पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा डिजिटल मुद्रा को अभी तय करना है लंबा सफर
Business पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा डिजिटल मुद्रा को अभी तय करना है लंबा सफर

पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा डिजिटल मुद्रा को अभी तय करना है लंबा सफर भारतीय रिजर्व बैंक ने बहुत सीमित उपयोग के लिये प्रायोगिक आधार पर सरल डिजिटल रुपये की शुरुआत की है और सही मायने में बलॉकचेन आधारित डिजिटल मुद्रा के उलट यह पारंपरिक बैंक खाते की ही तरह है, जिसमें लेन-देन को लेकर रुपये के स्थान पर डिजिटल टोकन का उपयोग किया जाएगा। वास्तव में केंद्रीय बैंक को पूर्ण डिजिटल मुद्रा को लेकर अभी लंबा रास्ता तय करना है। आरबीआई के प्रायोगिक तौर पर खुदरा डिजिटल रुपया शुरू किये जाने के साथ पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने यह बात कही है। उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था में मुद्रा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है लेकिन यह विकास का कोई प्राथमिक कारक नहीं है। डिजिटल व्यवस्था में सहज लोगों के लिये यह अच्छा है, लेकिन नकदी पर भरोसा करने वाले आम आदमी के लिये यह बहुत मायने नहीं रखता है। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने एक दिसंबर को पायलट यानी प्रायोगिक आधार पर खुदरा डिजिटल रुपया चार शहरों मुंबई, नयी दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया। ग्राहकों और कारोबारियों के बीच सीमित स्तर पर लेन-देन को लेकर फिलहाल चार बैंकों भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ इसकी शुरुआत की गयी है। इससे पहले, आरबीआई ने थोक आधार पर लेन-देन को लेकर (मुख्य रूप से सरकारी प्रतिभूतियों में लेन-देन के लिये) एक नवंबर को डिजिटल रुपये की शुरुआत की थी। आरबीआई के अनुसार, ग्राहक बैंकों द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाले अपने मोबाइल ऐप में डिजिटल वॉलेट के माध्यम से डिजिटल रुपये के लिए अनुरोध कर सकेंगे और संबंधित राशि उनके डिजिटल रुपया वॉलेट में जमा हो जाएगी। उपयोगकर्ता भाग लेने वाले बैंकों की तरफ से पेश किए गए डिजिटल वॉलेट के जरिये आपस में या खरीदारी के लिये लेन-देन कर सकते हैं। गर्ग ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) के बारे में पीटीआई-से कहा, ‘‘आरबीआई ने पायलट आधार पर बहुत सीमित उद्देश्य के साथ सरल डिजिटल रुपये की शुरुआत की है। ब्लॉकचैन आधारित सीबीडीसी के विपरीत, यह काफी हद तक पारंपरिक बैंक खाते की तरह काम करता है। जिसमें कागजी रुपये के स्थान पर केवल डिजिटल टोकन का उपयोग किया जाता है। पायलट आधार पर शुरू की गयी यह व्यवस्था किसी भी वास्तविक डिजिटल मुद्रा के करीब नहीं हैं।’’ डिजिटल मुद्रा से अर्थव्यवस्था और आम लोगों को होने वाले लाभ के बारे में पूछे जाने पर गर्ग ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था में मुद्रा की महत्वपूर्ण भूमिका है। लेकिन मूल्यवर्धन और वृद्धि के लिये यह कोई प्राथमिक कारक नहीं है। बहुत सारी चीजें हैं, जो वृद्धि को गति देती हैं।’’

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