आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ाई, ईएमआई बढ़ते ही कर्जदारों का बजट बिगड़ा
यदि आप बैंक के कर्जदार हैं तो आरबीआई के नीतिगत परिवर्तन से आपको चौथी बार फिर एक तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, आरबीआई ने अपने रेपो रेट में .50 (पॉइंट्स पचास प्रतिशत) की बढ़ोतरी की है, जिससे कर्जदारों की ईएमआई बढ़ गई और उनका बजट बिगड़ गया। बता दें कि रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने नीतिगत रेपो दर को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष की पहली तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि उम्मीद से कम रही, जो 13.5 प्रतिशत थी, और यह शायद प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक थी। बता दें कि रेपो रेट में बढ़ोतरी का सीधा असर आमलोगों पर पड़ेगा, क्योंकि कर्ज महंगा हो जाएगा। मसलन, बैंकों की बोरोइंग कॉस्ट बढ़ने के बाद बैंक अपने ग्राहकों पर इसका सीधा बोझ डालने का काम करेंगे। होम लोन पर इसका असर तो पड़ेगा ही, साथ ही ऑटो लोन व अन्य लोन भी महंगे हो जाएंगे।
# जानिए, क्या होता है रेपो रेट
गौरतलब है कि रेपो रेट का सीधा संबंध बैंक से लिए जाने वाले लोन से है, जिसकी ईएमआई पर आरबीआई के ताजा फैसले का सीधा असर पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देने का काम करता है। जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर बैंकों को आरबीआई अपने यहां पैसा रखने पर ब्याज देती है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश करते हुए कहा कि हम कोविड महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के नीतिगत दर में आक्रामक वृद्धि से एक नये ‘तूफान' का सामना कर रहे हैं।
लिहाजा मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से पांच ने नीतिगत दर में वृद्धि का समर्थन किया। मुद्रास्फीति की ऊंची दर को देखते हुए मौद्रिक नीति समिति का सूझ-बूझ के साथ मौद्रिक नीति को लेकर उदार रुख को वापस लेने के रुख पर कायम रहने का निर्णय लिया गया है। इससे कर्जदारों की परेशानी बढ़ेगी।
# त्योहारों सीजन में आम लोगों लगा बड़ा झटका लगा
भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक में लिए गए फैसलों के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट को बढ़ा दिया है। समझा जाता है कि केंद्रीय बैंक के निर्धारित लक्ष्य से लगातार ऊपर बनी महंगाई दर को काबू में करने के लिए आरबीआई ने ताजा कदम उठाया है, जिससे ईएमआई पर 5 माह में 4 बार फटका लगा है।
दरअसल, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई ने महंगाई से निपटने के लिए अमेरिका के फेडरल रिजर्व समेत अन्य वैश्विक केंद्रीय बैंकों को देखते हुए लगातार चौथी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दिया है।
गौरतलब है कि आरबीआई ने देश में महंगाई (इन्फ्लेशन) को काबू में करने के लिए उठाए गए कदमों के तहत मई महीने से अब तक रेपो रेट में 1.40 फीसदी की बढ़ोतरी की है। उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में जो रेपो दर 4 फीसदी पर थी, वह अब बढ़कर 5.40 फीसदी हो गई है। इस बार इसमें 0.50 फीसदी की वृद्धि किये जाने से अब यह दर बढ़कर 5.90 फीसदी पर पहुंच चुकी है।
# देश में लगातार 8 महीने से बढ़ रही है महंगाई दर
देश में खुदरा महंगाई दर लगतार आठवें महीने भारतीय रिजर्व बैंक की तय लक्ष्य सीमा से ऊपर बनी हुई है। बीते दिनों जारी किए गए खुदरा महंगाई के आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि अगस्त में यह एक बार फिर से 7 फीसदी पर पहुंच गई है। इससे पहले जुलाई महीने में खुदरा महंगाई में कमी दर्ज की गई थी, जिसके चलते यह 6.71 फीसदी पर आ गई थी।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार
Rbi hikes repo rate worsens borrowers budget as emis increase