रिकॉर्ड ब्रेकिंग सीरियल महाभारत को घर घर तक पहुंचाने वाले बीआर चोपड़ा के बारे में जानें रोचक तथ्य
'महाभारत' महाकाव्य के रचयिता 'महर्षि वेदव्यास' हैं, लेकिन टीवी के जरिए घर घर तक 'महाभारत' को पहुंचाने के लिए बीआर चोपड़ा को श्रेय जाता है। बीआर चोपड़ा को ऐसे फिल्मकार के तौर पर याद किया जाएगा उन्होंने पारिवारिक, सामाजिक और साफ सुथरी फिल्मों को बनाया और दर्शकों का आज तक भी मनोरंजन करते है। उनके काम के जरिए आज भी सिनेमा प्रेमियों के दिलों में उनकी खास जगह और इज्जत है। ऐसा कोई व्यक्ति विरले ही मिलेगा जो बीआर चोपड़ा को ना जानता हो।
पंजाब में हुआ जन्म
बलदेव राय चोपड़ा (बीआर चोपड़ा) का जन्म 22 अप्रैल को 1914 में हुआ था। शुरुआत से ही उनका रूझान फिल्मों के जरिए शोहरत पाने का था। बीआर चोपड़ा ने लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर की शिक्षा हासिल की। उनका करियर एक पत्रकार के तौर पर शुरू हुआ था। उन्होंने फिल्मी पत्रकारिता के जरिए अपना करियर शुरू किया था। वो फिल्म पत्रिका सिने हेराल्ड में फिल्म समीक्षा लिखते थे।
वर्ष 1949 में शुरू किया काम
बता दें कि बीआर चोपड़ा ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत वर्ष 1949 में की। वो फिल्म करवट से फिल्म निर्माता बने हालांकि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर पिट गई थी। इसके दो वर्ष बाद अशोक कुमार की फिल्म अफसाना को बीआर चोपड़ा ने निर्देशित किया, जिसने सफलता के झंडे गाड़े। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अपनी सिल्वर जुबली पूरी की थी। इस फिल्म के जरिए बीआर चोपड़ा को खास पहचान मिली थी। उन्होंने इसके बाद बीआर फिल्म्स की स्थापना की। इस बैनर के तले सबसे पहले फिल्म नया दौर बनाई। ये फिल्म बॉलीवुड की ऐतिहासिक फिल्म थी जिसमें आधुनिक युग और ग्रामीण संस्कृति के बीच होने वाले टकराव को दर्शाया गया था। दर्शकों ने इस टकराव को पसंद किया और फिल्म ने कई कीर्तिमान स्थापित किए। बीआर चोपड़ा ने आमतौर पर ऐसी फिल्मों का निर्देशन किया जिन्होंने समाज को संदेश दिया। वो दर्शकों के सामने नया संदेश देना चाहते थे।
बॉलीवुड को दिए कई दिग्गज
बीआर चोपड़ा ने सिर्फ अपना ही करियर नहीं बनाया बल्कि बॉलीवुड को ऐसे कई दिग्गज कलाकार दिए जिन्होंने बॉलीवुड में कई कीर्तिमान स्थापित किए। उन्होंने अपने भाई और जाने माने निर्माता निर्देशक यश चोपड़ा को खास पहचान दिलाने में मदद की। इसके अलावा पार्श्व गायिका आशा भोंसले की कामयाबी का श्रेय भी बीआर चोपड़ा को जाता है। बीआर चोपड़ा ने आशा भोंसले को अपनी फिल्मों में ब्रेक दिया और उन्हें नई पहचान मिली। बीआर चोपड़ा ने पार्श्वगायक महेंद्र कपूर को भी इंडस्ट्री में पहचान दिलाई।
फिल्मों के बाद किया छोटे पर्दे का रुख
बीआर चोपड़ा ने दशकों तक फिल्मों में अपनी छाप छोड़ने के बाद छोटे पर्दे का रुख किया। वर्ष 1988 में छोटे पर्दे पर उन्होंने ऐसा सीरियल बनाया जिसने टीवी की दुनिया में इतिहास रच दिया। दूरदर्शन के इतिहास में ये सीरियल सबसे सफल सीरियल माना जाता है। बता दें कि बीआर चोपड़ा की महाभारत ऐसा सीरियल है जिसने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज कराया था। महाभारत को घर घर तक पहुंचाने वाले बीआर चोपड़ा ने इस सीरियल को नौ करोड़ रुपये की लागत से बनाया था, जिसे उनके बेटे रवि चोपड़ा ने निर्देशित किया था। हालांकि उनकी अंतिम फिल्म भूतनाथ थी।
मिले कई पुरस्कार
बीआर चोपड़ा को उनके करियर के दौरान कई बार सम्मानित भी किया गया। वर्ष 1998 में हिंदी सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड भी उन्हें दिया गया था। इससे पहले वर्ष 1960 में उन्हें फिल्म कानून के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। बता दें कि बॉलीवुड में खास पहचान बनाने वाले बीआर चोपड़ा का निधन पांच नवंबर 2008 को हो गया था।
Know about br chopra on his death anniversary