Mri

हर मोर्चे पर चीन की जमकर बैंड बजा रहा है भारत! ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ के जवाब में स्ट्रैटेजिक रूप से अहम ‘नेकलेस ऑफ डायमंड्स’

हर मोर्चे पर चीन की जमकर बैंड बजा रहा है भारत! ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ के जवाब में स्ट्रैटेजिक रूप से अहम ‘नेकलेस ऑफ डायमंड्स’

हर मोर्चे पर चीन की जमकर बैंड बजा रहा है भारत! ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ के जवाब में स्ट्रैटेजिक रूप से अहम ‘नेकलेस ऑफ डायमंड्स’

हर गुजरते दिन के साथ चीन भारत के लिए और भी बड़ा खतरा बनता जा रहा है। चीन ने रणनीतिक तरीके से भारत को घेरना भी शुरू कर दिया है। चीन ने हाल के कुछ सालों में नेपाल, पाकिस्तान, म्यांमार और श्रीलंका के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ाकर भारत के खिलाफ स्ट्रैजिक प्लानिंग में लगा है। विशेषज्ञों ने उसे स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स का का नाम दिया है। आपको ये लगता होगा कि चीन हमेशा अपनी सीमा से आगे बढ़कर बॉर्डर वाले इलाकों के जरिये भारत में कब्जा जमाना जमाना चाहता है। लेकिन ये अकेला ऐसा इलाका नहीं है जहां से चीन भारत को घेरने की कोशिश करता है। लेकिन ये समझना चीन को भारी पड़ सकता है कि भारत इस मामले पर केवल हाथ पर हाथ धडडे बैठा है। भारत ने भी चीन को काउंटर करने के लिए नेकलस ऑफ डायमंड नाम की एक स्ट्रैटर्जी बनाई है।  

इसे भी पढ़ें: पूर्वोत्तर में रेल नेटवर्क को मजबूत करने में लगा भारत, चीनी सीमा तक बिछाई जाएंगी पटरियां

न्यूटन का गति का तीसरा नियम कहता है कि 'प्रत्येक क्रिया के लिए, एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है'। इसी प्रकार भारत की तैयारियों के बारे में बात करने से पहले आपका ये जानना बेहद जरूरी है कि चीन आखिर कर क्या रहा है? दरअसल, बीते कुछ सालों में चीन ने भारत के पड़ोसियों के कई महत्वपूर्ण पोर्ट्स को अपने कब्जे में कर लिया है। चाहे वो पाकिस्तान का ग्वादर पोर्ट हो या श्रीलंका का हंबनटोटा पोर्ट। चीन भारत के आस-पास के देशों में हजारों करोड़ रुपए खर्च करके ऑयल रिफाइनरी और हाई स्पीड केबल नेटवर्क स्थापित कर रहा है। चीन इस वक्त अपने महत्वकांक्षी बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट के अंदर चीन से लंदन और उर्जबेकिस्तान, तुर्कमेकिस्तान और पाकिस्तान से गुजरती हुई एक और रेल लाइन बना रहा है जो ईरान में जाकर खत्म होती है। जियो पॉलिटिक्स में कहा जाता है कि जिसके पास इंडियन ओसियन में कंट्रोल है, उसके पास पूरे एशिया का कंट्रोल है। इंडियन ओसियन से इस वक्त दुनियाभर का 80 फीसदी ऑयल ट्रेड होता है। यहां पर कुछ ऐसे स्ट्रेटिज प्लाइंट्स हैं जो रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण हैं। पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट, श्रीलंका के हंबनटोटा, बांग्लादेश के चिटगोंग पोर्ट, म्यांमार का क्यौकप्यू पोर्ट,  मालदीव के फेयधूफिनोल्हु द्वीप को चीन ने अपना बेस बनाया। भारत को घेरने की इस नीति को चीन स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स का नाम देता है। चीन की स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स नीति उसकी उसी सिल्क रूट का हिस्सा है जिसे वो बेल्ट एंड रोड एनिसिएटिव का नाम देता है।

इसे भी पढ़ें: राहुल का केंद्र पर तंज, संसद में चीन और महंगाई पर जैसे ही बोलो, Mic off

भारत का नेकलेस ऑफ डायमंड
भारत ने अपनी समुद्री सुरक्षा रणनीति के लिए मोजाबिंक चैनल समेत दक्षिण पश्चिम हिंद महासागर, चीन के भारी निवेश वाले पूर्वी अफ्रीकी तट को बेहद अहम मानता है। विश्लेषकों का मानना है कि ये अभ्यास हिंद महासागर में पूर्वी अफ्रीकी देशों और द्वीपीय देशों के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों का हिस्सा है। पिछले कुछ सालों में हिंद महासागर भारत और चीन के बीच टकराव का नया केंद्र बनता जा रहा है। भारत ने चीन की स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स की नीति को मात देने के लिए नेकलेस ऑफ डायमंड नीति को मजबूत करना शुरू कर दिया है। 
क्या है पूरी स्ट्रैटर्जी?
भारत ने हाल के दिनों में चीन को काउंटर करने के लिए गुपचुप तरीके से कई कदम उठाए हैं। जिसमें प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा का काफी रोल रहा है। भारत की ये योजना जमीनी स्तर पर तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। जिसका सीधा उदाहरण मॉरीशस में गुप्त तरीके से बन रहा भारत का मिलिट्री बेस है। मॉरीशस के अगलेगा द्वीप पर भारत के गुप्त सैन्य अड्डे की चर्चा फिर से शुरू हो गई है। इस आईलैंड की नई सैटेलाइट इमेज जारी हुई है जिससे पता चलता है कि भारतीय नौसेना के P-8I सबमरीन हंटिंग विमान को रखने के लिए आईलैंड पर हैंगर का निर्माण, नए बने रनवे के बगल में हो रहा है। पाकिस्तान के ग्वादर एयरोप्ट पर चीन की मौजूदगी को काउंटर करने के लिए भारत ने ओमान में एक बेस सेट-अप किया है। डैकम पोर्ट से भारत का महत्वपूर्ण क्रूड ऑयल ट्रेड होता है। इसके अलावा ये पोर्ट अरेबियन सी और गल्फ ईडन दोनों पर ही अपनी नजर रखता है। जो ओमान के साथ भारत के अच्छे रिश्तों की वजह से संभव हो पाया है। भारत इंडोनेशिया के साथ सबांग बंदरगाह प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहा है। अफ्रीका में जिबूती, पश्चिम एशिया में ओमान के टुकम बंदरगाह पर सैन्य गतिविधि के लिए भारत को अनुमति प्राप्त है। चीन के पड़ोसी देशों में जापान, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया के साथ भारत के सैन्य समझौते हैं। जिसके अंतर्गत भारतीय नौसेना को इन देशों के बंदरगाहों पर तेल भरवाने मरम्मत करवाने और हथियार जुटाकर आगे बढ़ने का अधिकार है। - अभिनय आकाश

Important necklace of diamonds in answer to string of pearls

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero