ऑयल रिफाइनरियों की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए नया मॉडल पेट्रोलियम रिफाइनरी में हीट एक्सचेंजर्स के खराब होने की समस्या बनी रहती है। कार्यप्रणाली और प्रभावी उत्पादन क्षमता बनाये रखने के लिए प्रायः रिफाइनरियों को पूरी तरह शटडाउन करना पड़ता है। शटडाउन के दौरान प्रसंस्करण इकाइयों की जाँच-पड़ताल और उपकरणों के समुचित रखरखाव को सुनिश्चित करने की आवश्यकता होती है। एक नई पहल के अंतर्गत उद्योग जगत के भागीदारों के साथ मिलकर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर ऑयल और पेट्रोलियम रिफाइनरियों के हीट एक्सचेंजर्स के लिए डेटा पाइपलाइन बना रहा है, और मशीन लर्निंग मॉडल का विकास कर रहा है। इसके लिए आईआईटी जोधपुर और एल्गो8 एआई प्राइवेट लिमिटेड के बीच साझीदारी हुई है।इसे भी पढ़ें: अंगों के पुनर्वास में मदद करेंगे रोबोटिक प्रशिक्षकशोधकर्ताओं का कहना है कि यह मॉडल ऑयल रिफाइनरियों में हीट एक्सचेंजर के बार-बार खराब होने की समस्या का समाधान देने में सक्षम है, और यह पेट्रोलियम और उससे जुड़े उद्योगों में उपयोगी होगा।
read moreधनतेरस पर इन उपायों को करने से प्रसन्न होंगी मां लक्ष्मी, घर आएगी सुख और समृद्धि दीपावली में पांच पर्वों की परंपरा है जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। धनतेरस के दिन खरीदारी को शुभ माना जाता है जो सबके लिए सौभाग्यवर्धक होता है। इस दिन लोग अपनी-अपनी प्रिय चीजों की खरीदारी करते हैं। धनतेरस के दिन सोने और चांदी के बने आभूषण और सिक्के खरीदने की सदियों पुरानी सनातन परंपरा है जो चली आ रही है। धनतेरस को धनवंतरी जयंती तथा धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस से दीपों के पर्व दीवाली की शुरूआत मानी जाती है, इस दिन खरीददारी का खास महत्व है। धनतेरस के दिन घर में लायी गयी चीजों से घर में सुख-समृद्धि होती है।
read moreजयललिता को धीमा जहर, मोदी की गुजराती नर्स वाली सलाह और अब 600 पन्नों की रिपोर्ट, क्या अम्मा को चिन्म्मा ने मारा?
read moreDiwali Decoration: इन बेहद आसान तरीको से सजायें अपना घर दिवाली पर डेकोरेशन का एक सबसे अच्छा तरीका है रंगोली बनाना। वैसे तो मार्केट में आपको बेहद ही कम दाम में चिपकने वाली रंगोली के स्टिकर्स मिल जाते हैं। लेकिन बाद में इन्हें जमीन से हटाना थोड़ा मुश्किल होता है।
read moreइन चीजों का सेवन लिवर के लिए है फायदेमंद, डाइट में करें शामिल लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह विभिन्न प्रकार के आवश्यक कार्य करता है, जिसमें प्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल और पित्त के निर्माण से लेकर विटामिन, खनिज और यहां तक कि कार्बोहाइड्रेट भी शामिल हैं। इतना ही नहीं, यह शरीर में मौजूद टॉक्सिन को तोड़ने में भी मदद करता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप खुद को हेल्दी बनाए रखने के लिए अपने लिवर का भी उतना ही ख्याल रखें। इसके लिए आपको अपने आहार पर ध्यान देना होगा। ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं, जो आपके लिवर के लिए बेहद फायदेमंद हैं और इसलिए आपको इन्हें अपनी डाइट में जगह देनी चाहिए। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ फूड्स के बारे में−
read moreभ्रष्टाचार पर राजनीति से कमजोर होता लोकतंत्र पिछले सालों में शीर्ष मंत्रियों, सांसदों, विधायकों एवं राजनैतिक दलों के शीर्ष नेताओं पर भ्रष्टाचार के मामलों में जांच एंजेन्सियों की कार्रवाई की साहसिक परम्परा का सूत्रपात हुआ है, तभी से इस तरह की कार्रवाईयां में राजनीतिक दलों को अपना जनाधार बढ़ाने की जमीन नजर आने लगी है। इन शर्मनाक, अनैतिकता, भ्रष्टाचार एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के हनन की घटनाओं में शामिल राजनीतिक अपराधियों को भरतसिंह से उपमित करना राजनीतिक गिरावट की चरम पराकाष्ठा है। अपने नेताओं के काले कारनामों पर परदा डालने के लिये राजनीतिक दलों के तथाकथित कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर उतर आते हैं जो आम जनता के लिये परेशानी का सबब बनते हैं। यह कैसा राजनीति चरित्र गढ़ा जा रहा है?
read moreदीपावली तक खरीदारी और निवेश के लिए हर दिन शुभ मुहूर्त, धनतेरस पर रहेगा फायदा देने वाला योग इस बार दीपावली कई शुभ संयोग लेकर आ रही है। आज से दीपावली तक प्रत्येक दिन शुभ योग और संयोग बन रहे हैं। खरीदारी और निवेश के लिए शुभ समय शुरू हो गया है। 19 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक ऐसे मुहूर्त बन रहे हैं, जिनमें प्रॉपर्टी, ज्वैलरी, गाड़ियों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान तक खरीदना शुभ होगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर - जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा.
read moreअंगों के पुनर्वास में मदद करेंगे रोबोटिक प्रशिक्षक अंग विकलांगता भारत में एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती है जो प्रायः अवस्था-जन्य उम्र बीमारियों, शारीरिक विकृतियों, दुर्घटनाओं, स्ट्रोक, पोलियो आदि के कारण होती है। शिथिल पड़ चुके अंग को सक्रिय बनाने में 'फिजियोथेरेपी' का सहारा लिया जाता है। भारतीय शोधकर्ताओं ने ऐसा रोबोटिक प्रशिक्षक डिज़ाइन किया हैं, जिसका उपयोग निचले अंगों की अक्षमताओं के इलाज के लिए की जाने वाली फिजियोथेरेपी में किया जा सकता है। यह अध्ययन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है।
read moreत्योहारों के मौसम में खुशहाल गोष्ठी (व्यंग्य) त्योहारों का मौसम खुशहाली चमकने का मौसम होता है। व्यावसायिक घराने इंतज़ार में रहते हैं कि त्योहार आएं और बिजनेस में उठान आए। सरकारजी की भी कोशिश रहती है कि देश के बाज़ारों में किसी तरह बहार रहे। सरकारी खेतों में उपजाऊ बीज बोने की ज़िम्मेदारी अफसरशाही खूब निभाती है। अधिकारी पूरा साल सेवा करते हैं तभी बड़ी पार्टी करने का वक़्त इस मौसम में मिलता है।
read moreत्वचा की खूबसूरती निखारने में बेहद मददगार है रेड वाइन अल्कोहल को सेहत के लिए बेहद ही नुकसानदायक माना जाता है। इससे व्यक्ति को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन यह आपकी स्किन व सेहत की कई समस्याओं को दूर कर सकते हैं। खासतौर से रेड वाइन को ब्यूटी केयर के लिए काफी अच्छा माना गया है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको रेड वाइन से मिलने वाले ब्यूटी बेनिफिट्स के बारे में बता रहे हैं-
read moreइस तरह से आप भी खरीद सकते हैं Redmi Smart TV 32 इंच 10 हजार से भी कम कीमत में स्मार्ट टीवी के लिए बाजार की मांग में काफी विस्तार हुआ है, और 32 इंच से 85 इंच के आकार के मॉडल अब आसानी से उपलब्ध हैं। इस प्राइस रेंज में 32 इंच के स्मार्ट टीवी की सबसे ज्यादा डिमांड है। क्योंकि वे सस्ती हैं और हर कोई उन्हें अपने साधनों के भीतर खरीद सकता है। Redmi आपको इस परिस्थिति में 10,000 रुपये से कम में 32 इंच का एचडी-सक्षम स्मार्ट टीवी पेश करेगा। कंपनी की ओर से किफायती स्मार्ट टीवी Redmi स्मार्ट टीवी 32 एचडी रेडी को 25 हजार रुपये के सेगमेंट में पेश किया गया था। कंपनी महज 10,000 रुपये में इसे खरीदने का मौका दे रही है।
read moreठंड के मौसम में इंडिया में घूमने के लिए ये हैं बेहतरीन जगहें ठंड के मौसम में अक्सर लोगों का बाहर घूमने का मन करता है। मौसम में ठंडक मन में एक प्रसन्नता का अहसास करवाती है और इसलिए लोग कहीं घूमकर आना चाहते हैं। हालांकि, सबसे पहले मन में यही सवाल आता है कि घूमने के लिए कहां जाएं। दरअसल, मन में एक शंका रहती है कि कहीं ठंड में बाहर घूमना मुसीबत ना बन जाए। हो सकता है कि आप भी कुछ ऐसा ही सोच रहे हों। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही स्थानों के बारे में बता रहे हैं जहां पर आप सर्दियों के मौसम में घूम सकते हैं-
read moreदिशा पाटनी को करती हैं पसंद तो उनकी तरह करें ये वर्कआउट यह तो हम सभी जानते हैं कि हेल्दी रहने के लिए खुद को फिजिकल रूप से एक्टिव रखना बेहद आवश्यक है। इसलिए, लोग व्यायाम को अपने रूटीन का हिस्सा बनाते भी हैं, लेकिन एक की तरह के वर्कआउट के कारण उन्हें जल्द ही बोरियत होने लगती है और फिर वे उसे छोड़ देते हैं। हो सकता है कि आपके साथ भी ऐसा ही होता हो। तो अब आप दिशा पाटनी के इन वर्कआउट्स या फिजिकल एक्टिविटीज को अपने वर्कआउट रूटीन का हिस्सा बनाएं। इससे आपको एक्सरसाइज करने में मजा भी आएगा और आप दिशा की तरह एक टोन्ड बॉडी भी मेंटेन कर सकेंगी-
read moreकार्तिक मास में तुलसी और आंवले की पूजा से बढ़ती है समृद्धि कार्तिक मास 11 अक्टूबर से 8 नवंबर तक रहेगा। पुराणों में इस महीने को बहुत खास बताया गया है। हिन्दी पंचांग का आठवां महीना कार्तिक तीज-त्योहार के लिहाज से बहुत खास है। इस महीने में पुष्य नक्षत्र, धन तेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा, देवउठनी एकादशी जैसे बड़े तीज-त्योहार रहते हैं। ये माह 8 नवंबर तक रहेगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य ज्योतिषाचार्य डा.
read moreपसमांदा मुस्लिमों को जोड़ने के लिए भाजपा की योजना जानकर अन्य दल हैरान रह जाएंगे 2024 लोकसभा चुनावों तथा उससे पूर्व जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने का काम शुरू का दिया है। इसी कड़ी में जब हैदराबाद में आयोजित भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पसमांदा मुस्लिम समाज की चर्चा की और स्नेह यात्रा निकालने की बात कही तबसे भाजपा और पसमांदा मुस्लिम समाज के संबधों की चर्चा जोर पकड़ रही है। अब पसमांदा समाज को अपनी ओर मोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश भाजपा ने भी अपना अभियान तेज कर दिया है। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि 2022 के विधानसभा चुनावों और उसके बाद आजमगढ़ और रामपुर जहां 50 प्रतिशत मुस्लिम आबादी रहती है वहां पर पसमांदा मुस्लिम समाज के 8 प्रतिशत लोगों ने भाजपा को अपना मत दिया जिसकी वजह से पार्टी को सफलता मिली है। अब उसी फीडबैक के आधार पर भाजपा ने अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। आंकड़ों के अनुसार भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में विकास की योजनाओं का सर्वाधिक लाभ मुस्लिम समाज को ही मिला है। कोरोना कालखंड में फ्री राशन योजना का 80 प्रतिशत, सब्सिडी वाले राशन से 51 प्रतिशत सहित स्वास्थ्य बीमा, खाते में पैसा डालने की योजना का लाभ सहित पसमांदा मुस्लिम समाज को सरकार की घर बनाने में मदद और लड़कियों की शादी में मदद तो मिल ही रही है वहीं रोजगार और कौशल विकास योजना में भी पसमांदा मुस्लिम समाज के लोगों को लाभ मिला है। वहीं उज्ज्वला योजना जैसी योजनाओं का लाभ भी पसमांदा मुस्लिम समाज के लोगों को मिल रहा है।
read moreसाक्षात्कारः किसान नेता डॉ. राजाराम त्रिपाठी से समझिये कृषि क्षेत्र के समक्ष क्या बड़ी समस्याएं खड़ी हैं?
read moreखाद्य उत्पादों की बर्बादी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाना बहुत जरूरी हो गया है इस पृथ्वी पर रहने वाले मानवों की भलाई के लिए खाद्य पदार्थों के अपव्यय एवं नुकसान को रोका जाना आज की बड़ी आवश्यकता बन गया है। पूरे विश्व में ही आज खाद्य पदार्थों की बर्बादी बड़े स्तर पर हो रही है। इससे नागरिकों की खाद्य सुरक्षा पर भी एक गम्भीर प्रश्न चिह्न लग गया है। यूनाइटेड नेशन्स के पर्यावरण कार्यक्रम के एक अनुमान के अनुसार पूरे विश्व में 14 प्रतिशत खाद्य पदार्थों का नुकसान खाद्य पदार्थों को उत्पत्ति स्थल से खुदरा बिक्री स्थल तक पहुंचाने में हो जाता है। इसके अलावा, अन्य 17 प्रतिशत खाद्य पदार्थों का नुकसान इन्हें खुदरा बिक्री स्थल से उपभोक्ता के स्थल तक पहुंचाने में हो जाता है। खाद्य पदार्थों के इतने बड़े नुकसान का वातावरण में उत्सर्जित हो रही कुल गैसों में 8 से 10 प्रतिशत तक का योगदान रहता है। आज खाद्य पदार्थों में इस भारी मात्रा में हो रहे नुकसान का असर पूरे विश्व में रह रहे मानवों को खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने पर बहुत विपरीत रूप से पड़ रहा है एवं खाद्य पदार्थों की उपलब्धता में लगातार हो रही कमी के चलते ही विश्व के सभी देशों में मुद्रास्फीति की समस्या भी खड़ी हो गई है। खाद्य पदार्थों के अपव्यय एवं नुकसान की समस्या दिनों दिन बहुत गम्भीर होती जा रही है। यह केवल खाद्य पदार्थों के अपव्यय एवं नुकसान से जुड़ा हुआ विषय नहीं है बल्कि इन पदार्थों के उत्पादन पर खर्च किये जाने वाले समय, पानी, खाद, श्रम, एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने हेतु लागत एवं अन्य स्त्रोतों के अपव्यय का गम्भीर विषय भी शामिल है। विभिन्न खाद्य पदार्थों के होने वाले अपव्यय एवं नुकसान में एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने ले जाने में खर्च होने वाले डीजल, पेट्रोल का भी न केवल अपव्यय होता है बल्कि वातावरण में एमिशन गैस को फैलाने में भी इसकी बहुत बड़ी भूमिका रहती है। खाद्य पदार्थों की आपूर्ति करने वाली आपूर्ति चैन एवं इन खाद्य पदार्थों के कुल जीवन चक्र पर भी विपरीत असर पड़ता है। कुल मिलाकर खाद्य पदार्थों के अपव्यय एवं नुकसान से सभी देशों पर ही हर प्रकार से बहुत विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। वर्ष 2014 में किए गए एक अध्ययन प्रतिवेदन के अनुसार खाद्य पदार्थों के अपव्यय एवं नुकसान से देश को भारी आर्थिक हानि भी होती है। इस प्रतिवेदन के अनुसार भारत को वर्ष 2014 में इस मद पर 92,156 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ था। न केवल खाद्य सामग्री के उत्पादन तक बल्कि खाद्य सामग्री के उत्पादन के बाद भी भारी नुकसान होते हुए देखा गया है। भारत में इस नुकसान का आकलन वर्ष 1968 से किया जा रहा है एवं इस नुकसान को नियंत्रित करने के प्रयास भी निरंतर किए जा रहे हैं परंतु उचित परिणाम अभी तक दिखाई नहीं दे रहे हैं। विशेष रूप से उत्पादन के बाद के नुकसान को समाप्त करने के लिए आज सम्पूर्ण सप्लाई चैन को ही ठीक करने की जरूरत है। उचित स्तर पर अधोसंरचना के विकसित न होने के चलते भी अक्सर सब्ज़ियों एवं फलों का अधिक नुकसान होते देखा गया है।इसे भी पढ़ें: मोदी सरकार की नीतियों की बदौलत कृषि क्षेत्र में तेजी से बढ़े हैं रोजगार के अवसर140 करोड़ नागरिकों की जनसंख्या वाले भारत जैसे एक विकासशील देश के लिए एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि के खाद्य पदार्थों का नुकसान, बहुत भारी नुक्सान है, जो देश की आर्थिक प्रगति को भी सीधे-सीधे ही प्रभावित कर रहा है। एक अनुमान के अनुसार यदि खाद्य पदार्थों के इस नुकसान को रोक दिया जाये तो देश के सकल घरेलू उत्पाद में भी उछाल लाया जा सकता है एवं इससे अंततः नागरिकों की आय में वृद्धि हो सकती है। खाद्य पदार्थों का अपव्यय एवं नुकसान विभिन्न स्तरों पर होता है। सबसे पहले तो किसान द्वारा विभिन्न प्रकार की फसलों की बुआई के समय से ही खाद्य पदार्थों का अपव्यय एवं नुकसान प्रारम्भ हो जाता है। फिर फसल के पकने के बाद फसल की कटाई करने से लेकर फसल के उत्पाद को मंडी में पहुंचाने तक भी खाद्य पदार्थों का अपव्यय एवं नुकसान होता है। मंडी से खुदरा व्यापारी तक उत्पाद को पहुंचाने पर भी नुकसान होता है। इसके बाद खुदरा व्यापारी से खाद्य पदार्थों को उपभोक्ता तक पहुंचाने में भी नुकसान होता है। हालांकि इस पूरी चैन में कोई भी व्यक्ति खाद्य पदार्थों में नुक्सान होने देना नहीं चाहता है परंतु फिर भी इसे रोक पाने में असमर्थता-सी महसूस की जा रही है। खाद्य पदार्थों के अपव्यय एवं नुकसान को रोकने हेतु सबसे पहले तो अधोसंरचना को विकसित करने एवं सप्लाई चैन का अर्थपूर्ण उपयोग करने की आज सबसे अधिक आवश्यकता है। कोल्ड स्टोरेज हालांकि बहुत बड़ी मात्रा में स्थापित किए जा रहे हैं परंतु यह अभी भी इनकी लगातार बढ़ रही मांग की पूर्ति करने में सक्षम नहीं हो पा रहे है। दूसरे, कोल्ड स्टोरेज को ग्रामीण इलाकों में भी स्थापित किए जाने की आज आवश्यकता है। नागरिकों को खाद्य पदार्थों के अपव्यय एवं नुकसान से अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान की जानकारी देकर उनमें इस सम्बंध में पर्याप्त जागरूकता लाने की भी जरूरत है। कोल्ड स्टोरेज की स्थापना के साथ ही इन पदार्थों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने ले जाने के लिए अच्छे रेल एवं रोड मार्ग के साथ ही यातायात की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध होना भी बहुत जरूरी है। ग्रामीण इलाकों में ही फूड प्रॉसेसिंग इकाईयों की स्थापना भी की जानी चाहिए ताकि खाद्य पदार्थों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने ले जाने की आवश्यकता ही नहीं पड़े अथवा कम आवश्यकता पड़े। कभी कभी आवश्यकता से अधिक पैदावार होने से भी किसानों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। आवश्यकता से अधिक पैदावार हो जाने से इन पदार्थों की कीमतें बाजार में बहुत कम हो जाती हैं जैसे, आलू, टमाटर, प्याज आदि फसलों के बारे में अक्सर देखा गया है। जिसके चलते किसान को बहुत नुकसान होता है और वह इन फसलों को बर्बाद करने में ही अपनी भलाई समझता है। इस प्रकार की समस्याओं को हल करने के लिए केंद्रीय स्तर पर विचार किया जाना चाहिए एवं विभिन्न पदार्थों के उत्पादन की सीमा तय की जा सकती है ताकि देश में किस पदार्थ की जितनी आवश्यकता है उतना ही उत्पादन हो। और, इस प्रकार की फसलों की बर्बादी को रोका जा सके। कब, कैसे, कहां, कितनी मात्रा में किस फसल का उत्पादन देश में किया जाना चाहिए, इस पर गम्भीरता से आज विचार किये जाने की आवश्यकता है। ताकि, विभिन्न पदार्थों के अपव्यय एवं नुक्सान पर अंकुश लगाया जा सके। खाद पदार्थों के नुकसान का प्रभाव वैश्विक स्तर पर बढ़ रहे उत्सर्जन (गैसों) के बढ़ने के रूप में भी देखा जा रहा है। यदि आवश्यकता के अनुरूप ही खाद्य पदार्थों का उत्पादन होने लगे और खाद्य पदार्थों के नुकसान एवं अपव्यय को पूर्णतः रोक लिया जाये तो देश को होने वाले आर्थिक नुकसान को कम करने के साथ ही वातावरण में उत्सर्जन (गैसों) की मात्रा भी कम की जा सकती है। -प्रह्लाद सबनानी सेवानिवृत्त उप महाप्रबंधकभारतीय स्टेट बैंक
read moreजले हुए बर्तनों के दाग हटाने के लिए अपनाएं ये उपाय किचन में काम करते हुए महिलाओं को कई तहर की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मसलन, कभी-कभी खाना बनाते हुए बर्तन जल जाते हैं। ऐसे में उन्हें जब साफ करने की बारी आती हैं तो इसमें बहुत अधिक समय लगता है। इतना ही नहीं, बहुत अधिक मेहनत करने के बाद भी जले हुए बर्तनों से दाग नहीं हट पाते हैं। जिसके कारण दोबारा उस बर्तन में खाना बनाते हुए काफी स्मेल आती है। लेकिन अगर आप जले हुए बर्तनों के दाग को बिना किसी परेशानी के साफ करना चाहते हैं तो इन आसान तरीकों को अपनाया जा सकता है-
read moreऐसे करें UGC NET के लिए तैयारी, मिलेंगे शानदार अंक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा यानी नेट 2022 के तीसरे चरण का आयोजन किया जा रहा है। इस परीक्षा में शामिल होने के बाद बेहतर अंक लाना और परीक्षा को क्लीयर करना बेहद अहम होता है। बता दें कि इस परीक्षा का आयोजन सरकारी एजेंसी राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा किया जाता है।
read moreराष्ट्रपति वही कैबिनेट नई, नए चेहरों को मिलेगी जगह, इन फैसलों के जरिए जिनपिंग बनेंगे चीन के इतिहास के सबसे ताकतवर व्यक्ति चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का एक बार फिर राष्ट्रपति बनना लगभग तय माना जा रहा है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस का आगाज 16 अक्टूबर से ही हो गया है। ये बैठक 7 दिनों तक चलेगी। चाइनिज कम्युनिस्ट पार्टी के 20वें अधिवेशन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जीरो कोविड पॉलिसी से लेकर करप्शन के खिलाफ सरकार के अभियान की तारीफ की। इस अधिवेशन में 2300 डेलीगेट्स शामिल हुए, जो अगले पांच साल के लिए पार्टी लीडर का चुनाव करेंगे। पिछले दस साल से जिनपिंग सीपीसी और सरकार के मुखिया बने हुए हैं। अगले पांच सालों के लिए भी उनका मुखिया चुना जाना तय है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के 20वीं कांग्रेस के शुरुआती भाषण में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने खतरनाक इरादे जाहिर कर दिए हैं। ताइवान का जिक्र करते हुए जिनपिंग ने पीएलए में भी टॉप लेवल पर बड़े बदलाव के संकेत दे दिए हैं। चीनी राष्ट्रपति ने कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस में पीएलए के आधुनिकरण पर जोर देते हुए कहा कि ये न केवल चीन की संप्रभुता बल्कि इसकी सुरक्षा और विकास संबंधित हितों की रक्षा के लिए जरूरी है। इसके लिए पीएलए में भी टॉप लेवर पर बड़े बदलाव होंगे। पार्टी की सबसे शक्तिशाली बॉडी पोलित ब्यूरो स्थायी समिति के कई सदस्यों को हटाया जा सकता है। एक साथ 3 अहम पदों पर जिनपिंगजिनपिंग इस समय तीन अहम पदों को एक साथ संभाल रहे हैं। वो चीन के राष्ट्रपति हैं, कम्युनिस्ट पार्टी के जनरल सेंक्रेटरी हैं। इसके साथ ही सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के चेयरमैन भी हैं। जिनपिंग के इनमें से कोई भी पद छोड़ने की उम्मीद नहीं है। इस बैठक में कांग्रेस और सेंट्रल कमेटी का चुनाव होता है जो चीन की सर्वोच्च संस्थाएं हैं। आपको बता दें कि 2018 में पार्टी विधान के बदलाव के बाद दो कार्यकाल की बाध्यता खत्म कर दी गई थी। खबर है कि जिनपिंग का तीसरी बार राष्ट्रपति बनना तय हो गया है। 22 से 23 अक्टूबर को जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल का आधिकारिक ऐलान होगा। वहीं उम्र के आधार पर जिनपिंग प्रधानमंत्री के कियांग को बदलने के साथ ही विदेश मंत्री वांग यी की भी छुट्टी पक्की मानी जा रही है। इसे भी पढ़ें: मैं चाहे ये करूँ, मैं चाहे वो करूँ, मेरी मर्जी.
read moreप्रियंका चोपड़ा जोनस का केन्या दौरा, खाद्य संकट का सामना कर रहे देश की मदद के लिए लगाई गुहार जोहानिसबर्ग। अभिनेत्री एवं निर्मता प्रियंका चोपड़ा जोनस ने केन्या यात्रा के दौरान दुनियाभर के लोगों से खाद्य संकट का सामना कर रहे देश की मदद के लिए यूनिसेफ के प्रयासों का समर्थन करने की अपील की है। यूनीसेफ (संयुक्त राष्ट्र बाल कोष) की सद्भावना दूत प्रियंका ने सोमवार रात सोशल मीडिया मंच इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि इस अफ्रीकी देश के बच्चे ‘‘भूख के कारण मर रहे हैं’’ और इस विकट स्थिति से निपटने के लिए कोष की जरूरत है।
read moreGyan Ganga: रावण बार-बार लात मार रहा था, फिर भी क्यों अपना सीस झुकाये जा रहे थे विभीषण?
read moreइटली वाले हो या इटालिया, लगातार ब्रांड मोदी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है विपक्ष प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह भी हमने कई मुद्दों पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में हमेशा की तरह मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर जिस तरीके से बयानबाजी का दौर देखने को मिला, वह वाकई लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। गुजरात आम आदमी पार्टी के प्रमुख गोपाल इटालिया हो या फिर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, दोनों ने जिस तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए शब्दों का इस्तेमाल किया, वह वाकई निंदनीय है। इसी को लेकर हमने प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे से सवाल पूछा। नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि जिस तरीके से नेताओं की ओर से बयान बाजी की जा रही है उससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि विपक्ष विकास के मुद्दे पर बात करना ही नहीं चाहता है। विपक्ष इस तरह के बयान देकर असल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहता है।
read moreराजस्थान में कांग्रेस भले दो खेमों में विभाजित है, पर भाजपा तो कई गुटों में बँटी हुई है राजस्थान में अगले विधानसभा चुनाव होने में करीबन एक साल का समय बाकी रह गया है। चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं ने अब चुनावी मैदान में आकर लोगों से जन संपर्क करना शुरू कर दिया है। मगर राजस्थान में सत्तारुढ़ दल कांग्रेस व मुख्य विपक्षी दल भाजपा में बड़े नेताओं की लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। जिससे दोनों ही बड़े दलों का चुनावी अभियान भी प्रभावित हो रहा है। राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जहां अपनी कुर्सी बचाने के लिए अपने पूरे दाव पेंच आजमा रहे हैं। वहीं उनके विरोधी पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट कांग्रेस आलाकमान के भरोसे मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। भाजपा की स्थिति तो कांग्रेस से भी अधिक खराब है। जहां कांग्रेस में गहलोत व पायलट के दो ही खेमे हैं। वहीं भाजपा में तो हर बड़े नेता का अपना खेमा है। आपसी गुटबाजी को मिटाने के लिए भाजपा के बड़े नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष लगातार राजस्थान का दौरा कर पार्टी के सभी नेताओं को एकजुट करने का प्रयास करते हैं। मगर जैसे ही दिल्ली से आए बड़े नेता राजस्थान से बाहर निकलते हैं। उसके तुरंत बाद ही प्रदेश भाजपा के नेता फिर से एक दूसरे की टांग खिंचाई में लग जाते हैं।इसे भी पढ़ें: राजस्थान के मंत्री ने राहुल गांधी की 'तुलना' प्रभु राम से की, बीजेपी बोली- चापलूसी की हद, विवाद बढ़ने पर कांग्रेस ने दी सफाईभाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया आज भी खुद के मुख्यमंत्री होने का भ्रम पाले हुए हैं। उनका व्यवहार पूर्व मुख्यमंत्री का न होकर आज भी मुख्यमंत्री की तरह का ही रहता है। वसुंधरा राजे मानती हैं कि राजस्थान में भाजपा की सबसे बड़ी नेता वही हैं। उनके बिना कभी भी प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं बन सकती है। एक समय था जब राजस्थान में वसुंधरा का मतलब ही भाजपा होता था। मगर अब समय पूरी तरह से बदल चुका है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भाजपा में क्षेत्रीय नेता कमजोर पड़े हैं। वहीं केंद्रीय नेतृत्व मजबूत हुआ है।
read moreLorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero