए 12वें स्थान पर अपना अभियान खत्म किया। यह विश्व कप लंदन में हो रहा था।
1990 का विश्व कप पाकिस्तान के लाहौर में खेला गया जहां भारत ने ग्रुप स्टेज में रहते हुए दसवें पायदान पर अपने अभियान को खत्म किया।
1994 के सिडनी विश्व कप में टीम इंडिया ग्रुप स्टेज में ही रही और पांचवें पायदान पर अपने अभियान को खत्म किया।
1998 का विश्व कप नीदरलैंड में खेला गया। भारत नौवें पायदान पर रहते हुए अपने अभियान को खत्म किया था।
2002 में मलेशिया में खेले गए विश्वकप में भारतीय टीम दसवें नंबर पर ही थी और ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी।
2006 के विश्व कप में भारतीय टीम 11वे स्थान पर ही थी और ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी।
2010 का विश्व कप नई दिल्ली में खेला गया और भारत आठवें पायदान पर रही थी।
2014 का विश्व कप नीदरलैंड में हुआ और नौवें पायदान पर रहकर भारतीय टीम ने अपना अभियान खत्म किया।
2018 का विश्व कप भारत के लिहाज से अच्छा रहा। विश्व कप का आयोजन भुवनेश्वर में हुआ। भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंची और छठे पायदान रही।
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