क्रिप्टोकरेंसी टैक्स क्या है? यह कब से लागू है? इसके लेनदेन पर खरीदार या क्रिप्टो एक्सचेंज में से किसे देना होगा टैक्स, इसे समझिए?
वैसे तो क्रिप्टो और अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट्स भारत में अन-रेगुलेटेड हैं, जिसके चलते उन्हें निवेश के लिए बेहद जोखिम भरा माना जाता है। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी टैक्स यानी क्रिप्टोकरेंसी के हरेक लेन-देन पर 1 प्रतिशत टीडीएस कटौती की 1 जुलाई 2022 से हुई नई व्यवस्था खरीदारों के लिए एक राहत बनकर आई है। क्योंकि ऐसा न होने पर खरीदारों को खुद ही टीडीएस की लागत उठानी पड़ती और विक्रेता से वसूली की गुंजाइश भी नहीं रहती।
बता दें कि केंद्रीय बजट 2022 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि 1 जुलाई 2022 से वर्चुअल एसेट्स की बिक्री के लिए किए गए भुगतान पर 1 प्रतिशत का टीडीएस लगाया जाएगा। साथ ही, क्रिप्टो और एनएफटी सहित डिजिटल वर्चुअल एसेट्स के ट्रांजेक्शन से होने वाली आय यानी इनकम पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा। यह अब उपरोक्त तिथि से प्रभावी हो चुका है।
सीबीडीटी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि एक्सचेंजों के जरिये होने वाले वीडीए लेनदेन में एक फीसद टीडीएस काटने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से एक्सचेंजों पर ही होगी। वहीं, आयकर विभाग ने भी साफ कर दिया है कि डिजिटल परिसंपत्ति या क्रिप्टोकरेंसी के आदान-प्रदान में खरीदार एवं विक्रेता दोनों को ही अपने स्तर पर टीडीएस काटना होगा।
आयकर विभाग की नियंत्रक संस्था केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि "आयकर अधिनियम की धारा 194एस के मुताबिक, खरीदार को वीडीए के लेनदेन में कर कटौती करनी होगी। इस तरह, एक्सचेंज से इतर किए जाने वाले डिजिटल परिसंपत्ति लेनदेन में खरीदार को आयकर अधिनियम की धारा 194एस के तहत कर कटौती करने की जरूरत है। ऐसी देनदारी के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना होगा कि कटौती किए गए कर का भुगतान किया जा चुका हो।"
# सीबीडीटी ने निम्नलिखित उदाहरण के जरिये समझाया नियम
सीबीडीटी ने एक उदाहरण देकर इसे समझाने की कोशिश करते हुए कहा है कि "यदि 'ए' वीडीए को 'बी' वीडीए के बदले दिया जा रहा हो, तो इस स्थिति में दोनों ही पक्ष खरीदार होने के साथ विक्रेता भी हैं। ऐसे में दोनों ही पक्षों को वीडीए ट्रांसफर के संदर्भ में टैक्स देना होगा। वहीं, दूसरे पक्ष को इसका साक्ष्य देना होगा, ताकि दोनों वीडीए की अदला-बदली हो सके। फिर दोनों ही पक्षों को टीडीएस विवरण में चालान नंबर के साथ इसका उल्लेख करना होगा।"
# खरीदारों के लिए राहत लेकर आई यह व्यवस्था
जानकार बताते हैं कि यह व्यवस्था खरीदारों के लिए राहत बनकर आई है। क्योंकि ऐसा न होने पर खरीदारों को खुद ही टीडीएस की लागत उठानी पड़ती और विक्रेता से वसूली की गुंजाइश भी नहीं रहती। सीबीडीटी ने हाल ही में कहा था कि एक्सचेंजों के जरिये होने वाले वीडीए लेनदेन में एक फीसद टीडीएस काटने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से एक्सचेंजों पर होगी।
# वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी या वीडीए पर टीडीएस लगाने की घोषणा की गई थी, जो गत 1 जुलाई 2022 से हो चुकी है प्रभावी
वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी या वीडीए पर टीडीएस लगाने की घोषणा की गई थी, जो गत 1 जुलाई 2022 से प्रभावी हो चुकी है। इस साल के बजट में क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर आयकर लगाने के संबंध में स्पष्टता आई है। एक अप्रैल से ऐसे लेनदेन पर 30 फीसद आयकर के अलावा उपकर और अधिभार भी लगता है। डिजिटल मुद्रा मद में 10,000 रुपये से अधिक के भुगतान पर एक फीसद टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव किया गया है, जो गत एक जुलाई 2022 से लागू हो गया है। निर्धारित व्यक्तियों के लिये टीडीएस की सीमा 50,000 रुपये सालाना है। इसमें व्यक्ति/हिंदु अविभाजित परिवार शामिल हैं। उन्हें आयकर कानून के तहत अपने खातों का ऑडिट कराने की जरूरत होगी।
# भारत में सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक "कॉइनडीसीएक्स" ने बताया, किन-किन क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांजैक्शन पर कटेगा टीडीएस और किन-किन ट्रांजैक्शन पर नहीं?
भारत में सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक क्रिप्टो एक्सचेंज "कॉइनडीसीएक्स" ने भी अपने ब्लॉग पर जानकारी देते हुए बताया है कि "उसके ऐप पर 1 प्रतिशत टीडीएस नियम किस तरह से लागू किया जाएगा। उसने यह साफ कर दिया है कि गत 1 जुलाई 2022 से सभी क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर निवेशकों को 1 फीसदी टीडीएस का भुगतान करना होगा। उसने अपने ऐप "कॉइनडीसीएक्स" के ज़रिए क्रिप्टो लेनदेन पर 1 प्रतिशत टीडीएस नियम लागू करने की घोषणा की है।" बता दें कि 1 जुलाई 2022 से सभी क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर निवेशकों को 1 फीसदी टीडीएस का भुगतान करना होगा। क्योंकि भारत सरकार ने एलान किया है कि "क्रिप्टो और अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट्स की बिक्री पर 1 जुलाई 2022 से 1 प्रतिशत टीडीएस लागू होगा।"
# कॉइन डीसीएक्स के मुताबिक इन ट्रांसेक्शन्स पर नहीं कटेगा टीडीएस
कॉइन डीसीएक्स के मुताबिक निम्नलिखित ट्रांसेक्शन्स जैसे- बाय, लिमिट बाय, सीआईपी और अर्न ऑर्डर पर कोई टीडीएस लागू नहीं होगा। बता दें कि सीआईपी, कॉइन डीसीएक्स द्वारा ऑफर की जाने वाली क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट प्लान का ही संक्षिप्त रूप है, जो एक तरह का बाय ऑर्डर है।
# कॉइन डीसीएक्स के अनुसार इन ट्रांसेक्शन्स पर लागू होगा टीडीएस
कॉइन डीसीएक्स के मुताबिक निम्नलिखित ट्रांसेक्शन्स जैसे- सेल और लिमिट सेल ऑर्डर पर 1 प्रतिशत टीडीएस काटा जाएगा। वहीं, सभी यूजर्स को ऐप पर कोई भी ट्रांजैक्शन करने के लिए 1 जुलाई 2022 को या उससे पहले अपनी केवाईसी प्रक्रिया अनिवार्य रूप से पूरी करनी होगी। वहीं, सम्बन्धित वित्तीय वर्ष के लिए आईटीआर दाखिल करते समय 1 प्रतिशत टीडीएस को रिफंड के रूप में क्लेम किया जा सकता है, यदि देय आयकर कटौती टीएस से कम है। वहीं, सभी क्रिप्टो एसेट्स पर सेल ट्रांजेक्शन पर 1 प्रतिशत टीडीएस लागू होगा।
# क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज 'कॉइनडीसीएक्स' ने अपने ग्राहकों को बताए कटौती को समझने-समझाने के तौर-तरीके
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज 'कॉइनडीसीएक्स' ने बताया है कि, “टीडीएस 1 जुलाई 2022 से सभी क्रिप्टो एसेट्स पर प्रत्येक सेल ट्रांजेक्शन पर लागू होगा। इसलिए क्रिप्टो एसेट बेचने से पहले आप सेल ऑर्डर स्क्रीन पर (i) बटन पर क्लिक करके टीडीएस डिडक्शन देख सकते हैं। वहीं, आप सभी ट्रांजेक्शन में अपनी टीडीएस कटौती देखने के लिए 'आर्डर डिटेल्स' पेज भी देख सकते हैं। इस तरह, आपको अपने बैंक अकाउंट में कॉइन डीसीएक्स वॉलेट से आईएनआर निकालने के लिए टीडीएस का भुगतान करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आप पहले ही टीडीएस का भुगतान कर चुके हैं, जब आपने अपना क्रिप्टो बेचा और अपने वॉलेट में बदले में आईएनआर प्राप्त किया।"
इससे स्पष्ट है कि क्रिप्टो और अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट्स, जो भारत में अन-रेगुलेटेड हैं, उसे निकट भविष्य में रेगुलेटेड किया जा सकता है। बहरहाल, उन्हें निवेश के लिए बेहद जोखिम भरा माना जाता है। इसलिए आप कोई भी निवेश सम्बन्धी निर्णय लेने से पहले कृपया अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें, ततपश्चात अपने विवेक या अपनी अंतरात्मा से ही किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचें।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार
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