National

Haldwani के लिए हंगामा करने वालों ने क्या अब तक जोशीमठ के लिए कोई कैंडल मार्च निकाला? कोई सामूहिक प्रार्थना की?

Haldwani के लिए हंगामा करने वालों ने क्या अब तक जोशीमठ के लिए कोई कैंडल मार्च निकाला? कोई सामूहिक प्रार्थना की?

Haldwani के लिए हंगामा करने वालों ने क्या अब तक जोशीमठ के लिए कोई कैंडल मार्च निकाला? कोई सामूहिक प्रार्थना की?

उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे के दावे वाली 29 एकड़ जमीन पर जिन्होंने कब्जा किया हुआ है उनके मानवीय पहलुओं को तो मीडिया और सोशल मीडिया में जमकर उठाया जा रहा है लेकिन उसी उत्तराखंड के जोशीमठ में जिन लोगों के मकानों में दरार आ गयी है उनके बारे में कोई सहानुभूति नहीं जता रहा। जिन लोगों पर रेलवे की जमीन पर कब्जा करने का आरोप है, उनके लिए सलमान खुर्शीद, प्रशांत भूषण जैसे बड़े-बड़े वकीलों से लेकर ओवैसी जैसे तमाम नेता खड़े हो जा रहे हैं लेकिन जोशीमठ के लोगों के लिए सिर्फ उत्तराखंड की सरकार ही खड़ी हुई। हल्द्वानी में ही क्यों, मानवीय मुद्दा तो जोशीमठ में भी है जहां मेहनत से बनाये गये घर की दीवारों पर पड़ी बड़ी-बड़ी दरारें देखकर लोग अपने आंसू नहीं रोक पा रहे हैं और ठंड के इस मौसम में अपना सामान लेकर दूसरे स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। क्या किसी ने अब तक जोशीमठ के लोगों के प्रति जरा भी संवेदना जताई? कोई कैंडल मार्च निकाला? कोई सामूहिक प्रार्थना की?

हम आपको बता दें कि उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में कई मकानों में दरारें आने के बाद कम से कम 30 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राज्य के चमोली जिले में, बदरीनाथ तथा हेमकुंड साहिब के रास्ते में आने वाला जोशीमठ समुद्र तल से 6,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और भूकंप के अत्यधिक जोखिम वाले ‘जोन-पांच’ में आता है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी ने बताया है कि अब तक शहर के विभिन्न इलाकों में 561 मकानों में दरारें आ चुकी हैं, जिनमें रविग्राम में 153, गांधीनगर में 127, मनोहरबाग में 71, सिंहधार में 52, परसारी में 50, अपर बाजार में 29, सुनील में 27, मारवाड़ी में 28 और लोअर बाजार में 24 मकान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अलग-अलग मकानों को अलग-अलग प्रकार की क्षति हुई है और अब तक सर्वाधिक प्रभावित मकानों में रह रहे 29 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर और परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि जिन स्थानों पर परिवारों को स्थानांतरित किया गया है उनमें नगर पालिका भवन, एक प्राथमिक विद्यालय भवन, मिलन केंद्र और जोशीमठ गुरुद्वारा शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कुछ परिवार अपने संबंधियों के यहां चले गए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि जोशीमठ में स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है और वह हालात का जायजा लेने स्वयं वहां जाएंगे। भूकंप के अत्यधिक जोखिम वाले ‘जोन-पांच’ में आने वाले इस शहर का सर्वे करने के लिए विशेषज्ञों का एक दल भी गठित किया गया है। जोशीमठ के आसपास किये जा रहे सभी निर्माण कार्य भी स्थगित कर दिये गये हैं।

इसे भी पढ़ें: Haldwani Railway Land मामले में कथित अतिक्रमणकारियों को अभी पूरी तरह राहत नहीं मिली है

वहीं जहां तक हल्द्वानी मामले की बात है तो आपको बता दें कि रेलवे के दावे वाली 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से रोक लगते ही इलाके के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गयी। लोग अल्लाह का शुक्रिया अदा करने लगे। इससे पहले आज सुबह से ही इलाके में सामूहिक नमाज पढ़ी जा रही थी और दुआ मांगी जा रही थी कि अतिक्रमण हटाने के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लग जाये। हम आपको बता दें कि रेलवे के मुताबिक, उसकी भूमि पर 4,365 परिवारों ने अतिक्रमण किया है। रेलवे की भूमि पर 50,000 व्यक्ति निवास करते हैं, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम हैं।

Why people are silent on joshimath sinkings

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero