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Delhi LG VS CM Kejriwal: दिल्ली में हंगामा है क्यों बरपा, किसको कितनी पावर, समझें कानूनी और सियासी पहलू
By DivaNews
10 January 2023
Delhi LG VS CM Kejriwal: दिल्ली में हंगामा है क्यों बरपा, किसको कितनी पावर, समझें कानूनी और सियासी पहलू दिल्ली में प्रशासनिक अधिकारों को लेकर एलजी और सीएम के बीच तीखी बहस चल रही है। लगातार बढ़ रही तल्खी अब पत्राचार की भाषा में भी साफ झलकने लगी है। दोनों एक-दूसरे पर तंज कसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा तो उसकी शुरुआत ही तंज के साथ की। उन्होंने लिखा कि पिछले कुछ दिनों में मुझे आपके कई पत्र प्राप्त हुए। मैं आपकी प्रशंसा करना चाहता हूं कि आपने शहर के प्रशासन को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया। अक्टूबर तक हम नियमित रूप से मिल रहे थे। उसके बाद राज्यों के विधानसभा चुनाव और एमसीडी चुनाव में व्यस्तता के कारण आपने मिलने में असमर्थता व्यक्त की थी। अब बैठकें फिर से शुरू की जाएं। सीएम केजरीवाल ने जवाबी चिट्ठी में लिखा, आपने व्यंग्यात्मक रूप से कहा कि चुनाव अभियानों के बाद मैंने शहर में प्रशासन को 'गंभीरता' से लेना शुरू कर दिया है। आप का राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते मुझे चुनाव प्रचार के लिए जाना पड़ता है। वैसे ही जैसे पीएम, गृह मंत्री और आदित्यनाथ प्रचार के लिए जाते हैं।इसे भी पढ़ें: दिल्ली की सर्दी में फिर चढ़ा सियासी पारा, केजरीवाल के एलजी को लिखे पत्र के बाद दोनों आमने सामनेएलजी ने किया बैठक के लिए आमंत्रितएलजी ने लिखा कि में प्रशासन को नियंत्रित करने वाले प्रावधानों की सुप्रीम कोर्ट भी कई बार व्याख्या कर चुका विधानसभा है। इसके अलावा संविधान सभा, राज्य पुनर्गठन आयोग और संसद में भी इस पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ है। उसके बाद ही ये प्रावधान बनाए गए हैं, जो अपने आप में बहुत स्पष्ट हैं। इसे और स्पष्ट करने के लिए एलजी ने सीएम को मीटिंग के लिए आमंत्रित करते हुए लिखा कि इस मीटिंग में हम इन मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।केजरीवाल का खतसीएम ने दिल्ली की चुनी हुई सरकार से चर्चा किए बिना एलजी की ओर से एमसीडी में 10 मनोनीत पार्षदों को नियुक्त करने, मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी का चयन करने, सरकार से सलाह किए बिना हज कमिटी का गठन करने और अधिकारियों को सीधे आदेश देकर अधिसूचनाएं जारी कराने का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली जनता ने भी इसकी कड़ी आलोचना की है। सीएम ने एलजी से कहा कि आपने अपने इन कामों को यह कहते हुए सही ठहराया कि सभी अधिनियमों और प्रावधानों में लिखा है कि 'प्रशासक/ उप-राज्यपाल नियुक्तियां करेंगे।' एक्ट में सरकार को 'प्रशासक/ उपराज्यपाल' के रूप में ही परिभाषित किया है और आपको एक नॉमिनी के रूप में काम करने की पावर दी है। मैंने तभी आपको पत्र लिखकर इस पर अपना पक्ष सार्वजनिक करने का आग्रह किया था।इसे भी पढ़ें: HIV positive व्यक्तियों को मुफ्त भोजन, उपचार मुहैया कराए दिल्ली सरकार : अदालत10 मनोनीत पार्षद का विवाद क्या है?
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