
समान नागरिक संहिता मामले को गुपचुप आगे बढ़ा रही है मोदी सरकार!
read moreसमान नागरिक संहिता मामले को गुपचुप आगे बढ़ा रही है मोदी सरकार!
read moreकर्नाटक सरकार मौजूदा सत्र में ‘समान नागरिक संहिता’ विधेयक पेश नहीं करेगी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा कि राज्य में ‘समान नागरिक संहिता’ (यूसीसी) के कार्यान्वयन के संबंध में विधेयक यहां विधानमंडल के चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान पेश नहीं किया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या इस सत्र के दौरान समान नागरिक संहिता पर विधेयक पेश किया जाएगा तो, बोम्मई ने संवाददाताओं से कहा, “इस सत्र के दौरान इसे पेश करने की कोई संभावना नहीं है।” मुख्यमंत्री ने हाल ही में कहा था कि कर्नाटक में यूसीसी को लागू करने के लिए गंभीर चर्चा चल रही है। उन्होंने यह भी कहा था कि वह विभिन्न राज्यों में इस संबंध में घटनाक्रम और संविधान यूसीसी के बारे में क्या कहता है इसको लेकर सूचना जुटा रहे हैं तथा राज्य में इसे लागू करने के बारे में कोई भी निर्णय उन्हें देखने के बाद ही लिया जाएगा। हलाल प्रमाणन पर कथित तौर पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए एक निजी विधेयक पेश करने की भाजपा विधान पार्षद की योजना के बारे में पूछे जाने पर, बोम्मई ने कहा, “देखते हैं कि यह कब आता है; निजी विधेयक का अपना स्थान है। हम देखेंगे कि यह क्या है।” भाजपा विधान पार्षद एन रवि कुमार ने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 में संशोधन के लिए विधान परिषद के अध्यक्ष को पत्र लिखकर एक निजी विधेयक पेश करने की अनुमति मांगी थी, ताकि किसी भी निजी संगठन को खाद्य पदार्थों के लिये प्रमाण पत्र जारी करने से रोका जा सके। सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक किसी भी कंपनी को इस दावे के साथ विज्ञापन करने से रोकता है कि एक धार्मिक संस्था ने खाद्य उत्पाद को प्रमाणित किया है। कुछ हिंदुत्व समूह हाल के दिनों में हलाल प्रमाणन के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। महाराष्ट्र के एक सांसद के बेलगावी आने की इच्छा के बारे में एक सवाल के जवाब में, मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने उन्हें रोक दिया है। इतना ही नहीं, अन्य तीन से चार लोग प्रवेश करना चाहते थे, हमने सभी को रोक दिया है। हम किसी को भी अवैध रूप से कर्नाटक में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देंगे।” विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष विश्वनाथ चंद्रशेखर मामानी, समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव, और हाल ही में दिवंगत हो चुके आठ अन्य पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि देकर इस सीमावर्ती जिले में विधानमंडल का दस दिवसीय शीतकालीन सत्र शुरू हुआ। उम्मीद है कि सत्र अच्छी चर्चा के साथ उत्पादक और सफल होगा, बोम्मई ने कहा कि सरकार किसी भी चर्चा के लिए तैयार है और यह सही मंच है। उन्होंने कहा, “हम इस (उत्तर कर्नाटक) क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए भी तैयार हैं।
read more‘मिशन 2024’ में जीत की गारंटी बनेगा ‘समान नागरिक संहिता’ कानून सुप्रीम कोर्ट और कई हाईकोर्ट काफी समय से अपने तमाम फैसलों के दौरान केंद्र सरकार से समान नागरिक संहिता लाने के लिए कह रहे थे। यह बात तो सबको पता थी, लेकिन केंद्र सरकार कानून बनाने की राह क्यों नहीं पकड़ रही थी, यह बात कम ही लोगों को समझ में आ रही थी। परंतु राज्यसभा में भाजपा के एक वरिष्ठ सांसद की ओर से निजी स्तर पर समान नागरिक संहिता विधेयक (यूसीसी) प्रस्तुत करके समान नागरिक संहिता पर गरम बहस छेड़ दी गयी है। यूसीसी का राज्यसभा में जैसा विरोध हुआ, उसका औचित्य समझना कठिन है, क्योंकि हमारे संविधान में भी समान नागरिक संहिता को आवश्यक बताया गया था।। इसके बाद भी यूसीसी का विरोध यही बताता है कि विपक्षी दल समान नागरिक संहिता पर बहस करने के लिए भी तैयार नहीं हैं। आखिर जिस समान नागरिक संहिता का उल्लेख संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में है, उस पर संसद में बहस क्यों नहीं हो सकती और वह भी तब, जब निजी विधेयक पेश करने की एक परंपरा है?
read moreसमान नागरिक संहिता के लिए प्रतिबद्ध भाजपा देश को जल्द दे सकती है गुड न्यूज!
read moreक्या हरियाणा में भी समान नागरिक संहिता को लेकर कमेटी का होगा गठन?
read moreगुजरात चुनाव: भाजपा के घोषणापत्र में राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा गांधीनगर। गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को अपना घोषणापत्र जारी किया। घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने तथा संभावित खतरों और भारत विरोधी ताकतों व आतंकी संगठनों के ‘स्लीपर सेल’ की पहचान करने और उन्हें खत्म करने के लिए एक ‘एंटी-रेडिकलाइजेशन सेल’ (कट्टरता रोधी प्रकोष्ठ) बनाने का वादा किया। पार्टी के अन्य वादों में “20 लाख रोजगार के अवसर” सृजित करना और अगले पांच वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को एक हजार अरब (ट्रिलियन) अमरीकी डालर तक ले जाना शामिल है। इसे भी पढ़ें: लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर अभियान संबंधी तैयारियों की समीक्षा की पार्टी अध्यक्ष जे.
read moreसमान नागरिक संहिता लागू करने पर दृढ़ता से विचार कर रही है कर्नाटक सरकार : मुख्यमंत्री बोम्मई बेंगलुरु/शिवमोगा (कर्नाटक)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि उनकी सरकार समानता सुनिश्चित करने के लिए राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने पर ‘गंभीरता’ से विचार कर रही है। बोम्मई ने भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर राज्य की राजधानी बेंगलुरु में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “उनकी सरकार यूसीसी लागू करने पर बहुत गंभीरता से विचार कर रही है, क्योंकि यह राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के मुख्य घोषणापत्र का हिस्सा था।” इसे भी पढ़ें: पच्चीस साल के बाद कांग्रेस ने जीती थी आणंद विधानसभा सीट, क्या इस बार यह जीत वह दोहरा पायेगी?
read moreUCC पर कर्नाटक CM का बड़ा बयान, समान नागरिक संहिता के बारे में बहुत गंभीरता से कर रहे हैं विचार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने पर विचार कर रही है। उत्तराखंड, गुजरात और असम के बाद, कर्नाटक चौथा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)-संचालित राज्य है जो हाल ही में यूसीसी लाने के इरादे से सार्वजनिक हुआ है। बोम्मई ने यूसीसी को भारत के संविधान में उल्लिखित समानता और बंधुत्व से जोड़ा और कहा कि यूसीसी समानता सुनिश्चित करेगा।इसे भी पढ़ें: महाराष्ट्र के साथ विवाद के बीच बोले कर्नाटक CM, हम अपनी सीमाओं और अपने लोगों की रक्षा करेंगेमुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि हम समान नागरिक संहिता के बारे में बहुत गंभीरता से सोच रहे हैं, भाजपा द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर घोषणापत्र में यह मुख्य बातों में से एक रही है। अन्य राज्यों में इसे लागू करने के लिए समितियां हैं। हम इस पर गौर कर रहे हैं, सभी पहलुओं का अध्ययन कर रहे हैं। जहां तक बीजेपी का सवाल है, हमें लगता है कि UCC होना वांछित है।इसे भी पढ़ें: कर्नाटक सीमा विवाद: कानूनी लड़ाई के लिए महाराष्ट्र भी तैयार, मंत्री ने कहा- प्रतिनिधिमंडल PM और गृह मंत्री से करेगा मुलाकातउन्होंने कहा, "
read moreUniform civil code से लेकर श्रद्धा मर्डर केस तक, जानें अमित शाह ने तमाम सवालों का क्या दिया जवाब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज एक बार फिर से दोहराया है कि भाजपा सभी लोकतांत्रिक चर्चाओं और बहसों के पूरा होने के बाद देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने के लिए पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है। अमित शाह ने साफ तौर पर कहा कि जनसंघ के जमाने से यह मुद्दा हम उठाते रहे हैं। भाजपा ने भी देश के लोगों के सामने यह वादा किया है। दरअसल, अमित शाह एक निजी टीवी चैनल से संवाद कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि न सिर्फ भाजपा, बल्कि संविधान सभा ने भी संसद और राज्य को उचित समय आने पर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की सलाह दी थी। क्योंकि किसी भी धर्मनिरपेक्ष देश में कानून धर्म के आधार पर नहीं होने चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि यदि राष्ट्र और राज्य धर्मनिरपेक्ष है तो कानून धर्म पर आधारित कैसे हो सकता है?
read moreसमान नागरिक संहिता टुकड़ों में क्यों देना चाहती है भाजपा, राज्यों की तरह केंद्र क्यों नहीं उठाता कदम?
read moreशाह ने कहा कि अगर हिमाचल प्रदेश चुनाव में बीजेपी सत्ता में रही तो समान नागरिक संहिता लागू होगी केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता बरकरार रहती है, तो जल्द ही समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू किया जायेगा। उन्होंने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस द्वारा दी गई ‘‘10 गारंटी’’ का जिक्र करते हुए कहा कि लोग प्रतिष्ठित लोगों की गारंटी पर भरोसा करते हैं, जबकि विपक्षी दल की कोई प्रतिष्ठा नहीं है।
read moreभाजपा हर राज्य में समान नागरिक संहिता का वादा आखिर क्यों कर रही है?
read moreनड्डा ने कहा- राज्यों के माध्यम से लागू होगा समान नागरिक संहिता हिमाचल प्रदेश में मतदान से कुछ दिन पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) राज्य स्तर पर लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी प्रतिद्वंद्वियों के विपरीत चुनावी वादे अच्छी तरह सोच समझकर करती है। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) है जो पुरानी पेंशन योजना से जुड़े मामले को ठीक से परखने के बाद संबंधित मुद्दों को हल करेगी। नड्डा ने दावा किया कि हिमाचल प्रदेश के लोग कांग्रेस को गंभीरता से नहीं लेते हैं क्योंकि यह कुछ भी और सब कुछ का वादा कर रही है। कांग्रेस ने कहा है कि सत्ता में आने पर वह पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करेगी। नड्डा ने माना कि हिमाचल प्रदेश में बागी एक कारक हैं। उन्होंने कहा कि 12 नवंबर को मतदान से पहले चुनाव प्रचार अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर रहा है और उसके साथ ही बागियों का प्रभाव निष्प्रभावी होता जा रहा है। भाजपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी मुफ्त की सौगात देने में विश्वास नहीं करती है और लोगों को सशक्त बनाने की दिशा में काम करती है, न कि प्रलोभन देने में। नड्डा ने कहा, भाजपा में, हर चीज के लिए उचित मंथन किया जाता है। जब हम कुछ कहते हैं, तो राज्य के लोग समझते हैं। अपने घोषणापत्र में हमने वित्तीय जटिलताओं को परखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस जटिलताओं पर विचार किए बिना वादे कर रही है और इसलिए उसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। नड्डा ने कहा, हम कोई मुफ्त उपहार नहीं देते हैं, हम हमेशा लोगों को सशक्त बनाते हैं। सशक्तीकरण और प्रलोभन के बीच एक बहुत पतली रेखा है और हम उचित मंथन करते हैं। हम सशक्तीकरण में विश्वास करते हैं। यह एक बार का निवेश है लेकिन यह समाज और राज्य को समग्र रूप से सशक्त बनाता है। भाजपा नेता ने कहा कि यूसीसी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और सत्ता में विराजमान पार्टी को देश को बहुत ही कुशल ढंग से चलाना होता है। नड्डा ने कहा, समाज में, हम सभी को अपनी जिम्मेदारियों को निभाना होगा। हमने इस मुद्दे को राज्य दर राज्य लिया है और इसे हिमाचल प्रदेश के घोषणापत्र में शामिल किया है। हम इसे राज्य स्तर के माध्यम से लागू कर रहे हैं। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, मैं लोगों से भाजपा को वोट देने का आग्रह करता हूं क्योंकि समाज के हित में, राज्य के हित में और उनके स्वयं के हित में यह समय की जरूरत है। भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि उनकी पार्टी की हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ गुजरात में भी बहुत अच्छी स्थिति है और वह विजयी होगी। उन्होंने कहा कि आत्मसंतोष की कोई गुंजाइश नहीं है और पार्टी के प्रदर्शन से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। नड्डा ने कहा, हम हर चुनाव को बहुत गंभीरता से लेते हैं। हम अतिरिक्त दबाव नहीं लेते हैं और किसी भी राज्य में अपने प्रदर्शन से समझौता नहीं करते हैं। हर लड़ाई बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन हम सहज हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश में सत्ता समर्थक लहर दिख रही है और राज्य में विरोध का माहौल नहीं है।’’ नड्डा ने कहा, ‘‘इसका मतलब यह हुआ कि लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास और समर्थन को स्वीकार किया है तथा यह भी माना है कि मुख्यमंत्री जयराम जी ने बिना शोर के जमीनी स्तर पर काम किया है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा देश में नए प्रतिमान स्थापित कर रही है और अब समय आ गया है कि हिमाचल प्रदेश अपनी मौजूदा सरकार को न दोहराने की परंपरा को बदले। नड्डा ने कहा, राज नहीं, रिवाज बदलेगा और यह हिमाचल प्रदेश के लिए रिवाज को बदलने का समय है, जैसा कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा ने मौजूदा सरकारों को दोहराकर किया है। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी हमला करते हुए पूछा कि वह भारत को तोड़ रहे हैं या जोड़ रहे हैं, क्योंकि उन्हें देश को तोड़ने और आतंकवादियों के साथ सहानुभूति रखने वालों के साथ देखा गया है। नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए और कई बार प्रायश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अफ़ज़ल गुरु की मौत की सजा पर जेएनयू में नारे लगे थे और वो नारे उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश तथा भारत के राष्ट्रपति के खिलाफ थे, लेकिन राहुल गांधी ने जेएनयू में एक रैली की जहाँ भारत को टुकड़े-टुकड़े करने के नारे लगाए गए। आप जोड़ रहे हैं या तोड़ रहे हैं?
read moreशाह ने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में लौटी तो हिमाचल प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू होगी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सत्ता में वापसी होने पर हिमाचल प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की जाएगी और सरकारी कर्मचारियों की वेतन प्रणाली में सभी अनियमितताओं पर गौर किया जाएगा। राज्य में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए, शाह ने कहा कि यह चुनाव विधायकों या मुख्यमंत्री को चुनने के लिए नहीं है, बल्कि ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को एक मजबूत और महान देश’’ बनाने के लिए है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप जय राम ठाकुर सरकार चुनते हैं, तो मैं आपसे वादा करता हूं कि हिमाचल प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। इसे कोई नहीं रोक सकता।’’ शाह ने ऊना के महतपुर में चुनावी रैली में कहा, ‘‘कृपया अपने वोट से एक मजबूत और समृद्ध भारत बनाने में मदद करें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने इसे पूरा करने के लिए अपने सभी प्रयास किए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश न केवल ‘‘देवभूमि’’ है, बल्कि ‘‘वीर भूमि’’ भी है क्योंकि राज्य की बहादुर माताओं ने अपने बेटों को देश की सीमाओं की रक्षा के लिए भेजा है। मैं इस भूमि को नमन करता हूं।’’ भाजपा ने हिमाचल प्रदेश के लिए अपने चुनावी घोषणापत्र में सरकारी नौकरियों, नए शैक्षणिक संस्थानों और विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का भी वादा किया है। महिलाओं से अपनी बेटियों को कम से कम 12वीं कक्षा तक पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह करते हुए शाह ने कहा कि सरकार उन्हें दोपहिया वाहन उपहार में देगी। उन्होंने कहा, ‘‘वे सुबह स्कूल जाएंगी और शाम को सब्जियां घर लाने में भी आपकी मदद करेंगी।’’ कांगड़ा जिले के नगरोटा में एक अन्य चुनावी रैली के दौरान, शाह ने दावा किया कि भाजपा हिमाचल प्रदेश के निचले और ऊपरी हिस्सों में जीत दर्ज करेगी। उन्होंने कांग्रेस द्वारा अपने घोषणापत्र में किये गये वादों पर भी कटाक्ष किया और कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोग उस पार्टी की चुनावी गारंटी पर विश्वास नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘उनकी गारंटी पर कौन विश्वास करेगा। उन्होंने 10 साल तक शासन किया लेकिन केवल बड़े घोटालों में लिप्त रहे। अब वे हिमाचल प्रदेश के निर्दोष लोगों को मूर्ख बनाने की गारंटी दे रहे हैं।’’ राज्य के इस क्षेत्र में मतदाताओं को लुभाने के लिए, गृह मंत्री ने पाकिस्तान के खिलाफ केंद्र के सर्जिकल हवाई हमलों, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण, ‘एक रैंक, एक पेंशन’ के कार्यान्वयन और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त करने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप अयोध्या में भव्य राम मंदिर नहीं चाहते?
read moreयूनिफॉर्म सिविल कोड के सरकार के प्रस्ताव पर बोले केजरीवाल, एक कानून पूरे देश में क्यों नहीं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में एक समान कानून यानी कॉमन सिविल कोड लागू करने के लिए बनी समिति पर सवाल उठाए हैं। गुजरात के भावनगर में केजरीवाल ने कहा कि अगर पार्टी ऐसा करना चाहती है तो इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी की नीयत खराब है। अगर पार्टी इसे लागू करना चाहती है तो इसे पूरे देश में लागू करें। केजरीवाल ने पूछा कि क्या वे लोकसभा चुनाव का इंतजार कर रहे हैं?
read moreमुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी को पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करनी चाहिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के लिए गुजरात में समिति गठित करने के कदम पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की मंशा पर रविवार को सवाल उठाते हुए कहा कि अगर पार्टी ऐसा करना चाहती है तो इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए। केजरीवाल ने पूछा कि क्या भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इस दिशा में कदम उठाने के लिए लोकसभा चुनाव का इंतजार कर रही है। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अपने गुजरात दौरे के तीसरे दिन भावनगर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस साल के अंत में होने वाले 182-सदस्यीय विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र निर्वाचन आयोग इस सप्ताह चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। गुजरात सरकार ने शनिवार को कहा था कि समान नागरिक संहिता को लागू करने के मकसद से उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का फैसला किया गया है। केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा था कि चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले समिति का गठन किया जाएगा। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा था कि यह निर्णय संविधान के भाग-चार के अनुच्छेद-44 के प्रावधानों के अनुसार लिया गया था, जो राज्य सरकार से सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की अपेक्षा करता है। गुजरात सरकार के फैसले पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में केजरीवाल ने कहा, ‘‘उनकी मंशा खराब है’’। उन्होंने कहा, ‘‘संविधान के अनुच्छेद- 44 में ये साफ-साफ लिखा है कि समान नागरिक संहिता बनाना सरकार की ज़िम्मेदारी है। सरकार को समान नागरिक संहिता बनानी चाहिए और ये ऐसी बननी चाहिए जिसमें सभी समुदायों की रजामंदी हो।’’
read moreबीजेपी देश भर में Uniform Civil Code क्यों नहीं ला रही, केजरीवाल का मोदी सरकार से सवाल, जानें क्या है UCC?
read moreगुजरात सरकार समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन के लिए समिति बनाएगी गुजरात सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया है। सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी। राज्य मंत्रिमंडल की शनिवार को हुई बैठक के दौरान समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इसे भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली कैबिनेट की आखिरी बैठक माना जा रहा है, क्योंकि राज्य चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा अगले सप्ताह होने की उम्मीद है। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी और केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने इस फैसले के बारे में पत्रकारों को जानकारी दी।
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