विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया, कब तक सामान्य नहीं होंगे भारत और चीन के रिश्ते
भारत और चीन के बीच रिश्तो में कड़वाहट लगातार जारी है। मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में हुए विवाद के बाद से दोनों देशों के रिश्तो को सामान्य करने की कोशिश जारी है। हालांकि, अब तक समाधान नहीं निकल सका है। इन सब के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर का बड़ा बयान सामने आया है। एस जयशंकर ने साफ तौर पर कहा है कि भारत और चीन के संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि सीमावर्ती इलाकों में शांति ना हो इसके। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत की ओर से उस देश को स्पष्ट संदेश दे दिया गया है। गलवान घाटी की झड़पों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2020 में जो हुआ वह ‘‘एक पक्ष का प्रयास था, और हम जानते हैं कि वह कौन था, जो समझौते से अलग हटा था और यह मुद्दा सबसे अहम है।’’
विदेश मंत्री ने कहा कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति का माहौल नहीं होगा, जब तक समझौतों का पालन नहीं किया जाता है और यथास्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयास पर रोक नहीं लगती है तब तक संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या हमने तब से प्रगति की है? कुछ मायनों में, हां। टकराव वाले कई बिंदु थे। उन टकराव वाले बिंदुओं में, सेना द्वारा खतरनाक रूप से करीबी तैनाती थी, मुझे लगता है कि उनमें से कुछ मुद्दों को समान और आपसी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हल किया गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कुछ ऐसे मुद्दे भी हैं जिन पर अभी काम किये जाने की जरूरत है। यह महत्वपूर्ण है कि हम दृढ़ रहें और आगे बढ़ते रहें। क्योंकि आप यह नहीं कहते हैं कि यह जटिल या कठिन है।
विदेश मंत्री ने उम्मीद जताई कि चीन को यह अहसास होगा कि वर्तमान स्थिति उसके हित में भी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत की ओर से चीन को दिया गया संकेत स्पष्ट है। वे इसे अपने हितों से तौलेंगे, लेकिन... यह सिर्फ जनता की भावना की बात नहीं है, और जनता की भावना मजबूत है..मुझे लगता है कि यह सरकार की नीति है, यह राष्ट्रीय सोच, जन भावना और रणनीतिक आकलन है। गौरतलब है कि जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया था। पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में गतिरोध को हल करने पर अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है, हालांकि दोनों पक्षों ने सैन्य और राजनयिक वार्ता के जरिये टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों को पीछे हटाया है।
S jaishankar told till when india and china relations will not be normal