राजनाथ ने सैन्य कमांडरों से कहा, सेना की परिचालन तैयारी हमेशा उच्च स्तर की होनी चाहिए
नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच बुधवार को सेना के कमांडरों का आह्वान किया कि सेना की परिचालन की तैयारी हमेशा उच्च स्तर की होनी चाहिए। सेना के कमांडरों के शीर्ष स्तरीय द्विवार्षिक कार्यक्रम के अंतर्गत उनके सम्मेलन में सिंह ने देश के सबसे भरोसेमंद और प्रेरक संगठनों में से एक भारतीय सेना के प्रति अरबों नागरिकों के विश्वास को दोहराया। सोमवार से शुरू हुए पांच दिन के सम्मेलन का आयोजन यहां 11 नवंबर तक किया जाएगा। इसमें कमांडर चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों की व्यापक समीक्षा कर रहे हैं तथा इसमें वर्तमान सुरक्षा तंत्र के लिए चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसमें 13 लाख अधिकारियों और जवानों वाली सेना के कौशल को बढ़ाने के तरीकों पर मंथन हो रहा है।
सम्मेलन के तीसरे दिन का मुख्य आकर्षण रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का सेना के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ बातचीत करना रहा, जिससे पहले भारतीय सेना की ‘‘भविष्य के लिए तैयार बल के रूप में परिवर्तन की आवश्यकता’’ पर जानकारी प्रदान की गयी। रक्षा मंत्री ने सुरक्षा और राष्ट्रीय संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए एक उच्च परिचालन तत्परता बनाए रखने के लिहाज से भारतीय सेना की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें भारतीय सेना और उसके नेतृत्व पर पूर्ण विश्वास और भरोसा है। सिंह ने कहा कि सेना को किसी भी परिचालन आकस्मिकताओं के लिए तैयार रहना चाहिए और इसलिए परिचालन की तैयारी हमेशा अपने उच्च स्तर पर होनी चाहिए। सिंह ने ट्वीट कर कमांडरों के साथ अपने संवाद को ‘फलप्रद’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘नयी दिल्ली में आज कमांडरों के सम्मेलन में भारतीय सैन्य कमांडरों के साथ फलदायी बातचीत हुई। सशस्त्र बलों की अभियान संबंधी तैयारियों एवं क्षमताओं के उच्च मानकों के लिए उनकी सराहना की।’’
सेना के एक बयान के अनुसार सिंह ने अपनी सीमाओं की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने के अलावा नागरिक प्रशासन की आवश्यकतानुसार सहायता प्रदान करने में सेना द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने उच्च स्तर की परिचालन तैयारियों और क्षमताओं के लिए रक्षा बलों की सराहना की। सिंह ने कहा कि इसका अनुभव उन्होंने हमेशा सीमावर्ती क्षेत्रों की अपनी यात्राओं के दौरान किया है। सेना के अनुसार, ‘‘उन्होंने प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों सहित नागरिक उद्योगों के सहयोग से विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए सेना के प्रयासों और स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण या आत्म-निर्भरता के उद्देश्य की दिशा में प्रगति की भी सराहना की।
Operational preparedness of the army should always be of a high standard says rajnath