डिंपल के पक्ष में शिवपाल ने किया प्रचार, अखिलेश से बोले- नहीं करूंगा निराश, भाजपा प्रत्याशी को लेकर कही यह बड़ी बात
मैनपुरी लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस दौरान मुलायम सिंह यादव के परिवार की एकता भी साफ तौर पर दिखाई दे रही है। समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी से डिंपल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। डिंपल यादव के पक्ष में प्रचार के लिए अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव, शिवपाल यादव सहित तमाम यादव परिवार के सदस्य लगातार सामने आ रहे हैं। आज शिवपाल यादव फिर लगातार बहू के पक्ष में प्रचार करते दिखे। अखिलेश यादव से दूरियों के बीच यह पहला मौका है जब वह सार्वजनिक तौर पर डिंपल यादव के लिए प्रचार करते दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव के पैर छुए थे और आशीर्वाद लिया था। शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच 2017 से रिश्ते सामान्य नहीं रहे है।
नाराज होने की वजह से ही शिवपाल यादव ने अपनी अलग पार्टी बना ली थी। 2022 के चुनाव से पहले दोनों एक साथ जरूर हुए थे। लेकिन चुनावी नतीजों के बाद दोनों ने एक दूसरे से दूरियां बना ली थी। मुलायम सिंह निधन के बाद दोनों एक साथ दिखाई दे रहे हैं। यही कारण है कि समाजवादी पार्टी ने शिवपाल यादव को प्रचार सूची में शामिल किया था। शिवपाल यादव ने अखिलेश को आश्वस्त करते हुए कहा कि जैसे नेता जी को कभी मैंने निराश नहीं किया, वैसे मैं आपको भी निराश नहीं करूंगा। शिवपाल यादव ने साफ तौर पर कहा कि भाजपा ने हमेशा देश को बांटने का काम किया है। प्रदेश में बेरोजगारी, गरीबी बढ़ी है। इस दौरान शिवपाल यादव ने नेताजी मुलायम सिंह यादव से जुड़े कई किस्सों को भी सुनाया। शिवपाल और अखिलेश यादव के एक साथ आने से कार्यकर्ताओं में भी उत्साह में है।
शिवपाल सिंह यादव ने भाजपा उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य का नाम लिये बिना कहा कि वह उनके शिष्य या चेला नहीं हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के चलते मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था। भाजपा ने डिंपल यादव के खिलाफ शाक्य को मैदान में उतारा है। शाक्य ने पिछले हफ्ते कहा था कि शिवपाल सिंह यादव उनके राजनीतिक गुरु हैं और वह उनका आशीर्वाद लेंगे। शिवपाल ने डिंपल यादव के पक्ष में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि एक व्यक्ति आपके बीच घूम रहा है और वोट मांग रहा है ... वह कह रहा है कि वह मेरा शिष्य है। शिवपाल यादव ने शाक्य का नाम लिए बिना कहा कि शिष्य होने की बात छोड़ो, वह मेरा चेला भी नहीं है। अगर वह शिष्य होता तो बता के जाता, छिपके नहीं जाता। वह एक महत्वाकांक्षी, स्वार्थी और अवसरवादी व्यक्ति है।
Shivpal campaigned in favor of dimple said to akhilesh i will not disappoint