Religion
Gyan Ganga: कर्मों का फल निश्चित रूप से हर किसी को भोगना ही पड़ता है
By DivaNews
17 November 2022
Gyan Ganga: कर्मों का फल निश्चित रूप से हर किसी को भोगना ही पड़ता है भगवान श्रीराम जी ने सुग्रीव के मन की थाह पा ली थी। वे तो समझ गए थे कि सुग्रीव के मन में श्रीविभीषण जी के संबंध में अतिअंत ही नकारात्मक विचारों ने आकार ले रखा है। सुग्रीव यह तो देख ही नहीं पा रहे कि कैसे-कैसे श्रीविभीषण जी ने हमें समर्पित होकर, रावण के विरुद्ध लोहा लिया है। रावण के प्रति खुले रूप में विद्रोह करना, साक्षात मृत्यु को दावत थी। लेकिन हमारी खातिर श्रीविभीषण जी ने, अपनी नन्हीं जान की भी चिंता नहीं की। वे अपना सब राज-पाट, यश व वैभव को लात मार कर, हमारी शरणागत होने पधारे हैं। लगता है सुग्रीव को अपने साथ हुए, बालि के अन्याय भूल गए हैं। सुग्रीव को अपने साथ घटित प्रत्येक हिंसा व अत्याचार तो याद है, लेकिन वैसा ही अत्याचार, श्रीविभीषण जी के साथ भी घटा है, इसका उन्हें आभास तक नहीं है। संसार में जीव का यही स्वभाव, उसे आध्यात्मिक व नैतिक स्तर पर, ऊँचा उठने में बाधक बनाये रखता है। जीव दूसरे का सुख व प्रसन्नता देख, स्वयं में वह सुखद अनुभव ढूंढ़ने का तो अथक प्रयास करता है। लेनिक स्वयं को मिली पीड़ा का अनुभव, कभी भी किसी अन्य प्राणी में महसूस करने का प्रयास नहीं करता।
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