मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता प्रतीक बब्बर ने बृहस्पतिवार को कहा कि जब निर्देशक मधुर भंडारकर ने उनसे कहा कि फिल्म ‘इंडिया लॉकडाउन’ उनकी दिवंगत मां स्मिता पाटिल को सच्ची श्रद्धांजलि होगी तो उन्होंने इसमें काम करने के लिए तुरंत हामी भर दी। ‘इंडिया लॉकडाउन’ में प्रवासी मजदूर की भूमिका निभाने वाले बब्बर ने कहा कि उन्होंने अपने किरदार में पूरी तरह रंगने के लिए अपनी मां की कुछ फिल्में जैसे कि ‘‘चक्र’’ और ‘‘आक्रोश’’ देखी। अभिनेता ने यहां फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के मौके पर कहा, ‘‘उन्होंने (भंडारकर) मुझे बताया कि मेरी मां ऐसे किरदार निभाती और अगर मैं ऐसा करूंगा तो यह उन्हें श्रद्धांजलि होगी।
‘आप स्मिता पाटिल को श्रद्धांजलि दे सकते हैं।’ मैंने तुरंत कहा, ‘मैं तैयार हूं, बताइए क्या करना है।’ मैं इस फिल्म में काम करने के लिए तुरंत राजी हो गया।’’ सच्ची घटनाओं से प्रेरित ‘इंडिया लॉकडाउन’ में चार समानांतर कहानियां देखने को मिलेगी और इसमें भारत के लोगों पर कोविड-19 महामारी के असर को दिखाया जाएगा। ‘‘जाने तू...या जाने ना’’ और ‘‘धोबी घाट’’ जैसी फिल्मों से पहचान बनाने वाले प्रतीक बब्बर ने कहा कि उनकी मां की फिल्मों ने उन्हें हाशिये पर रह रहे लोगों की भावनाओं तथा संघर्षों को वास्तविक रूप से दिखाने में मदद की।
बब्बर ने यह भी कहा कि वह अपने किरदार की तैयारी करने के लिए कुछ प्रवासी मजदूरों से भी मिले। भंडारकर ने कहा कि ‘इंडिया लॉकडाउन’ बब्बर के लिए बहुत निर्णायक साबित होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हर किसी ने शानदार काम किया है। यह फिल्म प्रतीक के लिए जिंदगी बदलने वाली साबित होगी और जो भी फिल्म देखेगा वह स्मिता जी के बारे में सोचेगा।’’ ‘इंडिया लॉकडाउन’ दो दिसंबर को जी5 पर रिलीज होगी।
Prateik babbar takes inspiration from mother smita patil films for india lockdown
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