बेंगलुरु/शिवमोगा (कर्नाटक)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि उनकी सरकार समानता सुनिश्चित करने के लिए राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने पर ‘गंभीरता’ से विचार कर रही है। बोम्मई ने भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर राज्य की राजधानी बेंगलुरु में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “उनकी सरकार यूसीसी लागू करने पर बहुत गंभीरता से विचार कर रही है, क्योंकि यह राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के मुख्य घोषणापत्र का हिस्सा था।”
बोम्मई के अनुसार, राज्य सरकार यूसीसी को लागू करने के लिए विभिन्न राज्यों में गठित विभिन्न समितियों पर विचार कर रही है, ताकि इस पर कोई निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं का अध्ययन किया जा सके। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को शिवमोगा में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि संविधान की प्रस्तावना समानता और बंधुत्व की बात करती है। यूसीसी लागू करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए उन्होंने कहा, “..हम दीनदयाल उपाध्याय के समय से समान नागरिक संहिता के बारे में बात कर रहे हैं। देश में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर इस पर गंभीर विचार चल रहा है। सही समय आने पर इसे लागू करने का भी इरादा है।”
उन्होंने कहा, “...हम यह भी चर्चा कर रहे हैं कि इसे अपने राज्य में कैसे (लागू) किया जाए।” बोम्मई ने कहा कि राज्य सरकार इसे लागू करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगी। बोम्मई ने धर्मांतरण विरोधी कानून पर कहा कि कई लोगों ने इसे गैर-संवैधानिक करार दिया, लेकिन अब सर्वोच्च न्यायालय ने एक आदेश पारित किया है, जिसमें कहा गया है कि जबरन धर्म-परिवर्तन एक अपराध है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी का दृढ़ विश्वास है कि श्रद्धालुओं को मंदिरों का प्रबंधन करना चाहिए तथा आने वाले दिनों में इस दिशा में प्रावधान किये जाएंगे।
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