आलू को ऐसे करेंगे स्टोर तो जल्द नहीं होंगे खराब आलू एक ऐसी सब्जी है, जिसे हर कोई खाना पसंद करता है। इसकी मदद से ना केवल कई तरह की ग्रेवी वाली सब्जी बनाई जाती हैं, बल्कि यह कई तरह की डिशेज में भी बेस के रूप में काम आता है। शायद यही कारण है कि भारतीय घरों में महिलाएं एक साथ काफी मात्रा में आलू लेकर आते हैं। लेकिन जब कभी यह इस्तेमाल में नहीं आते हैं, तो खराब हो जाते हैं। इसलिए, यह बेहद आवश्यक है कि आलू को खरीदने के बाद उसे सही तरह से स्टोर करें। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको आलू को स्टोर करने के कुछ आसान टिप्स के बारे में बता रहे हैं-
read moreपांडवों द्वारा बनाया गया था महाराष्ट्र का यह खास मंदिर केशवराज मंदिर सिर्फ आध्यात्मिकक दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि मंदिर के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता भी बस देखते ही बनती है। यह मंदिर महाराष्ट्र में स्थित है और दापोली से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर पांडवों द्वारा निर्मित है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको इस मंदिर की विशेषता के बारे में बता रहे हैं-
read moreसियासी अखाड़े के अपराजेय पहलवान थे मुलायम, उनका चले जाना बड़ी क्षति है विधि का मुकम्मल विधान तो यही है कि जो आया है वो जाएगा। लेकिन जाने वाला अपने जीते जी करके क्या गया?
read moreआपातकाल के खिलाफ बिगुल फूंकने वाले महानायक थे जयप्रकाश नारायण भारतीय लोकतंत्र के महानायक जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को बिहार के सारण जिले के सिताबदियारा गांव में हुआ था। उनका जन्म ऐसे समय में हुआ था जब देश विदेशी सत्ता के आधीन था और स्वतंत्रता के लिए छटपटा रहा था। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा सारन और पटना जिले में हुई थी । वे विद्यार्थी जीवन से ही स्वतंत्रता के प्रेमी थे जब पटना में उन्होंने बिहार विद्यापीठ में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश लिया तभी से वे स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने लगे थे। तत्कालीन बिहार विद्यापीठ की स्थापना डॉ.
read moreछात्र जीवन में सब्जी बेचकर किताबों के लिए पैसे जुटाते थे नानाजी देशमुख ग्राम कडोली (जिला परभणी, महाराष्ट्र) में 11 अक्तूबर, 1916 (शरद पूर्णिमा) को श्रीमती राजाबाई की गोद में जन्मे चंडिकादास अमृतराव (नानाजी) देशमुख ने भारतीय राजनीति पर अमिट छाप छोड़ी। 1967 में उन्होंने विभिन्न विचार और स्वभाव वाले नेताओं को साथ लाकर उ.
read moreसिर्फ राजनेता नहीं एक ‘विचारधारा’ थे समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव भारतीय राजनीति के एक दिग्गज पुरोधा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर देश के रक्षामंत्री तक का सफर अपनी मेहनत के दम पर सफलतापूर्वक तय करने वाले व देश-दुनिया में 'धरतीपुत्र’ के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव का निधन आम जनमानस व राजनीति के क्षेत्र दोनों के लिए ही एक बहुत बड़ी अपूरणीय क्षति है। क्योंकि राजनीति के क्षेत्र में मुलायम सिंह यादव जैसी दूरदृष्टी, बेबाक, सरल, सहज व दूसरों के दुःख दर्द को अपना मान करके उसका निदान करने के लिए हर वक्त तत्पर रहने वाली शानदार शख्सियत विरले ही जन्म लेती है। वह देश के राजनीतिक पटल पर किसानों, गरीबों, नौजवानों व आम जनमानस की एक दमदार बुलंद आवाज थे। मुलायम सिंह यादव का ओरा ऐसा था कि उनके द्वारा बोली गयी छोटी-बड़ी बात को राजनेताओं, शासन-प्रशासन व मीडिया में विशेष तव्वजो दी जाती थी।
read moreदशकों तक यूपी की सियासत की धुरी रहे मुलायम अंत में अपने परिवार को एकजुट नहीं कर पाये दशकों तक राजनीतिक दांव-पेंच के पुरोधा और विपक्ष की सियासत की धुरी रहे समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव कभी सियासी फलक से ओझल नहीं हुए। कभी कुश्ती के अखाड़े के महारथी रहे मुलायम सिंह यादव बाद में सियासी अखाड़े के भी माहिर पहलवान साबित हुए। उनका नाम मुलायम जरूर था लेकिन वह कड़े संघर्ष कर अपना सियासी मुकाम बनाने में सफल रहे थे। मुलायम सिंह यादव अपने समर्थकों के बीच हमेशा ‘नेता जी’ के नाम से मशहूर रहे। राम मंदिर आंदोलन के चरम पर पहुंचने के दौरान वर्ष 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन करने वाले मुलायम सिंह यादव को देश के हिंदी हृदय स्थल में हिंदुत्ववादी राजनीति के उभार के बीच धर्मनिरपेक्षतापूर्ण सियासत के केंद्र बिंदु के तौर पर देखा गया था।
read moreराजनीति के शिखर थे समाजवादी मुलायम सिंह यादव लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे राजनीति के पुरोधा पुरुष, उत्कृष्ट समाजवादी, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं संस्थापक मुलायम सिंह यादव अब हमारे बीच नहीं रहे। एक संभावनाओं भरा राजनीति सफर ठहर गया, उनका निधन न केवल समाजवादी पार्टी के लिये बल्कि भारतीय राजनीति के लिये एक गहरा आघात है, अपूरणीय क्षति है। राजनीति और समाजवादी पार्टी के लिए उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। देशहित में नीतियां बनाने में माहिर मुलायम सिंह का 82 वर्ष का जीवन सफर राजनीतिक आदर्शों की ऊंची मीनार हैं। उनका निधन एक युग की समाप्ति है। उन्हें हम समाजवादी सोच एवं भारतीय राजनीति का अक्षयकोष कह सकते हैं, वे गहन मानवीय चेतना के चितेरे जुझारु, नीडर, साहसिक एवं प्रखर व्यक्तित्व थे।
read moreकार्तिक मास में बन रहे हैं शुभ संयोग, 8 नवंबर तक चलेगा कार्तिक मास हिंदू धर्म का सबसे पवित्र महीना कार्तिक मास 10 अक्टूबर से आरंभ होकर 8 नवंबर तक चलेगा। इस हिंदी महीने में दुर्लभ योग बन रहे हैं, जो वैभव वृद्धि करने वाले हैं। कार्तिक मास के स्वामी पद्मनाभ हैं। इसलिए ये भगवान विष्णु की आराधना का समय है, लेकिन इन दिनों दीपावली और तुलसी विवाह होने से ये लक्ष्मी की कृपा पाने का भी महीना है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर- जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य ज्योतिषाचार्य डा.
read moreRight Way To Eat Dry Fruits: पोषक तत्वों से भरपूर ड्राई फ्रूट्स को खाने का सही तरीका जानते हैं आप?
read moreअंध-विरोध की राजनीति में BJP-RSS पर आरोप लगाते रहते हैं राहुल गांधी!
read moreशिवसेना से छिना 37 साल पुराना पार्टी सिंबल, चुनाव आयोग ने क्यों लिया ये फैसला, अब उद्धव-शिंदे गुट के पास क्या विकल्प, 8 सवालों में जानें सबकुछ शिवसेना के सिंबल और नाम को लेकर उद्धव और शिंदे गुट की लड़ाई अब नए मोड़ पर आ गई। अंधेरी उपचुनाव से ठीक पहले चुनाव आयोग ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह तीर-कमान के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। चुनाव आयोग का ये फैसला दोनों गुटों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। ऐसे में अंधेरी उपचुनाव से पहले दोनों गुटों को नए सिंबल और नाम के साथ मैदान में उतरना पड़ सकता है। हालांकि चुनाव आयोग ने इतनी सहूलियत जरूर दी है कि दोनों गुट अपनी पार्टी के नाम के साथ सेना शब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन अगले आदेश तक पार्टी का चुनाव चिन्ह और नाम के इस्तेमाल पर रोक बनी रहेगी।
read moreगैस, ब्लोटिंग और एसिडिटी की समस्या को दूर करेंगे ये उपाय हम सभी ने कभी ना कभी पेट में गैस, सूजन और एसिडिटी आदि की समस्या का सामना किया है। यह आम गैस्ट्रिक समस्याएं हैं जिसके कारण व्यक्ति को दर्द, सीने में जलन व बेचैनी और पेट में दबाव आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अधिकतर स्थितियों में लोग अपनी इस समस्या के इलाज के लिए दवाई का सेवन करते हैं। लेकिन बार-बार दवाई का सेवन करना भी उचित नहीं माना जाता है। पाचन तंत्र से जुड़ी इस समस्या के निदान के लिए आप कुछ आसान घरेलू उपायों को अपना सकते हैं। जी हां, ऐसे कई तरीके हैं, जिन्हें अपनाकर आप पाचन तंत्र से जुड़ी तरह-तरह की समस्याओं को बेहद आसानी से दूर कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इन उपायों के बारे में-
read moreराजस्थान सरकार के समक्ष अब निवेशकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती राजस्थान में औद्योगिक निवेश को लेकर 7 व 8 अक्टूबर को आयोजित इंवेस्ट राजस्थान समिट इस मायने में महत्वपूर्ण हो जाता है कि प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों के बेहतरीन उपयोग के साथ ही प्रदेश में रोजगार के नए अवसर विकसित होंगे। आर्थिक विकास की धारा बहेगी वहीं विश्व पटल पर राजस्थान की पहचान होगी। इंवेस्टमेंट राजस्थान के दौरान प्रदेश में सबसे अधिक निवेश के एमओयू-एलओआई ऊर्जा क्षेत्र में आए हैं वहीं इसके बाद दूसरा नंबर माइनिंग क्षेत्र का आता है। ऊर्जा में भी खासतौर से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश प्रस्ताव आए हैं। देखा जाए तो दोनों ही प्रमुख क्षेत्र अक्षय ऊर्जा और माइनिंग प्राकृतिक संसाधनों को लेकर के हैं।
read moreलोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले नड्डा के बारे में बड़ा फैसला करने जा रही है भाजपा भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल अगले साल जनवरी में खत्म होने जा रहा है लेकिन माना जा रहा है कि उन्हें साल 2024 के लोकसभा चुनाव तक इस पद पर बरकरार रखा जा सकता है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि संगठन में निरंतरता बनाये रखने की जरूरत है क्योंकि लोकसभा चुनावों से पहले गुजरात, त्रिपुरा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।
read moreभारत की आर्थिक उपलब्धियों को कम नहीं आंकें, हमारे यहाँ मंदी की कोई संभावना नहीं है ऐसा कहा जाता है कि अर्थशास्त्र एक जटिल विषय है। जिस प्रकार शरीर की विभिन्न नसें, एक दूसरे से जुड़ी होकर पूरे शरीर में फैली होती हैं और एक दूसरे को प्रभावित करती रहती हैं, उसी प्रकार अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलू (रुपए की कीमत, ब्याज दरें, मुद्रा स्फीति, बेरोजगारी, आर्थिक असमानता, वित्त की व्यवस्था, विदेशी ऋण, विदेशी निवेश, वित्तीय घाटा, व्यापार घाटा, सकल घरेलू उत्पाद, विदेशी व्यापार, आदि) भी आपस में जुड़े होते हैं और पूरी अर्थव्यवस्था एवं एक दूसरे को प्रभावित करते रहते हैं। विषय की इस जटिलता के चलते अक्सर कई व्यक्ति अर्थव्यवस्था सम्बंधी अपनी राय प्रकट करने में गलती कर जाते हैं। जैसे, केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले आम बजट पर विपक्षी नेताओं द्वारा अक्सर यह टिप्पणी की जाती है कि इस बजट में तो आंकड़ों की जादूगरी की गई है और वित्त मंत्री तो आंकड़ों के बाजीगर हैं। दूसरे, अर्थशास्त्र की जटिलता के चलते ही देश के कई नागरिक भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति को कमतर आंकते हैं। वैसे, अर्थशास्त्र के बारे में एक और बात कही जाती है कि कुछ अर्थशास्त्री, आधी अधूरी (हाफ कुकड/बेक्ड) जानकारी के आधार पर जितना बताते हैं उससे कहीं अधिक छुपाते भी हैं।
read moreराम मनोहर लोहिया से प्रभावित होकर मुलायम सिंह ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी उत्तर प्रदेश के सियासी अखाड़े के माहिर पहलवान माने जाने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) संस्थापक मुलायम सिंह यादव कई बार मौत को मात देने के बाद विधि के विधान के हाथों आखिरकार जिंदगी की आखिरी जंग में दुनिया से रुखसत हो गए। अपनी युवावस्था में पहलवान रहे 82 वर्षीय यादव का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। उत्तर प्रदेश के इटावा स्थित सैफई में 22 नवंबर 1939 को जन्मे यादव का कुनबा देश के सबसे प्रमुख राजनीतिक खानदानों में गिना जाता है। मुलायम सिंह यादव 10 बार विधायक और सात बार सांसद रहे। वह वर्ष 1989, 1991, 1993 और 2003 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और 1996 से 98 तक देश के रक्षा मंत्री भी रहे। एक वक्त वह देश के प्रधानमंत्री पद के दावेदार भी माने गए थे। यादव कई दशकों तक एक राष्ट्रीय नेता के तौर पर स्थापित रहे लेकिन उनका सियासी अखाड़ा मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश ही रहा। यहीं से उनकी राजनीति निखरी और समाजवाद के प्रणेता राम मनोहर लोहिया से प्रभावित होकर उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करते हुए उत्तर प्रदेश में सत्ता के शीर्ष को छुआ।
read more‘गजल सम्राट’ जगजीत सिंह पुण्यतिथि: जानें कॉन्सर्ट के दौरान क्यों रोने लगे थे मशहूर गायक 'चिट्ठी न कोई संदेश' जैसा मार्मिक गीत गाने वाले मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह जो अपनी मखमली आवाज से किसी को भी अपना मुरीद बना लेते थे, आज उनकी 11वीं पुण्यतिथि है। वर्ष 2011 में आज ही के दिन उनका निधन हो गया था। उनके निधन के बाद आज भी उनकी गजलें हमारे बीच हैं जिसके जरिए जगजीत सिंह भी हमारे बीच मौजूद है।
read moreजानें क्यों गुरु दत्त ने 39 वर्ष की उम्र में लगाया था मौत को गले हिंदी फिल्म सिनेमा को नई पहचान के साथ मजबूत आधार देने वाले दिग्गज कलाकार गुरु दत्त की फिल्मों को वर्षों बाद आज भी सिनेमा के स्कूल के तौर पर देखा जाता है। फिल्मों की पढ़ाई करने वाले कई छात्र उनकी फिल्मों से कई बातें सीखते है। गुरु दत्त सिर्फ फिल्म अभिनेता नहीं बल्कि लेखक, निर्देशक और फिल्म निर्माता के साथ पूरा पैकेज थे। गुरु दत्त ने 'कागज के फूल', 'प्यासा', 'मिस्टर एंड मिसेज 55', 'बाज', 'जाल', 'साहिब बीबी और गुलाम' जैसी शानदार फिल्मों को बनाया, जो आज के समय में भी क्लासिक फिल्में मानी जाती है।इसे भी पढ़ें: मजरूह सुल्तानपुरी की जयंती विशेषः रहें न रहें हम, महका करेंगे…गुरुदत्त नहीं था असल नामफिल्म जगत में शायद ही कोई जो गुरु दत्त के नाम से वाकिफ ना हो। मगर कम ही लोगों को मालूम है कि उनका असल नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण था। उनका कर्नाटक में जन्म हुआ था। मूल तौर पर वो ब्रह्माण परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता हैडमास्टर और बैंकर थे जबकि उनकी माता शिक्षिका और लेखिका थी। गुरु दत्त का बचपन कोलकाता में बिता, ऐसे में वो बंगाली सभ्यता से काफी परिचित थे। बांग्ला भाषा पर भी उनकी दमदार पकड़ थी। वहीदा रहमान को दे बैठे थे दिलगुरु दत्त ने अपने करियर के दौरान सिर्फ आठ फिल्मों का निर्देशन किया था। उनकी द्वारा निर्देशित की गई फिल्में आज भी आइकॉनिक मानी जाती है। जानकारी के मुताबिक गुरु दत्त की शादी गीता दत्त से हुई थी। मगर शादी के चार वर्षों के बाद ही वो वहीदा रहमान को दिल दे बैठे थे। ये पता चलने के बाद गीता दत्त ने बच्चों के साथ घर छोड़ दिया था और गुरु दत्त बिलकुल अकेले हो गए थे। इस अकेलेपन को दूर करने के लिए उन्होंने शराब का सहारा लिया था। तनाव के दौरान उन्होंने दो बार पहले भी आत्महत्या की कोशिश की थी।इसे भी पढ़ें: 'गजल सम्राट' जगजीत सिंह पुण्यतिथि: जानें कॉन्सर्ट के दौरान क्यों रोने लगे थे मशहूर गायकमात्र 39 वर्ष में कहा दुनिया को अलविदागुरु दत्त अपने जीवन के अंतिम समय में काफी अकेले पड़ गए थे। उन्होंने अपना अकेलापन दूर करने के लिए शराब की लत को अपनाया। हालांकि इस लत के कारण वर्ष 1964 में 10 अक्टूबर को उनका निधन हो गया था। मुंबई के पेड्डर रोड स्थित उनके घर में उनकी लाश मिली थी। कहा जाता है कि रात में उन्होंने काफी शराब पी थी और नींद की गोलियों का सेवन किया था, जिस कारण उनकी मौत हुई थी। हालांकि आजतक उनकी मौत के कारण को लेकर कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है।
read moreमुलायम सिंह यादव के जीवन से जुड़ी घटनाओं और प्रमुख उपलब्धियों का विवरण समाजवादी पार्टी (सपा) संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे। मुलायम सिंह यादव का जन्म इटावा जिले के सैफई में 22 नवंबर 1939 को हुआ था। मुलायम के परिवार में कुल पांच भाई थे जिनमें से मुलायम तीसरे नंबर पर थे। राजनीति में आने से पूर्व मुलायम सिंह यादव अध्यापक रहे थे। इसके साथ ही वो पहलवानी किया करते थे। उन्होंने लोहिया आंदोलन में हिस्सा लिया, जिसके बाद वर्ष 1992 में चार अक्टूबर को उन्होंने समाजवादी पार्टी की स्थापना की। मुलायम को उनकी सूझ बूझ और राजनीतिक समझ के लिए राजनीति के अखाड़े का पहलवान माना जाता था। बता दें कि उन्होंने शिकोहाबाद क्षेत्र के गांव इटोली में शुरुआती पढ़ाई की थी। उन्होंने यहां रहते हुए कुश्ती के दांव पेच सीखे।इसे भी पढ़ें: मुलायम सिंह 55 वर्षों तक रहे राजनीति में सक्रिय, राजनीति में आने के लिए छोड़ी थी सरकारी नौकरीउनके जीवन से जुड़ी प्रमुख उपलब्धियों और घटनाओं का वर्ष वार विवरण इस प्रकार है:
read moreआरके नारायण का साहित्य सभी भाषाओं के पाठकों के बीच लोकप्रिय है आरके नारायण उन प्रमुख भारतीय साहित्यकारों में से हैं जिन्हें सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब ख्याति प्राप्त हुई। उनका नाम अंग्रेजी साहित्य के प्रमुख तीन भारतीय लेखकों की श्रेणी में शामिल है। 1943 में आरके नारायण की प्रकाशित छोटी कहानियों के संग्रह ‘द मालगुडी डेज’ पर आधारित टीवी धारावाहिक ‘मालगुडी डेज’ काफी चर्चित धारावाहिक था, जिसे लोग आज भी नहीं भूले हैं। यह धारावाहिक 80 के दशक में शंकर नाग के निर्देशन में बना था। मालगुडी डेज को सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब ख्याति मिली। इस धारावाहिक में आरके नारायण के मन में बसे एक काल्पनिक शहर मालगुडी का इतना सुंदर वर्णन हुआ है जिसे देखकर इस शहर को वास्तविक में भी देखने की इच्छा होने लगती है। किताब मालगुडी डेज में आरके नारायण ने दैनिक जीवन की छोटी-छोटी घटनाओं के साथ ही मानवीय सम्बंधों का भी अति प्रशंसनीय नेचुरल वर्णन किया है।
read moreNick Jonas के साथ ‘डे आउट’ पर निकलीं Priyanka Chopra, शेयर की रोड ट्रिप की रोमांटिक तस्वीरें बॉलीवुड की 'देसी गर्ल' प्रियंका चोपड़ा और हॉलीवुड स्टार निक जोनस रविवार को लॉस एंजिल्स की सड़कों पर लॉन्ग ड्राइव का लुफ्त उठाने निकलें। इस दौरान की कुछ तस्वीरें और वीडियो अभिनेत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर की, जो अब इंटरनेट पर काफी वायरल हो रही हैं। हालाँकि, लॉन्ग ड्राइव के दौरान प्रियंका और निक की बेटी मालती उनके साथ नहीं थीं। इस बात की जानकारी अभिनेत्री ने कैप्शन 'मम्मी पापा डे आउट' के जरिए दी। दोनों लव बर्ड्स के चाहनेवालों को उनकी रोमांटिक केमिस्ट्री काफी पसंद आ रही हैं। इसे भी पढ़ें: अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने प्रदर्शनकारी ईरानी महिलाओं का समर्थन किया
read moreकरवाचौथ पर बॉलीवुड अदाकाराओं की तरह खुद को करें स्टाइल करवाचौथ एक ऐसा अवसर है, जब हर विवाहित स्त्री बेहद ही खूबसूरत लगना चाहती है। इस खास दिन पर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। साथ ही, वह एक दुल्हन की तरह सजना चाहती हैं। लेकिन उन्हें यह समझ नहीं आता है कि इस खास अवसर पर खुद को किस तरह तैयार करें। हो सकता है कि आप इस बार आप करवाचौथ पर सबसे अलग और सबसे खास दिखना चाहती हों। ऐसे में आप बॉलीवुड अदाकाराओं के लुक्स से आइडिया ले सकती हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ बॉलीवुड एक्ट्रेस के लुक्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आप करवाचौथ पर आसानी से रिक्रिएट कर सकती हैं-
read moreऑफिस स्ट्रेस को कम करने के लिए अपनाएं ये टिप्स ऑफिस में काम के दौरान तनाव होना सामान्य है। आमतौर पर, यह देखने मे आता है कि जब व्यक्ति का तनाव बहुत अधिक बढ़ जाता है तो उसका असर सिर्फ उसके ऑफिस या काम पर ही नहीं, बल्कि पर्सनल लाइफ पर भी नजर आने लगता है। हम सभी को ऑफिस स्ट्रेस होता ही है। लेकिन अगर आप चाहें तो कुछ आसान उपायों को अपनाकर इस तनाव को बेहद आसानी से मैनेज कर सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऑफिस स्ट्रेस को दूर करने के कुछ आसान उपायों के बारे में बता रहे हैं-
read moreLorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero