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अल्जाइमर के निदान के लिए शोधकर्ताओं ने विकसित किया नया परीक्षण
By DivaNews
08 September 2022
अल्जाइमर के निदान के लिए शोधकर्ताओं ने विकसित किया नया परीक्षण अल्जाइमर ऐंड रिलेटेड डिसऑर्डर सोसाइटी ऑफ इंडिया (एआरडीएसआई) की ‘डिमेंशिया इंडिया रिपोर्ट’ के अनुसार, वर्ष 2030 तक लगभग 76 लाख भारतीय अल्जाइमर और अन्य डिमेंशिया की स्थिति से पीड़ित होंगे। माना जाता है कि अल्जाइमर रोग मस्तिष्क की कोशिकाओं में और उसके आसपास प्लाक के असामान्य निर्माण के कारण होता है। प्लाक छोटे प्रोटीन (पेप्टाइड) के समुच्चय होते हैं, जिन्हें एमिलॉयड -बीटा (Aβ) कहा जाता है। अल्जाइमर रोग के निदान में संज्ञानात्मक कार्यों, मस्तिष्क के आकार और संरचना का अवलोकन SPECT, PET एवं MRI स्कैन और एमिलॉयड प्लाक (Amyloid plaque) की पहचान महत्वपूर्ण है। स्पाइनल टैप (Spinal Tap) के माध्यम से प्रमस्तिष्क मेरु द्रव (Cerebrospinal fluid) से निकालकर या फिर पीईटी स्कैन करके एमिलॉयड प्लाक की पहचान की जाती है। अल्जाइमर की विश्वसनीय पहचान करने में सक्षम होते हुए भी यह विधि अपेक्षाकृत महँगी है, और इसमें चीरफाड़ की आवश्यकता होती है।इसे भी पढ़ें: कोविड-19 से लड़ने के लिए शोधकर्ताओं ने विकसित किया वायरस जैसा कृत्रिम कणएक ताजा अध्ययन में भारतीय शोधकर्ताओं को एक नया चीरफाड़ रहित और प्रभावी फ्लोरोसेंट आणविक परीक्षण विधि विकसित करने में सफलता मिली है। यह संयुक्त अध्ययन; भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर, और वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की कोलकाता स्थित घटक प्रयोगशाला - भारतीय रासायनिक जीव विज्ञान संस्थान (आईआईसीबी) के सहयोग से किया गया है। यह अध्ययन, शोध पत्रिका ‘एसीएस केमिकल न्यूरोसाइंस’ में प्रकाशित किया गया है।
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