2024 आम चुनाव से पहले का सबसे बड़ा कैबिनेट फेरबदल अब किसी भी समय होने को है। सत्ता के गलियारों में ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा यह है कि बजट सत्र शुरू होने से पहले (31 जनवरी) या 10 फरवरी के बाद जब सत्र का पहला दौर समाप्त होगा, केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक सुविचारित फेरबदल किया जा सकता है। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को 1 फरवरी को आम बजट पेश किए जाने के साथ शुरू हो सकता है। भाजपा सूत्रों ने संकेत दिया था कि फेरबदल पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में 16-17 जनवरी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद हो सकता है। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरकत कर रहे हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'उम्मीद है कि 2024 के आम चुनाव से पहले कुछ नए चेहरों को केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री के रूप में शामिल किया जा सकता है, जबकि कुछ पुराने चेहरों को या तो कैबिनेट में या संगठन के भीतर नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं।
इन मंत्रालयों को मिल सकते हैं नए चेहरे
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का नेतृत्व स्मृति ईरानी कर रही हैं, जबकि स्टील का नेतृत्व ज्योतिरादित्य सिंधिया कर रहे हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय और कपड़ा मंत्रालय को भी एक नया मंत्री मिल सकता है, जिसकी अध्यक्षता वर्तमान में पीयूष गोयल कर रहे हैं। ऐसी भी अटकलें हैं कि कोयला मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भी नए चेहरे मिल सकते हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में जुलाई 2021 में केवल एक बार अपनी मंत्रिपरिषद में फेरबदल किया है, जबकि अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने तीन बार अपनी मंत्रिपरिषद में फेरबदल और विस्तार किया था।
लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव पर भी नजर
एक विचार है कि गुजरात विधानसभा चुनावों में पार्टी की शानदार जीत और हिमाचल प्रदेश विधानसभा और दिल्ली नगरपालिका चुनावों में मिली हार से मिले सबक कर्नाटक राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे चुनावी राज्यों में अपनी राजनीतिक जरूरतों के अलावा मंत्री पद के बदलाव में एक कारक की भूमिका निभा सकते हैं। लोकसभा चुनाव अब केवल 15 महीने दूर हैं, बड़े पैमाने पर राजनीतिक समीकरण विकसित हो रहे हैं बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना जैसे राज्य भी बदलावों में भूमिका निभाएंगे। इसी तरह चर्चा है कि पार्टी के संगठन में भी बदलाव किए जा सकते हैं।
फिर दिखेगा सरप्राइज एलीमेंट
मोदी की मंत्रिपरिषद में बदलाव हमेशा चौंकाने वाले रहे हैं, क्योंकि कभी-कभी ऐसे मंत्रियों को हटाया गया और ऐसे लोगों को मंत्री बनाया गया, जिसके बारे में किसी ने दूर-दूर तक सोचा भी नहीं था। मौजूदा मंत्रियों के विभागों में बदलाव के लिए भी मोदी के मंत्रिमंडल में फेरबदल सुर्खियों में रहे हैं। पिछली बार प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद को मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था, जबकि पूर्व आईएएस अधिकारी अश्विनी वैष्णव को शामिल किया गया था और उन्हें रेलवे एवं सूचना प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय दिए गए थे। पिछले फेरबदल के बाद मुख्तार अब्बास नकवी को मंत्री पद गंवाना पड़ा था।
चिराग को मिलेगा मौका?
सहयोगी दलों जनता दल (यूनाइटेड) और शिवसेना कोटे से मंत्री रहे नेताओं के इस्तीफे से भी पद खाली हुए हैं। दोनों दल इस समय विपक्षी खेमे में हैं। फेरबदल में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है, जिसे शिवसेना के अधिकांश सांसदों का समर्थन प्राप्त है। एक राय यह भी है कि भाजपा चिराग पासवान को पुरस्कृत कर सकती है, जिन्हें उनके पिता और बिहार के दिग्गज दलित नेता रामविलास पासवान के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता है।
Modi government will have the biggest cabinet before 2024 elections
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