ठंड के मौसम में इंडिया में घूमने के लिए ये हैं बेहतरीन जगहें
Tourism ठंड के मौसम में इंडिया में घूमने के लिए ये हैं बेहतरीन जगहें

ठंड के मौसम में इंडिया में घूमने के लिए ये हैं बेहतरीन जगहें ठंड के मौसम में अक्सर लोगों का बाहर घूमने का मन करता है। मौसम में ठंडक मन में एक प्रसन्नता का अहसास करवाती है और इसलिए लोग कहीं घूमकर आना चाहते हैं। हालांकि, सबसे पहले मन में यही सवाल आता है कि घूमने के लिए कहां जाएं। दरअसल, मन में एक शंका रहती है कि कहीं ठंड में बाहर घूमना मुसीबत ना बन जाए। हो सकता है कि आप भी कुछ ऐसा ही सोच रहे हों। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही स्थानों के बारे में बता रहे हैं जहां पर आप सर्दियों के मौसम में घूम सकते हैं-

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उत्सर्जन वृद्धि पर अंकुश लगाने की दिशा में भारत उठा रहा है सराहनीय कदम
Currentaffairs उत्सर्जन वृद्धि पर अंकुश लगाने की दिशा में भारत उठा रहा है सराहनीय कदम

उत्सर्जन वृद्धि पर अंकुश लगाने की दिशा में भारत उठा रहा है सराहनीय कदम कई अनुसंधान प्रतिवेदनों के माध्यम से अब यह सिद्ध किया जा चुका है कि वर्तमान में अनियमित हो रहे मानसून के पीछे जलवायु परिवर्तन का योगदान हो सकता है। कुछ ही घंटों में पूरे महीने की सीमा से भी अधिक बारिश का होना, शहरों में बाढ़ की स्थिति निर्मित होना, शहरों में भूकम्प के झटके एवं साथ में सुनामी का आना, आदि प्राकृतिक आपदाओं जैसी घटनाओं के बार-बार घटित होने के पीछे भी जलवायु परिवर्तन एक मुख्य कारण हो सकता है। एक अनुसंधान प्रतिवेदन के अनुसार, यदि वातावरण में 4 डिग्री सेल्सियस से तापमान बढ़ जाये तो भारत के तटीय किनारों के आसपास रह रहे लगभग 5.

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भारत विरोधी दुष्प्रचार के चलते कई देशों में बढ़ी है हिंदुओं के खिलाफ हिंसा
Column भारत विरोधी दुष्प्रचार के चलते कई देशों में बढ़ी है हिंदुओं के खिलाफ हिंसा

भारत विरोधी दुष्प्रचार के चलते कई देशों में बढ़ी है हिंदुओं के खिलाफ हिंसा इस महीने भारत सहित पूरी दुनिया में इस तरह की घटनाएं देखने व सुनने को मिलीं जिससे लगा है कि भारत विरोध, विशेषकर हिन्दूफोबिया अपने दूसरे चरण में प्रवेश कर रहा है। अन्तर केवल इतना आया है कि विरोध की इस लड़ाई का रणक्षेत्र जो पहले भारत था आज वह विदेशी भूमि बनता दिख रहा है। अमेरिकी संस्था नेटवर्क कंटेजियन रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोध में खुलासा हुआ है कि हिन्दुओं के खिलाफ नफरत और हिंसा के मामलों में रिकॉर्ड 1000 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इंस्टीट्यूट के सह-संस्थापक जोएल फिंकेलस्टाइन ने कहा कि हिन्दू विरोधी मीम्स, नफरत और हिंसक एजेण्डा गढ़ा जा रहा है। इन हमलों और नफरत का माहौल बनाने में श्वेत वर्चस्ववादी और कट्टरपन्थी इस्लामिक लोगों का हाथ है। अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े देशों में हिन्दुओं पर हिंसा बढ़ी है। हिन्दूफोबिया को एक साजिश के तहत बढ़ाया जा रहा है।

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मोहन भागवत ने जिन मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित किया है, उस पर हर भारतीय को चिंतन करना चाहिए
Politics मोहन भागवत ने जिन मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित किया है, उस पर हर भारतीय को चिंतन करना चाहिए

मोहन भागवत ने जिन मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित किया है, उस पर हर भारतीय को चिंतन करना चाहिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रतिवर्ष दशहरे पर नागपुर मुख्यालय में आयोजित होने वाला प्रबोधन उत्सव संपन्न हुआ। संघ के परमपूजनीय सरसंघचालक मोहनराव जी भागवत ने अपने उद्बोधन में कहा कि किसी भी देश में जनसंख्या असंतुलन उस देश के विभाजन का कारण बन सकता है। उन्होंने कहा- हमें समझना होगा कि जब-जब जनसांख्यिकीय असंतुलन होता है, तब-तब उस देश की भौगोलिक सीमाओं में परिवर्तन होता है। उन्होंने कहा कि जन्म दर में असमानता के साथ-साथ लोभ, लालच, जबर्दस्ती से चलने वाला मतांतरण भी जनसंख्या असंतुलन का बड़ा कारण बनता है। हमें इसका भी ध्यान रखना होगा। भागवत जी के अनुसार जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ पांथिक आधार पर जनसंख्या संतुलन भी महत्त्व का विषय है, जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। उन्होंने देश में एक ऐसी समग्र जनसंख्या नीति निर्माण का आग्रह रखा जो सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट मत रखा कि जनसंख्या असंतुलन भौगोलिक सीमाओं में बदलाव का कारण बनती है, ऐसे में नई जनसंख्या नीति सब पर समान रूप से लागू हो और किसी को छूट नहीं मिलनी चाहिए।              भारत के लिए ये कोई नया विषय नहीं है। देश के प्रमुख विचारक, चिंतक, लेखक, राजनीतिज्ञ इस विषय को समय समय पर अपने शब्दों में प्रकट करते रहे हैं। इस संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी प्यु रिसर्च ने जो कहा है उस पर पूरे देश को ध्यान केंद्रित करना चाहिए। भारत के वर्ष 2011 के जनगणना के आंकड़ों पर अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन में मुख्यालय वाले “प्यु रिसर्च सेंटर” ने भारत के संदर्भ में बहुत ही विस्फोटक तथ्य रखे हैं। मोहनराव जी भागवत ने अपने दशहरा उद्बोधन में जो कहा उसकी प्रसंशा या आलोचना करने से पूर्व हमें यह रिपोर्ट पढ़ लेनी चाहिए। रिपोर्ट मे कहा गया था कि भारत में हिंदू व मुस्लिम जनसंख्या में तेजी से बढ़ता असंतुलन भारत के कई राज्यों व सैंकड़ों जिलों में अलगाव, अशांति, टकराव व सामाजिक दुर्भाव की स्थितियां उत्पन्न करेगा। “प्यु रिसर्च सेंटर” की यह रिपोर्ट देश भर में समय समय पर पूर्णतः सत्य साबित हुई है। सबसे बड़ी खतरनाक बात इस रिपोर्ट में हमें आगाह करते हुए यह कही गई है कि वर्ष 2050 तक भारत विश्व का सबसे अधिक मुस्लिम जनसँख्या वाला देश बन जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व में मुसलमानों और ईसाइयों की जनसंख्या लगभग बराबर हो जाएगी। प्यु ने अपनी रिपोर्ट में वर्ष 2070 तक इस्लाम के विश्व में सबसे बड़े धर्म बन जाने की भविष्यवाणी भी की है। विश्व भर में मुस्लिमों द्वारा अपनाई जा रही अधिकतम प्रजनन दर के कारण यह स्थिति उत्पन्न होने वाली है। एक तथ्य यह भी है कि मुस्लिमों की जनसंख्या में यह वृद्धि कोई संयोग नहीं है, या कोई सामाजिक प्रवृत्ति नहीं है बल्कि यह एक षड्यंत्र पूर्ण योजना का एक अंश है। मुस्लिमों में जनसंख्या को बढ़ाना व लक्षित क्षेत्र या देश में पहले निर्णायक होना व फिर वहां का शासक होना एक अभियान बन गया है। इस अभियान में सम्पूर्ण विश्व के मुस्लिम एक मत से मतान्ध होकर सम्मिलित हो गए हैं।इसे भी पढ़ें: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खुद को बदल रहा है या सिर्फ अपने बारे में भ्रम दूर कर रहा है ?

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चीनी, कम्युनिस्ट पार्टी और भारत: माओ के बराबर की शक्तियां क्यों चाहते हैं जिनपिंग, क्या है कांग्रेस की बैठक के मायने
Mri चीनी, कम्युनिस्ट पार्टी और भारत: माओ के बराबर की शक्तियां क्यों चाहते हैं जिनपिंग, क्या है कांग्रेस की बैठक के मायने

चीनी, कम्युनिस्ट पार्टी और भारत: माओ के बराबर की शक्तियां क्यों चाहते हैं जिनपिंग, क्या है कांग्रेस की बैठक के मायने शी जिनपिंग को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के महासचिव और चीन के राष्ट्रपति के रूप में तीसरा कार्यकाल मिलना तय है। 16 अक्टूबर को बीजिंग में शुरू होने वाली सीसीपी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस चीन की राजनीति में एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण है, जिसके निहतार्थ दुनिया के लिए भी बेहद अहम रहने वाले हैं। कांग्रेस के लिए चल रहे घटनाक्रम से, ऐसा लगता है कि शी जिनपिंग को महासचिव के रूप में तीसरे कार्यकाल के लिए मंजूरी दी जाएगी। वैसे राष्ट्रपति के रूप में पुन: पुष्टि औपचारिक तौर पर मार्च में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस में होगी। ऐसे में अंतराष्ट्रीय मामलों में दिलचस्पी रखने वालों के मन में ये जिज्ञासा जरूर होगी कि आखिर चीन के राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?

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प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से भारत में सांस्कृतिक पुनर्जागरण हो रहा है
Politics प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से भारत में सांस्कृतिक पुनर्जागरण हो रहा है

प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से भारत में सांस्कृतिक पुनर्जागरण हो रहा है 23 अक्टूबर, 2019 को प्रधनमंत्री नवोन्मेष शिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति एम.

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विकसित देशों के अर्थशास्त्री भारत की तेज विकास दर को जानबूझकर अनदेखा कर रहे हैं
Politics विकसित देशों के अर्थशास्त्री भारत की तेज विकास दर को जानबूझकर अनदेखा कर रहे हैं

विकसित देशों के अर्थशास्त्री भारत की तेज विकास दर को जानबूझकर अनदेखा कर रहे हैं विकसित देशों के कुछ अर्थशास्त्रियों ने भारत के विरुद्ध जैसे एक अभियान ही चला रखा है और भारत के आर्थिक विकास को वे पचा नहीं पा रहे हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था ने अप्रैल-जून 2022 तिमाही में 13.

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कुषाण से लेकर सूरी तक, मुगल से लेकर अंग्रेजों तक, तांबे से लेकर सोने तक, कई बार हुए बदलाव, प्राचीन भारतीय मुद्राओं का क्या इतिहास है
Mri कुषाण से लेकर सूरी तक, मुगल से लेकर अंग्रेजों तक, तांबे से लेकर सोने तक, कई बार हुए बदलाव, प्राचीन भारतीय मुद्राओं का क्या इतिहास है

कुषाण से लेकर सूरी तक, मुगल से लेकर अंग्रेजों तक, तांबे से लेकर सोने तक, कई बार हुए बदलाव, प्राचीन भारतीय मुद्राओं का क्या इतिहास है किसी की जेब में किसी की तिजोरी में छोटे-बड़े बैंक में, बटुए से लेकर एटीएम तक में हर जगह मौजूद रुपया हर दौर में लोगों की सबसे बड़ी जरूरत रहा है। इसलिए तो दुनिया कहती भी है कि 'बाप बड़ा न भइया, सबसे बड़ा रुपैया'। हर चीज से बढ़कर है रुपैया, जिसके सिक्कों की खनक हो या करारे नोटों की खुश्बू हर कोई इसका दीवाना है। आज आपको रुपये के जन्म से लेकर अब तक की पूरी कहानी बताने के साथ ही भारतीय मुद्रा के इतिहास और रुपए से पहले कैसे होता था लेन-देन इसकी भी दास्तां सुनाऊंगा। वैदिक साहित्य से पता चलता है कि 'रुपया' शब्द संस्कृत शब्द 'रूप्यकम' से लिया गया है। शब्द का शाब्दिक अर्थ है 'चांदी का सिक्का'। कई बार रंग, नाम बदलने, रद्द करने के बाद अब रिजर्व बैंक पैसे छापने की जिम्मेदारी संभाल रहा है।

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भारत की आर्थिक उपलब्धियों को कम नहीं आंकें, हमारे यहाँ मंदी की कोई संभावना नहीं है
Column भारत की आर्थिक उपलब्धियों को कम नहीं आंकें, हमारे यहाँ मंदी की कोई संभावना नहीं है

भारत की आर्थिक उपलब्धियों को कम नहीं आंकें, हमारे यहाँ मंदी की कोई संभावना नहीं है ऐसा कहा जाता है कि अर्थशास्त्र एक जटिल विषय है। जिस प्रकार शरीर की विभिन्न नसें, एक दूसरे से जुड़ी होकर पूरे शरीर में फैली होती हैं और एक दूसरे को प्रभावित करती रहती हैं, उसी प्रकार अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलू (रुपए की कीमत, ब्याज दरें, मुद्रा स्फीति, बेरोजगारी, आर्थिक असमानता, वित्त की व्यवस्था, विदेशी ऋण, विदेशी निवेश, वित्तीय घाटा, व्यापार घाटा, सकल घरेलू उत्पाद, विदेशी व्यापार, आदि) भी आपस में जुड़े होते हैं और पूरी अर्थव्यवस्था एवं एक दूसरे को प्रभावित करते रहते हैं। विषय की इस जटिलता के चलते अक्सर कई व्यक्ति अर्थव्यवस्था सम्बंधी अपनी राय प्रकट करने में गलती कर जाते हैं। जैसे, केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले आम बजट पर विपक्षी नेताओं द्वारा अक्सर यह टिप्पणी की जाती है कि इस बजट में तो आंकड़ों की जादूगरी की गई है और वित्त मंत्री तो आंकड़ों के बाजीगर हैं। दूसरे, अर्थशास्त्र की जटिलता के चलते ही देश के कई नागरिक भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति को कमतर आंकते हैं। वैसे, अर्थशास्त्र के बारे में एक और बात कही जाती है कि कुछ अर्थशास्त्री, आधी अधूरी (हाफ कुकड/बेक्ड) जानकारी के आधार पर जितना बताते हैं उससे कहीं अधिक छुपाते भी हैं।

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राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अवश्य जाएं और देश के लिए शहादत देने वालों को नमन करें
Tourism राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अवश्य जाएं और देश के लिए शहादत देने वालों को नमन करें

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अवश्य जाएं और देश के लिए शहादत देने वालों को नमन करें राष्ट्रीय समर स्मारक की मांग कई दशकों से हो रही थी लेकिन इसे पूरा किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने। 2014 में राष्ट्रीय समर स्मारक बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू की गयी और 2019 में इसका लोकार्पण किया गया। राष्ट्रीय समर स्मारक बनने से पहले तक इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति पर ही देश के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती थी। लेकिन जब राष्ट्रीय समर स्मारक बना तो रक्षा बलों के राष्ट्र के लिये किये गये योगदान को सराहने वाली इस पहल का देश ने भरपूर स्वागत किया। इस साल अमर जवान ज्योति की ज्योति का भी राष्ट्रीय समर स्मारक में विलय कर दिया गया।

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WHO ने भारत में बने कफ सिरप पर जो आरोप लगाये हैं उसके सबूत भी तो देने चाहिए
Column WHO ने भारत में बने कफ सिरप पर जो आरोप लगाये हैं उसके सबूत भी तो देने चाहिए

WHO ने भारत में बने कफ सिरप पर जो आरोप लगाये हैं उसके सबूत भी तो देने चाहिए भारत दुनिया भर में फॉर्मेसी का हब माना जाता है। भारत में बनने वाली दवाएं और टीके इत्यादि दुनियाभर में उच्च गुणवत्ता और कम कीमत वाले उत्पादों के रूप में पहचाने जाते हैं। अभी कोरोना काल में दुनिया ने देखा कि कैसे भारत में बने कोरोना रोधी टीकों ने अरबों लोगों की जान बचाई। ऐसी परिस्थिति में यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन आरोप लगा दे कि भारत में बनी किसी दवा के विपरीत असर से 66 बच्चों की मौत हो गयी है तो पूरी दुनिया में हड़कंप मचना स्वाभाविक है। हम आपको बता दें कि भारत में एक निजी फार्मा कंपनी द्वारा निर्मित कफ सिरप पर गंभीर सवाल उठाते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उन चार दवाओं के खिलाफ अलर्ट जारी किया है, जिनके कारण गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत होने और गुर्दे को गंभीर नुकसान पहुंचने की आशंका जताई गयी है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक के मुताबिक ये चार दवाएं भारत की कंपनी मेडन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा बनाए गए सर्दी एवं खांसी के सिरप हैं। इन उत्पादों के नाम प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मेकॉफ बेबी कफ सिरप और मैग्रिप एन कोल्ड सिरप बताये जा रहे हैं। हालांकि डब्ल्यूएचओ की ओर से बच्चों की मौत के सटीक कारण भारत को ना तो उपलब्ध कराये गये हैं और ना ही दवा और इसके लेबल का ब्योरा भारत के केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन के साथ साझा किया गया है ताकि उत्पादन के स्रोत की पुष्टि हो सके।

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रिवेंज शॉपिंग ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को दी है नई रफ्तार
Currentaffairs रिवेंज शॉपिंग ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को दी है नई रफ्तार

रिवेंज शॉपिंग ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को दी है नई रफ्तार गुस्सा या यों कहें कि बदला भी इकोनोमी को बूस्ट कर सकता है। इसका जीता जागता उदाहरण है कोरोना के साये से निकलने के बाद खरीदारी की आजादी का। कोरोना ने लोगों की सोच ही बदल डाली थी और लोग भविष्य के लिए इस कदर चिंतित होने लगे थे कि भविष्य के लिए बचत और बचत ही एक मात्र ध्येय हो गया था। लोगों का ध्यान केवल बचत और खाने-पीने की सामग्री का संग्रहण, इन दो पर ही हो गया था। इसका कारण भी साफ था कि कोरोना के दौर में कब घर में कैद होना पड़े इसका अंदाज ही नहीं लगाया जा सकता था। ऐसे में लोग समुचित खाद्य सामग्री घर पर रखने पर जोर देने लगे तो आवश्यक सामग्री के अलावा अन्य चीजों पर ध्यान देना ही लगभग छोड़ दिया था। सालाना मोबाइल बदलने की आदत लोगों की छूटी तो लोगों ने कपड़ों आदि की खरीदारी से भी मुंह मोड़ लिया।

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भव्य दशहरा देखना है, तो आएं भारत के इन 6 शहरों में
Tourism भव्य दशहरा देखना है, तो आएं भारत के इन 6 शहरों में

भव्य दशहरा देखना है, तो आएं भारत के इन 6 शहरों में नवरात्रों के 9 दिन के बाद आने वाला दहशरा बड़े धूमधाम से देश के सभी हिस्सों में मनाया जाता है। बता दें कि हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का त्यौहार हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है। इस त्यौहार का सीधा संदेश यह होता है कि असत्य चाहे जितना भी मजबूत क्यों ना हो, लेकिन 'सत्य' की विजय अवश्य होती है।

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प्रियंका चोपड़ा ने कमला हैरिस से कहा- एक तरह से हम दोनों ही भारत की बेटियां हैं
Hollywood प्रियंका चोपड़ा ने कमला हैरिस से कहा- एक तरह से हम दोनों ही भारत की बेटियां हैं

प्रियंका चोपड़ा ने कमला हैरिस से कहा- एक तरह से हम दोनों ही भारत की बेटियां हैं वाशिंगटन। अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस तथा भारतीय अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जोनस ने भारत से अपने जुड़ाव को साझा करते हुए विवाह एवं वेतन में समानता और जलवायु परिवर्तन समेत विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। अब लॉस एंजिलिस मे रह रहीं अदाकारा एवं निर्माता प्रियंका को ‘डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी’ के ‘वीमन लिडरशिप फोरम’ ने उपराष्ट्रपति हैरिस का साक्षात्कार करने के लिए आमंत्रित किया था। गायक निक जोनस से शादी के बाद से प्रियंका अमेरिका में बस गई हैं। इसे भी पढ़ें: नवमी के दिन अमित शाह ने मां वैष्णो देवी के किए दर्शन, जम्मू और कश्मीर की यात्रा पर है गृह मंत्री अभिनेत्री ने इस साक्षात्कार की शुरुआत दोनों के भारत से जुड़े होने के बारे में बात करते हुए की। प्रियंका ने डेमोक्रेटिक पार्टी के देशभर के कुछ प्रख्यात लोगों की मौजूदगी के बीच कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि एक तरह से हम दोनों ही भारत की बेटी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ आप अमेरिका की एक बेटी हैं, जिनकी मां भारतीय और पिता जमैका से थे। मैं एक भारतीय माता-पिता की बेटी हूं, जो हाल ही में इस देश में आ बसी।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका पूरी दुनिया के लिए आशा, स्वतंत्रता की एक किरण के रूप में पहचाना जाता है और ‘‘ इस समय इन सिद्धांतों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं।’’ इसे भी पढ़ें: निर्यातकों का सीतारमण से निर्यात माल ढुलाई पर जीएसटी छूट की अवधि बढ़ाने का आग्रह अभिनेत्री ने कहा कि 20 साल तक काम करने के बाद पहली बार इस साल उन्हें पुरुष कलाकार के बराबर पैसे मिले। उन्होंने वैवाहिक जीवन में समानता पर भी बात की। वहीं, हैरिस ने भी माना कि हम एक अस्थिर दुनिया में रह रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं एक उपराष्ट्रपति के तौर पर दुनियाभर की यात्रा कर रही हूं। मैंने 100 विश्व नेताओं से मुलाकात की है या फोन पर बात की है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ वे चीजें जिन्हें हम लंबे समय से हल्के में ले रहे थे, उन पर अब चर्चा की जा रही है।’’ हैरिस ने कहा, ‘‘ यूक्रेन में बिना किसी उकसावे के रूस के युद्ध को देखिए.

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सरकारी प्रोत्साहन की वजह से नवाचार के क्षेत्र में भारत लगा रहा है छलांगें
Column सरकारी प्रोत्साहन की वजह से नवाचार के क्षेत्र में भारत लगा रहा है छलांगें

सरकारी प्रोत्साहन की वजह से नवाचार के क्षेत्र में भारत लगा रहा है छलांगें भारत दुनिया में नवाचार की दृष्टि से उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर रहा है। संभवतः आजादी के बाद यह पहला अवसर है कि भारत के विकास की दृष्टि से नवाचार (इनोवेशन) के जितने सफल एवं सार्थक प्रयोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हो रहे हैं, उतने पूर्व में नहीं हुए हैं। उससे दुनिया में भारत की छवि बदली है एवं प्रतिष्ठा बढ़ी है। दुनिया में तरक्की व प्रगति का बुनियादी आधार नवाचार ही होता है। इस क्षेत्र से भारत के लिए सुखद और गर्व करने योग्य खबर है कि हमने एक बड़ी छलांग लगाई है। एक साल पहले के 46वें स्थान के मुकाबले अब हम 40वें स्थान पर आ गए हैं। सात साल में भारत इनोवेशन का निर्धारण करने वाली ग्लोबल इंडेक्स में 81वें स्थान से उछलकर 40वें पायदान पर पहुंच गया है। शीर्ष स्तर पर एक साल में छह स्थान की एवं सात साल में 41 स्थान की छलांग काफी मायने रखती है, यह एक गर्व करने योग्य उपलब्धि है।

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भारत में हुई 5G सर्विस की एंट्री, इन देशों में हो रहा 6जी तकनीक का इस्तेमाल, नार्वे में 7G की इंटरनेट स्पीड
Mri भारत में हुई 5G सर्विस की एंट्री, इन देशों में हो रहा 6जी तकनीक का इस्तेमाल, नार्वे में 7G की इंटरनेट स्पीड

भारत में हुई 5G सर्विस की एंट्री, इन देशों में हो रहा 6जी तकनीक का इस्तेमाल, नार्वे में 7G की इंटरनेट स्पीड 5जी तकनीक हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस का वादा करती है और इसकी मदद से यूजर किसी फिल्म को महज कुछ सेकेंड में डाउनलोड कर सकते हैं। दुनिया के कई हिस्सों में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। त्योहारों से पहले और नवरात्र के विशेष मौके पर देश को नई सौगात मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में 5जी सेवाओं की लॉन्चिंग कर दी है। ये भारत के लिए खास पल है। भारत ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक नए युग में प्रवेश कर लिया है। मोबाइल प्रौद्योगिकी का विकास इस हद तक तेजी से बढ़ रहा है कि हम इंटरनेट की उन पीढ़ियों के बारे में बात करने लग गए हैं जिन्हें 20 साल तक सुलझाया नहीं जा सकेगा। दूसरे शब्दों में, हम अभी भी 5जी परिनियोजित कर रहे हैं और लोग 6जी और 7जी के बारे में सोच रहे हैं, जिसमें 6जी नेटवर्क पर दुनिया भर की कई बड़ी कंपनियां काम कर रही हैं। दावा किया जा रहा है कि 2035 तक 6जी एक वास्तविकता बन जाना चाहिए, जिसका अर्थ है कि लोग इसका उपयोग करना शुरू कर देंगे। चीन में 6G की सफलता के बारे में पहले से ही कुछ खबरें हैं। 5जी, 6जी और 7जी के बीच सेलुलर वायरलेस जेनरेशन (जी) गति, सिस्टम, आवृत्ति और प्रौद्योगिकी परिवर्तनों को संदर्भित करता है। प्रत्येक पीढ़ी में कुछ मानक, क्षमताएं, नई विशेषताएं आदि होती हैं, जो इसे पिछले वाले से अलग करती हैं।इसे भी पढ़ें: मोदी सरकार पर राहुल का निशाना, पूछा- क्या कोरोना पीड़ितों के परिवार उचित मुआवजे के हकदार नहीं?

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अर्थव्यवस्था को गति देने में अहम भूमिका निभाता है भारत में त्यौहारों का मौसम
Currentaffairs अर्थव्यवस्था को गति देने में अहम भूमिका निभाता है भारत में त्यौहारों का मौसम

अर्थव्यवस्था को गति देने में अहम भूमिका निभाता है भारत में त्यौहारों का मौसम भारतीय संस्कृति में त्यौहारों का विशेष महत्व है एवं भारतीय नागरिक इन त्यौहारों को बहुत ही श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाते है। गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, दशहरा, दीपावली, होली, ओणम, रामनवमी, महाशिवरात्रि, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, आदि त्यौहारों को भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में गिना जाता है। कुछ त्यौहारों, जैसे दीपावली, के तो एक दो माह पूर्व ही सभी परिवारों द्वारा इसे मनाने की तैयारियां प्रारम्भ कर दी जाती हैं। उक्त त्यौहार अक्सर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी लाते हैं क्योंकि देश के सभी नागरिक मिलकर इन त्यौहारों के शुभ अवसर पर वस्तुओं की खूब खरीदारी करते हैं जिसके कारण देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलता है। इन त्यौहारों के दौरान देश में एक से लेकर दो लाख करोड़ रुपए के बीच खुदरा व्यापार सम्पन्न होता है जो पूरे वर्ष के दौरान होने वाले खुदरा व्यापार का एक बहुत बढ़ा हिस्सा रहता है। त्यौहारों के खंडकाल में रोजगार के नए लाखों अवसर निर्मित होते हैं और नौकरियों की तो जैसे बहार ही आ जाती है। सूचना प्रौद्योगिकी से लेकर ई-कॉमर्स तक, खुदरा व्यापार से लेकर थोक व्यापार तक, विनिर्माण इकाईयों से लेकर सेवा क्षेत्र तक- विशेष रूप से पर्यटन, होटेल एवं परिवहन आदि, लगभग सभी क्षेत्रों में न केवल व्यापार में अतुलनीय वृद्धि दर्ज होती है बल्कि रोजगार के नए अवसर भी निर्मित होते हैं।  भारत में पिछले 5/6 माह से लगातार वस्तु एवं सेवा कर संग्रहण 140,000 करोड़ रुपए के आसपास बना हुआ है परंतु अब अक्टूबर 2022 माह में इसके 150,000 करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर जाने की उम्मीद की जा रही है क्योंकि दशहरा एवं दीपावली जैसे त्यौहार इस माह में आने वाले हैं। त्यौहारों के मौसम में न केवल टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, कपड़े, सोना, चांदी से निर्मित कीमती आभूषणों की खरीद बढ़ती है बल्कि दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों के साथ साथ कई नागरिक नए मकान एवं फ़्लैट खरीदना भी शुभ मानते हैं। कुल मिलाकर चारों ओर लगभग सभी क्षेत्रों में उत्साह भरा माहौल रहता है एवं सभी लोग कुछ न कुछ खरीदते ही नजर आते हैं। हालांकि इन त्यौहारों का आध्यात्मिक एवं सामाजिक महत्व तो बना ही रहता है।इसे भी पढ़ें: मोदी सरकार की नीतियों की बदौलत कृषि क्षेत्र में तेजी से बढ़े हैं रोजगार के अवसरभारत के बारे में यदि यह कहा जाये कि यहां एक तरह से संस्कृति की अर्थव्यवस्था ही चल पड़ी है, तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगा। वैसे भी पिछले हजारों सालों से भारत की संस्कृति सम्पन्न रही है और देश की संस्कृति जो इसका प्राण है, को मूल में रखकर यदि आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाया जाएगा तो यह देश हित का कार्य होगा। अतः भारत की जो अस्मिता, उसकी पहिचान है उसे साथ लेकर आगे बढ़ने में ही देश का भला होगा। उदाहरण के तौर पर हमारे देश में उक्त वर्णित कुछ बड़े त्योहारों को ही ले लीजिए, ये भी सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं। इन्हें कैसे व्यवस्थित किया जा सकता है ताकि देश के नागरिकों में इन त्योहारों के प्रति उत्साह में और भी बढ़ोतरी हो और इन त्योहारों को मनाने का पैमाना बढ़ाया जा सके और इन त्योहारों पर विदेशी पर्यटकों को भी देश में आकर्षित किया जा सके, इसके बारे में आज विचार किए जाने की आवश्यकता है।

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पाकिस्तान को करोड़ों डॉलर की मदद देकर भारत के साथ खेल खेल रहा है अमेरिका
Currentaffairs पाकिस्तान को करोड़ों डॉलर की मदद देकर भारत के साथ खेल खेल रहा है अमेरिका

पाकिस्तान को करोड़ों डॉलर की मदद देकर भारत के साथ खेल खेल रहा है अमेरिका अमेरिका फर्स्ट की पॉलिसी के तहत अमेरिका अपने हितों की रक्षा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। अमेरिका को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी दूसरे देश पर इससे क्या फर्क पड़ता है। बेशक अमेरिकी नीति से प्रभावित होने वाला देश उसके मित्रों की सूची में ही क्यों ना शामिल हो। कहने को अमेरिका भारत को अपना दोस्त बताता है। उसकी यह नीति दरअसल मुंह में राम बगल में छुरी वाली है। अमेरिका ने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू जेट बेड़े के रखरखाव के लिए 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता की मंजूरी दी है। कहने को यह राशि आतंकवाद को रोकने के लिए दी गई है, जबकि अमेरिका इस बात को अच्छी तरह जानता है कि पाकिस्तान किसी और को नहीं बल्कि भारत को ही अपना दुश्मन नम्बर एक समझता है। यह निश्चित है कि युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान एफ-16 युद्धक विमान का उपयोग भारत के खिलाफ ही करेगा।

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SCO Summit में दिखी भारत की ताकत, समझें पुतिन, शिनपिंग, एर्दोगन से PM मोदी के मुलाकात के मायने
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SCO Summit में दिखी भारत की ताकत, समझें पुतिन, शिनपिंग, एर्दोगन से PM मोदी के मुलाकात के मायने प्रभासाक्षी अपने साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में सप्ताह भर की बड़ी खबरों पर एक विशेष चर्चा प्रस्तुत करता है। हमेशा इस कार्यक्रम में मौजूद रहते हैं प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे जी। प्रभासाक्षी के चाय पर समीक्षा कार्यक्रम में हमने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक और उसमें भारत की भूमिका तथा अमरिंदर सिंह के भाजपा में शामिल होने की खबरों पर चर्चा की। पहला सवाल नीरज दुबे से यही पूछा कि एससीओ की बैठक में भारत ने क्या हासिल किया, वैश्विक स्तर पर भारत की ताकत का कितना प्रसार हुआ?

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बंजी जम्पिंग करने का है मन, तो इन जगहों को करें एक्सप्लोर
Tourism बंजी जम्पिंग करने का है मन, तो इन जगहों को करें एक्सप्लोर

बंजी जम्पिंग करने का है मन, तो इन जगहों को करें एक्सप्लोर जब भी घूमने की बात आती है, तो हर व्यक्ति की अपनी अलग प्राथमिकताएं होती हैं। जहां कुछ लोग ऐतिहासिक प्लेसेस को एक्सप्लोर करना पसंद करते हैं तो कुछ लोगों को एडवेंचर्स एक्टिविटीज करना अच्छा लगता है। अगर आप भी एडवेंचर्स स्पोर्ट्स में रूचि रखते हैं और बंजी जम्पिंग करना चाहते हैं तो आप भारत की इन जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं-

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Justin Bieber ने रद्द किया अपना India Tour, काफी दिनों से बीमार है अमेरिकी सिंगर
Hollywood Justin Bieber ने रद्द किया अपना India Tour, काफी दिनों से बीमार है अमेरिकी सिंगर

Justin Bieber ने रद्द किया अपना India Tour, काफी दिनों से बीमार है अमेरिकी सिंगर Justin Bieber cancels India show | अमेरिका के पॉप स्टार जस्टिन बीबर (Justin Bieber) भारत आने वाले थे, उनके शो की टिकटे खरीदने के लिए भी खूब होड़ लगी थी लेकिन अब बीबर के फैंस के लिए बुरी खबर है। जस्टिन बीबर ने स्वास्थ्य कारणों के कारण अपना भारत दौरा कैंसल कर लिया हैं। जस्टिन बीबर विश्व के कई देशों में अपना शो करने वाले थे। उनके लाइव शो की सीरीज को 'जस्टिस वर्ल्ड टूर' के नाम से जाना जाता है। इस सीरीज में ही भारत यात्रा भी शामिल थी। फिलहाल भारत यात्रा को कैंसल किया गया है।  बीबर ने कैंसल किया अपना भारत टूरहाल ही में बीबर ने घोषणा की कि उन्हें रामसे-हंट सिंड्रोम का पता चला था, जिसके कारण उन्हें आंशिक रूप से चेहरे का पक्षाघात हो गया था। 28 वर्षीय ग्रैमी विजेता, जो 18 अक्टूबर को 'जस्टिन बीबर जस्टिस वर्ल्ड टूर' (Justin Bieber Justice World Tour – India) के हिस्से के रूप में नई दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिए तैयार थे, ने 15 जून को कहा था कि वह बीमारी के कारण अपने विश्व दौरे पर विराम लगा रहे हैं। BookMyShow के एक प्रवक्ता, दौरे के भारतीय निर्माता, ने कहा कि वे संगीत कार्यक्रम के कैंसल होने से बेहद निराश हैं।   इसे भी पढ़ें: एक्टिंग छोड़ बीच सड़क पर सुनील ग्रोवर ने लगाई दुकान?

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भारत के इन प्राचीन गणेश मंदिरों की अलग है महिमा
Religion भारत के इन प्राचीन गणेश मंदिरों की अलग है महिमा

भारत के इन प्राचीन गणेश मंदिरों की अलग है महिमा भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है। प्रथम पूज्य गणेश का सुमिरन करने से भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं। गणपति जी शिव और पार्वती के पुत्र हैं और उन्हें सौभाग्य, सफलता, शिक्षा, ज्ञान, ज्ञान और धन का स्वामी और बुराइयों का नाश करने वाला माना जाता है। भारत में कई प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर हैं, जो भगवान गणेश को समर्पित हैं और भक्तगण यहां आकर पूरी श्रद्धा-भाव से उनका पूजन करते हैं। इनमें से कुछ बेहद ही प्राचीन हैं और इसलिए इनकी महत्ता और भी अधिक बढ़ जाती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको भारत के कुछ प्राचीन गणपति मंदिरों के बारे में बता रहे हैं-

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महिलाओं के लिए यह हैं बेस्ट रोड ट्रिप, फ्रेंड्स के साथ आज ही चलें
Tourism महिलाओं के लिए यह हैं बेस्ट रोड ट्रिप, फ्रेंड्स के साथ आज ही चलें

महिलाओं के लिए यह हैं बेस्ट रोड ट्रिप, फ्रेंड्स के साथ आज ही चलें लड़कियों को घूमने का बहुत शौक होता है और जब भी उन्हें मौका मिलता है तो वह अपनी गर्ल गैंग के साथ कहीं ना कहीं घूमने जाना चाहती हैं। ऐसे में रोड ट्रिप पर जाना एक अच्छा विचार हो सकता है, क्योंकि इससे आप हर स्थान का अधिक बेहतर तरीके से आनंद ले सकती हैं और संस्कृति को करीब से अनुभव कर सकती हैं। लेकिन जब भी रोड ट्रिप पर जाने की बात होती है तो उन्हें यह समझ ही नहीं आता है कि आखिर वह कहां जाएं। अगर आप भी ऐसी ही किसी कशमकश में हैं तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही रोड ट्रिप के बारे में बता रहे हैं, जो आपके लिए अच्छा ऑप्शन साबित हो सकते हैं-

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